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Sansar Daily Current Affairs, 26 November 2020
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.
Topic : QS Asia Rankings – 2021
संदर्भ
हाल ही में एशिया के शैक्षणिक संस्थानों के लिए क्यूएस एशिया रैंकिंग- 2021 (QS Asia Rankings-2021) निर्गत की गयी है.
क्यूएस एशिया रैंकिंग-2021 से जुड़े प्रमुख बिन्दु
- एशिया के प्रमुख 750 शैक्षणिक संस्थानों के आंकलन के आधार पर क्यूएस एशिया रैंकिंग-2021 जारी कर दी गई है.
- इस रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, दिल्ली और मद्रास शीर्ष 50 संस्थानों में शामिल हैं.
- जबकि वहीं क्यूएस एशिया रैंकिंग-2021 में सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने पहला स्थान प्राप्त किया है.
- क्यूएस एशिया रैंकिंग-2021 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, दिल्ली और मद्रास को क्रमशः 37 वाँ, 47 वाँ और 50 वाँ स्थान प्राप्त हुआ है.
- क्यूएस एशिया रैंकिंग-2021 में के विश्वविद्यालयों की श्रेणी में दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को 71 वाँ और 81 वाँ स्थान प्राप्त हुआ है. वहीं भारत के सागर विश्वविद्यालय 361 वाँ स्थान प्राप्त हुआ है.
- सूची में शामिल अन्य भारतीय संस्थानों में आईआईटी रुड़की (103), आईआईटी गुवाहाटी (II7), हैदराबाद विश्वविद्यालय (142), जादवपुर विश्वविद्यालय (147) ,कलकत्ता विश्वविद्यालय (154) और रासायनिक और प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (155) आदि हैं.
QS विश्व विद्यालय रैंकिंग
QS विश्व विद्यालय रैंकिंग विश्व-भर के महाविश्वविद्यालयों की रैंकिंग से सम्बंधित एक वार्षिक प्रकाशन है जो Quacquarelli Symonds (QS) द्वारा निर्गत किया जाता है.
इसके लिए QS जिन मानदंडों को मूल्यांकन के लिए अपनाता है, वे मुख्यतः हैं – विश्वविद्यालय की पढ़ाई-लिखाई के विषय में प्रसिद्धि, पढ़ाने वालों और पढ़ने वालों के बीच अनुपात, प्रत्येक पढ़ाने वाले को मिली प्रशस्तियाँ, विदेशी छात्रों की संख्या तथा विश्वविद्यालय में पढ़ाने की उत्कृष्टता.
आगे की राह
आईआईटी का एशिया व ग्लोबल लेवल पर पिछड़ने का एक सबसे बड़ा कारण ब्रेन ड्रेन माना जाता रहा है. अभी भी जेईई एडवांस्ड और आईआईटी टॉपर बाहर जाकर आगे की पढ़ाई करते हैं. यहां तक एडवांस्ड के टॉपर आईआईटी बॉम्बे में दाखिला मिलने के बाद सीएस ब्रांच में जाकर भी आईआईटी को छोड़कर एमआईटी में जा रहे हैं. इस कारण एमआईटी व अन्य संस्थानों से पास आउट स्टफ बेहतर रहता है. यही कारण ही विश्व की श्रेष्ठ कंपनियों में आईआईटी के बाद विदेशों के शिक्षा ग्रहण करने वाले प्रोफेशनल चला रहे हैं.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Related to Health.
Topic : Sanitisation and Hygiene Fund – SHF
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने सैनिटेशन एंड हाइजीन फंड (Sanitisation and Hygiene Fund: SHF) का शुभारंभ किया है.
सैनिटेशन एंड हाइजीन फंड
- SHF एक वैश्विक वित्तपोषण तंत्र है, जो स्वच्छता सेवाओं की कमी और प्रतिक्रिया करने की न्यूनतम क्षमता से उत्पन्न होने वाले रोगों से दबावग्रस्त देशों को त्वरित वित्तपोषण प्रदान करेगा.
- इसका लक्ष्य प्रयासों का समर्थन करने के लिए आगामी पांच वर्षों में 2 बिलियन डॉलर जुटाना है.
- इसे संयुक्त राष्ट्र परियोजना सेवा कार्यालय (Project Services) के लिए आयोजित किया गया है.
SHF का उद्देश्य
- घरेलू स्वच्छता का विस्तार करना;
- मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य और स्वच्छता (sanitisation and hygiene) सुनिश्चित करना;
- स्कूलों और स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों में सफाई एवं स्वच्छता का प्रावधान करना तथा
- अभिनव स्वच्छता समाधानों का समर्थन करना.
ऐसे कोष की आवश्यकता
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों में सफाई और स्वच्छता की कमी की आगामी दशक के 13 उभरते स्वास्थ्य खतरों में से एक के रूप में पहचान की है.
- स्वच्छता कोविड, इबोला और पोलियो सहित कई संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने के लिए केंद्रीय साधन है.
- यूनिसेफ (UNICEF) की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जल, सफाई और स्वच्छता (Water, Sanitisation and Hygiene: WASH) तक सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में वृहद् अंतर विद्यमान है.
- इससे पूर्व, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वॉश (वाटर, सेनिटेशन एंड हाइजीन: WASH) रणनीति वर्ष 2018–2025 को अपनाया था, जो दर्शाती है कि स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों में वॉश जैसे नए परिणाम क्षेत्रों से निपटने के तरीके और परिवर्तनकारी दृष्टिकोणों की शुरूआत से WHO ने अपना प्रमाव बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Essential Services Maintenance Act
संदर्भ
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (Essential Services Maintenance Act– ESMA) अर्थात एस्मा ऐक्ट की अवधि में विस्तार कर दिया गया है. इसके तहत अगले छह महीने तक सभी विभागों और निगमों हड़ताल पर प्रतिबंध रहेगा.
