[Sansar Editorial] भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का वर्तमान परिदृश्य

Sansar LochanEnergy, Sansar Editorial 2019

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2018: Was renewable energy in power?

The Hindu –  January 02

भले ही वैश्विक रिपोर्टों में नवीकरणीय ऊर्जा निवेशों के सम्बन्ध में भारत की प्रगति की प्रशंसा की गई है, पर देखा जाए तो भारत के लिए ऊर्जा के हरित स्रोतों के मामले में वर्ष 2018 बहुत अच्छा नहीं रहा है.

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निवेशकों ने पाया कि नवीकरणीय ऊर्जा से उतनी बिजली पैदा नहीं हो रही है जितनी उन्होंने उम्मीद की थी. इस प्रक्षेत्र से वित्तीय प्रतिलाभ भी ठीक से नहीं प्राप्त हो रहा है. इसके अलावा संसदीय पैनल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सरकार का प्रदर्शन नावीकरानीय ऊर्जा को लेकर वर्ष 2018 में अच्छा नहीं रहा.

परन्तु स्थिति उतनी बुरी भी नहीं है क्योंकि दीव, दिल्ली और मुंबई ने सौर ऊर्जा के उपयोग के मामले में अच्छी-खासी प्रगति की है जिसका अन्य शहर अनुकरण कर सकते हैं.

2018 में भारत में नवीकरणीय  ऊर्जा की स्थिति के संदर्भ में भारत की उपलब्धियों और कमियों को कुछ इस तरह से हम देख सकते हैं –

उपलब्धियाँ

  • विश्व बैंक ने नवीकरणीय ऊर्जा की नीलामी के संदर्भ में भारत की बहुत प्रशंसा की है क्योंकि भारत द्वारा सौर्य ऊर्जा का मूल्य बहुत कम निर्धारित हुआ है.
  • BloombergNEF की रिपोर्ट के अनुसार पहले से अधिक निवेश होने, स्वच्छ ऊर्जा संयत्रों को लगाने और दुनिया का सबसे बड़े नवीकरणीय नीलामी बाजार आयोजित करने के चलते भारत चिली के बाद दूसरे स्थान पर है.
  • इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस की एक रिपोर्ट के अनुसार नवीकरणीय ऊर्जा से 27 फीसदी बिजली उत्पादन करके कर्नाटक इस साल भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के मामले में अग्रणी राज्य बन गया है. तमिलनाडु अब दूसरे स्थान पर है.
  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में छत पर लगाये जाने वाले सौर-संयंत्रों से 1,095 मेगावाट (MW) बिजली उत्पन्न की गई. महाराष्ट्र ने छत पर लगाये जाने वाले सौर-संयंत्रों से 145.09MW बिजली उत्पन्न की जो अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है. साथ-ही-साथ महाराष्ट्र ने छतों पर अधिकतम संख्या में सौर-संयत्र स्थापित किये.
  • GAIL ने उत्तर प्रदेश के पाटा पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स में देश का दूसरा सबसे बड़ा रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र चालू किया.
  • बिजली के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग के मामले में दीव देश का पहला ऊर्जा अधिशेष वाला केंद्र-शासित प्रदेश बन गया है. साथ ही साथ दीव भारत का पहला वह शहर बन गया है जो दिन के दौरान बिजली के उत्पादन के लिए 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भर है. दीव अन्य शहरों के लिए एक उदाहरण बन चुका है.
  • दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) देश की पहली नागरिक संस्था बन गई है जिसने अपने 55 से अधिक भवनों की छतों पर सौर-पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया.
  • मेट्रो आईनॉक्स – मुंबई का एक प्रतिष्ठित सिनेमा घर – ने दो सिनेमा-स्क्रीन का अनावरण किया जो पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा से संचालित हैं. इस प्रकार यह सिनेमाघर सौर ऊर्जा से चलने वाला भारत का पहला मल्टीप्लेक्स बन गया है.
  • तेलंगाना के 100MW वेल्टूर सौर-ऊर्जा परियोजना को फोटोवोल्टिक संयंत्र के लिए दुनिया का पहला सौर-परियोजना गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
  • त्रिपुरा सरकार ने “प्रधान मंत्री सहज बिजली हर-घर योजना” के तहत 52,000 दूरदराज इलाकों में रहने वाले आदिवासी परिवारों को सौर-ऊर्जा द्वारा संचालित बिजली कनेक्शन देने की योजना पर काम शुरू किया.
  • जम्मू और कश्मीर में गैर-विद्युतीकृत गांवों में रह रहे परिवारों को 91,000 सौर-ऊर्जा से संचालित घर में प्रयोग होने वाली बत्तियाँ प्रदान की गयीं.

कमियाँ

  • सौर ऊर्जा को खरीदने के लिए राज्य सरकारें बहुत उत्सुक नहीं दिख रही हैं जबकि सौर ऊर्जा की कीमत मात्र 2.44 रुपये प्रति यूनिट (पवन ऊर्जा की कीमत 76 प्रति यूनिट) है. ऐसे में देश की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा संयत्रों की क्षमता अवरुद्ध हो सकती है.
  • सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने 1,200 मेगावाट की पवन-सौर हाइब्रिड संयंत्रों की स्थापना के लिए नवीनतम बोली लगाई, पर उद्योग की प्रतिक्रिया बहुत ही निराशाजनक रही. केवल दो ही कंपनियाँ आगे आयीं जो मात्र कुल 1,050 मेगावाट का संयंत्र लगाने के लिए तैयार थीं.

सरकार द्वारा किये गये प्रयास

  • कैबिनेट ने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति को मंजूरी दी है.
  • मई, 2018 में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने एक राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति का अनावरण किया, जो नई परियोजनाओं के साथ-साथ मौजूदा परियोजनाओं के संकरीकरण (hybridization) को बढ़ावा देता है.
  • हरियाणा राज्य के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में आदेश दिया गया है कि नए भवनों के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों को अनिवार्य किया जाए.
  • गुजरात सरकार ने जून 2018 में एक नई विंड-सोलर हाइब्रिड पावर नीति की घोषणा की जिसका लक्ष्य भूमि और ग्रिड का इष्टतम उपयोग करना है.
  • राजस्थान देश का पहला वह राज्य बन गया है जिसने केंद्र द्वारा अनावृत जैव ईंधन नीति को अपने राज्य में लागू किया है.

आगे की राह

ऊर्जा से सम्बंधित संसदीय पैनल ने इस क्षेत्र में सरकार के प्रदर्शन को लेकर निराशा व्यक्त की है. भारत द्वारा 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के लक्ष्य को लेकर प्रश्न चिन्ह लग गया है. नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को आगे बढ़ाने के लिए आज यह आवश्यक हो गया है कि इससे सम्बंधित व्यवसाय और निवेश के लिए वे नवाचार विकसित किये जाएँ जिनसे छत पर लगने वाले सौर संयंत्रों को लोग अपने-अपने घरों में लगाने की पहल करें. इस आशय का सुझाव ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल नवीकरणीय ऊर्जा संवाद 2018 की परिषद् द्वारा जारी किये गये एक अध्ययन में दिया गया है. अध्ययन का शीर्षक था – ‘Scaling rooftop solar: Powering India’s renewable energy transition with households and DISCOMs’. नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक नीति बनाई है जिसके तहत सरकार पवन-सौर संकर परियोजनाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बोली लगाएगी. इससे आशा की जाती है कि इनसे उत्पन्न बिजली सस्ती होगी और लोग इसकी ओर झुकेंगे.

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