अम्ल वर्षा (acid rain) (Acid rain) air pollution का ही विस्तार है. इसका सम्बन्ध acidification (acidification) से जोड़ा जाता है. Geo chemistry की दृष्टि से acidification में दो रासायनिक अभिक्रियाएँ (chemical reactions) एक साथ चलती रहती हैं -> एक से हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं (acidification) और दूसरी से हाइड्रोजन आयनों (Hydrogen ions) की खपत होती है – यह neutralization है. अतः acidification हाइड्रोजन आयनों के उत्पादन तथा उनकी खपत की rate पर depend करता है.
भारत में एसिड रेन होने की संभावना नहीं के बराबर है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश की उष्णकटिबंधीय जलवायु परिस्थितियों और मुख्य रूप से क्षारीय-समृद्ध मिट्टी का प्रदूषकों पर एक तटस्थ प्रभाव पड़ता है. चूंकि देश में धूल के कण क्षारीय प्रकृति के होते हैं, अम्लीय वर्षा पैदा करने वाली गैसें जैसे SO2 और NOx उदासीन हो जाती हैं. आइए जानते हैं – What is acid rain in Hindi.
अम्ल वर्षा (acid rain) की परिभाषा
अम्ल वर्षा (acid rain) का वास्तविक अर्थ उस वर्षा, हिम, ओला और कुहरा से है जिसमें कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) के अतिरिक्त सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NOx) घुले हों, जिनसे तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनते हैं. किन्तु व्यापक दृष्टि से पौधों तथा इमारतों द्वारा SO2 तथा NOx का absorption भी इसमें सम्मिलित कर लिया जाता है.
इस तरह अम्ल वर्षा (acid rain) में योगदान करने वाले प्रदूषकों में SO2 तथा NOx मुख्य हैं. अब वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) पर भी ध्यान दिया जाने लगा है. उष्ण कटिबंध में VOC तथा NOx की पारस्परिक क्रिया से ओजोन (O3) तथा अन्य ऑक्सीकारक बनते हैं.
अम्ल वर्षा (acid rain) के कुप्रभाव
- अम्ल वर्षा (acid rain) से जलसाधन प्रदूषित होते हैं जिससे जल में रहने वाले जीवों में से मछलियाँ सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं.
- अम्ल वर्षा (acid rain) से जंगलों को क्षति पहुँची है. पश्चिमी जर्मनी के तीन चौथाई जंगलों को अम्ल वर्षा (acid rain) से हानि पहुँची है.
- इमारतों को भी अम्ल वर्षा (acid rain) से नुकसान पहुँचता है. मुख्यतया SO2 चूना पत्थर द्वारा अवशोषित होकर उसे जिप्सम में बदल देती है जिससे दरारें पड़ जाती हैं.
- अम्ल वर्षा (acid rain) का एक अन्य कुप्रभाव संक्षारण (Corrosion) के रूप में देखा जाता है. इससे ताँबें की बनी नालियाँ प्रभावित होती हैं और मिट्टी में से अलमुनियम (Al) घुलने लगता है. यही नहीं सीसा (Pb) कैडमियम (Cd) तथा पारद (Hg) भी घुलकर जल को जहरीला बनाते हैं.
पहली बार अम्ल वर्षा (acid rain) का कहाँ पता लगा?
स्कैन्डीनेविया के वैज्ञानिक वायुमंडलीय अम्ल प्रदूषण से चिंतित हो उठे क्योंकि अम्ल झीलों में मछलियों की संख्या घटने लगी. इन्हें खाने वाले पक्षी भी भारी संख्या में मरने लगे. 1972 के पूर्व acidification की समस्या का ज्ञान न होने से लोग चिंतित नहीं थे.
भारत में Acid rain होता है?
