बृहद पत्तन प्राधिकरण विधेयक, 2020

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देश के बड़े-बड़े बंदरगाहों के प्रशासन के लिए 1963 में बने कानून के स्थान पर भारत सरकार एक नया कानून लाने पर विचार कर रही है. इस उद्देश्य से एक बृहद पत्तन प्राधिकरण विधेयक का प्रारूप तैयार हुआ है जिसे मंत्रिमंडल ने अपना अनुमोदन दे दिया है.

पृष्ठभूमि

जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है कि अभी बड़े-बड़े पत्तनों का प्रशासन 1963 के पत्तन कानूनों के अंतर्गत होता है. अचल संपत्तियों के सृजन की दिशा में इन पत्तनों में अपेक्षित स्तर का काम नहीं हुआ है और बृहद पत्तन टैरिफ प्राधिकरण (Tariff Authority for Major Ports – TAMP) के पुराने विनियमों के कारण ढुलाई की लागत में भी उछाल देखा गया है.

बृहद पत्तन प्राधिकरण विधेयक में दिए गये प्रस्ताव

  1. प्रस्तावित कानून का उद्देश्य पत्तनों की समग्र कार्यकुशलता में बढ़ोतरी करना है.
  2. अब बड़े-बड़े बन्दरगाह पत्तन से जुड़ी विभिन्न सेवाओं के लिए टैरिफ निर्धारित कर सकेंगे तथा साथ ही उनके साथ काम करने को इच्छुक निजी निर्माताओं के लिए शर्तें रख सकेंगे.
  3. प्रत्येक बंदरगाह का प्रशासन एक पत्तन प्राधिकरण करेगा जिसे विभिन्न पत्तन सेवाओं के लिए टैरिफ निश्चित करने की शक्ति होगी.
  4. विधेयक के अनुसार पत्तन प्राधिकरण के निर्णयों की समीक्षा के लिए सर्वोच्च स्तर पर एक न्याय निर्णय करने वाले बोर्ड का गठन होगा जिसके पास पत्तन प्राधिकरणों तथा PPP ऑपरेटरों के बीच उठने वाले विवादों को सुलझाने की शक्ति होगी.

भारत के बड़े बंदरगाह कौन से हैं?

वर्तमान में भारत में ये 12 बड़े बंदरगाह हैं – दीनदयाल (पुराना नाम कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगाँव, न्यू मंगलौर, कोचीन, चेन्नई, कामराजार (पहले एन्नोर), वीओ चिदंबरनार, विशाखापट्टनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित).

Tags : Major Port Authority Bill, 2020 in Hindi. Key features of the bill, need for and significance of the provisions.

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