प्रधानमंत्री के कार्य और अधिकार : Prime Minister in Hindi

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नमस्कार दोस्तो! मैंने पिछले पोस्ट में राष्ट्रपति के बारे में लिखा, उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के विषय में लिखा…पर प्रधानमंत्री के विषय में लिखना भूल ही गयी! अभी-अभी मैंने कई कमेंट पढ़े कि मैम आप प्रधानमंत्री के विषय में भी लिखो…तब जा कर मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ कि मैं देश के वास्तविक मुखिया के विषय में आपको बताना भूल ही गयी. चलिए आज आपको बताती हूँ कि Prime Minister देश का असली शासक क्यों है? उसके पद के लिए योग्यता क्या है? उसके कार्य और अधिकार क्या हैं?

संविधान में कहा गया है कि राष्ट्रपति को राजकीय कार्यों में सहायता और मंत्रणा देने के लये मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा. संविधान के अनुसार PM’s appointment राष्ट्रपति के निर्णय और चुनाव पर निर्भर है, किन्तु व्यवहार में राष्ट्रपति का यह अधिकार अत्यधिक सीमित है. भारत में संसदीय पद्धति की सरकार स्थापित की गई है. अतः, यहाँ के प्रधानमंत्री की स्थिति इंगलैंड के प्रधानमंत्री के सामान है. सच पूछा जाए तो वह अत्यंत ही शक्तिशाली व्यक्ति है और देश का वास्तविक शासक है. राष्ट्रपति उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करता है, जो लोक सभा में बहुमत दल का नेता होता है. यदि राष्ट्रपति ऐसे व्यक्ति को Prime Minister नियुक्त नहीं करे और अपने इच्छानुसार संसद के किसी सदस्य को नियुक्त कर ले, तो जनता और संसद का बहुमत दल उसकी नियुक्ति का विरोध करेंगे. परिणाम यह होगा कि नियुक्त व्यक्ति मंत्रिपरिषद गठित करने एवं शासन-कार्य संचालन में असमर्थ होगा. चूँकि राष्ट्रपति का कर्तव्य सुदृढ़ सरकार स्थापित करना है, इसलिए वह बहुमत दल के नेता को ही प्रधानमंत्री नियुक्त करेगा.

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प्रधानमंत्री पद के लिए योग्यता

संविधान के अनुसार, Prime Minister को संसद का अनिवार्यतः सदस्य होना चाहिए और उसकी आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए (prime minister minimum age). प्रधानमंत्री लोक सभा या राज्य सभा दोनों में किसी एक का सदस्य हो सकता है. यद्यपि प्रजातंत्रात्मक पद्धति के अनुसार PM को लोक सभा का ही सदस्य होना चाहिए, तथापि कुछ परिस्थितियों के कारण यदि राज्य सभा का भी सदस्य प्रधानमंत्री हो जाता है तो यह संविधान के विरुद्ध नहीं माना जा सकता. 1967 ई. के आम निर्वाचन के पूर्व श्रीमती इंदिरा गाँधी को राज्य सभा की सदस्या होते हुए भी PM नियुक्त किया गया था. मनमोहन सिंह भी राज्य सभा के ही सदस्य थे.

प्रधानमंत्री के कार्य और अधिकार

प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का निर्माता होता है, अतः उसका स्थान अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण है. उसकी महत्ता और शक्ति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंत्रिपरिषद के अस्तित्व में आने के पूर्व ही उसकी नियुक्ति होती है. उसी के परामर्श से राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों को नियुक्त करता है. उसके कार्य निम्नलिखित हैं –