भारत, बांग्लादेश तथा चीन में अभी भी acidification ने विकराल रूप धारण नहीं किया. इसका कारण यह बतलाया जाता है कि वायु अपरदन (Wind erosion) के फलस्वरूप मिट्टी में से इतनी क्षारीय धूल उठकर वायुमंडल में जाती है कि SO2 तथा NOx से उत्पन्न अम्लता (acidity) का Neutralization हो जाता है. यदि अम्ल वर्षा (acid rain) से किसी प्रकार की क्षति की कोई संभावना व्यक्त की जाती है तो उसका कारण शुष्क SO2 का absorption हो सकता है – सलफ्यूरिक अम्ल के रूप में वर्षा द्वारा नहीं. अब यह स्पष्ट हो चला है कि वृक्षों को भी जो हानि पहुँचती है वह अम्ल वर्षा (acid rain) से नहीं अपितु SO2 गैस के संचय से पहुँचता है. कुछ वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन से भी वनस्पति क्षति का सम्बन्ध जोड़ते हैं.
ज्ञात हो कि वायुमंडल में जो CO2 गैस है वह शुद्ध जल में merge होकर कम से कम 5.6 PH उत्पन्न कर सकती है इसलिए सामान्य वर्षा जल का PH भी 5.6 ही होनी चाहिए (PH अम्लता का सूचक है), किन्तु वर्षा जल की अम्लता अन्य कारणों से प्रभावित होती रहती है. ब्रिटेन और स्कैंडीनेविया में वर्षा जल का PH 4.3 से भी कम पाया गया तो वैज्ञानिकों ने तुरंत यह निष्कर्ष निकाला कि यह acidification मानवकृत (man made) है. ऐसा दो प्रकार से संभव है – –
i) अम्ल सीधे जल में मिल जाये
ii) मिट्टी का acidification होने के बाद जल का acidification हो.
मिट्टी का अम्लीकरण
मिट्टी का acidification, Humous (कार्बनिक पदार्थ) से उत्पन्न कार्बनिक अम्लों के उत्पादन और उनके नीचे जाने पर निर्भर करता है. जल के acidification के लिए नितांत रूप से सल्फेट आयन (जो SO2 के जल में घुलने से बनते हैं) जिम्मेदार हैं. कुछ समय तक तो कार्बोनेट आयन इनका सामना करते हैं किन्तु बाद में इनके नष्ट हो जाने से प्रतिरोध घट जाता है. वैसे नाइट्रेट आयन भी (NOx के घुलने से प्राप्त) अम्ल उत्पन्न करते हैं किन्तु सूक्ष्मजीवों तथा वनस्पतियों द्वारा इनका absorption इतनी quantity में होता रहता है कि acidification में नाइट्रेट आयन कम ही योगदान दे पाते हैं.
वर्तमान स्थिति
आँकड़ें बताते हैं कि केवल U.K. द्वारा प्रतिवर्ष 48 लाख टन SO2 वायुमंडल में छोड़ी जाती है. रूस, पोलैंड, पूर्वी जर्मनी जैसे देश U.K. से अधिक SO2 मुक्त करते हैं. नार्वे, स्वीडेन और पुर्तगाल आदि देश U.K. से कम SO2 मुक्त करते हैं. अमेरिका सर्वाधिक SO2 मुक्त करता है.यह SO2 औद्योगिक प्रगति की देन है. जीवाश्म ईंधनों के जलाने से यह गैस उत्पन्न होती है. आपको जानना चाहिए कि कोयला और तेल में 0.5% से 4% तक गंधक रहता है इसलिए इन ईंधनों को जलाने पर SO2 उत्पन्न होती है.
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10 Comments on “अम्ल वर्षा क्या और कैसे होती है? कारण और प्रभाव”
Thanks 😊 for given this great knowledge
Bohot ache se samjha main bhi thankyou
Naice topic.
It’s is very nice solution
Achha se likha nhi mujhe samaj nhi aya he
It’s very nice thanks
Bahut acha laga humko ya duniya lekin aap log samjhe nhi tho bahut bura hoga samjhe na hum Rajveer Banra
sandar topic hai
Thanks very nice
Acid rain has been very crisply topical
v nice