भारतीय संविधान की प्रस्तावना में निहित मुख्य सिद्धांत हैं:– Main Principles of the Preamble in the Indian Constitution
1. प्रस्तावना (Preamble) में संविधान के स्रोत का उल्लेख है और कहा गया है–
“हम, भारत के लोग …..संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित तथा आत्मार्पित करते हैं.”
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि संविधान का निर्माण भारतीय जनता के द्वारा किया है. इस प्रकार भारत की जनता ही समस्त राजनीतिक सत्ता का स्रोत है. यह सच है कि समस्त भारतीय जनता ने इसका निर्माण नहीं किया है, फिर भी यह एक सच्चाई है कि इसके निर्माता जनता के प्रतिनिधि थे. इन प्रतिनिधियों ने यह स्वीकार किया कि सम्पूर्ण राज्यशक्ति का मूल स्रोत भारतीय जनता में निहित है. 1950 ई. में “गोपालन बनाम मद्रास राज्य (A.K. Gopalan vs The State Of Madras)” नामक मुक़दमे में सर्वोच्च न्यायालय ने इसी आशय का निर्णय दिया और इसमें स्पष्ट किया कि भारतीय जनता ने अपनी सर्वोच्च इच्छा (Supreme Will) को व्यक्त करते हुए लोकतंत्रात्मक आदर्श अपनाया है.
2. प्रस्तावना भारतीय संविधान के उन उच्च आदर्शों का परिचय देती है जिन्हें भारतीय जनता ने शासन के माध्यम से लागू करने का निर्णय किया है. इन आदर्शों का उद्देश्य न्याय, स्वंतंत्रता, समानता, बंधुत्व या राष्ट्र की एकता एवं अखंडता स्थापित करना है.
3. प्रस्तावना भारत संघ की संप्रभुता तथा उसके लोकतंत्रात्मक स्वरूप की आधारशिला है. प्रस्तावना (Preamble) में कहा गया है कि भारत ने इस संविधान द्वारा एक सम्पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य की स्थापना की है.
4. संविधान के 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में “धर्मनिरपेक्ष” शब्द जोड़ दिया गया है. इस प्रकार भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है. इसका अभिप्राय यह हुआ कि संविधान सभी नागरिकों को विश्वास, धर्म तथा उपासना-पद्धति की स्वतंत्रता प्रदान करता है.
5. पाँचवें, प्रस्तावना द्वारा भारत को एक “समाजवादी” राज्य घोषित किया गया है. 42वें संशोधन अधिनियम के द्वारा ही प्रस्तावना में यह शब्द जोड़ा गया है.
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि संविधान की प्रस्तावना उसकी आत्मा है. मात्र प्रस्तावना के अवलोकन से ही स्पष्ट हो जाता है कि स्वतंत्र भारत के नागरिकों द्वारा किस तरह के संविधान का निर्माण किया गया है.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना Quiz
Quiz on Preamble to the Indian Constitution
भारतीय संविधान की प्रस्तावना
Question 1 |
न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व | |
न्याय एवं बंधुत्व | |
स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व | |
स्वतंत्रता एवं समानता |
Question 2 |
न्याय एवं स्वतंत्रता | |
बंधुत्व और न्याय | |
संप्रभु एवं लोकतांत्रिक | |
समाजवादी एवं धर्मनिरपेक्ष |
Question 3 |
एक प्राक्कथन या परिचय | |
एक लम्बी कविता | |
एक लम्बी कहानी | |
एक लघु कथा |
Question 4 |
प्रस्तावना संविधान का अंग है | |
भारतीय संविधान की प्रस्तावना को कानूनी मान्यता नहीं है | |
भारतीय संविधान की प्रस्तावना को कानूनी मान्यता है | |
उपर्युक्त में कोई नहीं |
Question 5 |
ब्रिटिश संविधान से | |
अमेरिकी संविधान से | |
फ़्रांसिसी संविधान से | |
इटली के संविधान से |
15 Comments on “भारतीय संविधान की प्रस्तावना के मुख्य सिद्धांत – Preamble in Hindi”
Panthnirpeksh ka varanan khas Kiya gya h kha???? Please eska answer btaya jaye
40%
kucch acche qu.bhi dalo sir jis se taiyari krne me aaram mile
I like the concept of asking questions at the end…..
Apni maa se baat nhi ho pa rhi h….Mere bhai aur pita meri maa aur behn pe aatyachar krte h unhe marte h….Kirpa bhai aur pita pe lagaye gye dhar aaanuche baataye
💯
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hi
5//5
80%
Ab thik hai.thanku.
An thik hai.thanku.
Kaun sahi nahi me 2 option preamble samvidhan ka bhag nahi,air preamble ko kanooni manyata hai.ques k 2 ans.hue.
Thank you sir
Question no.1 option d thik nahi hai.in re berubari union ke case me preamble ko constitution ka ang nahi mana gaya tha,lekin keshwanand bharti vs uoi me case me berubari k decision ko ulat diya gaya aur preamble ko constitution ka bhag man gaya.