एस्मा ऐक्ट, 1968
आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (Essential Services Maintenance Act– ESMA) अर्थात एस्मा ऐक्ट भारत की संसद का एक अधिनियम है.
उद्देश्य: इस कानून को सामान्य जीवन को प्रभावित करने वाली कुछ आवश्यक सेवाओं के प्रतिपादन को सुनिश्चित करने के लिए अधिनियमित किया गया था.
- इनमेंसार्वजनिक परिवहन (बस सेवा), स्वास्थ्य सेवाएं (डॉक्टर और अस्पताल) जैसी सेवाएं शामिल की गयी हैं.
- ESMA के तहत पुलिस को, अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के लिएबिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान की गयी है.
कार्यान्वयन
आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA), भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची में प्रविष्टि संख्या 33 के तहत संसद द्वारा बनाया गया कानून है.
हालांकि, यह एक बहुत शक्तिशाली कानून है, किंतु इसका क्रियान्वयन पूरी तरह से राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करता है. भारत संघ में प्रत्येक राज्य में, केंद्रीय कानून के प्रावधानों में कुछ भिन्नता के साथ, राज्य आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम हैं. राज्यों के लिए यह स्वतंत्रता, इस केंद्रीय कानून में निहित है.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Conservation, environmental pollution and degradation, environmental impact assessment.
Topic : India Climate Change Knowledge Portal
संदर्भ
हाल ही में केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने “इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल” का शुभारंभ किया है.
इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल
- यह पोर्टल क्षेत्रवार अनुकूलन और शमन के उन कदमों को इंगित करता है, जो विभिन्न मंत्रालयों द्वारा एक स्थान पर अद्यतन जानकारी सहित उनके कार्यान्वयन के लिए उठाया जा रहा है.
- यह नॉलेज पोर्टल नागरिकों के बीचसरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन की समस्याओं को संबोधित करने के लिएराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय, दोनों, स्तरों पर उठाये जा रहे सभी प्रमुख कदमों के बारे में जानकारी का प्रसार करने में मदद करेगा.
पोर्टल के घटक
इस नॉलेज पोर्टल में शामिल आठ प्रमुख घटक हैं:
- भारत की जलवायु प्रोफ़ाइल
- राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क
- भारत का एनडीसी लक्ष्य
- अनुकूलन संबंधी कार्रवाई
- शमन संबंधी कार्रवाई
- द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग
- अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता
- रिपोर्ट और प्रकाशन
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Transport and marketing of agricultural produce and issues and related constraints; e-technology in the aid of farmers.
Topic : Mega Food Park
संदर्भ
हाल ही में, पंजाब में मेगा फूड पार्क का उद्घाटन किया गया है.
मेगा फूड पार्क क्या है?
- मेगा फूड पार्क योजना भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जाती है.
- इस योजना का उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्ताओं और खुदरा व्यवसायियों को एक मंच पर लाकर ऐसी सुविधा देना है जिससे कृषि उत्पादन से लेकर बाजार तक का सम्पर्क सुचारू हो सके. ऐसा करने से उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ेगी तथा साथ ही फसल की बर्बादी घटेगी. इसके कारण किसानों की आय तो बढ़ेगी ही, साथ ही विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
- इस प्रकार का पार्क स्थापित करने के लिए भारत सरकार अधिकतम50 करोड़ रुपये का अनुदान देती है पर इसके लिए कम से कम 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है जो अलग-थलग होकर एक ही स्थान पर हो. सरकार द्वारा परियोजना की सम्पूर्ण लागत का 50% दिया जाता है.
सञ्चालन प्रक्रिया
- यह परियोजना धुरी और तीलियाँ मॉडल पर आधारित है. इसमें खेत के पास एक अवसंरचना तैयार की जाती है जहाँ प्राथमिक प्रसंस्करण तथा भंडारण होगा. इन अवसंरचनाओं कोप्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र (Primary Processing Centres – PPCs) तथा संग्रहण केंद्र (Collection Centres – CCs) का नाम दिया गया है. इनके अतिरिक्त एक केन्द्रीय प्रसंस्करण केन्द्र (Central Processing Centre – CPC) भी होगा.
- इन प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्रों का काम उत्पादकों एवं प्रसंस्करणकर्ताओं के बीच सम्पर्क सूत्र स्थापित करना होगा जिससे केन्द्रीय प्रसंस्करण केन्द्रों (CPCs) को कच्चे माल की निर्बाध आपूर्ति होती रहे.
- CPC में प्रसंस्करण की मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध होंगी. यहाँ पर स्थित इकाइयाँ खाद्य प्रसंस्करण का कार्य करेंगी. इस केंद्र के लिए न्यूनतम 50 एकड़ भूमि होना अनिवार्य है.
- यह योजना माँग के अनुसार चलने वाली योजना है और इसका एक काम खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों पर पर्यावरण, सुरक्षा एवं सामाजिक मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना भी है.
Prelims Vishesh
Tribes India :-
- ट्राइब्स इंडिया का संचालन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (TRIFED) द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन किया जाता है.
- इस पहल का उद्देश्य सम्पूर्ण देश से विभिन्न हस्तकला, हथकरघा, व प्राकृतिक खाद्य उत्पादों को एक मंच पर उपलब्ध करवाने हेतु पांच लाख जनजातीय उत्पादकों को सम्मिलित करना है.
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