मंगल ग्रह हमारे सौरमंडल का चौथा ग्रह है. अपने इस पड़ोसी ग्रह के विषय में हम बहुत कुछ पहले से जान चुके हैं और बहुत कुछ अभी भी जानना चाहते हैं. इसी लक्ष्य के साथ NASA मंगल ग्रह पर एक रोबोट (mars rover) भेज रहा है जो मंगल की खुदाई करके मंगल के तापमान और सतह से जुड़ी विभिन्न जानकारियाँ इकठ्ठा करेगा. आज के इस Sansar Editorial में हम नासा के इसी मंगल अभियान (InSight Mars Lander Rover Mission) के विषय में चर्चा करेंगे और साथ-साथ यह जानने कि कोशिश भी करेंगे कि NASA के इस अभियान से हमें क्या हासिल हो सकता है? InSight का full-form है >> Interior Exploration using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport.
मंगल ग्रह
सूर्य की परिक्रमा करता लाल ग्रह मंगल पृथ्वी से नंगी आँखों से यदि देखा जाए तो तारों की समूह में एक गुस्से वाले लाल तारे के रूप में वह नजर आता है. यह अक्सर अपनी सहेली पृथ्वी के साथ लुका-छुप्पी का खेल खेलता है. पृथ्वी को लुभाने के लिए यह अपनी कक्षा में घूमते-घूमते पृथ्वी के इतने पास आ जाता है कि पृथ्वी और मंगल के बीच मात्र 5.40 करोड़ कि.मी. की दूरी होती है लेकिन इसी अंडाकार कक्षा में यह घूमते-घूमते पृथ्वी से 40.1 करोड़ कि.मी की दूरी भी बना लेता है. यानी पृथ्वी से इसकी औसत दूरी 25.5 कि.मी. है.
मंगल में इंसान की दिलचस्पी उतनी ही पुरानी है जितना इंसानी सभ्यता का इतिहास. आसमान के तारों के बीच बैठा मंगल जब पृथ्वी से मिलने आता है तो पृथ्वी के इंसान इस ग्रह को लेकर तरह-तरह की कहानियाँ रचने से नहीं थकते.
- हमारे सौर मंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत “ओलम्पस मोंस” मंगल पर ही है.
- सौरमंडल की सबसे बड़ी घाटी “वैलस मैरीनेरिस” इसी ग्रह पर है.
- मंगल का मौसम-चक्र लगभग पृथ्वी जैसा ही है.
- हालाँकि सूर्य से दूरी की वजह से दोनों के तापमान में काफी अंतर है. मंगल एक ठंडा ग्रह है. औसतन इसका तामपान -60 degree सेल्सियस होता है. ठण्ड के मौसम में तापमान घटकर -125 degree सेल्सियस हो जाता है.
मिशन के लिए मंगल ग्रह ही क्यों?
सौर मंडल के अन्य ग्रहों की तुलना में मंगल न तो बहुत बड़ा है और न ही बहुत छोटा ही है. इसका अर्थ यह हुआ कि मंगल में उसके निर्माण का रिकॉर्ड सुरक्षित है जिससे यह पता लग सकता है कि हमारे ग्रह कैसे बने हैं. सच पूछा जाए तो मंगल ग्रह एक ऐसी उपयुक्त प्रयोगशाला है जिसमें चट्टानी उपग्रहों के निर्माण और विकास का अध्ययन किया जा सकता है. वैज्ञानिकों को पता है कि इस ग्रह में भूवैज्ञानिक गतिविधियाँ उतनी प्रबल नहीं है परन्तु InSight जैसे अन्तरिक्षयान इस सम्बन्ध में अधिक सटीक ज्ञान दे सकेंगे.
टेलिस्कोप
- 15वीं शताब्दी से ही हमने टेलिस्कोप बनाने की कोशिशें शुरू कर दी थीं.
- 1608 ई. में हैंस लिपरशे ने एक टेलिस्कोप का design तैयार किया.
- 1609 ई. में गैलीलियो ने टेलिस्कोप बनाया और तब पहली बार खगोलीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ.
- 1611 ई. में जोहानस कैपलर के टेलिस्कोप ने ग्रह और तारों को हमारे और करीब ला दिया.
मिशन मंगल
- लेकिन इंसान ने मंगल से निजी सम्पर्क साधने की पहली कोशिश 10 अक्टूबर, 1960 को की जब रूस ने मिशन 1M-1 की शुरुआत की.
