Sansar Daily Current Affairs, 15 November 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Rs 75 commemorative coin to mark anniversary of Tricolour hoisting by Bose
संदर्भ
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा पोर्ट ब्लेयर में पहली बार तिरंगा फहराने के 75 वर्ष पूरे होने पर उस घटना का स्मरण दिलाने के लिए 75 रु. का एक सिक्का जारी करने का निर्णय लिया है.
तिरंगा का फहराया जाना
- दिसम्बर 30, 1943 को जब सुभाष चन्द्र बोस अंडमान गए थे तो उन्होंने वहाँ पहली बार पोर्ट ब्लेयर के गोलाकार कारावास (Cellular Jail) में तिरंगा फहराया था और अंडमान निकोबार द्वीप को ब्रिटिश शासन से मुक्त भूक्षेत्र घोषित किया था.
- उसी अवसर पर उन्होंने अंडमान निकोबार द्वीप समूह को स्वतंत्र घोषित कर दिया. इस प्रकार भारत का पहला वह भूक्षेत्र जो ब्रिटिश शासन से मुक्त हुआ, वह यह द्वीप-समूह ही था. उस द्वीप-समूह को द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जापान ने जीत लिया था. ज्ञातव्य है कि जापान और नेताजी की सेनाएँ संयुक्त रूप से युद्ध कर रही थीं.
- सुभाष चन्द्र बोस ने अंडमान द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और निकोबार आइलैंड का नाम बदलकर स्वराज द्वीप कर दिया था. यही नहीं उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के जनरल ए.डी. लोकनाथन को उन दोनों द्वीपों का शासक भी नियुक्त कर दिया था. इस प्रकार आजाद हिन्द सरकार अब एक निष्कासित सरकार मात्र नहीं रह गयी थी अपितु इसके पास अपना भूक्षेत्र, मुद्रा, सिविल संहिता, टिकट भी थे.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : ‘Yuva Sahakar-Cooperative Enterprise Support and Innovation Scheme”
संदर्भ
युवाओं की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तथा उन्हें सहकारी व्यवसाय की ओर आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation – NCDC) ने “युवा सहकार – सहकारी अध्यवसाय समर्थन एवं नवाचार” नामक एक योजना तैयार की है जो युवाओं के लिए अनुकूल होगी.
मुख्य तथ्य
- इस योजना से सहकारी संस्थाओं को नए और नवाचारी क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए युवाओं को समर्थ बनाने हेतु NCDC ने एक विशेष कोष बनाया है, जिनके प्रावधान अत्यंत उदार हैं. इस कोष का नाम सहकारी स्टार्ट-अप एवं नवाचार कोष/Cooperative Start-up and Innovation Fund (CSIF) होगा और इसमें कार्यान्वयन के लिए 1,000 करोड़ रुपये की पूँजी होगी. इस योजना के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं को प्रेरक लाभ (incentive) दिए जायेंगे. जिन क्षेत्रों की सहकारी संस्थाओं को विशेष लाभ दिए जाएँगे, वे हैं – पूर्वोत्तर क्षेत्र एवं आकांक्षा जिलों की सहकारी संस्थाएँ तथा स्त्रियों अथवा SC अथवा ST अथवा दिव्यांग व्यक्तियों के द्वारा संचालित सहकारी संस्थाएँ.
- सहकारी संस्थाओं को परियोजना की लागत का 70% धनराशि मुहैया कराई जायेगी. परन्तु ऊपर वर्णित विशेष श्रेणियों के लिए 80% तक आर्थिक सहायता दी जायेगी. 3 करोड़ रु. तक की लागात वाली परियोजना को दिए गये ऋण पर 2% कम ब्याज लिया जायेगा और मूल को लौटाने के लिए 2 वर्षों की छूट-अवधि (moratorium) दी जाएगी.
- यह योजना उन सहकारी संस्थाओं के लिए है जो कम-से-कम 1 वर्ष से काम कर रही हों.
NCDC क्या है?
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation – NCDC) एक वैधानिक निगम है जिसकी स्थापना कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा एक अधिनियम के अंतर्गत 1963 में की गई थी. इस निगम के कई क्षेत्रीय केंद्र हैं जो सहकारी संस्थाओं/सोसाइटियों/संघों को आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : India votes against UNGA draft resolution on use of death penalty
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हाल ही में मृत्युदंड के प्रयोग के बारे में एक संकल्प का प्रारूप उपस्थापित किया है. भारत ने इस प्रारूप के विरुद्ध अपना मत दिया है क्योंकि उसका कहना है कि भारत में बिरले से बिरले मामले में ही मृत्युदंड दिया जाता है और इसके लिए देश में वैधानिक कानून बना हुआ है.
