वारेन हेस्टिंग्स, कार्नवालिस, विलियम बेंटिक और लॉर्ड डलहौजी के सुधार

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अंग्रेज़ सर्वप्रथम भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आये, लेकिन यहाँ की बिगड़ती हुई राजनीतिक स्थिति और देशी राज्यों के आपसी फूट का लाभ उठाकर यहाँ बिटिश सत्ता की स्थापना कर ली. अंग्रेजों को सबसे पहले बंगाल में पैर जमाने का मौका मिला और उसके बाद तो वे पूरे भारत में धीरे-धीरे फ़ैल गए. भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के … Read More

1935 ई. से 1947 ई. तक भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास

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1935 ई. के पूर्व महात्मा गाँधी द्वारा संचालित सविनय अवज्ञा आन्दोलन की प्रगति चरम सीमा पर थी. भारतीयों को संतुष्ट करने के लिए अंग्रेजी सरकार अनेक प्रयास कर रही थी. उसी के परिणामस्वरूप 1935 ई. का भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ. परिणामस्वरूप सविनय अवज्ञा आन्दोलन बंद हो गया. इस अधिनियम के प्रावधान के अनुसार ही 1937 ई. में निर्वाचन हुआ. … Read More

जर्मनी का एकीकरण – Unification of Germany in Hindi

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19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में जर्मनी भी इटली की तरह एक “भौगोलिक अभिव्यक्ति” मात्र था. जर्मनी अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था. इन राज्यों में एकता का अभाव था. ऑस्ट्रिया जर्मनी के एकीकरण (Unification of Germany) का विरोधी था. आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से जर्मनी पिछड़ा और विभाजित देश था. फिर भी जर्मनी के देशभक्त जर्मनी के एकीकरण (Unification of … Read More

यूरोप का पुनर्जागरण – Renaissance in Europe

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पुनर्जागरण (Renaissance in Europe) का शाब्दिक अर्थ होता है, “फिर से जागना”. चौदहवीं और सोलहवीं शताब्दी के बीच यूरोप में जो सांस्कृतिक प्रगति हुई उसे ही “पुनर्जागरण” कहा जाता है. इसके फलस्वरूप जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नवीन चेतना आई. यह आन्दोलन केवल पुराने ज्ञान के उद्धार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इस युग में कला, साहित्य और विज्ञान … Read More

अमेरिका का स्वतंत्रता-संग्राम – American Revolution

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आपको पता ही होगा कि क्रिस्टोफ़र कोलम्बस ने अमेरिका का पता लगाया था. अमेरिका का पता लगने के बाद यूरोप के बड़े-बड़े धनवान लोगों ने अमेरिका को बाँटना शुरू कर दिया. स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैंड, फ्रांस औरइंग्लैंड ने वहाँ अपनी बस्तियाँ बसायीं. अमेरिका में अंग्रेजों के 13 उपनिवेश (Colonies) थे. उपनिवेशों में रहनेवाले अंग्रेज स्वतंत्रता-प्रेमी थे. वे अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के … Read More

इटली का एकीकरण – Unification of Italy in Hindi

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एकीकरण के पूर्व इटली एक “भौगोलिक अभिव्यक्ति” मात्र था. वह अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था. राज्यों में मतभेद था और सभी अपने स्वार्थ में लिप्त थे. एकीकरण (Unification) के मार्ग में अनेक बाधाएँ थीं. लेकिन इटली (Italy) के कुछ प्रगतिवादी लोगों ने एकता की दिशा में कदम उठाया. इटली के एकीकरण (Unification of Italy) में आर्थिक तत्त्वों की भूमिका … Read More

उग्रवाद का उदय (बाल, लाल और पाल) – गरम दल 1905

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1885 से 1905 तक भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की बागडोर कांग्रेस के उदारवादी दल के हाथ में थी. 1905 ई. से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दूसरा चरण प्रारम्भ होता है, जिसे उग्रवादी युग (garam dal) की संज्ञा दी गई है. जब ब्रिटिश साम्राज्यवाद का वरदान मानने वाले तथा उनकी न्यायप्रियता में अटूट विश्वास रखनेवाले उदारवादी नेताओं का विश्वास टूटकर बिखर गया तब … Read More

[विश्व इतिहास] फ्रांस की क्रांति – 1789 French Revolution

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फ्रांस की क्रांति (French Revolution): भूमिका 18वीं शताब्दी के 70-80 के दशकों में विभिन्न कारणों से राजा और तत्कालीन राजव्यवस्था के प्रति फ्रांस के नागरिकों में विद्रोह की भावना पनप रही थी. यह विरोध धीरे-धीरे तीव्र होता चला गया. अंततोगत्वा 1789 में राजा लुई 16वाँ (Louis XVI) को एक सभा बुलानी पड़ी. इस सभा का नाम General State था. यह सभा … Read More

Rowlatt Act (1919) क्या है? जानिए in Hindi

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1918 के नवम्बर मास में यूरोप का पहला महायुद्ध समाप्त हो चुका था. जर्मनी और उसके साथियों को पूरी तरह परास्त करके वह पक्ष जीत गया था , जिसका सबसे बड़ा भागीदार ब्रिटेन था. इस जीत ने भारत के वातावरण को बिल्कुल बदल दिया था. युद्ध के दिनों अँगरेज़ शासकों में जो थोड़ा-बहुत भी विनय का भाव दिखता था, विजय … Read More

प्रथम विश्वयुद्ध – First World War [1914-18]

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प्रथम विश्वयुद्ध की भूमिका (Background of First World War) 1914-18 ई. का प्रथम विश्वयुद्ध (First World War) साम्राज्यवादी राष्ट्रों की पारस्परिक प्रतिस्पर्द्धा का परिणाम था. प्रथम विश्वयुद्ध का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण गुप्त संधि प्रणाली थी. यूरोप में गुप्त संधि की प्रथा जर्मन चांसलर बिस्मार्क ने शुरू की थी. इसने यूरोप  को दो विरोधी गुटों में विभाजित कर दिया. दो गुटों … Read More