भारतीय संविधान का उद्देश्य विचार-अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वाधीनता सुनिश्चित करना है. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 19 से लेकर 22 तक स्वतंत्रता के अधिकार (Right to Freedom)का उल्लेख किया गया है. इस सम्बन्ध में अनुच्छेद 19 सबसे अधिक जरुरी है. मूल संविधान के अनुच्छेद 19 द्वारा नागरिकों को 7 स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई थीं और इनमें छठी स्वतंत्रता “सम्पत्ति की स्वतंत्रता” थी. 44वें संवैधानिक संशोधन द्वारा संपत्ति के मौलिक अधिकार के साथ-साथ “संपत्ति की स्वतंत्रता” भी समाप्त कर दी गई है और अब नागरिकों को 6 स्वतंत्रताएँ ही प्राप्त हैं :-
स्वतंत्रता का अधिकार
- विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- अस्त्र-शस्त्र रहित और शांतिपूर्ण सम्मलेन की स्वतंत्रता
- समुदाय और संघ निर्माण की स्वतंत्रता
- भ्रमण की स्वतंत्रता
- निवास की स्वतंत्रता
- व्यवसाय की स्वतंत्रता
विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
भारत के सभी नागरिकों को विचार करने, भाषण देने और अपने व अन्य व्यक्तियों के विचारों के प्रचार की स्वतंत्रता (freedom of speech and expression) प्राप्त है. प्रेस भी विचारों के प्रचार का एक साधन होने के कारण इसी में प्रेस की स्वतंत्रता भी सम्मिलित है. नागरिकों को विचार और अभिव्यक्ति की यह स्वतंत्रता असीमित रूप से प्राप्त नहीं है.
अस्त्र-शस्त्र रहित और शांतिपूर्ण सम्मलेन की स्वतंत्रता
व्यक्तियों के द्वारा अपने विचारों के प्रचार के लिए शांतिपूर्वक और बिना किन्हीं शस्त्रों के सभा या सम्मलेन किया जा सकता है और उनके द्वारा जुलूस या प्रदर्शन का आयोजन भी किया जा सकता है. यह स्वतंत्रता (assemble peacefully and without arms) भी असीमित नहीं है और राज्य के द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा के हित में व्यक्ति की इस स्वतंत्रता को सीमित किया जा सकता है.
समुदाय और संघ निर्माण की स्वतंत्रता
संविधान के द्वारा सभी नागरिकों को समुदायों और संघों के निर्माण की स्वतंत्रता प्रदान की गई है परन्तु यह स्वतंत्रता भी उन प्रतिबंधों के अधीन है, जिन्हें राज्य साधारण जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए लगाता है. इस स्वतंत्रता की आड़ में व्यक्ति ऐसे समुदायों का निर्माण नहीं कर सकता जो षड्यंत्र करें अथवा सार्वजनिक शान्ति और व्यवस्था को भंग करें.
भ्रमण की स्वतंत्रता
भारत के सभी नागरिक बिना किसी प्रतिबंध या विशेष अधिकार-पत्र के सम्पूर्ण भारतीय क्षेत्र में घूम सकते हैं.
निवास की स्वतंत्रता
भारत के प्रत्येक नागरिक को भारत में कहीं भी रहने या बस जाने की स्वतंत्रता है. भ्रमण और निवास के सम्बन्ध में यह व्यवस्था संविधान द्वारा अपनाई गई इकहरी नागरिकता के अनुरूप है. भ्रमण और निवास की इस स्वतंत्रता पर भी राज्य सामान्य जनता के हित और अनुसूचित जातियों और जनजातियों के हितों में उचित प्रतिबंध लगा सकता है.
व्यवसाय की स्वतंत्रता
भारत में सभी नागरिकों को इस बात की स्वतंत्रता है कि वे अपनी आजीविका के लिए कोई भी पेशा, व्यापार या कारोबार कर सकते हैं. राज्य साधारणतया व्यक्ति को न तो कोई विशेष नौकरी, व्यापार या व्यवसाय करने के लिए बाध्य करेगा और न ही उसके इस प्रकार के कार्य में बाधा डालेगा. किन्तु इस सबंध में भी राज्य को यह अधिकार प्राप्त है कि वह कुछ व्यवसायों के सम्बन्ध में आवश्यक योग्यताएं निर्धारित कर सकता है अथवा किसी कारोबार या उद्योग को पूर्ण अथवा आंशिक रूप से अपने हाथ में ले सकता है.
“स्वतंत्रता के अधिकार (Right to Freedom)” के अंतर्गत ही “गोपनीयता का अधिकार” भी सम्मिलित है.
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11 Comments on “स्वतंत्रता का अधिकार – अनुच्छेद 19 से 22 (Right to Freedom)”
आपातकाल के दौरान कोनसा अनुच्छेद कभी भी निलंबित नहीं होता है
Article 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”।
आर्टिकल 19
Mera number change kase hogs
Sir अगर पिता अपनी बेटी की शादी किसी भी समाज मे तय करता है तो उसे उस समाज द्वारा प्रताड़ित किया जाता है उसे गांव से बंद कर दिया जाता है जहा वो रह रहा हो तो यह उसके अधिकारों का उलंघन है ना ?
इससे 19:क article ki अवहेलना हो रही है जिसमे व्यक्ति की अभिव्यक्ति की freedom h
भारतीय संविधान के दो प्रावधान कोन से है जो पंथनिरपेक्ष की ओर ले जाते हैं?
Plz tell me the limitation of above these right
Weather it applicable aginst the state only or also for a privet person.
This is really helpful thanks u Sr.
Force vaccination, without vaccination, order of govt not to visit any public place,govt office is not the murder of fundamental rights?
Respected Sir, Please give me some information about scheduled tribe (ST) reservation. According to our CONSITUTION…………………………..Thanks