भारतीय संविधान में सिविल सेवाओं से सम्बंधित प्रावधान – Article 315-323

RuchiraIndian Constitution, Polity Notes

संविधान का भाग XIV सिविल सेवाओं के प्रावधानों से सम्बंधित है.

अनुच्छेद 309 / Article 309

संसद और राज्य विधान-मंडल की शक्तियाँ

यह अनुच्छेद संसद और राज्य विधान-मंडल को यह अधिकार प्रदान करता है कि संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से सम्बंधित लोक सेवाओं और पदों के लिए भर्ती एवं नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों का विनियमन कर सकेंगे.

अनुच्छेद 310 / Article 310

प्रसादपर्यन्त पद अवधारण का सिद्धांत (डॉक्ट्रिन ऑफ़ प्लेजर)

इस संविधान द्वारा अभिव्यक्त रूप से यथा उपबंधित के सिवाय, प्रत्येक व्यक्ति जो रक्षा का या संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य है अथवा रक्षा से सम्बंधित कोई पद या संघ के अधीन कोई पद धारण करता है, तो वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा और वह प्रत्येक व्यक्ति जो किसी राज्य की सिविल सेवा का सदस्य है या राज्य के अधीन कोई सिविल पद पर धारण करता है वह (उस राज्य के राज्यपाल) के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा.

अनुच्छेद 311 / Article 311

संघ या राज्य के अधीन सिविल सेवा में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या रैंक को अवनत किया जाना

अधीनस्थ प्राधिकारी द्वारा पदच्युत नहीं किया जाना : किसी भी व्यक्ति को जो संघ की सिविल सेवा का अथवा राज्य की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य है अथवा संघ या राज्य के अधीन कोई सिविल पद धारण करता है, उसकी नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी के अधीनस्थ किसी प्राधिकारी द्वारा पदच्युत नहीं किया जाएगा या पद से हटाया नहीं जायेगा.

आरोपों की सूचना एवं जाँच : यथापूर्वोक्त किसी व्यक्ति को, ऐसे जाँच के बाद ही, जिसमें उसे अपने विरुद्ध आरोपों की सूचना दे दी गई है और उन आरोपों के सम्बन्ध में सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर दे दिया गया है, पदच्युत किया जाएगा या पद से हटाया जायेगा या पंक्ति में अवनत किया जायेगा, अन्यथा नहीं.

अनुच्छेद 312 / Article 312

नई अखिल भारतीय सेवा का सृजन

यदि राज्यसभा ने उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा समर्थित संकल्प द्वारा यह घोषित किया गया है कि राष्ट्रीय हित में ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है तो संसद विधि द्वारा, संघ और राज्यों के लिए सम्मिलित एक या अधिक अखिल भारतीय सेवाओं के (जिनके अंतर्गत अखिल भारतीय न्यायिक सेवा है) सृजन के लिए उपबंध कर सकेगी और इस अध्याय के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी ऐसी सेवा के लिए भर्ती का और नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों का विनियमन करेगी.

अनुच्छेद 315 से 323

लोक सेवा आयोगों से सम्बंधित प्रावधान.

  • Article-315. Public Service Commissions for the Union and for the States.
  • Article-316. Appointment and term of office of members.
  • Article-317. Removal and suspension of a member of a Public Service Commission.
  • Article-318. Power to make regulations as to conditions of service of members and staff of the Commission.
  • Article-319. Prohibition as to the holding of offices by members of Commission on ceasing to be such members.
  • Article-320. Functions of Public Service Commissions.
  • Article-321. Power to extend functions of Public Service Commissions.
  • Article-322. Expenses of Public Service Commissions.
  • Article-323. Reports of Public Service Commissions.

अनुच्छेद 323 A / Article 323 A

संसद विधि द्वारा, संघ या किसी राज्य के अथवा भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अथवा सरकार के स्वामित्व या  नियंत्रण के अधीन किसी निगम के कार्यकलाप से सम्बंधित लोक सेवाओं और पदों के लिए भर्ती तथा नियुक्त व्यक्तियों की सेवा की शर्तों के सम्बन्ध में विवादों और परिवादों के प्रशासनिक अधिकरणों द्वारा न्यायनिर्णयन या विचारण के लिए उपबंध करेगी.

यह आर्टिकल यदि आपको समझ में नहीं आया हो तो यह आर्टिकल सरल भाषा में जरुर पढ़ें > लोक सेवा आयोग

About the Author

Ruchira

रुचिरा जी हिंदी साहित्यविद् हैं और sansarlochan.IN की सह-सम्पादक हैं. कुछ वर्षों तक ये दिल्ली यूनिवर्सिटी से भी जुड़ी रही हैं. फिलहाल ये SINEWS नामक चैरिटी संगठन में कार्यरत हैं. ये आपको केंद्र और राज्य सरकारी योजनाओं के विषय में जानकारी देंगी.

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]