TOPIC – बैड बैंक, गैर-निष्पादित परिसंपत्ति
भारतीय सरकारी बैंक लगातार गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों की समस्या से जूझ रहे हैं. इससे निजात पाने हेतु अपनाए गये उपायों में बैड-बैंक की अवधारणा एवं बैंकों का एकीकरण चर्चा में है. बैड-बैंक से आप क्या समझते हैं और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों की समस्या से बाहर आने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा क्या कदम उठाये जाने चाहिए?
Indian Government banks are continuously facing the problem of Non-Performing Assets. Among the measures under consideration to get rid of this problem are the concept of bad bank and merger of banks. What is a band bank and suggest what steps should be taken by Reserve Bank of India to overcome the problem of NPA?
Syllabus, GS Paper III : भारतीय अर्थव्यस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से सम्बंधित विषय.
सवाल की माँग
✓ परीक्षक आपसे बैड बैंक की परिभाषा जानना चाह रहा है.
✓ उसके लिए सवाल के पहले भाग में हिंट के रूप में काफी कुछ कह दिया गया है जिससे आपको अंदाज़ा हो जाना चाहिए कि बैड बैंक क्या है.
✓ गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों की समस्या से बाहर आने के लिए पूछा जा रहा है.
X गैर-निष्पादित परिसम्पत्ति की परिभाषा मत बताएँ, सीधे पॉइंट पर आये.
X गैर निष्पादित संपत्तियों की बढ़ती प्रवृत्ति का कारण मत लिखें.
X गैर निष्पादित संपत्तियों का अर्थव्यस्था पर प्रभाव
उत्तर की रूपरेखा
- परिभाषा – बैड बैंक की परिभाषा से शुरुआत करें.
- थोड़ा इतिहास लिख दें.
- NPA की समस्या – RBI के कदम
परिभाषा
बैड बैंक एक आर्थिक अवधारणा है जिसके जरिये आर्थिक संकट के समय घाटे में चल रहे बैंकों द्वारा अपनी देयताओं को एक नए बैंक को स्थानांतरित कर दिया जाता है. जब किसी बैंक की गैर निष्पादित सम्पत्ति सीमा से अधिक हो जाती है तब राज्य के आश्वासन पर एक ऐसे बैंक का निर्माण किया जाता है जो मुख्य बैंक की देयताओं को एक निश्चित समय के लिए धारण कर लेता है.
इतिहास
1991-92 के दौरान स्वीडन में इस तरह की प्रक्रिया द्वारा आर्थिक चुनौतियों का सामना किया गया था. 2012 में स्पेन ने आर्थिक संकट के दौरान ऐसे ही बैंकों का सहारा लिया है. बैड बैंक की रणनीति “मेलन बैंक” जो अमेरिका का था, ने अपनाई थी.
बैड बैंक एक ऐसा बैंक होगा जो दूसरों के बैंकों के डूबते कर्ज को खरीदेगा. इसके आने से दूसरे बैंकों के डूबते कर्ज को वसूलने का दबाव हट जायेगा. परिणामस्वरूप दूसरे बैंक नए लोन प्रदान करने में अपना ध्यान केन्द्रित कर पायेंगे.
NPA की समस्या से निपटने के लिए RBI द्वारा उठाये जाने योग्य कदम
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सन्दर्भ में सरकार की भूमिका को परिभाषित किया जाए जिससे इन बैंकों पर कोई राजनीतिक दबाव न हो.
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विलय की राह पर ले जाने के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे नई कार्यसंस्कृति से लैस हों.
- बैंकों की साख क्षमता में वृद्धि करना, ऋण प्रणाली को दुरुस्त करना एवं इनके क्रेडिट पोर्टफोलियो को बेहतर बनाना चाहिए.
- कर्ज डूबने में बहुत हद तक बैंक अधिकारियों की मिलीभगत होती है. ऐसे अधिकारियों पर समय रहते ही कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
- जिन उधार लेने वालों की ऋण पात्रता पर संदेह है उनके लिए कर्ज की शर्त महंगी कर देनी चाहिए.
- ऋण पुनर्गठन योजना की अवधि कम-से-कम कर देनी चाहिए.
- भुगतान देरी होने पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए.
- 100 करोड़ रुपये या अधिक का कर्ज लेने वालों के लिए एक संयुक्त मंच का निर्माण किया जाना चाहिए.
DCA/Editorial Links
“संसार मंथन” कॉलम का ध्येय है आपको सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सवालों के उत्तर किस प्रकार लिखे जाएँ, उससे अवगत कराना. इस कॉलम के सारे आर्टिकल को इस पेज में संकलित किया जा रहा है >> Sansar Manthan
3 Comments on “[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Eco-Bio-Tech GS Paper 3/Part 15”
Hii hum aaj es site ko dekhe .ye site bhut hi useful hai
Hi hm aj is site ko dekhy thanks ye bhut hi achi h kisi coaching ki jarurat ni ye unky liy bhut helpful h jo coaching ni kar sakty ye coaching s bhi badh k h thanks
Very good sir ham aapke dwara sujhaye gye nirdeshon k anusar chal rahe hain ..