Sansar डेली करंट अफेयर्स, 30 May 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 30 May 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : New Development Bank

संदर्भ

ब्राजील के पूर्व उप अर्थव्यवस्था मंत्री, मार्कोस प्राडो ट्रायजो को शंघाई स्थित नवीन विकास बैंक (New Development Bank – NDB) के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है. उन्हें ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान के अध्यक्ष के रूप में अनुभवी भारतीय बैंकर के.वी. कामथ के स्थान पर नियुक्त किया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वीडियो-सम्मेलन के माध्यम से विशेष बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में शामिल हुईं. भारत के अनिल किशोर को सम्मेलन के दौरान NDB के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया.

नवीन विकास बैंक (NEW DEVELOPMENT BANK)

  • इस बैंक की स्थापना 2014 में ब्रिक्स के सदस्य देशों रूस, ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और चीन द्वारा की गई थी.
  • यह बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाता है.
  • यह वैश्विक विकास को बढ़ाने के लिए, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के प्रयासों को पूरा करने के लिए काम करता है.
  • इसका उद्देश्य ब्रिक्स एवं अन्य उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचे एवं सतत विकास परियोजनाओं के लिये व्यापक संसाधन जुटाना है.
  • नवीन विकास बैंकके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की पहली वार्षिक बैठक वर्ष 2016 में  चीन के शंघाई शहर में आयोजित की गई थी.
  • यह सार्वजनिक और निजी दोनों परियोजनाओं का समर्थन करता है. इस बैंक की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी 100 बिलियन अमरीकी डालर थी.
  • न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD) ने अब तक भारत की 14 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है जिनमें 4,183 मिलियन डॉलर की राशि निहित है. इस बैंक ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक के साथ रणनीतिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.

GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.

Topic : Lok Sabha nominates 15 MPs as associate members of Delimitation Commission

संदर्भ

लोकसभा अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के 15 सांसदों को पूर्वोत्तर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करने में समिति की सहायता के लिए परिसीमन आयोग के ‘‘सहयोगी सदस्यों’’ के रूप में नामित किया है.

पृष्ठभूमि

परिसीमन आयोग ने लोकसभा अध्यक्ष और पूर्वोत्तर के चार राज्यों की विधानसभा के अध्यक्षों को हाल में पत्र लिखकर समिति के सहायक सदस्यों के नाम देने को कहा था. जम्मू-कश्मीर में फिलहाल कोई विधानसभा नहीं है. परन्तु यहाँविधानसभा का प्रावधान किया गया है. संसद सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य इस कार्य में आयोग की मदद के लिये शामिल किये जाते हैं.

परिसीमन क्या है?

परिसीमन का शाब्दिक अर्थ विधान सभा से युक्त किसी राज्य के अन्दर चुनाव क्षेत्रों की सीमाओं का पुनर्निधारण होता है.

परिसीमन का कार्य कौन करता है?

  • परिसीमन का काम एक अति सशक्त आयोग करता है जिसका औपचारिक नाम परिसीमन आयोग है.
  • यह आयोग इतना सशक्त होता है कि इसके आदेशों को कानून माना जाता है और उन्हें किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है.
  • आयोग के आदेशराष्ट्रपति द्वारा निर्धारित तिथि से लागू हो जाते हैं. इन आदेशों की प्रतियाँ लोक सभा में अथवा सम्बंधित विधान सभा में उपस्थापित होती हैं. इनमें किसी संशोधन की अनुमति नहीं होती.