  1. Prime Minister देश के राजनीतिक दल का नेता और संसद के बहुमत दल का नेता होता है. अतः यह स्वभाविक है कि वह जनता का प्रिय हो और प्रभावशाली व्यक्ति हो.
  2. वह मंत्रियों को चुनता है और इस प्रकार मंत्रिपरिषद का निर्माण करता है. वह मंत्रियों के बीच कार्यों का बँटवारा भी करता है. इस कार्य में उसे बहुत कुछ स्वतंत्रता रहती है. हाँ, उसे अपने दल के प्रभावशाली व्यक्तियों को चुनना पड़ता है. वह आवश्यकतानुसार किसी भी मंत्री को पदत्याग करने के लिए विवश कर सकता है. यदि उसके चाहने पर भी कोई मंत्री त्यागपत्र न दे, तो वह मंत्रिपरिषद को भंग कर नई मंत्रिपरिषद का निर्माण करता है. इसी कारण प्रधानमंत्री को मंत्रिपरिषद के जन्म, जीवन तथा मृत्यु – तीनों का केंद्रबिंदु कहा जाता है.
  3. वह मंत्रिपरिषद की बैठकों में सभापति का पद ग्रहण करता है. मंत्रिपरिषद के कार्यों, निर्णयों, नीति-निर्धारण इत्यादि में उसका सबसे अधिक हाथ रहता है.
  4. वह मंत्रिपरिषद का नेता है और सभी विभागों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने का उसे अधिकार है.
  5. वह विभिन्न विभागों के मतभेद को सुलझाता है और राष्ट्र की नीति निर्धारित करता है. इसका सबसे प्रमाण यह है कि उसके प्रधानमंत्रित्व में सरकार उसी की कहलाती है; मोदी सरकार, नेहरु सरकार, इंदिरा सरकार इत्यादि….
  6. PM मंत्रिपरिषद के निर्णयों की सूचना राष्ट्रपति को देता है. वह राष्ट्रपति, लोक सभा तथा मंत्रिपरिषद के बीच कड़ी का कार्य करता है. कोई अन्य मंत्री राष्ट्रपति को किसी बात की सूचना नहीं दे सकता और यदि देगा भी, तो उसकी सूचना प्रधानमंत्री को देगा.
  7. राज्य से बहुत-से ऊँचे पदाधिकारियों की नियुक्ति राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के परामर्श से ही करता है; जैसे राज्यपाल, राजदूत, संघीय लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्य आदि.
  8. नीति-सम्बन्धी अधिकांश बातों और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर सरकार की ओर से संसद में वही वक्तव्य देता है. इसी कारण, उसे सरकार का प्रमुख वक्ता कहा जाता है.
  9. चूँकि Prime Minister मंत्रिपरिषद का नेता है, अपनी टीम का कप्तान है, इसलिए समस्त देश के शासन के ऊपर उसका व्यापक अधकार रहता है. देश के आंतरिक एवं बाह्य नीतियों का निर्धारण वही करता है.
  10. संकट के समय PM का अधिकार और भी अधिक बढ़ जाता है; क्योंकि उसी के परामर्श से राष्ट्रपति अपने सारे संकटकालीन अधिकारों का प्रयोग करता है.
  11. PM की सिफारिश पर ही राष्ट्रपति लोक सभा को भी विघटित करके नए निर्वाचन की आज्ञा जारी कर सकता है. PM ने अपने इस अधिकार का प्रयोग पहली बार 1970 ई. में किया था. प्रधानमंत्री की सिफारिश पर ही लोक सभा विघटित की गई थी और नए निर्वाचन की व्यवस्था की गई थी. उसी तरह 22 अगस्त , 1979 को भी प्रधानमंत्री की सिफारिश पर लोक सभा विघटित कर नए चुनाव का आदेश जारी किया गया था.

प्रधानमंत्री और उसके सहयोगी

Prime Minister तथा उसके सहयोगी अन्य मंत्रियों के बीच के सम्बन्ध की चर्चा करने से प्रधानमंत्री की स्थिति और स्पष्ट हो जाती है. हम देख चुके हैं की प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का निर्माता होता है, उसे जीवन देता है और उसका अंत भी कर सकता है. वह मंत्रिपरिषद का अधिपति होता है, ऐसा कहा जा सकता है. यद्यपि संविधान के अनुसार PM और अन्य मंत्रियों के स्थान बराबर हैं, फिर भी उसे समानों में प्रथम (first among equals) कहा जाता है. प्रधानमंत्री को moon among the stars भी कहा जाता है. इंगलैंड के प्रधानमंत्री के सम्बन्ध में कहा जाता है कि वह सूर्य है जिसकी परिक्रमा मंत्रिपरिषद् के अन्य सदस्य करते हैं. वास्तव में, भारत के प्रधानमंत्री की भी यही स्थिति है.

इस प्रकार, हम देखते हैं कि Prime minister के कार्य और उसकी जिम्मेदारियाँ बहुत महत्त्वपूर्ण हैं. वह देश का वास्तविक शासक है और जब तक उसे संसद के बहुमत का विश्वास प्राप्त है तब तक उसकी शक्ति असीम है. इंगलैंड के प्रधानमंत्री के सम्बन्ध में कहा जाता है, “मंत्रिमंडल राज्यरूपी जहाज का निर्देशन चक्र है और प्रधानमंत्री उसका चालाक”. भारत के प्रधानमंत्री के सम्बन्ध में भी यही कहना चाहिए.

