Sansar डेली करंट अफेयर्स, 24 April 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 24 April 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation. Land reforms in India.

Topic : SWAMITVA scheme

संदर्भ

हाल ही में,स्वामित्व योजना’ (SWAMITVA scheme) का विस्तार सभी राज्यों में कर दिया गया है. इससे पूर्व, इसे मात्र 9 राज्यों में प्रारम्भ किया गया था.

स्वामित्व योजना क्या है?

यह प्रधानमंत्री मोदी की डिजिटल इंडिया योजना का ही हिस्सा है. राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल, 2020 को इसे अनावृत किया गया था. पंचायती राज मंत्रालय की इस योजना का पूरा नाम सर्वेक्षण ऑफ़ विजिलेंस एंड मैपिंग विद इम्पोवरिश्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरिया’ है. इसके अंतर्गत ड्रोन के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि व हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्शा तैयार करना है.

वैसे, अब सबकी निगाहें इस योजना के क्रियान्वयन पर रहेंगी, क्योंकि अच्छी योजनाएँ तो पहले भी बहुत -सी बनती रही हैं, परन्तु उन पर ठीक से अमल नहीं हो पाने से वे लालफीताशाही के चंगुल में फँसती रही हैं.

आधार कार्ड में लोगों के नाम, जन्म तिथि, फोटो आदि गलत लगने की ढेरों शिकायतें आती रही हैं. इससे बिना कारण लोग परेशान होते हैं. कहीं भू-रिकॉर्ड में गलत जानकारी दर्ज हो गई तो यह योजना गाँवों के लोगों की कठिनाइयाँ और विवाद बढ़ा देगी. इसलिए सरकारी तंत्र को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह योजना पारदर्शी हो और लोगों को परेशानी न उठानी पड़े. इससे इस योजना की लोगों में विश्वसनीयता बढ़ेगी और इसकी सफलता भी सुनिश्चित होगी.

सरकार का कहना है कि लोग इस कार्ड का उपयोग बैंकों से कर्ज लेने के अलावा अन्य कार्यों में भी कर सकते हैं. इससे गाँवों में भूमि विवाद भी खत्म हो जाएँगे. भूमि के सत्यापन की प्रक्रिया में तीव्रता आएगी व भ्रष्टाचार को रोकने में सहयोग मिलेगा. सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि व प्रॉपर्टी का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने की योजना को सकारात्मक पहल कहा जा सकता है.

लाभ

  • गाँवों तथा ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशों को आधार प्रदान करने में सहायता प्राप्त होगी.
  • संपत्ति कर के जरिये ग्राम पंचायतों की आमदनी के एक स्थायी स्रोत तथा स्थानीय व्यवस्था के लिये अतिरिक्त संसाधनों का प्रबंध किया जाएगा.
  • एकीकृत संपत्ति सत्यापन व्यवस्था के जरिये संपत्ति सम्बन्धी विवाद को निपटाने में सहायता मिलेगी.
  • प्राप्त आधिकारिक प्रमाण पत्र के जरिये संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति पर बैंक ऋण तथा संपत्ति से जुड़ी अन्य योजनाओं का फायदा उठा सकेगें.
  • वर्तमान ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि पर निर्मित मकानों तथा जोत के वास्तविक आकार के संदर्भ में उपलब्ध आँकड़ों में स्पष्टता की बहुत कमी है, इस योजना के माध्यम से कृषि जोत के आकार से जुड़े आँकड़ों को दृढ़ बनाने में सहयोग मिलेगा.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