परिसीमन आयोग और उसके कार्य

  • संविधान के अनुच्छेद 82 के अनुसार संसद प्रत्येक जनगणना के पश्चात् एक सीमाकंन अधिनियम पारित करता है और उसके आधार पर केंद्र सरकार एक परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) का गठन करती है.
  • इस आयोग में सर्वोच्च न्यायालय का एक सेवा-निवृत्त न्यायाधीश, मुख्य निर्वाचन आयुक्त और राज्यों के राज्य निर्वाचन आयुक्त सदस्य होते हैं.
  • इस आयोग का काम चुनाव क्षेत्रों की संख्या और सीमाओं का इस प्रकार निर्धारण करना है कि यथासम्भव सभी चुनाव क्षेत्रों की जनसंख्या एक जैसी हो.
  • आयोग का यह भी काम है कि वह उन सीटों की पहचान करे जो अजा/अजजा के लिए आरक्षित होंगे. विदित हो कि अजा/अजजा के लिए आरक्षण तब होता है जब सम्बंधित चुनाव-क्षेत्र में उनकी संख्या अपेक्षाकृत अधिक होती है.
  • सीटों की संख्या और आकार के बारे में निर्णय नवीनतम जनगणना के आधार पर किया जाता है.
  • यदि आयोग के सदस्यों में किसी बात को लेकर मतभेद हो तो बहुत के मत को स्वीकार किया जाता है.
  • संविधान के अनुसार, परिसीमन आयोग का कोई भी आदेश अंतिम होता है और इसको किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है.
  • प्रारम्भ में आयोग भारतीय राज्य पत्र में अपने प्रस्तावों का प्रारूप प्रकाशित करता है और पुनः उसके विषय में जनता के बीच जाकर सुनवाई करते हुए आपत्ति, सुझाव आदि लेता है. तत्पश्चात् अंतिम आदेश भारतीय राजपत्र और राज्यों के राजपत्र में प्रकाशित कर दिया जाता है.

परिसीमन आवश्यक क्यों?

जनसंख्या में परिवर्तन को देखते हुए समय-समय पर लोक सभा और विधान सभा की सीटों के लिए चुनाव क्षेत्र का परिसीमन नए सिरे से करने का प्रावधान है. इस प्रक्रिया के फलस्वरूप इन सदनों की सदस्य संख्या में भी बदलाव होता है.

परिसीमन का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के अलग-अलग भागों को समान प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराना होता है. इसका एक उद्देश्य यह भी होता है कि चुनाव क्षेत्रों के लिए भौगोलिक क्षेत्रों को इस प्रकार न्यायपूर्ण ढंग से बाँटा जाए जिससे किसी एक राजनीतिक दल को अन्य दलों पर बढ़त न प्राप्त हो.

चुनाव क्षेत्र परिसीमन का काम कब-कब हुआ है?

  • चुनाव क्षेत्रों के परिसीमन का काम सबसे पहले 1950-51 में हुआ था. संविधान में उस समय यह निर्दिष्ट नहीं हुआ था कि यह काम कौन करेगा. इसलिए उस समय यह काम राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग के सहयोग से किया था.
  • संविधान के निर्देशानुसार चुनाव क्षेत्रों का मानचित्र प्रत्येक जनगणना के उपरान्त फिर से बनाना आवश्यक है. अतः 1951 की जनगणना के पश्चात् 1952 में परिसीमन आयोग अधिनियम पारित हुआ. तब से लेकर 1952, 1963, 1973 और 2002 में परिसीमन का काम हुआ. उल्लेखनीय है कि 1976 में आपातकाल के समय इंदिरा गाँधी ने संविधान में संशोधन करते हुए परिसीमन का कार्य 2001 तक रोक दिया था. इसके पीछे यह तर्क दिया था गया कि दक्षिण के राज्यों को शिकायत थी कि वे परिवार नियोजन के मोर्चे पर अच्छा काम कर रहे हैं और जनसंख्या को नियंत्रण करने में सहयोग कर रहे हैं जिसका फल उन्हें यह मिल रहा है कि उनके चुनाव क्षेत्रों की संख्या उत्तर भारत के राज्यों की तुलना में कम होती है. अतः1981 और 1991 की जनगणनाओं के बाद परिसीमन का काम नहीं हुआ.
  • 2001 की जनगणना के पश्चात् परिसीमन पर लगी हुई इस रोक को हट जाना चाहिए था. परन्तु फिर से एक संशोधन लाया गयाऔर इस रोक को इस आधार पर 2026 तक बढ़ा दिया कि तब तक पूरे भारत में जनसंख्या वृद्धि की दर एक जैसी हो जायेगी. इसी कारण 2001 की जनगणना के आधार पर किये गये परिसीमन कार्य (जुलाई 2002 – मई 31, 2018) में कोई ख़ास काम नहीं हुआ था. केवल लोकसभा और विधान सभाओं की वर्तमान चुनाव क्षेत्रों की सीमाओं को थोड़ा-बहुत इधर-उधर किया गया था और आरक्षित सीटों की संख्या में बदलाव लाया गया था.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : What are Active Pharmaceutical Ingredients (API)?

