संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी मिशन का स्वरूप

Sansar LochanWorld

India’s Permanent Mission to the United Nations

भारत ने वर्तमान विदेश मंत्रालय के सचिव टी.एस. त्रिमूर्ति को संयुक्त राष्ट्र में अपना स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया है. ऐसी नियुक्ति को स्थायी मिशन कहा जाता है.

स्थायी मिशन क्या होता है?

वियेना संधि की धारा 1 (7) के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र का प्रत्येक सदस्य देश वहाँ अपने प्रतिनधि प्रतिनियुक्त करता है. इन प्रतिनिधियों का नेतृत्व एक स्थायी प्रतिनिधि करता है जिसे कभी-कभी संयुक्त राष्ट्र दूत (UN ambassador) भी कहा जाता है.

भूमिका और कार्य

  • स्थायी प्रतिनिधि मंडल सदस्य देश और संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के बीच सम्पर्क सूत्र के रूप में उस समय काम करता है जब संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अंगों का सत्र नहीं चल रहा हो.
  • इन प्रतिनिधियों को न्यूयॉर्क में स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पदस्थापित किया जाता है. इनका पदस्थापन जेनेवा, विएना और नैरोबी में स्थित संयुक्त राष्ट्र के अन्य कार्यालयों में भी किया जा सकता.

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी मिशन का स्वरूप

वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में आठ वरिष्ठ प्रतिनिधि हैं जिनका स्तर अवर महासचिव एवं सहायक महासचिव का है,

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र में नियुक्त पहले भारतीय प्रतिनिधि मंडल में राजनीतिज्ञ आर्कोट रामास्वामी मुदलियार के साथ-साथ हंसा मेहता, विजय लक्ष्मी पंडित और लक्ष्मी मेनन जैसे स्वतंत्रता सेनानी थे. इनमें हंसा और विजयलक्ष्मी भारतीय संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों में से थीं.

स्वतंत्रता प्राप्ति के पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका

  • जब जनवरी 1, 1942 को संयुक्त राष्ट्र घोषणा पर वाशिंटन में कुछ चुनिन्दा देश हस्ताक्षर कर रहे थे तो भारत भी उनमें से एक था.
  • 1945 में अप्रैल 25 से जून 26 तक सैन फ्रांसिस्को में सम्पन्न ऐतिहासिक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भारत ने भी प्रतिभागिता की थी.

Tags : Permanent mission and representatives- roles, functions and significance in Hindi.

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