Sansar डेली करंट अफेयर्स, 26 October 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 26 October 2018


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Office of Profit

संदर्भ

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उस याचिका को निरस्त कर दिया है जिसमें माँग की गई थी कि दिल्ली विधानसभा के 27 “AAP party” के सदस्यों को इस आधार पर पदच्युत कर दिया जाए कि वे दिल्ली सरकार द्वारा गठित लोक कल्याण समितियों के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. याचिका में दावा किया गया था कि अध्यक्ष के ये पद “लाभ के पद (office of profit)” हैं.

भूमिका

राष्ट्रपति का यह निर्णय जुलाई महीने में चुनाव आयुक्त द्वारा दिए गये मंतव्य पर आधारित था जिसमें चुनाव आयोग ने कहा था कि रोगी कल्याण समितियों के अध्यक्ष के पद “लाभ के पद” के दायरे में नहीं आते हैं, इसलिए उन पदों पर काम कर रहे सदस्यों को दिल्ली विधानसभा सदस्य अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत पदच्युत नहीं किया जा सकता है. चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए सपष्ट किया था कि रोगी कल्याण समतियों के अध्यक्ष को कोई आर्थिक लाभ नहीं दिया जाता है, इसलिए ये पद लाभ के पद नहीं है.

लाभ का पद किसे कहते हैं?

यदि कोई विधायक अथवा सांसद किसी सरकारी पद पर है और वह इसके लिए कोई लाभ प्राप्त करता है तो उस पद को लाभ का पद कहा जाता है. यदि कोई विधायक/संसद केंद्र अथवा राज्य सरकार के अन्दर किसी लाभ के पद पर कार्यरत है तो उसे विधान सभा/संसद की सदस्यता से पदच्युत किया जा सकता है.

विधायक/सांसद को पदच्युत करने का आधार

संविधान की धारा 102 और धारा 191 में क्रमशः सांसद और विधायक को पदच्युत करने का आधार वर्णित किया गया है. इसके अनुसार इनकी पदच्युति इन कारणों से हो सकती है –

i) केंद्र अथवा राज्य सरकार के अन्दर लाभ का पद धारण करना.

ii) पागल होना

iii) दिवालिया होना

iv) भारत का नागरिक नहीं होना अथवा किसी दूसरे देश की नागरिकता ले लेना

विधायक/सांसद लाभ के पद से वंचित क्यों हैं?

संविधान के निर्माताओं का विचार था कि विधायक/सांसद को किसी भी रूप में कार्यकारिणी के प्रति उत्तरदायी नहीं होना चाहिए, अन्यथा विधायी करते समय वह प्रभावित हो सकता है. दूसरे शब्दों में यदि कोई विधायक/सांसद सरकार के अन्दर लाभ के पद पर नहीं है तो वह स्वतंत्र होकर बिना सरकारी दबाव के अपने कर्त्तव्य का निर्वाह कर सकेगा.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Anti- Defection law

संदर्भ

हाल ही में, मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य विधान सभा अध्यक्ष के उस निर्णय को सही माना है जिसमें पिछले वर्ष 18 AIADMK के सदस्यों को पदच्युत कर दिया गया था.

भूमिका

2017 में AIADMK के 19 विधायक राज्यपाल से मिले थे और एक ज्ञापन दिया था जिसमें कहा गया था कि उन लोगों ने मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी  में अपना विश्वास खो दिया है, इसलिए एक नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाए. उस पर विधान सभा अध्यक्ष ने इन विधायकों को सूचना भेजते हुए पूछा था कि क्यों नहीं उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत अयोग्य घोषित कर दिया जाए. कालांतर में इन 19 विधायकों से एक S.T.K. Jakkaiyan AIDMK में लौट आये थे और शेष 18 को पदच्युत कर दिया गया था.

दल-बदल कानून के बारे में

राजनीतिक दल-बदल लम्बे समय से भारतीय राजनीति का एक रोग बना हुआ था और 1967 से ही राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक (anti-defection law) लगाने की बात उठाई जा रही थी. अन्ततोगत्वा आठवीं लोकसभा के चुनावों के बाद 1985 में संसद के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से 52nd Amendment विधेयक पारित कर राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक लगा दी. इसे संविधान की दसवीं अनुसूची (10th Schedule) में डाला गया.

दल-बदल के बारे में विस्तार से पढ़ें >>> 52nd Amendment – दल-बदल पर कानूनी रोक


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Scheme for Promotion of Academic and Research Collaboration (SPARC)

संदर्भ

भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक वेब-पोर्टल का शुभारम्भ किया है जो SPARC योजना से सम्बंधित है. SPARC का full form है – “Scheme for Promotion of Academic and Research Collaboration (SPARC)”.

SPARC क्या है?

