Sansar डेली करंट अफेयर्स, 24 June 2020

Sansar LochanSansar DCA

Sansar Daily Current Affairs, 24 June 2020


GS Paper 1 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.

Topic : Who was Chaolung Sukapha?

संदर्भ

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने राजनीतिक टिप्पणीकार गर्ग चटर्जी को कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी करने के लिए पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर असम लाने का आदेश दे दिया.

विदित हो कि चटर्जी ने पहले अहोम राजा स्वर्गदेव चालूंग सुकफा के विरुद्ध कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके लिए सोनोवाल ने गुवाहाटी पुलिस को आदेश दिया कि तत्काल पश्चिम बंगाल जाकर चटर्जी को गिरफ्तार किया जाए.

कौन थे चालूंग सुकफा?

  • सुकफा 13 वीं शताब्दी के महान् शासक थे जिन्होंने अहोम साम्राज्य की नींव रखी थी. अहोम साम्राज्य ने असम पर 6 सदियों तक राज किया. तत्कालीन विद्वानों की मानें तो सुकफा का संबंध बर्मा से था. सुकफा 13वीं सदी में बर्मा के ऊपरी क्षेत्र से असम में मौजूद ब्रह्मपुत्र की घाटी में अपने 9000 नुमाइंदों के साथ पहुँचे थे .
  • वर्तमान समय में असम में सुकफा को महत्ता देने का सबसे बड़ा कारण है उनके द्वारा यहाँ के समुदाय और मौजूद जनजातियों को एकीकृत करने के लिए किया गया सराहनीय प्रयास. सुकफा को असम में बोर असम या वृहत असम के निर्माता के तौर पर विशेष रूप से मान्यता दी जाती है.

कौन थे अहोम?

  • ताई जाति के लोग जो बर्मा (वर्तमान में म्यांमार) के उत्तरी क्षेत्र में रहते थे, उन्हें ही अहोम कहा जाता था.
  • ताई राजकुमार चालूंग सुकाफा के नेतृत्व में अहोम ने ब्रह्मपुत्र घाटी में हमला करके यहाँ अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया.
  • इस तरह से 1228 ई. में असम के क्षेत्र में अहोम साम्राज्य की स्थापना हो गई.
  • इस दौरान पश्चिमोत्तर दिशा से लगातार असम पर मुस्लिम आक्रमणकारियों के भी हमले हो रहे थे.
  • शनैः शनैः अहोम साम्राज्य का विस्तार होना प्रारम्भ हो गया और कामरूप, लखीमपुर, शिवसागर, नवगांव और दारांग तक में अहोम साम्राज्य ने अपने पाँव पसार लिये.

GS Paper 1 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : The Freedom Struggle – its various stages and important contributors /contributions from different parts of the country.

Topic : Variyamkunnath Kunjahammed Haji

संदर्भ

वर्ष 2021 में 1921 के मालाबार / मोपला विद्रोह की 100 वीं वर्षगांठ मनाई जायेगी. केरल के मालाबार क्षेत्र में अंग्रेजों के विरुद्ध वरियामकुननाथ वरियमकुन्नथ कुंजअहमद हाजी ने मोपला का नेतृत्व किया था.

वरियमकुन्नथ कुंजअहमद हाजी कौन था?

  1. वरियमकुन्नथ कुंजअहमद हाजी (1870 में जन्म) केरल के मालाबार क्षेत्र का एक व्यक्ति था जिसने 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ में ब्रिटिश शासन का विरोध किया और कुछ समय के लिए अपना राज भी स्थापित कर लिया था.
  2. हाजी में यह विद्रोह भाव इसलिए आया था कि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह में भागी होने के लिए उसके बाप मोइद्दीनकुट्टी हाजी को काला पानी की सजा मिली थी. आगे चलकर जब खिलाफत आन्दोलन चला तो उस समय केरल के खिलाफत नेता अलीमुसलियार को बंदी बना लिया गया और एक मस्जिद कथित रूप से लूटी गई.

मोपला विद्रोह

मोपला विदेशी शासन, हिन्दू जमींदारों और साहूकारों से पीड़ित थे. अपनी दुःखद स्थिति से लाचार होकर 19-20वीं शताब्दी में मोपलाओं ने बार-बार विरोध और आक्रोश प्रकट किया. 1857 के पूर्व मोपलाओं के करीब 22 आन्दोलन हुए. 1882-85, 1896 और बाद में 1921 में भी मोपला विद्रोह (Moplah Rebellion) हुआ. 1870 में सरकार ने मालाबार में मोपलाओं द्वारा बार-बार विरोध की विवेचना करने के लिए एक समिति का निर्माण किया. इस समिति के रिपोर्ट में कुछ बातें सामने आईं कि इन विरोधों का कारण किसानों को जमीन से बेदखल किया जाना, लगान में मनमाने ढंग से वृद्धि किया जाना आदि हैं.

