Sansar डेली करंट अफेयर्स, 17 March 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 17 March 2020


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.

Topic : State Election Commission

संदर्भ

आंध्र प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव को राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थगित कर दिया गया है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह निर्णय लिया गया है.

पृष्ठभूमि

आंध्र प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण  निकाय चुनाव चार चरणों में होना तय किया गया था. पहले चरण के लिए 21 मार्च को मतदान होना था. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पहले चरण के लिए 21 मार्च, दूसरे चरण के लिये 23 मार्च, तीसरे चरण के लिए 27 मार्च और चौथे चरण के लिए 29 मार्च को वोटिंग होनी थी.

राज्य निर्वाचन आयोग

  • भारत निर्वाचन आयोग के पास विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति आदि चुनाव से सम्बंधित सत्ता होती है जबकि ग्राम पंचायत, नगरपालिका, महानगर परिषद् और तहसील एवं जिला परिषद् के चुनाव की सत्ता सम्बंधित राज्य निर्वाचन आयोग के पास होती है.
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-K के अधीन राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) का गठन जुलाई 1994 में किया गया.
  • 73वें संविधान संशोधन एवं 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अधीन प्रत्येक राज्य में पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी निकायों के चुनाव निष्पक्ष व समय पर करवाने के लिए अलग से राज्य चुनाव आयोग की व्यवस्था की गई है.
  • राज्य की पंचायतों के समस्त निर्वाचनों एवं नगरपालिकाओं के समस्त निर्वाचनों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण भारत सरकार के संविधान अनुच्छेद 243-k और अनुच्छेद 246-ZA के द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग में निहित है.
  • इसका प्रमुख राज्य निर्वाचन आयुक्त होता है.
  • इसकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है तथा उन्हें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की तरह संसद द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पारित करने पर राष्ट्रपति द्वारा पद से हटाया जा सकता है.

राज्य निर्वाचन आयुक्त

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग का अध्यक्ष होता है.
  • राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल = 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो).
  • उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की तरह की रीति व आधारों पर राष्ट्रपति द्वारा संसद में महाभियोग प्रस्ताव पास होने के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त को समय से पहले अपने पद से हटाया जा सकता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Parliament and State Legislatures – structure, functioning, conduct of business, powers & privileges and issues arising out of these.

Topic : What are starred questions?

संदर्भ

केरल के वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में संसद में प्रश्नकाल के दौरान सदन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर आरोप लगाया कि उन्हें अध्यक्ष महोदय ने पूरक प्रश्न (supplementary question) पूछने की इजाजत नहीं दी.

प्रश्नकाल (Question Hour):- संसद के दोनों सदनों की प्रत्येक बैठक के आरम्भ में एक घंटे तक सदस्यों द्वारा मंत्रियों से प्रश्न पूछे जाते हैं तथा उनके उत्तर दिए जाते हैं, उसे प्रश्नकाल कहा जाता है.

तारांकित प्रश्न क्या है?

सदस्यों को संबंधित मंत्रियों के विशेष संज्ञान के दायरे में लोक महत्व के विषय से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न पूछने का अधिकार होता है. प्रश्न चार प्रकार के होते है – तारांकित, अतारांकित, अल्प-सूचना और निजी सदस्यों के लिए प्रश्न.

तारांकित प्रश्न वह होता है जिसका सदस्य सभा में मंत्री से मौखिक उत्तर चाहता है और पहचान के लिए उस पर तारांक बना रहता है. संसद सदस्यों द्वारा सदन में मंत्रियों से पूछे गए इस प्रकार के प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया जाता है तथा सदस्य द्वारा उस सम्बन्ध में पूरक प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं.

अन्य प्रकार के प्रश्न

अतारांकित प्रश्नः- अतारांकित प्रश्न वह होता है जिसका लिखित उत्तर सदस्यों द्वारा मांगा जाता है और मंत्री द्वारा सभा पटल पर रखा मान लिया जाता है. इस प्रकार इसे मौखिक उत्तर के लिए नहीं पुकारा जाता है और इस पर कोई अनुपूरक प्रश्न नहीं पूछा जा सकता.

अल्प सूचना प्रश्नः- अल्प सूचना प्रश्न सदस्य अविलम्बनीय लोक महत्व से संबंधित प्रश्न की सूचना मौखिक उत्तर हेतु दे सकता है और जिसे एक सामान्य प्रश्न हेतु विनिर्दिष्ट 10 दिन की सूचनावधि से कम अवधि के भीतर पूछा जा सकता है. ऐऐ प्रश्न को अल्प सूचना प्रश्न के नाम से जाना जाता है.