  • यह योजना भारत सरकार द्वारा अगस्त 2018 में स्वीकृत की गई थी. यह योजना 31/3/2020 तक कार्यान्वित की जानी है और इसमें कुल मिलाकर 418 करोड़ रु. की लागत आएगी.
  • SPARC योजना को लागू करने के लिए IIT खड़गपुर को राष्ट्रीय समन्वयक संस्थान बनाया गया है. इस विषय में विशेष विवरण इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है – www.sparc.iitkgp.ac.in.
  • इस योजना का उद्देश्य है भारत के उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में अनुसन्धान के वातावरण में सुधार लाना. इसके लिए इस योजना के अंतर्गत भारत के विभिन्न संस्थानों तथा विश्व के उत्कृष्टतम संस्थानों के बीच शैक्षणिक एवं शोध विषयक सहयोग की सुविधा प्रदान की जायेगी.
  • इस योजना के अंतर्गत आगामी 2 वर्षों तक 600 संयुक्त शोध प्रस्ताव स्वीकृत किये जाएँगे जिनमें देश-विदेश के सर्वोत्कृष्ट विद्वान् आपस में ताल-मेल करेंगे.
  • जिन विषयों पर शोध किया जाएगा वे विज्ञान के उन आधुनिकतम विषयों से सम्बंधित होंगे जो मानव समाज के लिए, विशेषकर भारत के लिए, प्रत्यक्ष रूप से प्रासंगिक हैं.

योजना का महत्त्व

योजना के कार्यान्वयन से यह आशा की जाती है कि न केवल भारत को अपनी मुख्य राष्ट्रीय समस्याओं के विषय में सर्वोत्कृष्ट राष्ट्रीय विशेषज्ञों का सहयोग मिलेगा, अपितु भारतीय विद्वान् इन विदेशी विद्वानों के साथ विचार-विमर्श कर पायेंगे. योजना में प्रस्ताव है कि अंतर्राष्ट्रीय विद्वान् भारत में आकर लम्बे समय तक रहें. योजना के तहत भारतीय छात्रों को विश्व-स्तरीय प्रयोगशालाओं में काम करने तथा शोध में उभयपक्षीय सम्पर्क बनाने का अवसर मिलेगा. साथ ही इससे भारतीय संस्थानों की अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग को सुधारने में सहायता मिलेगी.


GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : India and Bangladesh sign agreements for enhancing inland and coastal waterways connectivity

संदर्भ

भारत और बांग्लादेश ने आपसी व्यापार तथा जलयान यात्राओं के लिए दोनों देशों के बीच अंतर्देशीय तथा समुद्र तटीय जलमार्ग सम्पर्क को बढ़ाने हेतु युगांतरकारी समझौते किये हैं. इन समझौतों से न केवल दो देशों के बीच में वस्तुओं और यात्रियों का आवागमन सरल हो जाएगा अपितु व्यापार एवं पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा.

मुख्य तथ्य

  • एक समझौते के अनुसार भारत तक माल ले जाने और पहुँचाने के लिए बांग्लादेश के चट्टोग्राम और मोंगला बंदरगाहों का प्रयोग किया जाएगा.
  • एक मानक सञ्चालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure – SOP) पर भी हस्ताक्षर किये गये हैं जो यात्री और क्रूज सेवाओं से सम्बंधित है.
  • भारत और बांग्लादेश ने अंतर्देशीय जल आवागमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल (Protocol on Inland Water Transit and Trade – PIWTT) में एक अनुच्छेद जोड़ा है जिसके अनुसार जहाज भारत के धुबरी बंदरगाह और बांग्लादेश के पनगाँव बंदरगाह पर भी रुका करेंगे.
  • यह भी समझौता किया गया कि प्रोटोकॉल में वर्णित जलमार्ग में Geonkhali से लेकर Kolaghat तक रूपनारायण नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग – 86) को भी शामिल किया जाएगा और पश्चिम बंगाल के Kolaghatin को एक नया पड़ाव घोषित किया जाएगा.
  • उभय पक्षों ने बराक नदी (NW 16) पर स्थित बदरपुर को असम के करीमगंज और आसूगंज (बांग्लादेश) के Ghorasal को एक विस्तारित विराम स्थल को बनाया जाएगा.
  • समझौते में यह भी निर्णय लिया गया है कि असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और भूटान तक माल ले जाने के लिए Jogighopa को एक नाभिकेंद्र/जहाज टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाएगा.
  • एक समझौते के अनुसार कलकत्ता बंदरगाह से तीसरे पक्ष के आयात-निर्यात मार्ग को ले जाने के लिए बांग्लादेश का चुंगी विभाग मुंशीगंज नदी को एक टर्मिनल के रूप में अधिसूचित करेगा.