विद्रोह की प्रकृति

मोपला के किसानों का आन्दोलन हिंसात्मक था. मोपलाओं ने जमींदारों के घरों में धावा बोला, धन लूटे और हत्या की. मंदिरों की भी संपत्ति लूटी गई. साहूकारों को भी मौत के घाट उतारा गया. पूरे मालाबार में अशांति फ़ैल गई. सरकार ने अपनी तरफ से मोपला विद्रोह (Moplah Rebellion) को नियंत्रित करने के लिए बल का भी प्रयोग किया. पर मोपला किसी से नहीं डरे. उनके मन में यह भावना थी कि इस आन्दोलन में वे मर नहीं रहे बल्कि शहीद हो रहे हैं और उन्हें इस काम के लिए जन्नत मिलेगी.

विद्रोह का अंत

सरकार ने बलपूर्वक मोपला विद्रोह को दबा दिया. इस विद्रोह में संगठनात्मक कमजोरियाँ थीं. यह विद्रोह लम्बे समय तक के लिए टिक नहीं पाया. मोपलाओं को अपने आन्दोलन में कुछ बड़े किसानों का भी सहयोग मिला. जो मोपला विद्रोह (Moplah Rebellion) 1921 में हुआ वह बहुत ही व्यापक था. इस विद्रोह को दबाने के लिए तो सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी थी.


GS Paper 1 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : History of the world will include events from 18th century such as industrial revolution, world wars, redrawing of national boundaries, colonization, decolonization, political philosophies like communism, capitalism, socialism etc.- their forms and effect on the society.

Topic : What is victory day?

संदर्भ

भारतीय रक्षा मंत्री हाल ही में रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल हुए. दूसरे विश्व युद्ध में नाजियों पर जीत की याद में ये परेड होती है. इस परेड में भारत की टुकड़ी शामिल हुई. विदित हो कि द्वितीय विश्व युद्ध में 87 हजार भारतीय सैनिक शहीद हुये थे जबकि 34,354 घायल हुये थे.

विजय दिवस के बारे में

  • हर साल 9 मई को रूस विजय दिवस मनाता है और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को याद करता है.
  • विजय दिवस द्वितीय विश्व युद्ध के अंत और 1945 में मित्र देशों की जीत का प्रतीक है.
  • जर्मनी के चांसलर और नाजी पार्टी के प्रमुख एडोल्फ हिटलर ने 30 अप्रैल को खुद को गोली मार ली थी. इसके बाद सात मई को जर्मन सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. जिसे अगले दिन औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया, जो नौ मई से प्रभाव में आया.
  • हालांकि अधिकांश यूरोपीय देशों में इसे 8 मई को मनाया जाता है.

रूस में विजय दिवस 9 मई को क्यों मनाया जाता है?

  • साल 7 मई 1945 को मित्र देशों की सेना के सामने नाज़ियों ने अपने हथियार डाल दिए और बिना शर्त समर्पण कर दिया.
  • समर्पण की शर्तों पर बर्लिन के नज़दीक 8 मई रात को 43 बजे हस्ताक्षर किए गए. हस्ताक्षर के वक्त रूस में समय था 9 मई के 0.43 बजे का.
  • इस कारण साल 1945 के बाद से हर साल यूरोप के कई देश 8 मई को अपना विक्टरी डे मनाते हैं, जबकि रूस ने 9 मई को विक्टरी डे परेड का आयोजन करने का फ़ैसला किया.
  • समर्पण की शर्तों पर हस्ताक्षर से पहले स्टालिन ने 9 मई को विजय दिवस मनाने के निर्णय किया था.

GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Sec 309 IPC

संदर्भ

दुनिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 15-29 साल के लोगों में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह आत्महत्या है. रिपोर्ट बताती हैं कि हर साल दुनिया में आठ लाख लोग और भारत में 1.30 लाख लोग आत्महत्या कर रहे हैं. युवाओं में डिप्रेशन के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है.

वर्ष 2017 में भारत में आत्महत्या को गैर-अपराधिक कृत्य घोषित किया गया था, परन्तु, भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC) की धारा 309 अभी समाप्त नहीं हुई है.

भारतीय दंड संहिता की धारा 309

विदित हो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 309  आज भी लागू है. भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के अनुसार, जो भी कोई आत्महत्या करने का प्रयत्न करेगा, और उस अपराध के करने के लिए कोई कार्य करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा.

