Contents
- 1 Topic : Who are the Gurkhas of the British Army?
- 2 Topic : How the 2015-16 El Nino affected disease outbreaks
- 3 Topic : District mineral foundations
- 4 Topic : Financial Stability and Development Council (FSDC)
- 5 Topic : National Supercomputing Mission
- 6 Topic : Domestic Systemically Important Bank
- 7 Prelims Vishesh
- 8 WANT MONTHLY DCA PDF
Sansar Daily Current Affairs, 16 March 2019
GS Paper 1 Source: Indian Express
Topic : Who are the Gurkhas of the British Army?
संदर्भ
ब्रिटेन की सेना ने यह घोषणा की है कि वह इस वर्ष 800 से अधिक नेपाली गुरखा सैनिकों की नियुक्ति करके एक नया विशेषज्ञ पैदल बटालियन बनाएगी.
गुरखे कौन हैं?
- गुरखे ब्रिटेन की सेना में पिछले 200 वर्षों से नियुक्त होते रहे हैं. आज उस सेना में गुरखों की संख्या 3% है. ब्रिटेन की सेना में इनकी बहाली 1815 से हो रही है. इनको बहाल करने का निर्णय उस समय लिया गया था जब अंग्रेजी-नेपाली युद्ध, 1814-16 में ब्रिटेन के सैनिकों ने गुरखों के अनुशासन और क्रूरता को पहली बार देखा था. तब से दोनों विश्व युद्धों और लगभग सभी युद्धों में गुरखे ब्रिटेन के साम्राज्य की ओर से लड़ते रहे हैं.
- 1947 में भारत के स्वतंत्र होने पर गुरखों के 10 रेजिमेंट कहाँ जाएँगे, यह प्रश्न उठा था. इस विषय में भारत, ब्रिटेन और नेपाल के मध्य एक त्रि-पक्षीय समझौता हुआ जिसके अनुसार 1948 में भारत ने 11वाँ गुरखा राइफल रेजिमेंट बनाया जिसमें उन गुरखा सैनिकों को लिया गया जो ब्रिटेन की रेजीमेंटों में सम्मिलित नहीं होना चाहते थे.
- उधर ब्रिटेन की सेना ने चार गुरखा रेजीमेंटों को मिलाकर एक संयुक्त रोयल गुरखा राइफल रेजिमेंट बनाया जिसमें तीन बटालियनें थीं. आगे चलाकर इस रेजिमेंट के सैनिकों को एशिया में स्थित ब्रिटेन के उपनिवेशों, जैसे – मलेशिया, सिंगापुर और होंग-कोंग में वहाँ सिक्खों के स्थान पर तैनात किया गया.
गुरखों की बहाली
नेपाल के पोखरा में ब्रिटेन एक गुरखा शिविर लगाकर प्रतिवर्ष गुरखों की बहाली करता है. नवनियुक्त गुरखे न केवल ब्रिटन की सेना में, अपितु सिंगापुर पुलिस बल की आतंक विरोधी शाखा में भी इनकी तैनाती होती है. बहाली के लिए ब्रिटेन की सेना की कुछ लोग नेपाल के दूरदराज देहातों में विचरण करते हैं और सक्षम रंगरूटों को चुनते हैं. फिर उनको नियुक्ति के पहले कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है.
गुरखे बहुत ही क्रूर और विश्वासी होते हैं. इसलिए ब्रिटेन की सेना में इनकी बड़ी प्रतिष्ठा है. ये न केवल पैदल सेना के लिए, अपितु इंजिनियरिंग शाखा और माल-ढुलाई शाखा के लिए भी बहाल होते हैं. ब्रिटेन और भारत दोनों की गुरखा रेजिमेंटों का प्रतीक चिन्ह खुखरी होता है जो अपने अंदर मुड़ी धार और विख्तात उपयोग के लिए प्रसिद्ध है. ज्ञातव्य है कि रानी एलिज़ाबेथ II के दो प्रधान व्यक्तिगत रक्षक गुरखा ही होते हैं. सिंगापुर के भूतपूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू अपनी सुरक्षा के लिए गुरखा पुलिसकर्मियों को रखा करते थे.