संदर्भ

सरकार ने हाल ही में पैरासिटामोल की सक्रिय औषधि सामग्री  (Active Pharmaceutical Ingredients – API) के निर्यात से अंकुश हटाने की घोषणा की है.

पृष्ठभूमि

कोरोना वायरस संकट के बीच सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए पैरासिटामोल और इसके फार्मूलेशंस के निर्यात पर अंकुश लगा दिया था.अब विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पैरासिटामोल एपीआई के निर्यात पर लगे अंकुश को भी हटा दिया है. भारत ने पिछले दो माह में 120 से अधिक देशों को हाइड्राक्सीक्लोरोक्यून और पैरासिटामोल की आपूर्ति की है. कोविड19 महामारी के बाद इन दवाओं की मांग बढ गयी है.

सक्रिय औषधि सामग्री (API) क्या है?

सक्रिय औषधि सामग्री (API) का प्रयोग टेबलेट, कैप्सूल और सिरप बनाने के के लिए “कच्चे माल” की तरह किया जाता है. किसी भी दवाई के बनने में API की मुख्य भूमिका होती है और इसी API के लिए भारतीय कंपनियाँ बहुत हद तक चीन पर निर्भर हैं.

सक्रिय औषधि सामग्री (API) किसी दवा का वह भाग है जो रोग को ठीक करने की क्षमता रखता है. आपने कई बार दवाइयाँ खरीदते समय किसी टैबलेट पर लिखा देखा होगा – Dolo 650 (Paracetamol). इसका अर्थ यह होता है कि इस टैबलेट में 650mg सक्रिय औषधि सामग्री है जो आपके ज्वर को ठीक करने में सहायता पहुंचाएगी. दवाई बनाने वाली कंपनियों में भी दो तरह की कंपनियाँ होती है. अधिकांश कंपनियां सक्रिय औषधि सामग्री बनाती हैं और इन दवाइयों को लेकर दूसरी कंपनियाँ इनका फार्मूलेशन तैयार करने का काम करती हैं.

नकली दवाओं की समस्या

नकली API से बनी दवाओं से मरीजों को स्वास्थ्य में लाभ नहीं पहुँचता. ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष ही केंद्र सरकार ने दवाओं के लिए आयात हो रहे कच्चे माल यानी API में हो रहे बड़े घपले को उजागर किया था. विशेषकर चीन से बिना रोक-टोक के घटिया गुणवत्ता वाले प्रतिबंधित और मिलावटी श्रेणी के API का आयात धड़ल्ले से किया जा रहा था. 

पिछले वर्ष सितम्बर से केंद्र सरकार ने दवाओं में प्रयोग होने वाले एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट्स (Active Pharmaceutical Ingredients) पर QR कोड लगाना अनिवार्य कर दिया था जिससे असली-नकली दवाओं की पहचान की जा सके.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : African Swine Fever

संदर्भ

अफ्रीकी सूअर बुखार (African Swine Fever – ASF) के विषय में चिंताओं का हवाला देते हुए, चीन ने घोषणा की है कि वह भारत से सूअर, जंगली सूअर और संबंधित उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाएगा.

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ASF क्या है?

  • ASF बहुत तेजी से फैलने वाला और पशुओं के लिए घातक रोग है जो पालतू और जंगली दोनों सूअरों को संक्रमित करके उनमें रक्तस्रावी बुखार ला देता है.
  • यह ज्वर पहली बार 1920 में अफ्रीका महादेश में पकड़ा गया था.
  • इस बुखार का कोई उपचार नहीं है और जिस पशु को यह बुखार हो गया तो उसका मरना शत प्रतिशत तय है. अतः यह नहीं फ़ैल जाए इसके लिए रोगग्रस्त पशुओं को जान से मार देना पड़ता है.
  • ASF की विशेषता है कि यह पशु से पशु में फैलता है और मनुष्य पर इससे कोई खतरा नहीं होता.
  • संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) का कहना है कि ASF बहुत तेजी से एक महादेश से दूसरे महादेश तक फैलने की शक्ति रखता है.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : U.S. House passes Uighur rights Bill

संदर्भ

कोरोना वायरस संकट के मध्य अमेरिकी कांग्रेस ने चीनी अधिकारियों को उइगर मुस्लिम को हिरासत में लेने से रोकने के लिए लाए गए विधेयक को स्वीकृति दे दी है. अब इस विधेयक को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की स्वीकृति के लिए ह्वाईट हाउस भेजा गया है.