चुनौतियाँ

  • संपत्ति से जुड़े प्रमाणिक दस्तावेज़ों का अभाव: इस योजना को लागू करने का एक मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों से जुड़े आँकड़ों में सुधार लाना है मगर वर्तमान में ऐसे आकड़ों के अभाव में इस योजना के क्रियान्यवयन के समय अनेक विवादों का सामना करना पड़ सकता है.      
  • संयुक्त परिवारों में संपत्ति का बँटवारा: अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक परिवारों में संपत्ति का विभाजन बहुत ही जटिल होता है, इसलिए ऐसी संपत्तियों के मामलों में आधिकारिक पत्र निर्गत करना एक चुनौती होगी. 
  • स्वामित्त्व पंजीकरण: केंद्र सरकार ने अभी तक इस योजना के अंतर्गत आधिकारिक प्रमाण पत्र में संपत्ति के पंजीकरण से सम्बंधित बहुत अधिक जानकारी नहीं दी है, जैसे- स्वामित्त्व पंजीकरण की प्रकृति क्या होगी (उदाहरण- खेती, शहरी मकान का पंजीकरण आदि). साथ ही इस योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की भूमिका अतीव महत्त्वपूर्ण होगी, क्योंकि भूमि’ राज्य का विषय है.  
  • ऋण मिलने की प्रक्रिया: केंद्र सरकार के अनुसार, स्वामित्व योजना का एक प्रमुख ध्येय संपत्ति के मालिकों को सरलता से ऋण प्राप्त करने का एक माध्यम प्रदान करना है परंतु सरकार द्वारा ऋण की दरों या ऋण के प्रकार (जैसे-कृषि ऋण की दर, शहरी क्षेत्रों में मकानों के लिये निर्धारित ऋण दर आदि) के विषय में अधिक जानकारी नहीं दी गई है. 
  • इंटरनेट: वर्तमान समय प्रतिस्पर्द्धा और विकास के इस दौर में इंटरनेट की भूमिका बहुत ही आवश्यक हो गई है मगर आज भी देश के बहुत से ग्रामीण क्षेत्र अच्छे मोबाईल नेटवर्क और तीव्र गति की इंटरनेट की पहुँच से बाहर हैं, ऐसे में सुदूर क्षेत्रों में इस योजना के अंतर्गत आँकड़ों को ऑनलाइन अपलोड करने और उनकी जाँच करने में समस्याएँ आ सकती हैं.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Australia cancels two infra deals with China on national interest grounds

संदर्भ

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने चीन के साथ उसके महत्त्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना से जुड़े दो समझौतों को रद्द कर दिया है.

मुख्य तथ्य

  • चीन की नीतियों और एकाधिकारवादी मानसिकता से बहुत से देश लंबे समय से क्षुब्ध हैं. चीन का अन्तर्राष्ट्रीय नियमों व प्रतिमानों का पालन न करना कई देशों को सहन नहीं हो रहा है. इसी क्रम में हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने चीन के साथ उसके महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना से जुड़े दो समझौतों को रद्द कर दिया है.
  • ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत ने 2018 और 2019 में चीन के साथ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के तहत ये दो समझौते किए थे. ज्ञातव्य है कि गत वर्ष दिसंबर (2020) में ऑस्ट्रेलिया की संघीय सरकार को यह वीटो पावर (निषेधाधिकार शक्ति ) दी गई थी कि वह किसी प्रांत या विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए निणर्य को निरस्त कर सकती है .
  • ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने चीन के साथ किए गए इन समझौते को अब अपनी विदेश नीति और विदेशी संबंधों के प्रतिकूल माना है.
  • चीन के दूतावास ने इसे ‘चीन के विरुद्ध ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का उठाया गया एक और अनुचित और उत्तेजक क़दम’ बताया है. चीन ने आस्ट्रेलिया को साफ किया है कि इस कदम से दोनों के आपसी संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा .
  • इससे पहले भी दोनों देशों के संबंध प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते रहे हैं. 2018 में ऑस्ट्रेलिया ने चीन की टेक कंपनी ख़्वावे पर 5जी नेटवर्क के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. उस समय भी चीन ऑस्टेलिया के इस निर्णय से बहुत नाराज हुआ था. ऐसा प्रतिबंध लगाने वाला ऑस्ट्रेलिया पहला देश था.
  • ऑस्ट्रेलिया ने पिछ्ले वर्ष भारत सहित 100 से अधिक देशों के साथ एकजुट होकर विश्व समुदाय से कोरोना वायरस महामारी के लिए चीन की स्वतंत्र रूप से जांच करने को कहा था. इससे भी दोनों देशों के संबंध नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए थे.

बेल्ट एंड रोड परियोजना क्या है?

  • बेल्ट एंड रोड परियोजना की घोषणा चीन द्वारा 2013 में हुई थी. BRI पहल एक ऐसी पहल है जिसमें स्थल और समुद्र दोनों में सिल्क रोड की पट्टियाँ होंगी. इसका उद्देश्य पूर्वी एशिया के आर्थिक क्षेत्र को यूरोप के आर्थिक क्षेत्र से जोड़ना बताया जाता है अर्थात् इसका ध्येय दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है.
  • इस प्रकार इस परियोजना के अन्दर एशिया, यूरोप और अफ्रीका तीन महाद्वीप आते हैं. यदि यह परियोजना लागू होती है तो इसके अन्दर सकल वैश्विक जनसंख्या का 65% और विश्व की GDP का 60% आ जायेगा. साथ ही इसमें अभिकल्पित 6 आर्थिक गलियारों में 70 देश समाहित हो जाएँगे.
  • चीन देश यूरोप, पश्चिम एशिया, पूर्व अफ्रीका एवं स्वयं चीन को स्थलीय और सामुद्रिक व्यापार सम्पर्कों को फिर से जीवित करने और नये ढंग से रचने के लिए लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर रहा है. इसके अंदर ऐसे आधुनिक बंदरगाह बनाए जा रहे हैं जो तीव्र गति वाली सड़कों और रेल गलियारों से जुड़ जाएँगे.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Related to Space.

