Sansar डेली करंट अफेयर्स, 17 October 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 17 October 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Govt. hikes poll expenditure ceiling by 10%

संदर्भ

हाल ही में केंद्र सरकार ने लोक सभा एवं विधान सभा निर्वाचनों में चुनावी व्यय सीमा में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी के लिए निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है.

  • विधि और न्याय मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग (EC) के परामर्श से, निर्वाचनों के संचालन नियम (Conduct of Election Rules: CER), 1961 में संशोधन कर व्यय सीमा में वृद्धि की अनुमति दे दी है.
  • निर्वाचन आयोग द्वारा यह अनुशंसा महामारी के दौरान आरोपित किए गए प्रतिबंधों के अंतर्गत की गई है.
  • ये संशोधित नियम तब तक जारी रहेंगे, जब तक कि केंद्र सरकार इनकी अधिसूचना को निरसित नहीं कर देती.

व्यय सीमा

  • वस्तुतः CER, 1961 के अंतर्गत निर्दिष्ट की गई है. इसमें किसी भी परिवर्तन के लिए विधि और न्याय मंत्रालय की स्वीकृति की जरूरत होती है.
  • लोक सभा एवं विधान सभा के निर्वाचनों के लिए वर्तमान व्यय सीमा राज्यों के आधार पर अलग-अलग निर्धारित की गई है.
  • सभी व्ययों के लिए एक सीमा तय की गई है, जैसे- प्रकाशित सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन (इसमें सोशल मीडिया अकाउंट्स, सार्वजनिक बैठकें आदि भी शामिल हैं) इत्यादि से संबंधित व्यय.
  • यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित सीमा से अधिक व्यय करता है, तो इसे निर्वाचनों के संचालन नियम, 1961 के नियम 90 के उल्लंघन के रूप में संदर्भित किया जाता है तथा जनप्रतिनिधित्वअधिनियम 1951 (Representative of People Act, 1951) की घारा 123(6) के तहत भ्रष्ट आचरण माना जाता है.
  • निर्वाचन व्यय की निगरानी जिला अधिकारियों द्वारा की जाती है.
  • चुनाव अभियान व्यय पर सीमा, चुनाव लड़ने वाले सभी लोगों को एक समान अवसर प्रदान करने में सहयोग करती है.

हालांकि, चुनावी व्यय सीमा में ये त्रुटियां परिलक्षित हुई हैं:- i) उम्मीदवार वास्तविक निर्वाचन व्यय का विवरण प्रदान नही करते हैं ii) इसके तहत राजनीतिक दलों को शामिल नहीं किया गया है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

निर्वाचन आयोग की संरचना

  • निर्वाचन आयोग में मूलतः केवल एक चुनाव आयुक्त का प्रावधान था, लेकिन राष्ट्रपति की एक अधिसूचना के ज़रिये 16 अक्तूबर, 1989 को इसे तीन सदस्यीय बना दिया गया.
  • इसके बाद कुछ समय के लिये इसे एक सदस्यीय आयोग बना दिया गया और 1 अक्तूबर, 1993 को इसका तीन सदस्यीय आयोग वाला स्वरूप फिर से बहाल कर दिया गया. तब से निर्वाचन आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं.
  • निर्वाचन आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है.
  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी IAS रैंक का अधिकारी होता है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही करता है.
  • इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु ( दोनों में से जो भी पहले हो) तक होता है.
  • इन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समकक्ष दर्जा प्राप्त होता है और समान वेतन एवं भत्ते मिलते हैं.
  • मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही पद से हटाया जा सकता है.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : New START- Strategic Arms Reduction Treaty

संदर्भ

हाल ही में रूसी राष्ट्रपति ने फरवरी 2021 में समाप्त हो रही संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के मध्य हुई न्यू स्टार्ट संधि (New START- Strategic Arms Reduction Treaty) में एक वर्ष का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया है. 

न्यू स्टार्ट संधि

  • नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (Strategic Arms Reduction Treaty- START) संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच सामरिक हथियारों में कमी लाने तथा उन्हें सीमित करने संबंधी एक संधि है. 
  • यह संधि 5 फरवरी, 2011 को लागू हुई थी.
  • यह नई स्टार्ट संधि शीत युद्ध के अंत में वर्ष 1991 में हुई स्टार्ट संधि की अनुवर्ती है. वर्ष 1991 की संधि दोनों पक्षों के लिये रणनीतिक परमाणु वितरण वाहनों की संख्या को 1,600 और वारहेड्स की संख्या को 6,000 तक सीमित करती है.
  • न्यू स्टार्ट संधि ने वर्ष 1991 की स्टार्ट-1 (Strategic Arms Reduction Treaty-1) को प्रतिस्थापित किया था. इसके अलावा इसने वर्ष 2002 की सामरिक आक्रामक कटौती संधि (Strategic Offensive Reductions Treaty-SORT) को भी समाप्त कर दिया था.
  • यह 700 रणनीतिक लॉन्चर और 1,550 ऑपरेशनल वारहेड्स की मात्रा को दोनों पक्षों के लिये सीमित कर अमेरिकी और रूसी रणनीतिक परमाणु शस्त्रागार को कम करने की द्विपक्षीय प्रक्रिया को जारी रखती है.
  • यदि इस संधि को पाँच वर्ष की अवधि के लिये विस्तारित नहीं किया जाता है तो यह संधि फरवरी 2021 में व्यपगत हो जाएगी.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि (INF Treaty)

