[Sansar Surgery Part 14, 2018] Left Topics of Sansar DCA

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कई बार ऐसा होता है कि हमारी लाख मेहनत के बावजूद करंट अफेयर्स का कोई न कोई टॉपिक छूट ही जाता है. यह सिर्फ हमारे साथ ही नहीं, बड़ी-बड़ी कोचिंग संस्थाओं के साथ भी होता है. हम तो खैर छोटे लोग हैं और वैसे भी मानव की प्रकृति है कि कुछ भी परफेक्ट नहीं हो सकता.

खैर, जब हमने फिर से The Hindu और अन्य अखबारों पर अपनी पैनी नज़र दौड़ाई तो देखा कि कुछ important current affairs को हमने Sansar DCA में cover नहीं किया है या कभी-कभी हम उन टॉपिक को इसमें उठाते हैं जो Revision के लिए उपयुक्त हैं.[no_toc]

फिर हमने सोचा जो लोग UPSC Prelims 2019 को टारगेट कर रहे हैं और संसार लोचन टीम पर आँख मूँद कर भरोसा कर रहे हैं, हमारी यह भूल उनके लिए नाइंसाफी होगी. इसलिए हमने Sansar DCA से हटकर “Sansar Surgery Series” शुरू की है जिसमें वर्ष 2018 और आगामी वर्ष 2019 के वही टॉपिक शामिल होंगे जो हमारे द्वारा भूल से Sansar DCA में कवर नहीं किये गए हों. यह Sansar Surgery Series का पार्ट 14 है.

Sansar Surgery Part 14, 2018

सफेद मक्खी (Whitefly)

सफेद मक्खी (Whitefly) जिसे स्थानीय स्तर पर “चिट्टी मक्खी” कहा जाता है, इन्होंने पंजाब में कपास की कई एकड़ फसलों को बर्बाद कर दिया है. वैज्ञानिकों ने इनके व्यवहार का बहुत विस्तार से अध्ययन किया और अंततः इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सफेद मक्खी(Whitefly) आमतौर पर कपास के पौधे के फ्लाएम (Phloem) या जीवित ऊतक से पौधों के रस को चूसती हैं जो पत्तियों में बने भोजन (प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा) को स्थानांतरित करता है. ये कीट लीफ कर्ल वायरस के भी वाहक होते हैं और आमतौर पर कपास के पौधे की प्रौढ़ पत्तियों को लक्षित नहीं करते.

सियांग नदी

चीन से अधिक पानी के छोड़े जाने के कारण, सियांग नदी समाचारों में है. ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में अंगसी ग्लेशियर से निकलती है जहां इसे यारलुंग त्संगपो कहा जाता है. यारलुंग त्संगपो, नमचा बरवा से वापस मुड़कर भारत में प्रवेश करती है, जहाँ इसे दिहांग या सियांग नदी (अरुणाचल प्रदेश) कहा जाता है. जब असम में दीबांग और लोहित नदी, सियांग नदी से मिलती है तो इसे ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है.

कॉर्बेट नेशनल पार्क

हाल ही में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से पूछा है कि शिकारियों से और मारे जाने से बचाने के साथ ही बाघों की संख्या को संरक्षित करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा सकते हैं.

रामगंगा नदी के इससे होते हुए बहने की वजह से, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को पहले “रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान” कहा जाता था. यह उत्तराखंड में स्थित भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है और बाघ परियोजना को केवल इसी राष्ट्रीय उद्यान में लॉन्च किया गया. वहीं दूसरी ओर एनटीसीए (National Tiger Conservation Authority (NTCA), एक वैधानिक निकाय है जिसका नेतृत्व पर्यावरण मंत्री करते हैं.

प्रारंभिक परीक्षा के ;लिए यह टॉपिक इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

इससे पहले, हमने बांदीपुर टाइगर रिजर्व को 3 टॉपिकों के माध्यम से बहुत विस्तार से कवर किया है. अतः इनकी उपयोगिता को देखते हुए हमारा प्रयास समाचारों में रहने वाले संस्थानों और राष्ट्रीय उद्यानों को विस्तृत रूप में कवर करना है.