Topic : Crew-2 mission

संदर्भ

हाल ही में, एक वाणिज्यिक चालकदल कार्यक्रम‘ (Commercial Crew Programme- CCP) के अंतर्गत नासा और स्पेसएक्स के बिच सहयोग के अंतर्गत चार अंतरिक्ष यात्रियों को, फ्लोरिडा से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए भेजा गया है.

इस मिशन को ‘क्रू -2 मिशन’ (Crew-2 mission) का नाम दिया गया है और यह ‘स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन’ (SpaceX Crew Dragon) का ‘चालक दल’ ले जाने हेतु दूसरी उड़ान (crew rotation) है. इस उड़ान में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों को शामिल किया गया है.

पृष्ठभूमि

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए पहला परिचालन, नवंबर, 2020 में नासा का स्पेसएक्स क्रू -1 मिशन ISS में सफलतापूर्वक भेजा गया था. क्रू -1 मिशन के सदस्य, अपने छह महीने के अंतरिक्ष प्रवास के दौरान, खाद्य शरीर क्रिया विज्ञान का अध्ययन कर रहे हैं और इस विषय पर पृथ्वी पर वैज्ञानिकों के लिए डाटा भेज रहे हैं कि कैसे आहार परिवर्तन अंतरिक्ष में क्रू सदस्यों के शरीर को प्रभावित करते हैं?

इस मिशन के सदस्य सूक्ष्म-गुरुत्व (microgravity) का अध्ययन, आहार संबंधी सुधारों का शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्य-पद्धति तथा आँतों के माइक्रोबायोम पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए ‘खाद्य शरीर क्रियाविज्ञान’ (food physiology) पर शोध कार्य करेंगे, इसके साथ ही, ये सदस्य, यह भी पता लगायेंगे कि आहार संबंधी सुधार, चालक-दल को अंतरिक्ष-यात्रा के अनुकूल बनाने में किस प्रकार सहायक हो सकते हैं.

‘क्रू-2’ मिशन

  • यह ‘स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन’ का दूसरा क्रू रोटेशन मिशन और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ पहला मिशन है.
  • कुल चार अंतरिक्ष यात्रियों में से दो नासा से हैं, जबकि दो यात्री ‘जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी’ (JAXA) और ‘यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी’ (ESA) से हैं.
  • ‘क्रू-2’ मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री, ‘एक्सपीडिशन-65’ (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 65वाँ दीर्घावधि अभियान) के सदस्यों में शामिल हो जाएँगे. सभी सदस्य कुल छ: माह तक स्पेस स्टेशन में रहेंगे, जिस दौरान वे ‘लो-अर्थ ऑर्बिट’ में वैज्ञानिक परीक्षण करेंगे.
  • इस दौरान अंतरिक्ष यात्रियों का प्राथमिक उद्देश्य ‘टिश्यू चिप्स’ अध्ययन शृंखला को जारी रखना होगा.

वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम क्या है?

‘वाणिज्यिक क्रू / चालकदल कार्यक्रम’ (Commercial Crew Programme- CCP) का मुख्य उद्देश्य, लागत के संदर्भ में अंतरिक्ष तक पहुँच को सरल बनाना है, ताकि कार्गो और चालक दलों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सरलता से लाया और ले जाया जा सके. इससे बड़ी मात्रा में और व्यापक वैज्ञानिक शोध किये जा सकेंगे.

इस कार्यक्रम के माध्यम से, नासा द्वारा ‘बोइंग’ और ‘स्पेसएक्स’ जैसे वाणिज्यिक भागीदारों के साथ साझेदारी करके अंतरिक्ष यात्रा की लागत को कम करने की योजना बनाई गयी हैऔर साथ ही नासा द्वारा इन कंपनियों को ‘वाणिज्यिक कक्षीय परिवहन सेवाओं’ (Commercial Orbital Transportation Services- COTS) के डिजाइन और निर्माण के लिए प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है.


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.

