Sansar डेली करंट अफेयर्स, 26 June 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 26 June 2019


GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Saudi Arabia becomes 1st Arab country to get FATF membership

संदर्भ

सऊदी अरब वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (Financial Action Task Force – FATF) की पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने वाला पहला अरब देश बन गया है. इस आशय का निर्णय कार्यदल की वार्षिक सामान्य बैठक में अमेरिका में लिया गया. विदित हो कि सऊदी अरब को FATF में पर्यवेक्षक सदस्य का दर्जा 2015 से मिला हुआ है. FATF की बैठक 1989 में पेरिस में हुई थी. अतः इस वर्ष इसकी 30वीं वर्षगाँठ है.

FATF क्या है?

  • FATF एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 1989 में G7 की पहल पर स्थापित किया गया है.
  • यह एक नीति-निर्माता निकाय है जिसका काम विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधायी एवं नियामक सुधार लाने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति तैयार करना है.
  • FATF का सचिवालय पेरिस केOECD मुख्यालय भवन में स्थित है.

FATF के उद्देश्य

FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है.

ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?

FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं.

एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें.

आज की तिथि में दो ही देश ब्लैक लिस्ट में आते हैं – ईरान और उत्तरी कोरिया. सात देश ग्रे लिस्ट में हैं, जिनके नाम हैं – पाकिस्तान, श्रीलंका, सीरिया और यमन.

ग्रे लिस्ट में डालने का निहितार्थ

  • FATF की निगरानी सूची में किसी देश को डाले जाने से उसकी अर्थव्यवस्था को घातक क्षति होती है और विदेशी निवेशकों और कंपनियों को उस देश में व्यवसाय करने में और भी कठिनाई होती है.
  • कुछ वित्तीय संस्थाएँ उस देश के बैंकों के साथ लेन-देन करने से बचना चाहती हैं.
  • FATF की निगरानी सूची में डाले जाने का कोई प्रत्यक्ष कानूनी निहितार्थ नहीं होता, किन्तु इससे यह होता है कि नियामक निकाय और वित्तीय संस्थाएँ कुछ अधिक ही जाँच-पड़ताल करती हैं जिसके फलस्वरूप व्यापार और निवेश ठंडा पड़ सकता है और लेन-देन की लागत बढ़ सकती है.

GS Paper  2 Source: The Hindu

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Topic : Removal of Judges

संदर्भ

कुछ महीने पहले एक अंदरूनी पैनल ने पाया था कि इलाहबाद उच्च न्यायालय के जज एस.एन. शुक्ल कदाचरण के दोषी हैं. अभी पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि एस.एन. शुक्ल को बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू की जाए.

न्यायाधीशों को हटाने से सम्बंधित संवैधानिक प्रावधान

  1. संविधान के अनुच्छेद 124 (4) और Judges Inquiry Act 1968 में CIJ समेत सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को “दुर्व्यवहार या अक्षमता” के आधार पर अपने पद से हटाने की प्रक्रिया को निर्धारित किया गया है.
  2. Step 1 : CIJ या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश कोअपने पद से हटाने के लिए लोकसभा के 100 सदस्यों द्वारा लोक सभा के अध्यक्ष को एक removal motion पर हस्ताक्षर करके देना पड़ता है या राज्य सभा के 50 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित अपदस्थ-प्रस्ताव (removal motion) को राज्यसभा के अध्यक्ष (यानी उप-राष्ट्रपति) को प्रस्तुत करना पड़ता है. यह removal motion किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है.
  3. Step 2: अध्यक्ष इस प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है.
  4. Step 3: यदि प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश और CIJ के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जाँच हेतु एक प्रतिष्ठित न्यायवादी सहित तीन सदस्यीय समिति बनाता है.
  5. Step 4: यदि यह समिति भीप्रस्ताव का समर्थन कर देती है तो इस प्रस्ताव को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में सांसदों के दो तिहाई बहुमत से पारित किया जाना अनिवार्य है.
  6. Step 5: दोनों सदनों से पारित हो जाने के बाद यह राष्ट्रपति को प्रस्तुत किया जाता है, जो CIJ को हटाने के लिए राष्ट्रपति आदेश (Presidential Order) देता है.
  7. विदित हो कि अब तक भारत में किसी भी मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग नहीं हुआ है.