शेल गैस

शेल गैस, कठोर तलछट चट्टान में पाई जाती है जो छिद्रपूर्ण नहीं होती. शेल गैस प्राप्त करने के लिए, चट्टान को तोड़ने की प्रक्रिया को “फ्रेकिंग” कहा जाता है. इस फ्रेकिंग प्रक्रिया के लिए पानी + रसायन + ग्वार गम + रेत आदि की आवश्यकता होती है और इनके मिश्रण को “शेल फ्लूइड”(Shale Fluid) कहा जाता है. शेल गैस निकालने में सबसे बढ़ी समस्या पानी की अत्याधिक बर्बादी है, क्योंकि इसमें बहुत सारे पानी की आवश्यकता होती है और वह दूषित पानी हमारे जलवाही स्तर (aquifers) को भी प्रदूषित कर सकता है.

प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह टॉपिक इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

कुछ समय पहले, ओपेक देशों ने शैल गैस की बिक्री को अप्रतिस्पर्धी बनाने के लिए जानबूझकर कच्चे तेल की कीमतों को यह सोचकर कम किया (क्योंकि इसमें भारी निवेश की आवश्यकता थी) कि शेल गैस बाजार के खत्म हो जाने के बाद, शेल गैस पर फिर से उनका एकाधिकार होगा. लेकिन, ईरान के असहयोग के कारण इस कदम से बहुत कम प्रभाव पड़ा. इसलिए, हम छात्रों को इस बिंदु के बारे में भी अवगत करना चाहते हैं, जिसका उपयोग कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से सम्बंधित टॉपिक को  मुख्य परीक्षा के उत्तर के रूप में लिया जा सकता है.

वोस्टोक 2018

रूस केंद्रीय और पूर्वी सैन्य जिलों में इस सैन्य अभ्यास का संचालन करेगा. यह सोवियत संघ द्वारा आयोजित “जापद -81” के बाद, रूस द्वारा आयोजित आज तक का सबसे बड़ा वॉर गेम होगा. यह रूस, चीन और मंगोलिया द्वारा आयोजित किया जाएगा.

भारतीय विधि आयोग

हाल ही में, भारतीय विधि आयोग ने सरकार को राजद्रोह के कानून को हटाने की सिफारिश की है. भारतीय विधि आयोग न तो संवैधानिक निकाय है और न ही वैधानिक निकाय है. यह केंद्र सरकार के आदेश द्वारा स्थापित एक अनौपचारिक और सलाहकार निकाय है. यह पूर्ण रूप से सरकार के विवेकाधिकार में है कि आयोग का नेतृत्व कौन करेगा. परंपरा के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश ही आयोग का नेतृत्व करते हैं. इसकी सिफारिशें केवल सलाहकारी प्रकृति की होती हैं और यह सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होती. राज्य सरकारें भी अपने स्वयं के विधि आयोग बना सकती हैं.

प्रवाह

“प्रवाह” नामक एक ई-लर्निंग प्लेटफार्म को 14 सितंबर, 2018 को हिंदी दिवस के मौके पर लॉन्च किया जाएगा. इसका उपयोग करते हुए, कोई भी इस ई-लर्निंग प्लेटफार्म की सहायता से अपनी मातृभाषा के माध्यम से हिंदी सीख सकता है.

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी)

हाल ही में, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) से संबंधित डेटा जारी किया गया है. आईआईपी को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमएसएसपीआई) के तहत सीएसओ द्वारा मासिक रूप से जारी किया जाता है. आईआईपी का आधार वर्ष 2004-05 से बदलकर 2011-12 हो गया है. 2004-05 में आठ प्रमुख उद्योगों का भारांश 37.9% था, जो की आधार वर्ष 2011-12 में बढ़कर 40.27% हो गया. इससे पहले, पिछले डेटा के अनुसार, अधिकतम भारांश बिजली का था, लेकिन अब 28.04% का अधिकतम भारांश रिफाइनरी पर नियत किया गया है.

ICEsat-2

ICEsat-2 पृथ्वी के ध्रुवीय बर्फ की ऊंचाइयों में परिवर्तन का माप करेगा. ICEsat-2 में एक उपकरण होगा जिसे एडवांस्ड टॉपोग्राफिक लेजर अल्टीमीटर सिस्टम (एटीएलएएस) कहा जाता है. यह पूरी प्रणाली लेजर बीम्स रीबाउंड तकनीक के सिद्धांत पर काम करेगी और ICEsat-2 पृथ्वी से 500 किमी की ऊंचाई पर होगा.

नेशनल ट्रस्ट सेंटर (एनटीसी)

हाल ही में, नेशनल ट्रस्ट सेंटर (एनटीसी) के निर्माण को ट्राई (TRAI) द्वारा अनुमोदित किया गया है. एनटीसी को ट्राई द्वारा अनुमोदित किया गया है. इसके सदस्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, केंद्रीय विद्युत विनियमन प्राधिकरण इत्यादि से होंगे. मशीनों के बीच स्वचालित तंत्र की सहायता से सूचना का आदान – प्रदान मशीन से मशीन के संचार के रूपों में शामिल हैं. यह कई उद्योगों और क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है इसलिए इसका विनियमन समय की आवश्यकता थी.