मेंटल हेल्थकेयर एक्ट (एमएचसीए), 2017, जो जुलाई 2018 में लागू हुआ, ने धारा 309 आईपीसी के उपयोग की गुंजाइश को काफी कम कर दिया है – और आत्महत्या को केवल एक अपवाद के रूप में दंडनीय बनाने का प्रयास किया है.

एमएचसीए की धारा 115 (1) कहती है: “भारतीय दंड संहिता की धारा 309 में कुछ भी शामिल न होने के बावजूद, कोई भी व्यक्ति जो आत्महत्या करने का प्रयास करेगा, तब तक माना जाएगा, जब तक कि अन्यथा साबित न हो, गंभीर तनाव हो और उक्त कोड के तहत मुकदमा न चलाया जाए और उसे दंडित न किया जाए”.

धारा 115 (2) कहती है कि “उपयुक्त सरकार का कर्तव्य होगा कि वह किसी व्यक्ति को देखभाल, उपचार और पुनर्वास प्रदान करे, जिससे गंभीर तनाव न हो और जो आत्महत्या करने की कोशिश के जोखिम को कम करके लिए आत्महत्या करने का प्रयास न करे.”

मेरी राय – मेंस के लिए

 

स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत के अलावा पाकिस्तान और म्यांमार में शीर्षक बदलकर भारतीय दंड संहिता को ज्यों का त्यों लागू किया गया. आज कुछ ही देशों में आत्महत्या का प्रयास अपराध है. विधि आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मानवीय आधार पर लिया गया निर्णय है, जिसमें आत्महत्या का प्रयास अब अपराध नहीं होगा. ऐसे व्यक्ति को सही सलाह और देखभाल की जरूरत है, जेल भेजने की नहीं. आत्महत्या का प्रयास एक अत्यंत सख्त कदम है, लेकिन ऐसे व्यक्ति पर अभियोग चलाने और उसे जेल भेजने जैसी सजाओं के कारण आत्महत्या के दूसरी बार प्रयास को रोकना नामुमकिन है. आत्महत्या का दूसरा प्रयास अधिक गहनता से अंजाम दिया जाएगा, ताकि बचने की संभावना ही खत्म हो जाए. आत्महत्या को मानसिक स्वास्थ्य के साथ जोड़कर देखा जाता है, लेकिन इसके पीछे सामाजिक, पारिवारिक, यातना, पीड़ा और आर्थिक हानि जैसे कारण भी होते हैं. इसे लेकर राज्यों की अनेक आशंकाएं हैं. बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली तथा पंजाब राज्यों का मानना है कि इससे एक आत्मघाती हमलावर को भी बचाव का मौका मिलेगा. दूसरा सरकारी नीतियों के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों में आमरण अनशन की तीव्रता और अधिक बढ़ जाएगी. इस तरह के प्रयास कानून लागू करने वाली एजेंसियों के प्रयासों को पंगु बना सकते हैं.

309 को हटाने का मुख्य आधार आत्महत्या करने वाले को आपराधिकता से बचाना है. लेकिन सुसाइड बॉम्बर या साइनाइड की गोलियां खाकर जान देने के प्रयास मात्र आत्महत्या के प्रयास नहीं हैं, इसमें क्रमशः व्यापक विनाश तथा महत्वपूर्ण तथ्यों को समाप्त कर पुलिस जांच में बाधा पहुंचाने की मंशा भी छिपी हुई है, जिसके लिए भारतीय दंड संहिता में अलग से सजा के प्रावधान हैं. यह भी समझने की जरूरत है कि सबके सामने किसी अनुचित मांग के लिए आत्मदाह करने वाले को सजा अवश्य मिलेगी, क्योंकि गैरकानूनी तथा गैरमानवीय तरीके से किसी का विरोध प्रकट नहीं किया जा सकता तथा यह कृत्य सामाजिक लोकव्यवस्था के प्रतिकूल होने के कारण दंडनीय होगा. पुलिस की जांच हर आत्महत्या या आत्महत्या के प्रयास में अवश्य होनी चाहिए, ताकि आत्महत्या, हत्या या आत्महत्या के लिए उकसाने वाले तथ्यों का पता लगाया जा सके.


GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.

Topic : International Comparison Program– ICP

संदर्भ

विश्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम (International Comparison Program – ICP) के अंतर्गत संदर्भ वर्ष 2017 के लिए नई क्रय शक्ति समानताएँ (Purchasing Power Parities- PPPs) निर्गत की हैं जो संसार-भर की अर्थव्यवस्थाओं में जीवन की लागत में अंतरों को समायोजित करती हैं.