चुनौतियाँ

  • विधायिका द्वारा 1968 के अधिनियम के तहत विहित प्रक्रिया दोषपूर्ण प्रतीत होती है क्योंकि इससे न्यायाधीशों पर एक राजनैतिक मतदान प्रक्रिया के माध्यम से निर्णय लिया जाता है. बहुत सम्भावना है कि यदि त्रि-सदस्यीय समिति किसी न्यायाधीश को दोषी मानती भी है तो भी उसपर महाभियोग न हो पाए. इस प्रकार एक दोषी न्यायाधीश राजनैतिक कारणों से बच निकल सकता है और प्राकृतिक न्याय को धक्का पहुँच सकता है.
  • पूरी प्रक्रिया न्यायिक स्वायत्तता को हानि पहुँचाने वाली प्रतीत होती है. इसके माध्यम से न्यायाधीशों को बहुमत वाले दल की विचारधारा पर चलने के लिए विवश होना पड़ सकता है.
  • “दुर्व्यवहार और असक्षमता” शब्दों को संविधान में न तो परिभाषित किया गया है और न ही स्पष्ट किया गया है.
  • न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया आवश्यकता से अधिक लम्बी उबाऊ है.

GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : Shyama Prasad Mukherji Rurban Mission

संदर्भ

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रर्बन मिशन के कार्यान्वयन (SPMRM) में होने वाले अनुभवों के आदान-प्रदान के विषय में पिछले दिनों एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित हुई.

SPMRM क्या है?

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रर्बन मिशन एक अनोखा सरकारी कार्यक्रम है जिसकी रूपरेखा विकास की दहलीज पर पहुँचे हुए ग्रामीण क्षेत्रों को भौतिक सुविधाओं से युक्त करने के लिए तैयार की गई है.

धनराशि का प्रावधान

  • इस मिशन के लिए पहले केंद्र सरकार प्रत्येक रर्बन संकुल के लिए अनुमानित निवेश का 30% अंश देती है जिसे क्रिटिकल गैप फंडिंग कहा जाता है. शेष 70% धनराशि राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है. इसके लिए राज्य केन्द्रीय और राज्य कार्यक्रमों के साथ-साथ निजी निवेश एवं सांस्थानिक वित्तीयन का सहारा लेती है.
  • अब क्रिटिकल गैप फंडिंग को केंद्र और राज्य (मैदानी राज्य) 60:40 के अनुपात में तथा हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्य 90:10 के अनुपात में साझा करते हैं.

मिशन के विभिन्न प्रावधान

मूलभूत सुविधाएँ

  • सभी घरों को 27/7 जल की आपूर्ति करना.
  • घर और संकुल के स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन की सुविधा.

सड़कों के लिए प्रावधान

मिशन के अन्दर सड़कों में प्रकाश की उचित व्यवस्था की जायेगी और हरित तकनीक का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक यातायात की सुविधाएँ दी जाएँगी.

आर्थिक सुविधाएँ

कृषि सेवा एवं प्रसंस्करण, पर्यटन और लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा के लिए कौशल्य का विकास.

मिशन का उद्देश्य

मिशन का उद्देश्य स्थानीय आर्थिक निकास को प्रेरित करना, मूलभूत सुविधाओं में वृद्धि करना तथा सुनियोजित रर्बन संकुलों का निर्माण करना.

संकुलों का विश्वास क्यों?

  • जनगणना के अनुसार, भारत में गाँव में रहने वालों की संख्या 833 मिलियन है जोकि सम्पूर्ण जनसंख्या का लगभग 60% होता है.
  • 2001-2011 के बीच ग्रामीण जनसंख्या में 12% की वृद्धि हुई है. साथ ही इसी अवधि में गाँवों की संख्या भी बढ़ी है.
  • अधिकतर गाँवों में बस्तियाँ अलग-अलग नहीं होती हैं, अपितु उनके संकुल होते हैं जो एक दूसरे से अपेक्षाकृत निकट होती हैं. ऐसे संकुलों में विकास की अच्छी संभावना होती है.

