कहा जा रहा है कि भारत सरकार भारतीय रिजर्व बैंक को विशेष निर्देश देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुभाग 7 (Section 7 of the Reserve Bank of India Act) का प्रयोग करने जा रही है. ऐसा कयास भी लगाया जा रहा है कि RBI के गवर्नर उर्जित पटेल इस धारा के अंतर्गत एक विशिष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाने के कारण इस्तीफा दे सकते हैं. चलिए जानते हैं कि भारत सरकार और RBI के बीच ये खींचा-तानी क्यों चल रही है और क्या है यह RBI Act – Section 7?
भूमिका (Section 7 of the RBI Act)
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वाद की सुनवाई के समय भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुभाग 7 (Section 7) के प्रयोग का मामला उभरा. यह वाद भारतीय स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादक संघ (Independent Power Producers Association) के द्वारा दायर किया गया था और इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा 12 फरवरी को निर्गत एक परिपत्र (circular) को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के क्रम में अगस्त में उच्च न्यायालय ने एक टिपण्णी की थी की सरकार चाहे तो भारतीय रिजर्व बैंक को RBI Act के अनुभाग 7 के तहत निर्देश (directions) दे सकती है.
- न्यायालय के इस आदेश को देखते हुए सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को एक पत्र दिया था जिसमें उनसे 12 फ़रवरी के परिपत्र के संदर्भ में ऊर्जा कंपनियों को मिलने वाली छूट के विषय में उनका मन्तव्य माँगा गया था. इसके अतिरिक्त 10 अक्टूबर को सरकार ने भारतीय रिजर्व के गवर्नर से मुद्रा तरलता (liquidity) लाने के लिए RBI के पूँजी भंडार (capital reserve) का उपयोग करने के विषय में भी मन्तव्य माँगा था.
Section 7 of the RBI Act क्या है?
RBI Act के अनुभाग 7 के अनुसार केंद्र सरकार को यह शक्ति है कि वह समय-समय पर RBI गवर्नर से परमर्श करके भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को ऐसे निर्देश दे सके जो उसकी दृष्टि में लोकहित में आवश्यक है. “The Central Government may from time to time give such directions to the Bank as it may, after consultation with the Governor of the Bank, consider necessary in the public interest,” Section 7(1) of the RBI Act reads.
RBI Act के Section 7 में एक उप-अनुभाग भी जो कहता है कि – “भारत सरकार चाहे तो बैंक के सामान्य पर्यवेक्षण और कारोबार को वह एक केन्द्रीय निदेशक बोर्ड (Central Board of Directors) को सौंप सकती है जो बैंक द्वारा किये जाने वाले सभी कार्य कर सकता है और बैंक की सारी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है.”
क्या अनुभाग 7 का प्रयोग एक असाधारण कदम होगा?
इस अनुभाग का प्रयोग पहले कभी नहीं हुआ है. 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बुरी अवस्था में थी. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के समय भी भारतीय अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई थी, फिर भी इस अनुभाग को लागू नहीं किया गया. इसलिए इसका कार्यान्वयन कैसे होगा, यह स्पष्ट नहीं है. इस प्रकार के आक्रामक प्रयोग से कुछ अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों को घबराहट हो सकती है. साथ ही RBI की स्वयत्तता को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाये जा सकते हैं.
RBI Board का स्वरूप
RBI Board एक ऐसा निकाय है जिसमें निम्नलिखित प्राधिकारी होते हैं –
- रिज़र्व बैंक का गवर्नर
- चार डिप्टी गवर्नर
- विभिन्न क्षेत्रों के अधिकतम 10 गैर-सरकारी निदेशक जिन्हें भारत सरकार नामित करती है
- दो सरकारी अधिकारी
- RBI के चार स्थानीय बोर्डों से एक-एक निदेशक
RBI Board के सदस्यों का कार्यकाल
- बोर्ड के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर का कार्यकाल अधिकतम 5 वर्ष का होता है.
- भारत सरकार द्वारा नामित 10 निदेशकों का कार्यकाल चार वर्ष का होता है.
- बोर्ड के सरकारी अधिकारियों का कार्यकाल सरकार के प्रसाद-पर्यन्त होता है.
बोर्ड का कार्य
RBI नियमों के अनुसार रिज़र्व बैंक के कार्यों का सामान्य पर्यवेक्षण और दिशा-निर्देश का कार्य इस बोर्ड को सौंपा गया है. इस प्रकार रिज़र्व बैंक जो भी कार्यकलाप करता है वे सभी कार्यकलाप यह बोर्ड भी कर सकता है. बोर्ड का काम सरकार को बैंक नोटों की रूपरेखा, आकार और इनके लिए प्रयुक्त सामग्री के विषय में अनुशंसा करना भी है.
बोर्ड कब बैठता है?
रिज़र्व बैंक का गवर्नर एक वर्ष में कम-से-कम छह बार बोर्ड की बैठक आहूत करता है. यह बैठक प्रत्येक तिमाही में कम-से-कम एक बार होना आवश्यक है. यदि कम-से-कम चार निदेशक ऐसा चाहें तो गवर्नर को बैठक बुलानी होती है. किसी कारण से यदि गवर्नर उपस्थित नहीं होता है तो उसके द्वारा प्राधिकृत डिप्टी गवर्नर बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करता है. यदि मत-विभाजन होता है तो गवर्नर एक अलग से दूसरा वोट भी दे सकता है जो कि निर्णायक होगा.
Tags : भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुभाग 7 – Section 7 of RBI Act Controversy in Hindi. Explained. Provisions of Section 7 (1) and Section 7 (3).
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4 Comments on “भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम का Section 7 – RBI Act Explained in Hindi”
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