निजी सदस्यों के लिए प्रश्नः- ये प्रश्न (लोक सभा मे प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 40 के अधीन) निजी सदस्य को संबोधित भी किए जा सकते हैं बशर्ते कि उस प्रश्न की विषयवस्तु किसी विधेयक, संकल्प या सभा में कार्य संचालन से संबंधित अन्य मामले से संबंधित हो जिसके लिए वह सदस्य उत्तरदायी है. ऐसे प्रश्नों से संबंधित प्रक्रिया वही है जो मंत्री को संबोधित प्रश्नों में अपनायी जाती है और इसमें वे परिवर्तन किए जा सकते हैं जैसा अध्यक्ष आवश्यक समझे.

अधिक जानकारी के लिए यह जरुर पढ़ें > संसदीय प्रक्रिया प्रश्नावली


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Central Sanskrit Universities Bill, 2020

संदर्भ

संसद ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2020 पारित किया.

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक

  • इस विधेयक तीन मानद संस्कृत विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने से जुड़ा है. ये विश्वविद्यालय हैं – राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ.
  • इन विश्वविद्यालयों का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत की शिक्षा देना है, ताकि उनको संस्कृत भाषा-साहित्य में समाहित ज्ञान प्राप्त हो और वे देश के विकास में सहायक बन सकें.

इन केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कार्य

  • इन विश्वविद्यालयों का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत की शिक्षा देना है, ताकि उनको संस्कृत भाषा-साहित्य में समाहित ज्ञान प्राप्त हो और वे देश के विकास में सहायक बन सकें.
  • इन विश्वविद्यालयों में अकादमिक अनुशासन, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान के एकीकृत पाठ्यक्रम के लिए विशेष प्रावधान किया जाएगा.
  • इसके अतिरिक्त संस्कृत भाषा और उससे संबद्ध विषयों के समग्र विकास और संरक्षण के लिए लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

कार्यकारी परिषद् की भूमिका

  • इन केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की नीतियों की समीक्षा अदालत करेगी और इसके विकास के लिए सुझाव देगी.
  • एक कार्यकारी परिषद् होगा जो कि मुख्य कार्यकारी निकाय का हिस्सा होगा, जिसमें 15 सदस्य होंगे.
  • केंद्र सरकार द्वारा इन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त किया जाएगा.
  • इस परिषद् में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव भी सम्मिलित होगा.
  • इसके अतिरिक्त, संस्कृत भाषा के दो विद्वान भी कार्यकारी परिषद् में शामिल होंगे.
  • इसके अलावा, यह कार्यकारी परिषद् ही शिक्षकों की भर्ती कर सकेगी और विश्वविद्यालय के लिए वित्त का भी प्रबंधन करेगी.
  • कार्यकारी परिषद् ही अकादमी नीतियों को सुपरवाइज करने का काम करेगी. इसके साथ ही एक पाठ्यरक्रम समिति बनाई जाएगी, जो अनुसंधान के लिए विषयों को स्वीकृति देगी और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में मदद करेगी.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : West Bengal invokes Epidemic Diseases Act

संदर्भ

महामारी कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने महामारी कानून (एपिडेमिक डिजीज एक्ट) लागू कर दिया है.

निहितार्थ

  • इस कानून के लागू हो जाने पर सरकार जरूरत पडऩे पर किसी भी व्यक्ति को चिकित्सा के लिए आइसोलेशन वार्ड में रख सकती है. यही नहीं अस्पताल में भर्ती भी कर सकती है.
  • इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के दौरान कोई मरीज अस्पताल छोडक़र न भाग जाए या चिकित्सा में सहयोग ना करे, इसे देखते हुए ही पश्चिम बंगाल सरकार ने एंडेमिक डिजीज एक्ट को लागू किया है.

महामारी अधिनियम, 1897 क्या है?

  • यह कानून ख़तरनाक महामारी के प्रसार की बेहतर रोकथाम के लिए बनाया गया है.
  • केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को धारा 2 को लागू करने के लिए कहा है.
  • धारा 2 में कहा गया है – जब राज्य सरकार को किसी समय ऐसा लगे कि उसके किसी भाग में किसी ख़तरनाक महामारी का प्रकोप हो गया है या होने की आशंका हैतब अगर वो (राज्य सरकार) ये समझती है कि उस समय मौजूद क़ानून इस महामारी को रोकने के लिए काफ़ी नहीं हैंतो कुछ उपाय कर सकती है. ऐसे उपायजिससे लोगों को सार्वजनिक सूचना के जरिए रोग के प्रकोप या प्रसार की रोकथाम हो सके.
  • इस अधिनियम के धारा 2 के भी 2 उप-धारा हैं. इसमें कहा गया है कि जब केंद्रीय सरकार को ऐसा लगे कि भारत या उसके अधीन किसी भाग में महामारी फ़ैल चुकी है या फैलने का ख़तरा हैतो रेल या बंदरगाह या अन्य तरीके से यात्रा करने वालों कोजिनके बारे में ये शंका हो कि वो महामारी से ग्रस्त हैंउन्हें किसी अस्पताल या अस्थायी आवास में रखने का अधिकार होगा.
  • महामारी अधिनियम 1897 का धारा-जुर्माने के बारे में है. इसमें कहा गया है कि महामारी के संबंध में सरकारी आदेश न मानना अपराध होगा. इस अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता यानी इंडियन पीनल कोड की धारा 188 के तहत सज़ा मिल सकती है.
  • इस अधिनियम का धारा 4 क़ानूनी सुरक्षा के बारे में है. जो अधिकारी इस ऐक्ट को लागू कराते हैं, उनकी क़ानूनी सुरक्षा भी यही ऐक्ट सुनिश्चित करता है. ये धारा सरकारी अधिकारी को लीगल सिक्योरिटी दिलाता है. कि ऐक्ट लागू करने में अगर कुछ उन्नीस-बीस हो गया, तो अधिकारी की ज़िम्मेदारी नहीं होगी.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government Budgeting.