GS Paper  3 Source: The Hindu

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Topic : National Freight Index

संदर्भ

सड़क से माल-ढुलाई के मामले में पारदर्शिता लाने के लिए रिविगो नामक गुड़गाँव के एक माल ढुलाई स्टार्ट-अप ने  राष्ट्रीय माल ढुलाई सूचकांक (NFI) का अनावरण किया है जिसमें देश-भर में विभिन्न मार्गों एवं गाड़ियों के लिए माल ढुलाई की दरें बताई जाएँगी.

राष्ट्रीय माल ढुलाई सूचकांक क्या है?

  • यह सूचकांक भारत के सड़क माल ढुलाई बाजार की स्थिति दर्शाने वाला सूचकांक है जो रिविगो विनिमय दर पर आधारित है.
  • यह सूचकांक देश के 7 मिलियन मार्गों और विभिन्न प्रकार की गाड़ियों के विषय में बाजार में चल रही तात्क्षणिक दर की जानकारी देता है.
  • सूचकांक में वर्तमान दर के अतिरिक्त इस बात की भी सूचना अंकित होती है कि माल ढुलाई की दरें भूतकाल में कैसी रही हैं.
  • सूचकांक और विनिमय दोनों रिविगो के मशीन लर्निंग और इकोनॉमिक्स पावर्ड प्राइसिंग एल्गोरिदमों पर आधारित होते हैं, जिनकी सटीकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास होते रहते हैं.

NFI का महत्त्व

  • सूचनाओं की विषमता के कारण आज के माल ढुलाई बाजार के ढाँचे में अत्यंत अकुशलता देखी जाती है, जिस कारण आर्थिक हानि हो जाती है.
  • NFI माल ढुलाई की दरों के बारे में ताजा सूचना देती है जो सब के लिए अबाधित रूप से उपलब्ध रहती है. फलस्वरूप बाजार में पारदर्शिता आती है और माल ढुलाई में कुशलता के साथ-साथ वृद्धि को उत्प्रेरण मिलता है.

Prelims Vishesh

DD Distributes Free Dish Set Top Boxes in J&K :-

  • पिछले दिनों दूरदर्शन ने जम्मू-कश्मीर में डिश-सेट-टॉप बक्से मुफ्त में बांटे.
  • इन बक्सों के माध्यम से वहाँ के लोग मुफ्त में ही सौ चैनल देख सकेंगे.
  • विदित हो कि दूरदर्शन देश का सबसे बड़ा DTH ऑपरेटर है जिसके 5 करोड़ कनेक्शन हैं.

Odisha flood hazard atlas :-

  • ओडिशा सरकार ने एक अनूठा बाढ़ आपदा एटलस (flood hazard atlas) बनाया है जो 2001 से 2018 तक उपग्रहों के द्वारा खींचे गये छायाचित्रों पर आधारित है.
  • आशा की जाती है कि इस एटलस से राज्य में आने वाली बाढ़ों से अधिक कुशलतापूर्वक निपटा जा सकेगा.

Centrally-controlled Air Traffic Flow Management (C-AFTM) system :-

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) देश में एक केन्द्रीय रूप से नियंत्रित वायु यातायात प्रवाह प्रबंधन तन्त्र बनाने जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य वायुयात्रा करने वालों को यात्रा में लगने वाले समय में कटौती करना है.

Device to trap ocean plastic relaunches :-

  • प्रशांत महासागर में कैलिफ़ोर्निया और हवाई के बीच समुद्र में तैरते हुए प्लास्टिक मलबे को पकड़ने के लिए एक तैरता हुआ उपकरण बनाया गया है.
  • विदित हो कि समुद्रों में लहरें प्लास्टिक बहाकर कुछ विशेष क्षेत्रों में ल्ले जाती हैं जिन्हें महासागरीय कचरा क्षेत्र कहा जाता है.
  • प्रशांत महासागर से कचरा निकालने का यह काम ओशन क्लीन-अप एक लाभ-रहित संगठन के द्वारा किया जा रहा है.

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