हाल ही में सम्पन्न वार्षिक मैड्रिड जलवायु वार्ता से हटकर यूरोपीय संघ ने यह घोषणा की कि वह जलवायु परिवर्तन के विषय में कुछ और उपाय लाने जा रहा है. इन उपायों को यूरोपीय ग्रीन डील (European Green Deal) कहा जा रहा है. यूरोपीय ग्रीन डील के मुख्य तथ्य जलवायुगत तटस्थता (Climate neutrality): यूरोपीय संघ ने वचन दिया है कि … Read More
EChO नेटवर्क क्या है और यह कैसे काम करता है?
बहुशास्त्रीय नेतृत्व (cross-disciplinary leadership) को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने ECho नेटवर्क (EChO Network) नामक एक नेटवर्क का आरम्भ किया है. इसका उद्देश्य पर्यावरण से सम्बंधित ज्ञान में विद्यमान कमियों का पता लगाना और फिर इन विषयों पर पोस्ट-डाक्टोरल अनुसंधान हेतु प्रशिक्षण देना है और साथ ही वर्तमान में इस दिशा में किये गये सार्वजनिक एवं निजी प्रयासों … Read More
[Sansar Editorial] IPCC प्रतिवेदन में कार्बन उत्सर्जन के विषय में व्यक्त चिंताएँ
पिछले दिनों जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय पैनल (Intergovernmental Panel on Climate Change – IPCC) ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें कार्बन उत्सर्जन के विषय में कई चिन्ताएँ व्यक्त की गईं. IPCC प्रतिवेदन में व्यक्त चिंताएँ 2030 तक पूरे विश्व में कार्बन उत्सर्जन को 2010 वर्ष के स्तर से 45% नीचे लाना अनिवार्य होगा जिससे कि 2050 तक उत्सर्जन को … Read More
[Sansar Editorial] शीतलीकरण ने बढ़ा दिया है ग्लोबल वार्मिंग – जानिये कैसे?
पूरे संसार के लिए चौथा सबसे गरम वर्ष था. बढ़ती गर्मी के कारण अधिक से अधिक एयर कंडीशनर खरीदे जा रहे हैं. लोगों की आय भी बढ़ रही है और शहरीकरण भी तेजी से हो रहा है. इसलिए आशा की जाती है कि 2050 तक बाजार में 1.2 बिलियन से लेकर 4.5 एयर कंडीशनरों की माँग होगी. अकेले भारत में … Read More
बालू के अति-खनन की समस्या और इसका समाधान
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने हाल ही में बालू से सम्बंधित विश्व-भर के संसाधनों के पर्यावरण की दृष्टि से प्रशासन के लिए नए-नए समाधान खोजने के विषय में एक प्रतिवेदन निर्गत किया है. प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष विश्व-भर में बालू की खपत बढ़ती जा रही है. जितनी तेजी से हम बालू निकाल रहे हैं, उतनी तेजी से प्रकृति उसकी … Read More
जलवायु परिवर्तन से बंगाल टाइगर के अस्तित्व पर खतरा
Bengal tigers may not survive climate change संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिवेदन के अनुसार विश्व में लगभग पाँच लाख स्थलीय प्रजातियों के प्राकृतिक आवास पर खतरा होने के कारण उनका बच पाना प्रश्न के घेरे में आ गया है. प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष प्रमुख कारण : जलवायु परिवर्तन और समुद्र का उठता हुआ स्तर कई प्रजातियों के जीवन पर खतरा … Read More
[Sansar Editorial] कार्बन उत्सर्जन की रोकथाम में मिट्टी की उपयोगिता
बिजली, यातायात और उद्योग क्षेत्रों में होने वाले ग्रीन हाउस गैस (GSG) के उत्सर्जन को रोकने के प्रयास किये जाते रहे हैं. अब इस सन्दर्भ में एक नई अवधारणा सामने आई है. वैज्ञानिक अब इस विषय में रुचि ले रहे हैं कि कैसे मिट्टी का उपयोग कार्बन डाइऑक्साइड को खपाने में किया जाए. जैसा कि हम जानते हैं कि आज की तिथि में वातावरण में … Read More
तलानोआ संवाद – Talanoa Dialogue 2017 (COP23)
16 नवम्बर, 2017 को जर्मनी के बॉन (Bonn) में अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मलेन (UNFCCC) का आयोजन किया गया था. अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन (Climate Change Conference) या COP23 की अध्यक्षता फिजी सरकार (Fiji Government) ने की थी. इस सम्मलेन के अंत में तालानोआ संवाद (Talanoa Dialogue) के लिए एक कार्ययोजना प्रस्तुत की गई. यह कार्ययोजना वर्ष भर चलेगी जिसमें जलवायु से सम्बन्धित … Read More
पराबैंगनी किरण ओजोन परत को किस तरह प्रभावित कर रही है?
[vc_row][vc_column][vc_column_text]ओजोन ऑक्सीजन के तीन अणुओं से बनी जीवन रक्षक गैस है, जो पृथ्वी को एक नाजुक परदे की तरह लपेटे हुए है. यह ओजोन परत पृथ्वी की तथा इसमें रहने वालों की सूर्य की घातक पराबैंगनी किरणों से रक्षा कर रही है. आज हम इसी टॉपिक पर बात करने वाले हैं कि पराबैंगनी किरणें (ultraviolet rays) किस प्रकार ओजोन परत … Read More
फैक्ट्स ऑफ Global Warming in Hindi: तथ्य, कारण और प्रभाव
मानव समाज भले ही विकसित हो रहा हो मगर उसके इस विकास के इंजन ने पृथ्वी को इतना कलुषित कर दिया है कि अब साँस लेना भी मुश्किल हो गया है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जल-स्तर बढ़ रहा है, गर्मी पूरी धमक के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराने लगी है. स्वयं को पृथ्वी का सर्वश्रेष्ठ जीव मानने वाले मनुष्य ने … Read More
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