मुख्य तथ्य

  •  ‘अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम’ के वर्ष 2017 के इस चक्र में विश्व की 176 अर्थव्यवस्थाओं को सम्मिलित किया गया .
  • अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम, ‘संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग’ (UN Statistical Commission- UNSC) के दिशा-निर्देश में विश्व में डेटा संग्रह की सबसे बड़ी पहल है.

क्रय शक्ति समता (PPP)

  • यह अंतर्राष्ट्रीय विनिमय का एक सिद्धांत है.
  • इसका अर्थ किन्हीं दो देशों के मध्य वस्तु या सेवा की कीमत में वर्तमान अंतर से लिया जाता है.
  • क्रय शक्ति समता के आधार पर  किसी देश की अर्थव्यवस्था के आकार की जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
  •  क्रय शक्ति समता के माध्यम से यह भी पता लगाया जा सकता है कि दो देशों के मध्य मुद्रा की क्रयशक्ति में कितना अंतर या फिर समता विद्यमान है. 
  • क्रय शक्ति समता द्वारा मुद्रा विनिमय दर को तय किया जाता है.

विश्व सांख्यिकी दिवस

  • 20 अक्टूबर को विश्व सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है, इसकी शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी.
  • इसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग द्वारा की गयी थी. इसे पांच वर्ष में एक बार मनाया जाता है.
  • अलगी बार विश्व सांख्यिकी दिवस को 20 अक्टूबर, 2020 को मनाया जायेगा.

ICP क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम (International Comparison Program- ICP) संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग (UN Statistical Commission– UNSC) के दिशानिर्देशों के अंतर्गत विश्व की सबसे बड़ी डाटा-संग्रह पहल है.

अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम का उद्देश्य

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व की अर्थव्यास्थों में क्रय शक्ति समानताओं का उत्पादन  करना है जो सभी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तुलना किये जाने के लिये, आर्थिक गतिविधियों के उपायों को रूपांतरित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है.
  • क्रय शक्ति समानता के साथ-साथ, अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम, मूल्य स्तर सूचकांकों (Price Level Indices- PLI) एवं जीडीपी व्यय के अन्य क्षेत्रीय तुलना योग्य समुच्चयों का भी उत्पादन करता है.

मूल्य स्तर सूचकांक

  • मूल्य स्तर सूचकांक किसी अन्य देश के सापेक्ष दिये गए देश के मूल्य स्तर को वर्तमान नाम मात्र विनिमय दर से क्रय शक्ति समता (पीपीपी) को विभाजित करके व्यक्त करता है.
  • यह संकेतक एक सूचकांक के रूप में मापा जाता है.
  • वर्ष 1970 में ‘अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम’ की शरुआत  के बाद से भारत लगभग सभी ICP चक्रों में शामिल हो चुका है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत के लिये राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजेंसी (NIA) है, जिसे ‘राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम’ गतिविधियों की योजना, समन्वय और कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी दी गई है. 
  • भारत को ICP के वर्ष 2017 चक्र के लिये ऑस्ट्रिया के साथ-साथ आईसीपी गवर्निंग बोर्ड का सह-अध्यक्ष बनने का गौरव भी प्राप्त होता रहा  है.

वैश्विक स्थिति

  • सकल घरेलू उत्पाद ( Gross Domestic Product- GDP) के स्तर पर प्रति डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपए की क्रय शक्ति समानता वर्ष 2017 में 20.65 है जो वर्ष 2011 में 15.55 रही थी.
  • भारतीय रूपए की अमेरिकी डॉलर के साथ विनिमय दर समान वर्ष की इसी अवधि के 46.67 के तुलना में बढ़कर अब 65.12 पर है.
  • इसके तदनुरूप बाजार विनिमय दर का PPP का अनुपात-मूल्य स्तर सूचकांक (PLI) का उपयोग भारत की अर्थव्यवस्था की कीमत के स्तरों की तुलना के लिए किया जाता है जो 2011 के 42.99 की तुलना में 2017 में 47.55 है.

वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति

  • वर्ष 2017 में, भारत द्वारा PPP के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी वैश्विक स्थिति को बनाए रखा गया है जो क्रमशः चीन (16.4 प्रतिशत) एवं अमेरिका (16.3 प्रतिशत) की तुलना में PPP के लिहाज से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 6.7 प्रतिशत (वैश्विक रूप से कुल 119,547 बिलियन अमेरिकी डॉलर में से 8,051 बिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा.
  • भारत वैश्विक वास्तविक एकल उपभोग एवं वैश्विक सकल पूंजी निर्माण में अपनी क्रय शक्ति समता आधारित हिस्से के लिहाज से भी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति

  • वर्ष 2017 में, भारत ने विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी क्षेत्रीय स्थिति बनाए रखी जो पीपीपी के लिहाज से क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 20.83 प्रतिशत (एशिया प्रशांत के कुल 232,344 बिलियन हांगकांग डॉलर में से 48,395 हांगकांग डॉलर) था .
  • वही चीन 50.76 प्रतिशत के साथ प्रथम तथा इंडोनेशिया 7.49 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा . 

