सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम, 1991

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Public Liability Insurance Act, 1991 in Hindi

पिछले दिनों विशाखापत्तनम में स्थित LG Polymers India Private Ltd कारखाने में हुई गैस लीक ने एक बार फिर लोगों का ध्यान सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम, 1991 (Public Liability Insurance Act, 1991) पर केन्द्रित कर दिया है.

ज्ञातव्य है कि इस अधिनियम के अंतर्गत कम्पनी की सार्वजनिक दायित्व बीमा के तहत गैस लीक के शिकार व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति देना बनता है.

सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम, 1991 क्या है?

  • सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम भोपाल गैस त्रासदी के पश्चात् पारित हुआ था.
  • इस कानून के अनुसार, खतरनाक पदार्थों का काम करने वाले सभी प्रतिष्ठानों को अपने कामगारों की सार्वजनिक दायित्व बीमा करानी होगी जिससे उन्हें मृत्यु या चोट या सम्पत्ति क्षय के लिए मुआवजा मिल सके.
  • सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम के अनुसार, क्षतिपूर्ति का दावा दुर्घटना के पाँच वर्षों के भीतर कलक्टर के पास किया जा सकता है. ऐसा दावा प्राप्त होने पर कलक्टर प्रतिष्ठान के स्वामी को नोटिस भेजेगा और उभयपक्षों की सुनवाई करने के पश्चात् दावे की जाँच करेगा और जितनी क्षतिपूर्ति उसे न्यायोचित लगेगी उतनी क्षतिपूर्ति वह घोषित करेगा.
  • क्षतिपूर्ति की अधिकतम की राशि 25,000 रु. होगी. इसके अतिरिक्त चिकित्सा के लिए अधिकतम 12,500 रु. दिए जा सकते हैं.
  • कामगार के कुछ समय के लिए काम के योग्य नहीं रह जाने के कारण मजदूरी की क्षति को पूरा करने के लिए उसे प्रति माह अधिकतम 1,000 रु. तीन महीनों के लिए दी जायेगी. परन्तु इसके लिए शर्त है कि मजदूर 16 वर्ष से ऊपर का हो और वह तीन दिन से अधिक अस्पताल में रहा हो.
  • यदि कामगार की निजी सम्पत्ति को क्षति पहुँचती है तो उस क्षति का आकलन करके अधिकतम 6,000 रु. देय होता है.

आलोचना

क्योंकि इस अधिनियम के तहत निर्दिष्ट राशि को लगभग दो दशक पहले निर्धारित किया गया था. इसलिए आज की तिथि में यह मुआवजा बहुत कम प्रतीत होता है. आवश्यकता है कि इसमें समुचित वृद्धि की जाए जिससे पीड़ितों को न्याय मिल सके.

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