Topic : Appropriation Bill

संदर्भ

लोकसभा ने विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को मंजूरी देने के साथ ही 2020-21 के लिए संचित निधि से सरकार को राशि निकासी का अधिकार देने वाले विनियोग विधेयक  (Appropriation Bill) को मंजूरी दे दी.

  • विदित हो कि इस विधेयक में सरकार को उसके कामकाज और कार्यक्रमों तथा योजनाओं को अमल में लाने के लिए देश की संचित निधि से 110 लाख करोड़ रुपये निकालने के लिए अधिकृत करने का प्रावधान है. इसके साथ 2020-21 के बजट को मंजूरी देने की दो-तिहाई प्रक्रिया पूरी हो गई है.
  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विभिन्न मंत्रालयों के लिए अनुदान मांगों को मंजूरी देने के लिए सदन में गिलोटिन’ का रास्ता अपनाया. दरअसल अलग-अलग मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए संसद के पास समय नहीं होता है. ऐसे में कुछ ही मंत्रालयों के खर्च या अनुदान मांगों को ही पहले से निर्धारित समय पर चर्चा के लिए रखा जाता है. इसके पूरा होने के बाद अन्य मंत्रालयों की अनुदान मांगों को एक साथ रखकर इसे पारित कराया जाता है जिसे गिलोटिन कहते हैं.
  • आम बजट पारित कराने के दौरान इस प्रक्रिया का उपयोग सामान्य है. लोकसभा अध्यक्ष के गिलोटिन के उपयोग से सभी लंबित अनुदान मांगों को मतदान के लिए रखा जाता है और उसे पारित कर दिया जाता है. भले ही उस पर चर्चा हुई हो या नहीं. उसके बाद इससे संबंधित विनियोग विधेयक को विचार और पारित किया जाता है.

विनियोग विधेयक क्या है?

  • सरकार द्वारा संचित निधि से रकम निकासी को मंजूरी दिलाने के लिए संसद में प्रस्तुत विधेयक विनियोग विधेयक कहलाता है.इसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 114 में है.
  • संविधान के अनुच्छेद 266 (1) में भारत की संचित निधि गठित करने का प्रावधान है. भारत सरकार की संपूर्ण आय संचित निधि में जमा होता है और संपूर्ण व्यय भी संचित निधि से ही होता है. संसद की अनुमति से ही संचित निधि से धन लिया जा सकता है.

आगे की राह

ज्ञातव्य है कि प्रतिवर्ष कम-से-कम 12 विनियोग विधेयक सरकारी राजकोष से धन निकालने के लिये लाए और पारित किये जाते हैं. पिछले कई वर्षों में अच्छी-खासी संख्या में विनियोग कानून पारित किये गए थे, परन्तु अपनी प्रासंगिकता खोने के बाद भी ये विधि पुस्तिका में बने हुए थे. विदित हो कि विनियोग अधिनियम एक सीमित अवधि के लिये होता है और यह एक वित्त वर्ष की अवधि के लिये खर्च का अधिकार सरकार को प्रदान करता है. ऐसे विधि वेत्ताओं का कहना है कि इनकी ‘सेल्फ लाइफ निर्धारित कर देनी चाहिये, ताकि 1-2 वर्ष बाद ये स्वतः समाप्त हो जाएँ.


Prelims Vishesh

Article 80 of the Constitution of India :-

  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनित किया है.
  • यह नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उपखंड (ए) और इसी अनुच्छेद के खंड (3) के तहत हुई है.
  • संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं.

Pakke tiger reserve :

  • पक्के व्याघ्र आश्रयणी अरुणाचल प्रदेश में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है. यह अरुणाचल प्रदेश राज्य में नामदफा रिज़र्व के पश्चिम भाग में स्थित है.
  • यह पूर्वी कामेंग जिले में स्थित है तथा लगभग 862 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
  • यह खेलांग वन प्रभाग का एक हिस्सा था तथा इसे 1977 में एक खेल अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया. बाद में 2002 में इसे एक टाइगर रिजर्व का दर्जा प्रदान किया गया.

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