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67 Comments on “प्रधानमंत्री के कार्य और अधिकार : Prime Minister in Hindi”

  1. प्रधानमंत्री का पद देश का सर्वोच्च पद होता है। वह देश के नेता होते हैं और उन्हें उनके देश के सभी मामलों के लिए ज़िम्मेदारी होती है। प्रधानमंत्री उस देश के राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों को लेकर सभी फैसलों का विचार करते हैं और देश के समूचे विकास में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

    भारत में प्रधानमंत्री देश के सबसे ऊँचे पद होते हैं और उन्हें देश के सभी मामलों के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है। प्रधानमंत्री का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है और उन्हें उनके देश के समूचे विकास और सुधार के लिए काम करना पड़ता है। उन्हें देश के सभी विषयों पर नज़र रखना पड़ता है, जैसे कि विदेशी नीति, राजनीतिक नीति, आर्थिक नीति, शिक्षा नीति, स्वास्थ्य नीति और कई अन्य विषय।

    प्रधानमंत्री देश के समूचे विकास और सुधार के लिए कई योजनाओं की शुरुआत करते हैं।

  2. Thanks ma’am is notes se meri bahut help hui h mere project m but ….
    Mujhe 15 pages ka chahiye tha itna to 6 pages hi huee thanks aap aise hi new new chapter solve krwa dijiyega or bahut politely language tha

  3. Hi Sir/ Mem

    Kya Pradhan mantri apni power ka galat istemal kar sakta hai.
    Yadi wo aisa kar skata hai. To keise Uske liye use kya karna hoga.
    Taki wo is des me kuchh bhi sambhaw ko asambhaw or asambhaw ko sambhaw kar sake.
    Keise ….?????

    1. प्रश्न 1. प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक का जनता के प्रति क्या कार्य है. सब का बारी-बारी से एक-एक करके कार्य बताए.
      प्रश्न 2. लोकतंत्र(लोकसभा, विधानसभा और पंचायती राज) में जनता का क्या अधिकार है. इसमे भी अधिकार एक-एक करके बताए.

      1. Main Yeh kahena chahta hu ki pm ke jitne kariye hai unke name likhe I think pm ke kariye 100 hote hai lekin unke name nahi pta hai please mujeh btaye

        1. भारत में, राष्ट्रपति से विधायक तक, लोकसेवकों के दायित्व एवं जवाबदेही से संबंधित,अधिकृत दस्तावेज के संदर्भ भी बताने कष्ट करें ….

  4. Hi sir, need for your help, mujhe aap se honourable president of India ka Vitoo power ke bare mai Jankari chahiye.

  5. “Sir,. aapko palastik chijo par Jada dhyan Dena cuahiye because o hamare vatavaran k liye buhut jyada nuksan dayak hai because sabhi kamoani ko palasti chijo ko upayog ke bad vapas Lena chahiye esse hamara vatavaran me thodi si sudar aayega”
    🙏🙏

  6. सभी देशों की राजधानी और मुद्रा नाम सहित

  7. mam main indian army bharti ho gaya tha mera sab ho gaya tha,jaise ki me dical,written exam,sab me pass ho gaya tha,lekin muje phirse bhrati se nikala gaya qi mam.main bhahot hi garib ladaka hoon mam,aap kahti hai ki bharat ke pantpradhan bhahot hi shaktishali hai to unse kaho ki mam hame nyay dene ke liye hamare samne aise kahi sare ladke paise lekar bharti kiye gaye to hamare sath na insaf kiq mam iska uttar jarur dijiye mam, maine bahot mehnat karke bharti huva tha, mam riplay zarur dijiye ga aapko ek garib ki duva lagegi ye mera sandesh pilge mam pradhanmantri ya rashatra pati ko de thank you mam

  8. mam main indian army bharti ho gaya tha mera sab ho gaya tha,jaise ki me dical,written exam,sab me pass ho gaya tha,lekin muje phirse bhrati se nikala gaya qi mam.main bhahot hi garib ladaka hoon mam,aap kahti hai ki bharat ke pantpradhan bhahot hi shaktishali hai to unse kaho ki mam hame nyay dene ke liye hamare samne aise kahi sare ladke paise lekar bharti kiye gaye to hamare sath na insaf kiq mam iska uttar jarur dijiye mam, maine bahot mehnat karke bharti huva tha, mam riplay zarur dijiye ga aapko ek garib ki duva lagegi ye mera sandesh pilge mam pradhanmantri ya rashatra pati ko de thank you mam

  9. मैं प्रधानमंत्री पद की आलोचनात्मक की व्याख्या कीजिए

  10. mam mujhe ye pata karna hai ki agar kisi bhi rajya ke mantrimandal ke sabhi sadasy ke 5 year-pahle ki income aur 2016 ka vivaran prapt karna hoga to vah kaise prapt kar sakta hu.. please help

  11. Mam
    जिला आयोजना समिति का गठन,कार्य आदि के बारे में अगर जानकारी उपलब्ध करवा सकें….

  12. राज्यसभा से प्रधानमंत्री चुना जाता तो वह कौनसा दल का नेता और किस पाट्रीसे बहुमत प्राप्त करता है ।मम बताने की कृपा करे

  13. मम नमस्ते मुझे ऑडिटर जनरल सचिव महा अधिवक्ता लोक संघ सेवा के अध्यक्ष मुख्या न्याय धीश के कार्य के बारे में जानकारी चाहिए था इन सब के बारे कुछ पोस्ट में बताये।।

    1. जल्द ही हम इसके विषय में आपको सूचित करेंगे.

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