मौर्यकालीन अधिकारी और उनके कार्य – Mauryan Officers

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मौर्यकालीन प्रशासनिक व्यवस्था (Mauryan Administrative System) की जानकारी हमें मुख्य रूप से कौटिल्य के अर्थशास्त्र और आंशिक रूप से अशोक के शासनादेशों (शिलालेख, स्तम्भ लेख आदि) से मिलती है. यूनानी विवरणों में भी कुछ मौर्यकालीन अधिकारीयों (mauryan officers) के नाम आते हैं. अर्थशास्त्र में मौर्य शासन की विस्तृत जानकारी दी गई है. इससे पता चलता है कि उस समय शासन की एक सुदृढ़ व्यवस्था थी जिसके बल पर विशाल मौर्य सम्राज पर मगध सम्राट अपना नियंत्रण रखते थे. अर्थशास्त्र में कई अधिकारियों (mauryan officials) के नाम आते हैं और उनके अधीन विभागों (respective departments) और उनके कार्यों  (officers’ powers) का ज्ञान होता है. अशोक के शिलालेखों में धम्ममहामात्र आदि अधिकारीयों का वर्णन है.

मौर्यकालीन अधिकारी और उनके कार्य

  1. समस्थाध्यक्ष – बाजार की निगरानी करना और व्यापारियों पर करना
  2. एग्रोनोमई (जिला अधिकारी) – मार्ग-निर्माण अधिकारी (मेगास्थनीज के अनुसार यह जिले का प्रमुख अधिकारी होता था). इसके कार्य सिंचाई और भूमि की पैमाइश का निरिक्षण, शिकारी का निरिक्षम, कृषि और वनसंपदा से सम्बंधित विभिन्न उद्योगों और लकड़ी के काम, धातु की ढलाई के कारखानों और खानों का निरीक्षण करना आदि थे.
  3. एस्टीनोमोई (नगर अधिकारी) – दूसरे प्रकार के अधिकारी, अर्थात् नगर के अधिकारी, एस्टिनोमोई 5-5 सदस्यों के छः मंडलों में विभाजित थे. इनके कार्य क्रमशः थे -1. कारखानों का निरीक्षण 2.विदेश से आनेवालों की देखभाल जिसमें सरायों पर पूर्ण नियंत्रण, सहायक अधिकारियों की व्यवस्था, रोगियों की देखभाल और मृत लोगों की अंतिम क्रिया शामिल थी 3. जन्म और मृत्यु का हिसाब रखना 4. बाजार पर नियंत्रण रखना. 5. नाप और तौर का निरीक्षण करना, तैयार माल का निरीक्षण करना, नई और पुरानी वस्तुओं की अलग-अलग बिक्री का प्रबंध करना 6. माल की बिक्री पर 10% कर वसूल करना.
  4. प्रदेष्टा/प्रादेशिक – मंडल का प्रधान अधिकारी.
  5. गोप – संग्रहण (10 ग्राम) का प्रधान अधिकारी.
  6. ग्रामिक – ग्राम का मुखिया.
  7. राजपुरुष – गणिकाध्यक्ष का सहयोगी.
  8. बन्धकी पोषक – वेश्याओं से सम्बंधित मामले.
  9. धम्ममहामात्र/धर्म महामात्र – धम्म से सम्बन्धित अधिकारी.
  10. अंत महामात्र – सीमा क्षेत्र.
  11. इतिझांक महामात्र – स्त्री और हरम से सम्बंधित मामले.
  12. सवधकाम महामात्र – मुख्यमंत्री 
  13. द्रोणमापक महामात्र – सर्वेक्षण
  14. रुपदर्शक – सिक्का/मुद्रा परीक्षण करने वाला अधिकारी.

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अशोक के शिलालेख

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