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति

  • भारत क्षेत्रीय वास्तविक एकल उपभोग एवं क्षेत्रीय सकल पूंजी निर्माण में अपने PPP आधारित हिस्से के लिहाज से भी दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
  • भारतीय रुपए से हांगकांग डॉलर की विनिमय दर इसी अवधि की तुलना में 6.00 % से बढ़कर 8.36 % हो चुकी है.
  • वहीं, भारत का मूल्य स्तर सूचकांक (Price Level Index-PLI ) वर्ष 2011 के 71.00 की तुलना में घटकर वर्ष 2017 में 64.00 रहा है.
  • आगामी ICP तुलना संदर्भ वर्ष 2021 के लिये की जानी है.

Prelims Vishesh

Macaws :-

  • बांग्लादेश से कलकत्ता अवैध रूप से लाये जा रहे कुछ विदेशी तोतों मकाउ (Macaws) के साथ वन्यजीवों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश राजस्व गुप्तसूचना निदेशालय के हाथों पिछले दिनों हुआ. जो पंछी जब्त हुए – Hyacinth Macaw, Pesquet’s Parrot, Severe Macaw और Hahn’s Macaw.
  • ज्ञातव्य है कि सीमा शुल्क अधिनियम और वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 के अंतर्गत चिड़ियों की तस्करी करने पर सात वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है.
  • ये सभी पंछी सुरक्षित पंछी हैं और इनमें सबसे अधिक सुरक्षा Hyacinth Macaw को दी जाती है.

Pokhran potteries :-

  • नीति आयोग द्वारा चिन्हित आकांक्षा जिलों में से एक पोखरण (राजस्थान) में मिट्टी के बर्तन बनाने की परम्परा को जीवंत रखने के लिए खादी एवं ग्राम उद्योग आयोग (KVIC) ने एक बड़ी योजना बनाई है जिसका नाम कुम्हार सशक्तीकरण योजना है.
  • इस योजना के अंतर्गत पोखरण में सदियों से रहते आये 80 कुम्हार परिवारों को बिजली का एक-एक चाक (potter wheels) बाँटा गया.
  • ज्ञातव्य है कि राजस्थान के अतिरिक्त यह कार्यक्रम इन राज्यों में भी चलाया जाएगा – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, J & K, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, तेलंगाना और बिहार.

YUKTI 2.0 :-

  • युक्ति का पूरा नाम है – Young India combating COVID with Knowledge, Technology and Innovation.
  • यह केंद्र के मानव संसाधन विकास मंत्रालय का एक पोर्टल है जो यह सुनिश्चत करेगा कि उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं को तकनीकों और नवाचारों को आगे ले जाने के लिए अपेक्षित और उचित संबल प्राप्त हो.

Gaia hypothesis :-

  • गैया हायपोथिसिस (Gaia Hypothesis) एक पर्यावरणिक सिद्धांत जो James Lovelock के द्वारा प्रस्तावित किया गया है.
  • इस सिद्धांत के अनुसार, धरती पर रहने वाले प्राणी और भौतिक जगत उस जटिल पारस्परिक प्रतिक्रिया के अंग हैं जो संतुलन बनाने का काम करती हैं.

Blazars :-

  • ब्लेज़र ब्रह्मांड के सबसे चमकीले पिंडों में से एक हैं जिनकी चमक दैत्याकार कृष्ण विवरों (black holes) के उत्सर्जन से आती है.
  • सभी सक्रिय आकाशगंगाओं के समान ब्लेजर भी उस पदार्थ से ऊर्जा प्राप्त करते हैं जो एक केन्द्रीय दैत्याकार कृष्ण विवर की दिशा में पतनशील होता है.
  • इस पतनशील पदार्थ का एक छोटा अंश कणों के दो जेटों का रूप धारण कर लेता है और दो विपरीत दिशाओं में लगभग प्रकाश की गति से बाहर की ओर विस्फोटित हो जाता है.
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि नए-नए खोजे हुए ब्लेजरों में जो सबसे दूरी पर स्थित है, उस ब्लेजर ने तब से प्रकाश छोड़ना आरम्भ कर दिया था जब ब्रह्मांड मात्र 4 बिलियन वर्ष पुराना था.

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