GS Paper 1 Source: Down to Earth
Topic : How the 2015-16 El Nino affected disease outbreaks
संदर्भ
NATURE नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ENSO दशाओं के प्रबल और समय से आगे बढ़े हुए सकारात्मक चरण के कारण अथवा 2015-16 में मात्र एल नीनो के चलते इसके प्रभाव-क्षेत्र में आने वाले भूभागों में महामारी की संभावना में वृद्धि हुई है.
वैज्ञानिकों ने 2015-16 में कतिपय महामारियों का विश्लेषण किया और यह पाया कि उनका सम्बन्ध एल-नीनो के कारण उत्पन्न अधिक गर्मी और कम वृष्टिपात से है.
मुख्य निष्कर्ष
- अध्ययन के अनुसार एल नीनो के चलते होने वाली मौसमी घटनाओं के कारण चिकुनगुनिया, डेंगी, मलेरिया, हेन्टा वायरस, रिफ्ट वैली फीवर, कोलरा, प्लेग और जीका जैसी बड़ी-बड़ी बीमारियाँ फ़ैल जाती हैं.
- उन्होंने पाया कि एल नीनो से सामान्यतया दुष्प्रभावित क्षेत्रों, जैसे – दक्षिण-पूर्व एशिया, तंजानिया, पश्चिम अमेरिका और ब्राज़ील में वृष्टिपात, तापमान और हरियाली में अंतर देखा गया है और इसके फलस्वरूप वहाँ रोगों का फैलाव देखने को मिला.
- अध्ययन की अवधि में या तो बहुत सूखा पड़ा अथवा बाढ़ आई. इसके फलस्वरूप ऐसी जलवायवीय दशाएँ उत्पन्न हुईं जिनमें रोग फैलाने वाले सूक्ष्माणु और उनके वाहक कीटाणुओं की संख्या बढ़ गई.
- अध्ययन में किया गया विश्लेषण यह संकेत करता है कि जिन क्षेत्रों में एल नीनो का प्रभाव होता है वहाँ रोगों की तीव्रता उस अवधि की तुलना में5-28% अधिक बढ़ जाती है.
- वैज्ञानिकों का निष्कर्ष था कि ब्राज़ील और दक्षिण-पूर्व एशिया में धरातल का तापमान अत्यधिक बढ़ जाने से वहाँ डेंगी का प्रसार हुआ.
ENSO क्या है?
ENSO का full form है – El Nino Southern Oscillation. जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है कि यह पवनों और समुद्र-तल के तापमान में होने वाले उस अनियमित और सामयिक परिवर्तन का नाम है जो उष्ण कटिबंधीय पूर्वी प्रशांत सागर में होता है. ENSO का प्रभाव भूमध्यरेखा के आस-पास के क्षेत्रों और उष्ण कटिबंध के समीप स्थित क्षेत्रों पर पड़ता है. ENSO के गरम होने वाले चरण को अल-नीनो और ठन्डे होने वाले चरण को ला नीना (La Nina) कहते हैं.
El Nino क्या है?
El Nino के एक जलवायवीय चक्र है जिसके अंतर्गत प्रशांत महासागर के पशिमी क्षेत्र में हवा का दबाव ऊँचा होता है और पूर्वी प्रशांत सागर में हवा का दबाव कम होता है. एल नीनो के प्रभाव से एशियाई समुद्र तल के तापमान में 8 डिग्री सेल्सियस का उछाल आ सकता है. साथ ही पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देशों – इक्वेडोर, पेरू और चिली के तटों पर ठंडा पानी उठकर समुद्र तल पर आ जाता है. गहराई से पानी के ऊपर आने के इस प्रक्रिया से एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में सहायता मिलती है.
एल नीनो के लक्षण
एल नीनो होने पर विषुवत रेखा से लगी पछुआ व्यापारिक हवाएं कमजोर पड़ जाती हैं और वायुदाब में परिवर्तन होने के कारण जल पूरब की ओर बहकर दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी तट की ओर जाने लगता है. मध्य और पूर्व प्रशांत क्षेत्र छह महीने से अधिक गर्म होता है जिसके कारण एल नीनो की दशा उत्पन्न हो जाती है. इस अवस्था में जल का तापमान सामान्य की तुलना में 10 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ जाता है. पानी के अधिक गर्म होने से वाष्पीकरण बढ़ जाता है और इसके कारण एक ओर जहाँ दक्षिण अमेरिका में सामान्य से अधिक वर्षा होती है तो दूसरी इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में सूखा पड़ जाता है.
