LiDAR क्या है और यह कैसे काम करता है?

Sansar LochanScience Tech

आजकल पुरातत्त्ववेत्ता अपने शोध के लिए LiDAR डाटा का प्रयोग कर रहे हैं. इस डाटा से वे लेजर प्रकाश का प्रयोग कर के उत्तम रेजोल्यूशन वाले मानचित्र तैयार करते हैं. आइये जानते हैं कि यह क्या है और कैसे काम करता है?

lidar how it works

LiDAR क्या है?

  • LiDAR का पूरा नाम है – Light Detection and Ranging.
  • LiDAR दूर से पृथ्वी पर स्थित विभिन्न वस्तुओं की दूरी को नापने की एक प्रणाली है जिसमें प्रकाश का प्रयोग पल्स वाले लेजर के रूप में किया जाता है.
  • वायु में स्थापित प्रणाली से प्राप्त डाटा के साथ काम करते हुए प्रकाश के ये पल्स पृथ्वी के आकार और उसकी सतह की विशेषताओं के बारे में सटीक त्रि-आयामी सूचना को जन्म देते हैं.

यह कैसे काम करता है?

  • LiDAR उपकरण में एक लेजर, एक स्कैनर और एक विशेष GPS रिसीवर होता है.
  • लम्बे-चौड़े क्षेत्रों के ऊपर लिडार डाटा प्राप्त करने के लिए अधिकतर हवाई जहाज़ों और हेलिकॉप्टरों का प्रयोग होता है.
  • लिडार का सिद्धांत सरल है. यह पृथ्वी की सतह पर स्थित किसी वस्तु पर लेजर प्रकाश फेंकता है और प्रकाश के लौटने के समय का आकलन करता है और इस प्रकार उस वस्तु की दूरी का पता लगा लेता है क्योंकि प्रकाश की गति 186,000 मील प्रति सेकंड होती है. इसलिए किसी वस्तु की सटीक दूरी का पता अविश्वसनीय रूप से तेजी से हो जाता है.

LiDAR के साथ समस्याएँ

  • लिडार कुहासे, बरसात, हिमपात और धूली भरे मौसम में ठीक से काम नहीं कर सकता है.
  • इसके जरिये शीशे की दीवार या दरवाजे का पता लगाना थोड़ा कठिन होता है. इसलिए स्मार्ट फ़ोन और अपने-आप से चलने वाली कारों के निर्माता LiDAR का प्रयोग तो अवश्य करते हैं परन्तु साथ ही कुछ कैमरे और सेंसर का भी उपयोग करते हैं.
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