Topic : Ways and Means credit

संदर्भ

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के लिए अंतरिम अर्थोपाय अग्रिम’ (Ways and Means Advances – WMA) योजना के तहत ₹ 51,560 करोड़ की मौजूदा सीमा को जारी रखने का निर्णय लिया गया है. अर्थात, कोविड—19 की फैलाव को देखते हुए ‘अर्थोपाय अग्रिम’  योजना के तहत निर्धारित यह सीमा 30 सितंबर अपरिवर्तित रहेगी.

इस कदम का महत्त्व

जिस समय ‘सरकारी व्यय’ में वृद्धि अपेक्षित थी, उस समय कोरोनावायरस के प्रसार के कारण इसमें कमी हो रही है. इसी समय, रिज़र्व बैंक द्वारा अर्थोपाय अग्रिम’ योजना के तहत निर्धारित सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इन निधियों के उपलब्ध होने से, सरकार के लिए अपने दीर्घावधिक बाजार ऋणों से हटकर, अल्पकालिक व्यय करने के लिए कुछ अवसर मिलेगा.

WMA क्या है?

भारतीय रिज़र्व बैंक सरकार का बैंकर होता है, अतः वह केंद्र एवं राज्य सरकारों को तात्कालिक ऋण की सुविधा प्रदान करता है. इस तात्कालिक ऋण सुविधा को लिए वेज़ एंड मीन्स एडवांसेज (WMA) कहते हैं.

केंद्र सरकार के लिए WMA

  • केंद्र सरकार के लिए WMA योजना का आरम्भ अप्रैल 1, 1997 में हुआ था. इसके पहले केंद्र सरकार के घाटे को पूरा करने के लिए वित्त देने हेतु चार दशकों से एक प्रणाली अपनाई जाती थी जिसके अंतर्गत तदर्थ कोषागार विपत्र निर्गत होते थे.
  • WMA योजना का उद्देश्य सरकार की प्राप्ति और भुगतान के अंतर को तात्कालिक रूप से दूर करना होता है. यदि सरकार को तत्काल रूप से नकद की आवश्यकता होती है तो वह RBI से नकद ले सकती है. किन्तु90 दिनों के भीतर-भीतर इस भुगतान की प्रतिपूर्ति कर दी जाती है. WMA पर ब्याज भी लगता है जो रेपो दर के अनुरुप होता हैWMA की सीमा क्या हो, इसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत सरकार मिलकर निर्णय लेते हैं.

राज्य सरकारों के लिए WMA

  • राज्य सरकारों के लिए WMA योजना दो प्रकार की होती हैं – विशेष WMA एवं सामान्य
  • विशेष WMA राज्य सरकार की सरकारी प्रतिभूतियों को बंधक के रूप में लेकर दिया जाता है.
  • विशेष WMA की सीमा पार हो जाने पर राज्य सरकार को सामान्य WMA दिया जाता है. सामान्य WMA की सीमा सम्बंधित राज्य के वास्तविक राजस्व और पूँजी व्यय के तीन वर्षों की औसत पर आधारित होती है. यदि राज्य सरकार इस सीमा से ऊपर पैसा निकालती है तो इसे ओवरड्राफ्ट कहा जाता है.
  • कोई भी राज्य सरकार अधिकतम चार लगातार कार्यदिवसों के लिए ओवरड्राफ्ट ले सकती है, परन्तु एक तिमाही में ऐसे दिवसों की संख्या अधिकतम 36 होनी चाहिए.
  • WMA की ब्याज दर रेपो दर के अनुरूप होती है.

Prelims Vishesh

Deep Time Project :-

  • यह एक थिंक टैंक झूमन अडॉप्टेशन इंस्टीट्यूट के नेतृत्व में एक परियोजना है, जो यह परीक्षण करती है कि लोग समय और स्थान की अपनी भावना के लोपन पर किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं.
  • इस परियोजना के तहत, स्वयंसेवकों का एक समूह दक्षिण-पश्चिम फ्रांस में एक गुफा में रहा था, जिसमें कोई फोन, घड़ी या सूर्य का प्रकाश नहीं थी.
  • इस अलगाव के दौरान, समूह को समय सीमा के सृजन हेतु समय की माप का उपयोग करने में सक्षम हुए बिना कार्यों को व्यवस्थित करना पड़ता था.

Varuna Exercise 2021 :-

  • यह भारत और फ्रांस के मध्य वार्षिक संयुक्त नौसेना अभ्यास है.
  • यह तीन दिवसीय अभ्यास पश्चिमी अरब सागर में प्रारंभ हुआ है.

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