मृत्यु दंड प्रारूप में क्या है?
- मृत्यु दंड के संकल्प का यह प्रारूप संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति (सामाजिक, मानवतावादी, सांस्कृतिक) में विचार किया गया था. इस प्रारूप के पक्ष में 123 देशों ने अपना मत दिया था और 36 इसके विरुद्ध थे. साथ ही 30 सदस्य देश मतदान में शामिल नहीं हुए. इस प्रकार प्रारूप को रिकॉर्ड समर्थन मिला.
- प्रारूप की मूल भावना यह थी कि भेदभावपरक कानून के आधार पर किसी को मृत्यु दंड न दिया जाए.
- प्रस्तावित संकल्प अंततोगत्वा मृत्यु दंड की समाप्ति चाहता है और अभी वर्तमान के लिए किसी भी देश में एक विशेष अवधि के लिए मृत्यु दंड पर रोक लगाना चाहता है.
- भारत उन देशों में था जिसने प्रस्ताव का विरोध किया.
भारत का पक्ष
भारत ने संकल्प के विरुद्ध मत दिया क्योंकि उसका विचार था कि मृत्यु दंड का समापन भारतीय वैधानिक कानून के विपरीत है. भारत में मृत्यु दंड तभी दिया जाता है जब मामला बिरले से बिरले का हो और जब किया गया अपराध इतना जघन्य हो कि उससे समाज को मानसिक धक्का पहुँचे.
भारतीय कानून मृत्यु दंड के प्रतिकार के लिए सभी प्रकार की आवश्यक सुरक्षा का प्रावधान करता है. भारत में न्यायालय स्वतंत्र हैं और वहाँ मुक़दमे की सुनवाई न्यायपूर्ण ढंग से होती है. यहाँ के न्यायालय आरोपित व्यक्ति को निर्दोष मानकर चलते हैं और उसे अपने बचाव के लिए पर्याप्त छूट देते हैं. न्यायालय के विभिन्न स्तरों पर मृत्यु दंड के निर्णय की समीक्षा का भी प्रावधान होता है
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : GSAT-29
संदर्भ
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (ISRO) ने हाल ही में अपना नवीनतम संचार उपग्रह – GSAT – 29 – का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है. इस उपग्रह को GSLV-MkII D2 नामक रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया है.
GSLV Mk III
GSLV Mk III अन्तरिक्ष में उपग्रह प्रक्षेपित करने के लिए ISRO द्वारा निर्मित एक तीन चरणों वाला रॉकेट है. इसके पहले चरण में ठोस ईंधन वाले दो विशाल बूस्टर लगे होते हैं. दूसरे चरण में तरल ईंधन होता है. इस रॉकेट के अंतिम चरण में cryogenic engine लगा होता है.
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें > GSLV Mk III
GSAT-29
- GSAT – 29 एक संचार उपग्रह है जिसमें कई बैंड और बीम लगे हुए हैं. इसमें कई नई और महत्त्वपूर्ण तकनीकों का समावेश है. इसके Ku-band और Ka-band उपकरणों को इस तरह तैयार किया गया है कि वे संचार की अपेक्षाओं को आसानी से पूरा कर सके. इस उपग्रह से दूरस्थ क्षेत्रों, विशेषकर जम्मू-कश्मीर और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र, तक संचार पहुँचाना अब संभव हो जाएगा.
- इसके अतिरिक्त इसमें लगा Q/V-Band संचार उपकरण भविष्य में प्रयोग होने योग्य संचार तकनीकों को दर्शाता है.
- इस उपग्रह में लगाया गया जियो-हाई रिजोल्यूशन कैमरा अतिशय स्वच्छ छायाचित्र खींचने में समर्थ है. उपग्रह में लगा हुआ दृश्य संचार उपस्कर (Optical Communication Payload) ऑप्टिकल संचार सम्पर्क के द्वारा बहुत तीव्र गति से डाटा का संचारण करता है.
GSLV Mk III का महत्त्व
GSLC MK III का सफल प्रक्षेपण भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अब भारी-से-भारी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में भारत को आत्मनिर्भरता प्राप्त हो गई है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Young Champions Awards
संदर्भ
बाल दिवस के अवसर पर नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन तथा UNICEF ने संयुक्त रूप से यंग चैंपियन पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. यह पुरस्कार Atal Tinkering Marathon के द्वारा देश-भर से चुने गए छः शीर्षस्थ सबसे अधिक नवाचारी समाधानों के लिए दिए गये हैं.