  • वर्ष 1987 में हुई यह संधि अमेरिका और यूरोप तथा सुदूर पूर्व में उसके सहयोगियों की सुरक्षा में मदद करती है.
  • यह संधि अमेरिका तथा रूस की 300 से 3,400 मील दूर तक मार करने वाली ज़मीन से छोड़ी जाने वाले क्रूज़ मिसाइल के निर्माण को प्रतिबंधित करती है. इसमें ज़मीन आधारित सभी मिसाइलें शामिल हैं.
  • वर्ष 1987 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनके तत्कालीन यूएसएसआर समकक्ष मिखाइल गोर्बाचेव ने मध्यम दूरी और छोटी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइलों का निर्माण नहीं करने के लिये INF संधि पर हस्ताक्षर किये थे.
  • यह संधि प्रतिबंधित परमाणु हथियारों और गैर-परमाणु मिसाइलों की लॉन्चिंग को रोकती है किंतु अमेरिका की नाराज़गी रूस की एसएस-20 की यूरोप में तैनाती के कारण थी. इसकी रेंज 500 से 5,500 किलोमीटर तक है.
  • इस संधि के तहत वर्ष 1991 तक करीब 2700 मिसाइलों को नष्ट किया जा चुका है. इस संधि के तहत दोनों देश एक-दूसरे की मिसाइलों के परीक्षण और तैनाती पर नज़र रख सकते हैं.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Disaster management.

Topic : Flash Flood

संदर्भ

हाल ही में भारतीय मौसम विभाग ने दक्षिण एशिया के लिए अचानक आनेवाली बाढ़ से जुड़ी मार्गदर्शन सेवाएं प्रारम्भ की है.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. राजीवन ने 22 अक्टूबर 2020 को भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे दक्षिण एशियाई देशों के लिए अचानक आनेवाली बाढ़ से जुड़ी अपनी तरह की पहली मार्गदर्शन सेवाओं की शुरुआत की.

पृष्ठभूमि

  • अचानक आनेवाली बाढ़ से प्रभावित आबादी के जीवन और संपत्तियों पर विशेष रूप से विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की पंद्रहवीं कांग्रेस ने वैश्विक कवरेज के साथ एक फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम (एफएफजीएस) परियोजना के कार्यान्वयन को स्वीकृति दी थी.
  • जिसे डब्ल्यूएमओ कमीशन फॉर हाइड्रोलॉजी द्वारा डब्ल्यूएमओ कमीशन फॉर बेसिक सिस्टम के साथ संयुक्त रूप से और यूएस नेशनल वेदर सर्विस एवं यूएस हाइड्रोलॉजिकल रिसर्च सेंटर (एचआरसी) के सहयोग से विकसित विकसित किया गया था.
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग कंप्यूटिंग पावर, न्यूमेरिकल वेदर प्रेडिक्शन, अवलोकन संबंधी विशाल नेटवर्क (जमीन, वायु और अंतरिक्ष पर आधारित) और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित मौसम पूर्वानुमान प्रणाली के संदर्भ में अत्यधिक उन्नत क्षमताओं से लैस है. इसलिए, विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने बेहतर समन्वय, विकास और कार्यान्वयन के लिए दक्षिण एशिया फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम के क्षेत्रीय केंद्र की जिम्मेदारी भारत को सौंपी है.

क्या होती है फ्लैश फ्लड या आकस्मिक बाढ़ (Flash Flood)?

  • फ्लैश फ्लड या अचानक आने वाली बाढ़ से आशय ऐसी बाढ़ की उन घटनाओं से है जहाँ वर्षा के कुछ ही घंटों के दौरान (या बाद में) जल स्तर काफी बढ़ जाता है.
  • फ्लैश फ्लड, बहुत अधिक उफान के साथ छोटी अवधि वाली अत्यधिक स्थानीयकृत घटनाएँ होती हैं. आमतौर पर वर्षा की शुरुआत और चरम उफान वाली बाढ़ की घटना के बीच की अवधि छह घंटे से कम होती है,
  • विश्व के अधिकांश देशों में फ्लैश फ्लड से जुड़ी चेतावनी जारी करने संबंधी क्षमता का अभाव है.
  • फ्लैश फ्लड और इसकी विभीषिका को देखते हुए विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की पंद्रहवीं काॅन्ग्रेस द्वारा वैश्विक कवरेज के साथ एक ‘फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम’ (FFGS) परियोजना के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दी गई थी.
  • इस परियोजना को WMO के जल विज्ञान आयोग, अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा, अमेरिकी जल अनुसंधान केंद्र, संयुक्त राज्य अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) आदि के सहयोग से तैयार किया गया है.