लाभ और महत्त्व

  • नए समझौतों से रूपनारायण नदी के रास्ते बांग्लादेश को भारत से फ्लाई ऐश, सीमेंट और निर्माण सामग्रियाँ पहुँचाने में सहायता मिलेगी.
  • पूर्वोत्तर राज्य भारत के कलकत्ता और हल्दिया बंदरगाहों तथा बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह से जलमार्गों के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ जाएँगे.
  • जलमार्ग से आयात-निर्यात के लिए माल ढुलाई सरल हो जायेगी और इस पर खर्च भी घट जाएगा.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Citizen- Science repository of Indian mammals

संदर्भ

बंगलुरु के राष्ट्रीय जैव विज्ञान केंद्र (National Centre for Biological Sciences – NCBS) के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भारत के स्तनपाइयों के विषय में एक नया वैज्ञानिक संग्रह (science repository) तैयार किया है जो सामान्य नागरिक के लिए खुला हुआ होगा. इसका नाम “Mammals of India (MaOI) अर्थात् भारत के स्तनपायी” रखा गया है. यह संग्रह जैव विविधता मानचित्र (India project) के एक हिस्सा होगा.

मुख्य तथ्य

इस संग्रह में प्रत्येक भारतीय स्तनपायी प्रजाति के लिए एक विशेष पृष्ठ होगा जिसमें ये जानकारियाँ अंकित होंगी – पहचान, भेद, वितरण, प्रजनन, प्रजननेतर, पारिस्थितिकी तथा प्रजाति संरक्षण.

इस पृष्ठ में कोई भी अपनी ओर से पशु-विशेष से सम्बंधित किसी वेबसाइट में उपलब्ध चित्र को साझा कर सकता है. इससे यह होगा कि देश में अल्पज्ञात स्तनपाइयों के बारे में अधिक से अधिक सूचना जमा हो सकेगी.

भूमिका

अधुनातन अनुमानों के अनुसार भारत में 426 प्रकार के स्तनपायी प्राणी पाए जाते हैं जिनमें 47 ऐसे हैं जो पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में हर कहीं मिलते हैं. यहाँ यह ध्यान देने योग्य बात है कि सुप्रसिद्ध स्तनपायी प्रजातियों के अलावे चूहे, चमगादड़, व्हेल और डॉलफिन भी स्तनपायी होते हैं. भारत में 100 प्रकार के चूहे, 126 प्रकार के चमगादड़ और 24 प्रकार के व्हेल तथा डॉलफिन पाए जाते हैं.

MaOI का महत्त्व

Mammals of India (MaOI) में पशुओं के चित्र के साथ-साथ देश में ये कहाँ-कहाँ पाए जाते हैं, इसकी जानकारी देने के लिए मानचित्र भी होगा. इनसे शोधकर्ताओं को विभिन्न प्रजातियों के विषय में जानकारी मिलेगी तथा साथ ही इन प्रजातियों के बीच में आपसी व्यवहार के विषय में सूचना उपलब्ध हो पाएगी. यहाँ पर व्यवहार का अर्थ है कि एक स्तनपायी दूसरे स्तनपायी से कैसा संबंध रखता है, क्या वह उसे मारकर खा जाता है अथवा नहीं.


Prelims Vishesh

Commonwealth Association for Public Administration and Management Award, 2018 :-

  • भारत को लोक प्रशासन एवं प्रबंधन के लिए कॉमन वेल्थ एसोसिएशन पुरस्कार (CAPAM), 2018 दिया गया है.
  • CAPAM एक लाभरहित संघ है जिसमें विश्व के 50 देशों के 1,100 से अधिक वरिष्ठ लोक सेवक, सरकार प्रमुख, अग्रणी विद्वान् एवं शोधकर्ता प्रतिनिधित्व करते हैं.
  • यह पुरस्कार 1998 से दिए जा रहे हैं.

Tagore Award for Cultural Harmony :-

  • हाल ही में 2014, 2015 और 2016 के लिए टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कार वितिरित किए गये हैं.
  • ये पुरस्कार भारत के मणिपुरी नृत्य विशारद राजकुमार सिंघजित सिंह (2014), बांग्लादेश के सांस्कृतिक संगठन छायानट (2015) तथा भारत के महानतम मूर्तिकारों में से एक राम वनजी सुतार (2016) को दिया गया.
  • टैगोर पुरस्कार भारत सरकार द्वारा हर वर्ष दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार रविन्द्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती पर आरम्भ किया गया.
  • सबसे पहला पुरस्कार 2012 में सितारवादक रविशंकर को दिया गया था.
  • पुरस्कार में एक करोड़ रु., एक प्रशस्तिपत्र, एक फलक तथा एक उत्कृष्ट हस्तशिल्प कृति दी जाती है.
  • यह पुरस्कार विश्व के किसी भी व्यक्ति को दिया जा सकता है.

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