El Nino के प्रभाव
- El Nino वैश्विक मौसम को प्रभावित करता है. इसके कारण पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में Hurricane और ऊष्ण कटिबंधीय आंधियाँ उत्पन्न होती हैं. इसके चलते पेरू, चिली और इक्वेडोर में अभूतपूर्व एवं असामान्य वृष्टिपात होता है.
- एल नीनो के कारण ठन्डे पानी का ऊपर आना घट जाता है और परिणामस्वरूप समुद्र तल के पोषक तत्त्व ऊपर नहीं आ पाते हैं. इससे समुद्री जीवों और पक्षियों के जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है. मत्स्य उद्योग को भी क्षति पहुँचती है.
- एल नीनो के कारण द. अफ्रीका, भारत, द.पू. एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागरीय द्वीपों में सूखा पड़ जाता है. अतः खेती को क्षति पहुँचती है.
- ऑस्ट्रेलिया और द.पू. एशिया पहले से अधिक गर्म हो जाते हैं.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में सूचित किया है कि अल-नीनो के कारण मच्छरों से होने वाले रोग फैलते हैं.
GS Paper 2 Source: Down to Earth
Topic : District mineral foundations
संदर्भ
छत्तीसगढ़ ने हाल ही में जिला खनिज फाउंडेशन न्यासों (District Mineral Foundation Trusts – DMFTs) की प्रशासी परिषद् के स्वरूप में संशोधन किया है और इनके प्रशासी निकायों का प्रमुख प्रभारी मंत्री को बना दिया गया है. पहले जिला कलेक्टर प्रभारी प्रमुख हुआ करते थे. इस परिवर्तन के लिए छत्तीसगढ़ जिला खनिज फाउंडेशन न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन किये गये हैं.
संशोधन की आवश्यकता
यह देखा जा रहा था कि DMFT ठीक से काम नहीं कर रहे थे और उनसे खनन से दुष्प्रभावित लोगों को लाभ नहीं पहुँच रहा था. संशोधन से यह आशा की जा रही है कि मंत्री के प्रभारी बनने से परिस्थितियाँ बदलेंगी और लोगों की भागीदारी भी बढ़ेगी.
DMFT क्या है?
DMFT की स्थापना छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में की गई है. इसमें एक प्रशासी परिषद् और एक प्रबंधन समिति होती है जिनको अलग-अलग उत्तरदायित्व सौंपा गया है. इस परिसर और समिति के गठन के पीछे यह भावना थी कि निर्णय लेते समय संतुलन हो सके. परिषद् और समिति दोनों का प्रमुख जिला कलेक्टर होता है. इसमें कुछ अन्य सदस्य भी होते हैं जो या तो अधिकारी होते हैं या चुने हुए प्रतिनिधि. इसमें खनन से दुष्प्रभावित लोगों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होता है.
जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) क्या हैं?
ये लाभरहित न्यास हैं जो 2015 के खान एवं खनिज संशोधन अधिनियम के द्वारा गठित हुए हैं. इनका उद्देश्य खनन से दुष्प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के हितों की रक्षा करना और उन्हें लाभ पहुँचाना है. DMF सम्बंधित राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन आता है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Financial Stability and Development Council (FSDC)
संदर्भ
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद् की एक बैठक हाल ही में संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता भारत सरकार के वित्त मंत्री ने की.
FSDC क्या है?
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद् का गठन दिसम्बर, 2010 में हुआ था. इसका उद्देश्य है –
- यह एक वैधानिक निकाय नहीं है.
- वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के तन्त्र को सुदृढ़ करना एवं उसे संस्थागत बनाना.
- विभिन्न नियामक संस्थाओं के बीच समन्वय को बढ़ावा देना तथा वित्तीय प्रक्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करना.
स्वरूप
- इस परिषद् के अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त मंत्री होते हैं. परिषद् के अन्य सदस्य हैं – भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर; वित्त सचिव एवं/अथवा आर्थिक मामलों के विभाग के सचिग ; वित्तीय सेवा विभाग के सचिव; मुख्य आर्थिक सलाहाकार, वित्त मंत्रालय; सेबी (Securities and Exchange Board of India) के अध्यक्ष ; बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष. इस परिषद् में सदस्य के रूप में ऋण इन्सोल्वेंसी एवं बैंकरप्टसी बोर्ड के अध्यक्ष भी होते हैं.