Atal Tinkering Marathon क्या है?
गत वर्ष अक्टूबर 2 को अटल नवाचार मिशन (AIM) के अंतर्गत अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) द्वारा अटल टिंकरिंग मैरथन नामक एक छः महीनों का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आरम्भ किया था. इस कार्यक्रम की थीम में छः अलग-अलग क्षेत्र चुने गये थे, यथा – स्वच्छ ऊर्जा, जल संसाधन, कचरा निपटान, स्वास्थ्य की देखभाल, स्मार्ट मोबिलिटी और कृषि तकनीक.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को सामुदायिक समस्याओं को जाँचने-परखने तथा उनके समाधान के लिए नए ढंग के समाधान ढूंढने हेतु प्रोत्साहित करना था.
Atal Tinkering Lab क्या है?
- अटल नवाचार मिशन का स्वप्न है कि देश के 10 लाख बच्चों को भविष्य के innovators के रूप में विकसित किया जाए. इस प्रयोजन से भारत-भर में कई विद्यालयों में अटल-टिंकरिंग प्रयोगशालाओं (ATLs) की स्थापना की गई है.
- उद्देश्य :- इस योजना का उद्देश्य छोटे-छोटे बच्चों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना के भाव भरना और इनके लिए आवश्यक कौशल, जैसे – डिजाईन माइंडसेट, कम्पयूटेशनल थिंकिंग, एडाप्टिव लर्निंग, फिजिकल कम्पयूटिंग इत्यादि का निर्माण करना है.
- वित्तीय सहायता :- अटल नवाचार मिशन (AIM) के द्वारा प्रत्येक अटल टिंकरिंग लैब को प्रारम्भ में स्थापना के लिए एकमुश्त 10 लाख रु. दिए जाते हैं और साथ ही इसके संचालन पर होने वाले खर्च के लिए अधिकतम पाँच वर्षों तक 10-10 लाख रु. दिए जाते हैं.
- योग्यता :- ATL की स्थापना उसी विद्यालय में हो सकती है जहाँ कम से कम छठी से दसवीं तक की पढ़ाई होती हो और जिनका प्रबन्धन सरकार, स्थानीय निकाय अथवा निजी न्यास/सोसाइटी द्वारा किया जाता हो.
ATL का माहात्म्य
- प्रयोगशाला का उद्देश्य है कि बच्चे पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकीय ज्ञान की परिधि से बाहर निकलकर रचनात्मक गतिविधियाँ सम्पन्न करें.
- आज का युग चौथी औद्योगिक क्रान्ति का युग है. इस युग में भारत को अग्रिम पंक्ति में लाने के लिए यह आवश्यक है कि हमारे छात्रों को आधुनिक तकनीकों के विषय में नवीन से नवीन जानकारी हो और नवीन से नवीन कौशल से वे अवगत हों. ATLs इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक मंच प्रदान करती है जहाँ एक ओर बच्चों में वैज्ञानिक सोच का विकास होता है तो दूसरी ओर उनमें अध्यव्यवसाय की भावना भी उपजती है.
Prelims Vishesh
UP cabinet approves renaming of Faizabad as Ayodhya, Allahabad as Prayagraj :-
- हाल ही में उत्तर प्रदेश की सरकार ने फैजाबाद और इलाहाबद प्रमंडलों का नाम बदलकर क्रमशः अयोध्या और प्रयागराज करने का निर्णय लिया है.
- ज्ञातव्य है कि अलाहाबाद का पुराना नाम “प्रयाग” था जिसे बदलकर 16वीं शताब्दी में अकबर ने इलाहाबाद कर दिया था.
- अयोध्या भगवान् राम की जन्मभूमि है और अलाहाबाद तीर्थराज और त्रिवेणी संगम के लिए प्रसिद्ध है.
Point Calimere Wildlife Sanctuary :-
- तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले में स्थित Point Calimere Wildlife Sanctuary को एक सप्ताह के बंद कर दिया गया है क्योंकि भारी वर्षा से वहाँ जल-जमाव हो गया है.
- इस अभ्यारण्य में देश का एक ऐसा शुष्क-सदाबहार जंगल है जिसका क्षेत्रफल सबसे बड़ा है.
- यहाँ 100 प्रकार के पक्षी हैं. यहाँ के Blackbuck (Antilope Cervicapra) सबसे बड़ा आकर्षण है.
- यह एक सुरक्षित क्षेत्र के साथ-साथ एक रामसर स्थल भी है.
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