EASE 3.0 कार्यक्रम क्या है? – महत्व और इतिहास

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Ease 3.0 for tech-enabled banking explained in Hindi

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तकनीक से युक्त बैंकिंग के लिए EASE 3.0 कार्यक्रम का अनावरण किया. इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक बैंकों में जाने वाले ग्राहकों के अनुभव में परिवर्तन लाना है.

EASE 3.0 कार्यक्रम क्या है?

  • EASE का पूरा नाम Enhanced Access and Service Excellence है.
  • इसका उद्देश्य आकांक्षाशील भारत के लिए तकनीक से युक्त सरकारी बैंकों को स्मार्ट और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है.
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी –
  1. पाम बैंकिंग (Palm Banking) : इसमें बैंकों द्वारा दी गई वित्तीय सेवा को प्रारम्भ से अंत तक डिजिटल बनाया जाएगा.
  2. बैंकिंग ऑन गो : इसके अंतर्गत वैसे सभी स्थानों पर बैंक खोले जाएँगे जहाँ लोग बहुत कर के जाया करते हैं, जैसे मॉल, स्टेशन, कॉम्पलेक्स और कैंपस.

EASE 3.0 के पीछे धारणा

वित्त मंत्रालय चाहता है कि जहाँ लोग अधिक जाते हैं वैसे स्थानों में कागज़-रहित और डिजिटल बैंकिंग की सुविधा स्थापित की जाए. इसके लिए जिन थीमों का चयन किया गया है, वे हैं – उत्तरदाई बैंकिंग, सरकारी बैंकों द्वारा उद्यमी मित्र की भूमिका, ग्राहकों की बात पर ध्यान देना, ऋण सुविधा और गहन वित्तीय समावेश.

EASE कार्यक्रम का इतिहास

EASE कार्यक्रम सबसे पहली बार जनवरी 2018 में आरम्भ हुआ था. बाद में इसे EASE 1.0 का नाम दिया गया. कालांतर में EASE 2.0 कार्यक्रम आया जिसमें सरकार ने इन बातों पर ध्यान केन्द्रित किया :-

  1. सरकारी बैंकों में में तरलता बढ़ाना
  2. प्रबंधन समिति का पुनर्गठन करना
  3. एक से अधिक बैंकों का विलय करना
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