G20 शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व नेताओं को भारतीय पारंपरिक कलाकृतियों का उपहार दिया। ये उपहार निम्न प्रकार हैं – पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कांगड़ा मिनिएचर पेंटिंग भेंट की. ब्रिटेन के पीएम क्रषि सुनक को ‘माता नी पछेड़ी’, (Mata Ni Pachedi) एक हस्तनिर्मित गुजराती वस्त्र जो मंदिरों में चढ़ाया जाता है। ऑस्ट्रेलियाई नेता … Read More
सित्तनवासल – एक जैन विरासत स्थल
सित्तनवासल में अधिकांश कला पर्यटकों द्वारा क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दी गई हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने कुछ संरक्षण के उपाय किए हैं और उन तक सार्वजनिक पहुँच को ट्रैक करने के लिए डिजिटल जाँच भी शुरू की है। यहाँ 7वीं शताब्दी के उत्कृष्ट भित्तिचित्रों के अवशेष हैं। भित्तिचित्रों को मंदिर के अंदर स्तंभों और छत के शीर्ष भागों … Read More
मध्य प्रदेश के मंदिर
गुप्तकाल के बाद मध्य प्रदेश में प्रतिहार, परमार, कल्चुरि, कच्छपघात आदि विभिन्न राजवंशों के राजाओं द्वारा मन्दिर-निर्माण की परम्परा निरन्तर विकसित होती रही. ग्वालियर, ग्यारसपुर, उदयपुर, बरुआसागर, नरेसर, खरोद, नोहटा, सोहागपुर, भेड़ाघाट, गुर्गी, सुरवाया, सुहनिया, मितावली, मैहर, नचना-कुठार आदि अनेक स्थानों पर विभित्र प्रकार के मन्दिरों का निर्माण किया गया था. मध्य प्रदेश के कुछ प्रसिद्ध मंदिर नरेसर (जिला मोरेना) … Read More
[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Culture & Heritage GS Paper 1/Part 4
सामान्य अध्ययन पेपर – 1 कला को परिभाषित करते हुए उसके प्रकारों का उल्लेख करें. (250 words) यह सवाल क्यों? यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है – “भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे”. सवाल का मूलतत्त्व … Read More
मुग़ल काल में चित्रकला का स्थान
मुगल सम्राट चित्रकला प्रेमी थे. अकबर के काल में इसकी उन्नति आरम्भ हुई और जहाँगीर के काल में यह चर्मोत्कर्ष पर पहुंच गई . इस युग की चित्रकला में भारतीय और ईरानी कला का सुन्दर एवं सुखद समन्वय है. इस काल के सम्राटों ने चित्रकला की ऐसी परम्परा की नींव डाली जो मुगल साम्राज्य के पतन के बाद भी देश … Read More
पल्लव कला एवं विभिन्न शैलियाँ
पल्लव वंश के नरेश कला प्रेमी थे. उन्होंने 7वीं सदी से 10वीं सदी तक राज किया. उनकी वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण कांची तथा महाबलिपुरम में पाए जाते हैं. कुछ उदाहरण तंजौर प्रदेश तथा पुडुकोट्टई में भी मिलते हैं. मंदिर और मूर्तिकला के क्षेत्र में उनकी अपनी एक विशेष देन है. उन्होंने चट्टानों को काटकर और पत्थर ईंट के भी बड़े … Read More
हड़प्पा संस्कृति एवं सामाजिक-आर्थिक जीवन
हड़प्पा सभ्यता भारत को प्रथम प्रमाणित सर्वश्रेष्ठ सभ्यता है. इसके लिए साधारणतः दो नामों का प्रयोग होता है: “सिन्धु-सभ्यता” या “सिन्धु घाटी की सम्यता” और हड़प्पा संस्कृति. ये दोनों नाम पर्यायवाची हैं एवं इनका समान अर्थ हैं. हड़प्पा का नामकरण इनमें से प्रत्येक शब्द की एक विशिष्ट पृष्ठभूमि है. सिन्धु हमारे देश की एक नदी है जो हिमालय पर्वत से … Read More
अकबर के काल में वास्तुकला, चित्रकला और संगीत कला
अकबर के काल में मुगलों द्वारा लाई गई तुर्की-ईरानी संस्कृति तथा मुगलों से पूर्व विद्यमान भारतीय संस्कृति का बड़ी तेजी से समन्वय हुआ. इस काल में भारत के सांस्कृतिक विकास में विभिन्न भागों, जातियों तथा मतों के लोगों ने विभिन्न प्रकार से योगदान दिया था. अगर यह कहा जाए कि अकबर के काल में सांस्कृतिक विकास सही अर्थों में राष्ट्रीय … Read More
कोणार्क सूर्य मंदिर से सम्बंधित जानकारियाँ
पिछले दिनों विशेषज्ञों के एक द्विदिवसीय सम्मेलन के पश्चात केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि कोणार्क के 800 वर्ष पुराने सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार और संरक्षण किया जाएगा. पृष्ठभूमि कोणार्क मंदिर को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए 1903 में ब्रिटिशों ने इस मंदिर को बालू से भर दिया था और बंद कर दिया था. कालांतर में 2013 … Read More
बृहदेश्वर मंदिर में कुंभाभिषेकम – संस्कृत Vs. तमिल विवाद
कुंभाभिषेकम 1,010 वर्ष पुराने तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर में कुंभाभिषेकम आयोजित हो रहा है. यह आयोजन 23 वर्षों से रुका हुआ था क्योंकि शुद्धीकरण की प्रक्रिया के विषय में महाराष्ट्र उच्च न्यायालय में मामला अटका हुआ था और इस पर जनवरी 31 को ही निर्णय आया है. विवाद क्या था? विवाद इस बात को लेकर था कि कुंभाभिषेकम में पढ़े … Read More
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