- विगत मई में सरकार ने एक राजपत्र अधिसूचना निर्गत कर परिषद् के एक सदस्य के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव को भी सम्मिलित कर लिया है क्योंकि दिन-प्रतिदिन डिजिटल अर्थव्यवस्था पर सरकार का बल बढ़ता ही जा रहा है.
परिषद् का कार्य
अन्य कार्यों के अतिरिक्त यह परिषद् मुख्य रूप से वित्तीय स्थिरता से जुड़े इन विषयों पर विचार करती है – वित्तीय प्रक्षेत्र विकास, नियामकों के बीच समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेश, बड़े-बड़े वित्तीय संकुलों (conglomerates) के कार्यकलाप समेत अर्थव्यवस्था का पर्यवेक्षण. परिषद् को अपनी गतिविधियाँ चलाने के लिए अलग से कोई निधि आवंटित नहीं की जाती है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : National Supercomputing Mission
संदर्भ
सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर ने उन्नत कम्प्यूटिंग विकास केंद्र (C-DAC) के साथ एक समझौता किया है जिसके अनुसार एक 1.3 पेटाफ्लॉप की उच्च क्षमता वाली कम्प्यूटिंग सुविधा और एक डाटा केंद्र स्थापित किया जाएगा जिसके लिए धनराशि राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन देगा.
प्रस्तावित नई सुपर कम्प्यूटिंग प्रणाली का प्रयोग विशेष चुनौतियों वाले इन क्षेत्रों में किया जाएगा – क्रिप्टोग्राफी, रसायनशास्त्र, मोलिक्यूलर डायनामिक्स, औषधियों की खोज, कृत्रिम बुद्धि और डाटा विज्ञान में किया जाएगा.
राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन (एनएसएम)
- राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग मिशन (एनएसएम) सरकार द्वारा 2015 में शुरू किया गया है, जिसे 7 वर्ष की अवधि में एमईआईटीवाई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित और कार्यान्वित किया जा रहा है.
- मिशन के अंतर्गत 70 से अधिक उच्च-क्षमता वाली कम्प्यूटिंग सुविधाओं से युक्त एक विशाल सुपर कम्प्यूटिंग ग्रिड की स्थापना की जानी है जो देश भर में फैले हुए राष्ट्रीय शैक्षणिक एवं अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को सुदृढ़ करेगा.
- इन सुपर कम्प्यूटरों को राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर ग्रिड से जोड़ दिया जाएगा. इसके लिए राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) की सहायता ली जायेगी जो पहले से एक तेज नेटवर्क के द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं एवं अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं को जोड़े हुए है.
- इस मिशन का एक उद्देश्य देश में उच्च पेशेवर कम्प्यूटिंग से अवगत मनुष्यों की फ़ौज तैयार करना है जिससे कि कम्प्यूटिंग के विकास के मार्ग में आ रही चुनौतियों का निदान हो सके.
माहात्म्य
विश्व-भर में सुपर कंप्यूटिंग सुविधाओं के चलते कई देश इन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता का काम करने में सक्षम हो गये हैं – वाहनों और हवाई जहाजों का रूपांकन करना, बहुमंजिला इमारतों और पुलों जैसी विशाल अवसरंचनाओं का निर्माण करना, अन्य निर्माण करना, नई जीवन रक्षक दवाओं की खोज करना, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस आदि के साथ-साथ ऊर्जा के नए स्रोतों का दोहन करना आदि.
सुपर कंप्यूटरों ने मानव मात्र को कई प्रकार से लाभान्वित किया है. इनके कारण मौसम का पूर्वानुमान अब सटीक हो गया है और प्राकृतिक घटनाओं पर प्रतिक्षण ध्यान रखने की सुविधा हो गयी है. समय पर चक्रवात की चेतावनी देने से कई प्राण और सम्पत्तियाँ बच गई हैं.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Domestic Systemically Important Bank
संदर्भ
भारतीय रिज़र्व बैंक ने IDBI बैंक को निजी प्रक्षेत्र के बैंक की श्रेणी में रख दिया है. साथ ही भारतीय स्टेट बैंक, ICICI और HDFC बैंक को पहले की भाँति प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण बैंकों की श्रेणी में रखा गया है.
प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण बैंक किसे कहते हैं?
