पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा – Western Dedicated Freight Corridor (DFC)

Sansar Lochanभारत का भूगोलLeave a Comment

भारत के पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारे (Western Dedicated Freight Corridor – DFC) के रेवाड़ी (हरियाणा) से लेकर माडर (राजस्थान) तक जाने वाले 300 किलोमीटर के अनुभाग को वाणिज्यिक प्रयोग के लिए खोल दिया गया है.

पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा क्या है?

  • यह एक ब्रॉड गेज (broad gauge corridor) वाला गलियारा है.
  • यह पश्चिमी गलियारा कुल मिलाकर 1,504 किलोमीटर का है.
  • यह उत्तर प्रदेश के दादरी से आरम्भ होकर मुंबई के निकट स्थित देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह जवाहर लाल नेहरु बंदरगाह न्यास तक जाता है.
  • यह मार्ग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से गुजरता है. इसके मार्ग में वडोदरा, अहमदाबाद, पालनपुर, फुलेड़ा और रेवाड़ी शहर पड़ते हैं.
  • इस परियोजना को चलाने के लिए अक्टूबर, 2006 में एक समर्पित निकाय बनाया गया जिसे भारतीय समर्पित माल ढुलाई गलियारा निगम (Dedicated Freight Corridor Corporation of India DFCCIL) कहते हैं.
  • इस परियोजना के लिए जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी ने विशेष शर्तों पर 4 बिलियन डॉलर का एक कम ब्याज वाला कोष उपलब्ध कराया है.

पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (Western DFC) का महत्त्व

  • यह गलियारा मात्र माल-ढुलाई के लिए बना है अर्थात् इस पर सवारी गाड़ियाँ नहीं चलेंगी. इस प्रकार माल ढुलाई की गति में तेजी आ जायेगी.
  • यहाँ जिन मालों की ढुलाई होगी, वे हैं – खाद, अनाज, नमक, कोयला, लोहा, इस्पात और सीमेंट.
  • उधर पूर्व में भी ऐसा ही गलियारा तैयार हो रहा है जिससे इस गलियारे को अंततः जोड़ दिया जाएगा.

भारत में Western Dedicated Freight Corridor – DFC की आवश्यकता क्यों?

  • भारत के पश्चिमी और पूर्वी माल ढुलाई गलियारों से गाड़ियों का सबसे अधिक आना-जाना होता है और इनमें जाम लगता रहता है. वस्तुतः इन पर माल ढुलाई का 58% और सवारी ढुलाई का 52% निर्भर है जैसा कि 2017 के मेक इन इंडिया रिपोर्ट में बताया गया है.
  • ये गलियारे प्रदूषण और लागत की दृष्टि की भी काम के सिद्ध होंगे. आज की तिथि में इन गलियारों पर लगने वाले जाम के कारण ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन अतिशय मात्रा में होता है और साथ ही ईंधन की खपत भी बढ़ जाती है. इन गलियारों के चालू हो जाने से प्रदूषण और ईंधन-लागत में कमी होगी.
  • पश्चिमी और पूर्वी गलियारों के निर्माण के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के विनिर्माण होंगे, जैसे – औद्योगिक गलियारे और माल ढुलाई पार्क आदि. इस प्रकार निवेश के नए मार्ग प्रशस्त होंगे.

 भारतीय समर्पित माल ढुलाई गलियारा निगम (DFCCIL) क्या है?

  • भारतीय समर्पित माल ढुलाई गलियारा निगम रेलवे मंत्रालय द्वारा संचालित एक निगम है जो समर्पित माल ढुलाई गलियारों के योजनान्यवन, निर्माण, वित्तीय स्रोतों को जुटाने के साथ-साथ इनके संचालन और संधारण का काम करता है.
  • DFCCIL कम्पनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत 30 अक्टूबर, 2006 को कम्पनी के रूप में पंजीकृत हो चुका है.
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