चीन पर क्या आरोप है?

सुनने में आता है कि उइगर लोगों को “शेष देश के साथ समरस” बना रहा है. इसके लिए कहा जाता है कि दस लाख उइगरों, कज्जाखों और दूसरे मुसलमानों को पकड़ कर बंदी शिवरों में डाल दिया गया है जहाँ उनको अपनी पहचान छोड़ने और हान चीनियों के प्रभुत्व वाले साम्यवादी देश चीन में बेहतर ढंग से घुलने-मिलने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

पर चीन का कहना है कि ये सारे आरोप असत्य हैं. वस्तुतः वह उनको “अतिवादी” विचारों से मुक्त किया जा रहा है और व्यावसायिक कौशल सिखाया जा रहा है.

चीन ने हाल के वर्षों में में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उइगर और अन्य मुस्लिम समूहों के विरुद्ध दमनात्मक कदम उठाये हैं और चीन ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज करता आया है, ठीक उसी प्रकार वर्तमान मोदी सरकार अपनी हिंदू राष्ट्रवादी नीतियों की आलोचना सह नहीं पाती और इन आरोपों को गलत ठहरा देती है.

उइगर (Uighurs) कौन हैं?

  1. उइगर मुसलमानों की एक नस्ल है जो बहुत करके चीन के Xinjiang प्रांत में रहती है.
  2. उइगर लोगउस प्रांत की जनसंख्या के 45% हैं.
  3. विदित हो कि तिब्बत की भांति Xinjiang भी चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र घोषित है.

उइगरों के विद्रोह का कारण

  • कई दशकों से Xinjiang प्रांत में चीन की मूल हान (Han) नस्ल के लोग बसाए जा रहे हैं. आज की तिथि में यहाँ 80 लाख हान रहते हैं जबकि 1949 में इस प्रांत में 220,000 हान रहा करते थे.
  • हान लोग अधिकांश नई नौकरियों को हड़प लेते हैं और उइगर बेरोजगार रह जाते हैं.
  • उइगरों की शिकायत है कि सैनिक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं जबकि सरकार यह दिखाती है कि उसने सभी को समान अधिकार दिए हुए हैं और विभिन्न समुदायों में समरसता है.

चीन की चिंता

  • चीन का सोचना है कि उइगरों का अपने पड़ोसी देशों से सांस्कृतिक नाता है और वे पाकिस्तान जैसे देशों में रहने वाले लोगों के समर्थन से Xinjiang प्रांत को चीन से अलग कर एक स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं.
  • विदित हो Xinjiang प्रांत की सीमाएँ मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान से मिलती है.

हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ा है. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस महामारी के लिए लगातार चीन को जिम्मेदार ठहराते आए हैं. वहीं अब इस बिल के कारण भी अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है.


Prelims Vishesh

Grand Ethiopian Renaissance Dam (GERD) :-

  • अफ्रीका का सबसे बड़ा बाँध नील नदी पर इथियोपिया के बेनिशान्गुल-गुमुज़ क्षेत्र में सूडान के 40 किलोमीटर पूरब में बन रहा है.
  • मिश्र इस बाँध का विरोध कर रहा है और इसको लेकर मिश्र और सूडान में तनातनी बढ़ने की आशंका है.

New plant species from Western Ghats :

  • केरल और तमिलनाडु के पश्चिमी घाटों के सदाहरित जंगल में पौधों की कुछ नई प्रजातियाँ मिली हैं.
  • ये प्रजातियाँ हैं – Eugenia sphaerocarpa, Goniothalamus sericeus और Memecylon nervosum.

Adenovirus COVID-19 vaccine :

  • विश्व-भर में COVID-19 के लिए टीका बनाने का काम चल रहा है. इनमें से एक वैक्सीन की चर्चा हो रही है जो एडिनो वायरस टाइप– V वेक्टर से बन रही है.
  • फेज-1 ट्रायल में इस टीके को निरापद (safe) और सहनीय पाया गया है और यह COVID-19 विषाणु के विरुद्ध प्रतिरोध की क्षमता भी उत्पन्न करती है.