फ्लैश फ्लड (Flash Flood) से जुड़ी मार्गदर्शन सेवाओं के विषय में

  • अचानक आने वाली बाढ़ संबंधी मार्गदर्शन (फ्लैश फ्लड गाइडेंस) एक मजबूत प्रणाली है, जो अचानक आने वाली बाढ़ भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे दक्षिण एशियाई देशों के लिए डिज़ाइन की गई है.
  • यह रियल टाइम में 4 किमी x 4 किमी के दायरे में जलस्तर से संबंधित डाटा को उपलब्ध कराकर, 6-12 घंटे पहले ही अचानक आने वाली बाढ़ की चेतावनी प्रणाली के साथ आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन की गई है.
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने प्री-ऑपरेशनल मोड में हाल के मानसून के मौसम के दौरान इस प्रणाली का परीक्षण किया है और इसके सत्यापन के लिए इस क्षेत्र के राष्ट्रीय जल विज्ञान और मौसम विज्ञान सेवाओं को अचानक आनेवाली बाढ़ से संबंधित बुलेटिन जारी किए गए थे.
  • स्थानीय स्तर पर अचानक आनेवाली बाढ़ की संभावित घटनाओं के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए इस प्रणाली में विज्ञान, गतिशीलता और निदान से जुड़ी गहरी जानकारियाँ विद्यमान हैं.    

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Awareness in the fields of IT, Space, Computers, robotics, nano-technology, bio-technology and issues relating to intellectual property rights.

Topic : Ghar Tak Fibre Scheme

संदर्भ

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ‘घर तक फाइबर’ योजना (Ghar Tak Fibre Scheme) की शुरुआत बिहार में काफी धीमी है. ज्ञातव्य हो, कि बिहार पहला राज्य है जहाँ अपने सभी 45,945 गाँवों को 31 मार्च, 2021 तक इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

वर्तमान स्थिति

  1. 31 मार्च तक सभी गांवों को इन्टरनेट से जोड़ने के लिए, राज्य को खाईयां खोदने, केबल बिछाने, और प्रतिदिन औसतन 257 गांवों या मासिक रूप से औसतन 7,500 से अधिक गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान करने के आवश्यकता होगी.
  2. हालाँकि, इस योजना के उद्घाटन के करीब एक महीने पश्चात्, 14 अक्टूबर तक, प्रति दिन 181 गांवों की दर से केवल 4,347 गाँवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछायी गई है.

योजना के बारे में

‘घर तक फाइबर’ योजना को इसी वर्ष सितंबर में आरंभ किया गया था. इसका उद्देश्य सभी गांवों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ना है.

  1. लक्ष्य: इस योजना के तहत, बिहार के प्रत्येक गाँव में कम से कम पाँच ‘फाइबर-टू-होम’ (fibre-to-the-home– FTTH) कनेक्शन प्रदान किये जाने हैं. तथा प्रत्येक गाँव में कम से कम एक वाईफाई हॉटस्पॉट भी लगाया जाएगा.
  2. कार्यान्वयन: इस परियोजना को दूरसंचार विभाग (DoT), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) द्वारा संयुक्त रूप से निष्पादित किया जाएगा.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

  • एक गाँव या ग्राम पंचायत (GP) को भारतनेट (BharatNet) के तहत ‘लिट अप’ (lit Up) माना जाता है जब उसको लगातार इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा प्राप्त होती है.
  • यह योजना केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के तहत क्रियान्वित की जा रही है.

Prelims Vishesh

Stand-off Anti Tank (SANT) missile :-

  • भारत ने एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range – ITR) में एक रूफटॉप (roof-top) प्रमोचक यान से वायु से सतह पर मार करने वाली SANT मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. 
  • SANT मिसाइल एक उन्नत नोड-माउंटेड सीकर (node-mounted seeker) से सुसज्जित हेलिकॉप्टर से प्रक्षेपित की जाने वाली नाग मिसाइल का उन्‍नत संस्करण है.
  • इसे भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है.
  • इसमें लॉक-ऑन आफ्टर लॉन्च और लॉक-ऑन बिफोर लॉन्च दोनों क्षमताएं शामिल होंगी.

Bandicoot robots :-

  •  हाल ही में, ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने सफाई हेतु बैंडीकूट नामक रोबोट को अपने साधनों में शामिल किया है, जो शहर के सीवर मैनहोल की सफाई में सहायता करेंगे.
  • ये रोबोट, किसी भी प्रकार के सीवर मैनहोल की सफाई में सक्षम हैं. इस रोबोट में दो प्रमुख इकाइयाँ संलग्न हैं, यथा- एक स्टैंड इकाई और एक रोबोटिक ड्रोन इकाई.

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