मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Ancient History GS Paper 1/Part 20

Sansar LochanGS Paper 1 2020-21, Sansar Manthan

संसार मंथन मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास के सामान्य अध्ययन पेपर 1 का यह 20वाँ संकलन है. इस बार हम मौर्यकालीन कला के दो प्रश्नों के साथ आएँ हैं. यह मात्र मॉडल उत्तर है. यदि आप भी उत्तर लिखना चाहते हैं तो कमेंट कर के लिख सकते हैं. मौर्यकालीन कला पर प्रश्न – UPSC GS Paper 1 Q1. मौर्यकालीन कला के … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 19

Sansar LochanGS Paper 1 2020-21, Sansar Manthan

Q1.सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कारणों का उल्लेख करते हुए इसके परिणामों की भी संक्षिप्त रूप से व्याख्या कीजिए. उत्तर: सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कारण इस आन्दोलन को शुरू करने के कारणों को हम संक्षेप में निम्न रूप से रख सकते हैं- ब्रिटिश सरकार ने नेहरू रिपोर्ट को अस्वीकृत कर भारतीयों के लिए संधर्ष के अतिरिक्त अन्य कोई मार्ग नहीं छोड़ा. … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 18

Dr. SajivaGS Paper 1 2020-21, Sansar Manthan

Q1. स्त्री शिक्षा के प्रसार का वास्तविक कार्य 19वीं-20वीं शताब्दी के धर्म एवं समाजसुधार आंदोलन के नेताओं ने किस प्रकार किया? कुछ उदाहरणों के साथ वर्णन कीजिए. क्या करें ✅प्रश्न में “वास्तविक कार्य” लिखा है इसका मतलब आपको अपने उत्तर में यह लिखना चाहिए कि इससे पहले स्त्री शिक्षा की क्या स्थिति चल रही थी. तब जा कर आप “वास्तविक … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 17

Dr. SajivaGS Paper 1 2020-21, Sansar Manthan

Q1. “1784 ई. का एक्ट एक चतुर और कुटिल प्रस्ताव था जिसने संचालक-समिति की राजनीतिक सत्ता को मंत्रिमंडल के गुप्त और प्रभावशाली नियंत्रण में कर दिया था.” आप इससे कहाँ तक सहमत हैं?  “The 1784 Act was a cunning and crooked proposal that put the political power of the Board of Directors under the confidential and influential control of the … Read More

[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Culture & Heritage GS Paper 1/Part 4

Dr. SajivaCulture, GS Paper 1, History, Sansar Manthan

सामान्य अध्ययन पेपर – 1 कला को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का उल्लेख करें. (250 words)  यह सवाल क्यों? यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है – “भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे”. सवाल का मूलतत्त्व … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 15

Dr. SajivaGS Paper 1 2020-21

“20वीं सदी के प्रारम्भ में औद्योगिक प्रगति के चलते जहाँ भारत के पूँजीपतियों के धन में वृद्धि हुई, वहीं श्रमिकों की दशा बिगड़ गयी.” विश्लेषण कीजिए. “Due to industrial progress during the beginning of 20th century there was growth in the wealth of Indian capitalists on one hand and a deterioration in the condition of the labour on the other … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 14

Dr. SajivaGS Paper 1 2020-21

“पूर्व के अधिनियमों की तरह ही भारत सरकार अधिनियम, 1919 भी भारतीयों को संतुष्ट नहीं कर सका.” टिप्पणी कीजिए. “Like the earlier ones the Indian Govt. Act, 1919 as well could not satisfy the Indians.” Comment. उत्तर :- कांग्रेस ने 1919 ई. के अधिनियम को निराशजनक और असंतोषप्रद (disappointing and unsatisfactory) कहा.  अधिनियम द्वारा किए गए सुधार देखने में बड़े … Read More

[संसार मंथन 2021] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Social | Gs Paper 1/Part 01

Sansar LochanGS Paper 1 2021 Social

Based on the Daily Current Affairs of 01 Jan, 2021. From this link you can visit all questions of 1st Jan, 2021 – SMA Assignment 51 Click here Q1. समाज के साथ-साथ पुलिस नेतृत्व ने  भी स्वीकार कर लिया है कि पुलिस में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. भारत में वर्दीधारी महिलाओं को किन समस्याओं को आम तौर पर झेलना … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History GS Paper 1/Part 13

Sansar LochanGS Paper 1 2020-21

“हिन्दू समाज की सबसे बड़ी बुराई जाति-प्रथा एवं छुआछूत की भावना थी.” इस कथन की पुष्टि करें और साथ-साथ यह भी बताएँ कि 19वीं शताब्दी के दौरान अस्पृश्यता का अंत एवं हरिजनोद्धार के लिए क्या-क्या कदम उठाये गये? उत्तर :- जाति-प्रथा वर्ण-व्यवस्था का विकृत रूप था. इस व्यवस्था ने हिंदू समाज के एक वर्ग, अछूतों को समाज से लगभग अलग … Read More

मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Modern History Gs Paper 1/Part 12

Sansar LochanGS Paper 1 2020-21

1885-1905 के बीच कांग्रेस के कार्यों की समीक्षा अपने शब्दों में विस्तारपूर्वक करें. उत्तर :- कांग्रेस के आरम्भिक 20 वर्षों के काल को “उदारवादी राष्ट्रीयता” की संज्ञा दी जाती है क्योंकि इस काल में कांग्रेस कीं नीतियाँ अत्यंत उदार थीं. इस युग में भारतीय राजनीति के प्रमुख नेतृत्वकर्ता दादाभाई नौरोजी, फ़िरोज़शाह मेहता, दिनशा वाचा और सुरेन्द्र नाथ बनर्जी आदि जैसे … Read More