- पर यह मिशन नाकामयाब रहा. लेकिन इंसान ने हार नहीं मानी.
- 19 मई, 1971 को रूस का Mars 2 मिशन शुरू हुआ. यह मिशन तकरीबन कामयाब रहा.
नासा का InSight Mars Lander मिशन
नासा इस अभियान में एक रोबोटिक geologist भेज रहा है जो मंगल की खुदाई करके मंगल के तामपान को जानने की कोशिश करेगा. इस मिशन का मुख्य काम मंगल ग्रह की गहरी संरचना के विषय में जानकारी इकठ्ठा करना है. मंगल के सतह, वायुमंडल, आयनमंडल के बारे में वैज्ञानिक पहले से ही जान चुके हैं पर मंगल की सतह के नीचे क्या है, यह अभी भी जानना बाकी रह गया है.
क्या है तकनीक?
- इस मार्स लैंडर में एक सिस्मोमीटर लगा है जो भूकम्प की तीव्रता की जाँच करेगा.
- इसमें एक हीट फ्लो लगा है जो मंगल के सतह से 5 मीटर/16 ft. तक अन्दर जाकर तापमान जानने की कोशिश करेगा.
- इस अन्तरिक्ष यान में एक रेडियो विज्ञान यंत्र भी लगा हुआ है जो मंगल ग्रह की संरचना और बदलावों की जाँच करेगा.
- इस लैंडर में एक थर्मल शील्ड भी लगा है जिसका कार्य पर्यावरण से सिस्मोमीटर को बचाना है.
क्या-क्या खोज करेगा?
- यह Insight Mars Lander मंगल ग्रह की चट्टानों और इसका निर्माण कैसे हुआ, यह पता लगाएगा.
- मंगल के rotation track और core के बारे में जानकारी जुटाएगा.
InSight Mars Lander Quick Facts
- इसकी लागत 82.88 करोड़ डॉलर है.
- इसकी भार 360 kg. है.
- NASA पहली बार InSight को अमेरिका के पश्चिमी तट से प्रक्षेपित कर रहा है. इससे पहले NASA के ज्यादातर मिशन अमेरिका के पूर्वी तट में स्थित फ्लोरिडा के Kennedy Space Center से छोड़े जाते हैं.
NASA के पहले के Mars Mission
मरीनर 3 and 4
मरीनर 3 प्रक्षेपण की तिथि: Nov. 5, 1964
मरीनर 4 प्रक्षेपण की तिथि: Nov. 28, 1964
मरीनर 6 and 7
मरीनर 6 प्रक्षेपण की तिथि: Feb. 24, 1969
मरीनर 7 प्रक्षेपण की तिथि: Mar. 27, 1969
मरीनर 8 and 9
मरीनर 8 प्रक्षेपण की तिथि: May 8, 1971
मरीनर 9 प्रक्षेपण की तिथि: May 30, 1971
Viking (विकिंग)
Viking (विकिंग) 1 प्रक्षेपण की तिथि: Aug. 20, 1975
Viking (विकिंग) 2 प्रक्षेपण की तिथि: Sept. 9, 1975
मार्स आब्जर्वर
प्रक्षेपण की तिथि: Sept. 25, 1992
मार्स पाथ-फाइंडर
प्रक्षेपण की तिथि: Dec. 4, 1996
मार्स क्लाइमेट ऑर्बिटर
प्रक्षेपण की तिथि: Dec. 11, 1998
मार्स पोलर लैंडर/डीप स्पेस 2
प्रक्षेपण की तिथि: Jan. 3, 1999
मार्स ग्लोबल सर्वेयर
प्रक्षेपण की तिथि: Nov. 7, 1996
Phoenix
प्रक्षेपण की तिथि: Aug. 4, 2007
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6 Comments on “[Sansar Editorial] NASA का InSight Mars Lander Mission”
Thank you
Dhanyvad mem
Mam, thanks so much to provide info in Hindi about land rover mission.
Aapke articles bahut kam aate hain. Pls write frequently
Thank you mam for this wonderful info about InSight Mars Lander Rover Mission….keep writing such articles.
Sure. I usually write Science – Tech articles. You can find all my articles here >> Science Tech articles in Hindi
Thank you mam