Mizoram grants ‘industry’ status to sports :

  • खेलकूद को बढ़ावा देने और उसमें निवेश को आकर्षित करने के लिए मिज़ोरम ने उसे उद्योग का दर्जा दे दिया है. ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है.
  • जिन खेलों को उद्योग का दर्जा किया गया है, उनमें मुख्य हैं – फुटबॉल, हॉकी, कुश्ती, लट्ठबाजी, इसुकनवरा (रॉड पुशिंग), क्ल्चेट काल (बाँस का प्रयोग करते हुए रिले दौड़), इनरपथई (मुर्गा लड़ाना) आदि.

”Shahi Lichi” from Muzaffarpur and “Zardalu Mango” from Bhagalpur :

  • बिहार डाक अंचल (डाक विभाग) अब घर-घर जाकर शाही लीची और जरदालू आम पहुँचायेगा.
  • ज्ञातव्य है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में होने वाले शाही लीची को GI टैग प्राप्त है. इस लीची में अन्य लीचियों की तुलना में अधिक गुदा होता है.
  • जरदालू आम बिहार के भागलपुर में होता है. इसे भी GI टैग मिला हुआ है. यह पीला आम मीठी सुगंध के लिए जाना जाता है.

Katkari Tribe :

  • खैर के पेड़ से कत्था बनाने का काम करने वाली महाराष्ट्र और गुजरात में रहने वाली एक जनजाति कटकरी कहलाती है.
  • अंग्रेजों ने इसे अपराधी कबीलों की श्रेणी में रखा था.

Puntius sanctus :-

  • पिछले दिनों तमिलनाडु के वेलंकन्नी में Cyprinidae परिवार की मीठे जल वाली छोटी मछलियों की एक नई प्रजाति का पता चला है.
  • जिस परिवार से यह प्रजाति आती है उसे केरल में पराल और तमिलनाडु में केंडे कहते हैं.
  • ये मछलियाँ समुद्र में नहीं होतीं, केवल मीठे जल में होती हैं.

Biodiversity Samrakshan Internship Programme :-

22 मई को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर एक इंटर्नशिप पाठ्यक्रम शुरू किया गया जिसके अंतर्गत स्नातकोत्तर डिग्री वाले 20 छात्रों को एक वर्ष के लिए ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा के माध्यम से चुना जाएगा.

U.P. releases skill map of migrants :-

  • तालेबंदी के समय उत्तर प्रदेश लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के विषय में वहां की सरकार ने एक कौशल्य मानचित्र (skill map of migrant workers) निर्गत किया है.
  • सरकार ने कहा है कि इन मजदूरों को उनके कौशल्य और अनुभव के अनुसार आजीविका दी जायेगी और इसके लिए एक प्रवासी आयोग गठित किया जाएगा.

CoAST India (Collaboration/Covid Action Support Group) :-

  • इंडिया ऑब्जर्वेटरी ने आणंद में स्थित वन पर्यावरण सुरक्षा (Forest Ecological Security – FES) नामक संस्था से मिलकर CoAST India नामक GIS से चलने वाला एक डैशबोर्ड बनाया है जो तालेबंदी के बाद घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की यात्रा के विषय मन क्षण-प्रतिक्षण की जानकारी देगा.
  • इसके लिए 55 संगठनों से सूचना प्राप्त की जा रही है. इस डैशबोर्ड के सहारे सरकारें और स्थानीय सिविल संगठन प्रवासी मजदूरों को हर प्रकार की सहायता देने का काम कर सकते हैं.

Jubaland :

  • दक्षिण सोमालिया में जुबालैंड नामक एक स्वायत्त क्षेत्र है जो जुबा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है.
  • इसके पश्चिम में केन्या का पूर्वोत्तर प्रांत है. जुबालैंड का सबसे बड़ा नगर किस्मायो है जो जुब्बा नदी के मुहाने के निकट तट पर स्थित है.

Dehing Patkai wildlife sanctuary :-

  • ऊपरी असम की एक कोयला खदान परियोजना के लिए सलेकी सुरक्षित वन (प्रस्तावित) में से 98.59 हेक्टेयर भूमि देने का निर्णय हुआ है जिसको लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है.
  • ज्ञातव्य है कि यह प्रस्तावित सुरक्षित वन देहिंग पटकई गज आश्रयणी (Dehing Patkai elephant reserve) का एक अंग है.
  • देहिंग पटकई उष्ण कटिबंधीय निम्न भूमि वर्षा वनों का भारत में सबसे बड़ा क्षेत्र है.

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