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार कुछ बैंक प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण होते हैं, इसका कारण उनका आकार, कई तरह के अधिकार-क्षेत्रों में अपनाई गई गतिविधियाँ, जटिलता तथा स्थानापन्नता और अन्तःसम्पर्क का अभाव होता है. ऐसे बैंक फेल नहीं कर सकते हैं क्योंकि ये बहुत ही बड़े होते हैं. इस श्रेणी में लाने के लिए उन्हीं बैंकों पर विचार होता है जिनकी सम्पदाएँ GDP के 2% से अधिक होती हैं.
वर्गीकरण
- भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण घरेलू बैंकों (Domestic systemically important bank – D-SIB) के नाम प्रकट करने होते हैं. यह महत्त्व के अनुसार इन बैंकों को पाँच वर्गों (five buckets) में बांटता है.
- कौन D-SIB किस बकेट में हैं, उसी के अनुसार अतिरिक्त सामान्य इक्विटी आवश्यकता लागू होती है.
- पहले बकेट में आने वाले बैंकों को अप्रैल, 2018 से 15% वर्धमान टियर – I पूंजी रखनी होती है.
- बकेट तीन वाले बैंकों को अतिरिक्त 45% पूँजी रखनी होती है.
- D-SIB में आने वाले सभी बैंकों को जोखिम के अनुसार सम्पत्तियों का अधिक भाग टियर – I इक्विटी के रूप में बनाए रखना होता है.
माहात्म्य
- यदि कोई D-SIB बैंक फेल कर जाता है तो बैंकिंग प्रणाली और समग्र अर्थव्यवस्था को उनके द्वारा उपलब्ध की जा रही आवश्यक सेवाएँ अत्यंत बाधित हो जाती हैं.
- बड़े-बड़े बैंक जब कष्ट में पड़ते हैं तो सरकार से यह आशा की जाती है कि वह उनको सहारा दे. इस अवधारणा के चलते ये बैंक कोष प्राप्त करने के मामले में भाग्यशाली होते हैं. इस कारण कभी-कभी ये बैंक जोखिम और नैतिक स्खलन से जुड़ी हुई नीतियाँ अलग से तैयार करते हैं.
Prelims Vishesh
Otter census and Pilibhit Tiger Reserve (PTR) :–
- उत्तर प्रदेश में पहली बार संकटग्रस्त श्रेणी में सूचीबद्ध ऊदबिलावों की गणना हो रही है. यह गणना पीलीभीत व्याघ्र आश्रयणी में मार्च, 2019 के अंत तक चलेगी.
- विदित हो कि पीलीभीत व्याघ्र आश्रयणी नेपाल के दक्षिण में पीलीभीत, लक्खीमपुर खेड़ी और बहराइच जिलों में 800 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है.
- इस आश्रयणी के चारों ओर शारदा और घाघरा नदियाँ बहती हैं जिससे कि यहाँ पानी की कोई कमी नहीं है.
- यहाँ बाघ के अतिरिक्त तेंदुए, हाथी, भाँति-भाँति के मृग, बन्दर, सांप, मगर और घड़ियाल जैसे सरीसृप रहते हैं.
Grey hypocolius :–
- मार्च 4, 2019 को पहली बार पश्चिम राजस्थान में ग्रे हाइपोकोलियस नामक छोटी आव्रजक चिड़ियाँ देखी गई.
- विदित हो कि यह चिड़ियाँ सामन्यतः पश्चिम ऐसा और उत्तर अफ्रीका में रहती हैं और नियमित रूप से कच्छ में आया करती हैं.
- इनकी आबादी अच्छी-खासी है इसलिए इसे IUCN लाल सूची में “चिंता का विषय श्रेणी/ least concern” में रखा गया है.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA
[vc_message message_box_color=”red” icon_fontawesome=”fa fa-file-pdf-o”]February, 2019 Sansar DCA is available Now, Click to DownloadWANT MONTHLY DCA PDF
4 Comments on “Sansar डेली करंट अफेयर्स, 16 March 2019”
February 2019 ka hardcopy ready ho gaya hai ?
Sir February ka hardcopy kab se milega..?
Sir mujhe hardcopy chaiye current affairs ke plz mujhe bataye ese mai kaise khareed sakti hu…Apke online registration band ho chuka hai …Us mujhe kuch problem thi esiliye registration nahi kra payi hu…Plz bataye sir
आप उसी लिंक से आर्डर कर सकते हो जो साईट पर है.