धारा 124 (A)

सैयद अहमद बरेलवी के नेतृत्व में पटना के आसपास केंद्रित 19वीं शताब्दी के कट्टरपंथी वहाबी आंदोलन से निपटने के लिए 1870 में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा धारा 124 (A) की शुरुआत की गई. 1922 में, जब गांधीजी को यंग इंडिया पत्रिका में लिखे उनके लेखों के कारण अदालत में पेश किया गया तो गांधीजी ने कड़े शब्दों में अदालत में राजद्रोह के खिलाफ कानून की निंदा की. गांधीजी ने “धारा 124 (A) की आलोचना करते हुए इसे भारतीयों का दमन करने के लिए बनाई गई धारा कहा था, जो कि भारतीयों की स्वतंत्रता को दबाने के लिए तैयार की गई थी. “केदारनाथ सिंह बनाम बिहार राज्य केस” में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से परिभाषित किया कि ‘हिंसा भड़काने’ के मामले में आईपीसी की धारा 124 (A) को लागू कर तभी दंडित किया जा सकता है, जब उसकी वजह से किसी तरह की हिंसा, असंतोष या फिर सामाजिक असंतुष्टिकरण बढ़े.

मार्जिनल कॉस्ट अॉफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर)

MCLR प्रणाली ने अप्रैल 2016 से आधार दर प्रणाली को बदल दिया है. आधार दर वह दर है जिसके नीचे बैंक किसी को भी उधार नहीं दे सकता. इस प्रणाली को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य प्रभावी मौद्रिक संचरण था, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा रेपो दर को कम करने के बाद भी बैंक अपनी उधार दर को कम नहीं कर रहे थे, इसलिए यह RBI के उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पा रहा था. इस एमसीएलआर प्रणाली में अंतः स्थापित रेपो दर है. इसलिए, यदि रेपो दर कम हो जाती है, तो बैंकों को अपनी उधार दर को कम करना ही होगा.

प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह टॉपिक इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

इस टॉपिक को चुनने का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आरबीआई द्वारा प्रभावी मौद्रिक संचरण के लिए किये जा रहे प्रयासों और अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार से अवगत कराना है.

‘‘संगई हिरण’’ या ‘‘नृत्य हिरण’’

वन अधिकारी ‘‘संगई हिरण’’ या ‘‘नृत्य हिरण’’ के लिए दूसरा घर बनाने पर विचार रहे हैं. संगई हिरण मणिपुर का राजकीय पशु है और आईयूसीएन के अनुसार ‘लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध है. यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 में भी है. लोकताक झील में घनी जलीय घास के बडे़-बडे़ हिस्से तैरते रहते हैं जिन्हें फुमडी के नाम से जाना जाता है और केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान दुनिया का एकमात्र फ्लोटिंग राष्ट्रीय उद्यान है. लोकताक झील ताजे पानी की झील है और पूर्वोत्तर भारत में सबसे बड़ी है.

चोलानाइकन जनजाति

चोलानाइकन भारत का एक जनजातीय समूह है. वे मुख्य रूप से दक्षिणी केरल, विशेष रूप से साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान के आसपास पाए जाते हैं और इस क्षेत्र के बचे हुए अंतिम शिकारी जनजातीय समूहों में से एक हैं. चोलानाइकन लोग चोलानाइकन भाषा में वार्तालाप करते हैं जो कि द्रविड़ घराने से सम्बंधित है.

द्वीप विकास एजेंसी (आईडीए)

हाल ही में, ‘‘नीति आयोग’’ के सहयोग से द्वीप विकास एजेंसी (आईडीए) ने लक्षद्वीप के साथ अंडमान और निकोबार के द्वीपों का विकास करने का फैसला किया है. आईडीए की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री करते हैं और कैबिनेट सचिव इसके सदस्यों में से एक हैं. नीति आयोग के सहयोग से आईडीए ने लक्षद्वीप के साथ अंडमान और निकोबार के द्वीपों को विकसित करने की योजना बनाई है, क्योंकि इसमें स्थानीय लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता है. अंडमान और निकोबार द्वीप पूर्वांचल रेंज का विस्तार है जिसे म्यांमार में अराकान योमा कहा जाता है.

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