Contents
Sansar Daily Current Affairs, 01 December 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Fake news affects voting behaviour
संदर्भ
निवर्तमान मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने कहा है कि असत्य समाचार मतदान को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं. अभी पैसा देकर छपाए हुए समाचारों के लिए निर्वाचन आयोग के कुछ मार्गनिर्देश हैं और सेक्शन 126 में इसके विषय में उल्लेख है परन्तु सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर अभी ऐसा कोई मजबूत कानून नहीं है जिससे असत्य समाचारों पर नियंत्रण रखा जा सके.
असत्य समाचार किसे कहते हैं?
असत्य समाचार वे समाचार हैं जिन्हें प्रिंट, समाचार मीडिया अथवा इन्टरनेट पर आधारित सोशल मीडिया के माध्यम से जान-बूझकर गलत सूचना देने के लिए तैयार किया जाता है. असत्य समाचार को लिखने और प्रकाशित करने का उद्देश्य लोगों को गुमराह कर आर्थिक अथवा राजनीतिक लाभ उठाना है. ये अधिकतर सनसनीखेज और अतिश्योक्तिपूर्ण होते हैं. इनके शीर्षक जानबूझकर पूर्णतया झूठे बनाए जाते हैं जिससे कि लोगों का ध्यान खींचा जा सके.
असत्य समाचार के खतरे
✓ राजनैतिक : ऐसे समाचार जनमत को भटकाने अथवा उनके ध्रुवीकरण के लिए प्रकाशित होते हैं. कई ऐसे असत्य समाचार प्रकाशित किये जाते हैं जिससे भारत की छवि को विदेश में कलंकित किया जाता है.
✓ धार्मिक : कुछ असत्य समाचारों में किसी विशेष धार्मिक विचारों की सराहणा होती है और किसी विशेष धर्म की निंदा.
✓ आपराधिक : ऐसे समाचारों में अपराध को सनसनीखेज बनाकर लोगों में व्यर्थ का भय उत्पन्न किया जाता है.
✓ आर्थिक ठगी : असत्य समाचारों का प्रयोग लोगों को आर्थिक झाँसा देने के लिए भी किया जाता है.
असत्य समाचारों को कैसे रोका जाए?
- असत्य समाचारों को रोकने के लिए स्वतंत्र विश्वसनीय और कारगर प्रेस नियमों की आवश्यकता है.
- बड़े मीडिया चलाने वालों को चाहिए कि वे सोशल मीडिया का उपयोग करके सच्चाई को सामना लाएँ और असत्य समाचारों की जाँच-पड़ताल कर उनका खंडन करें.
- मीडिया के स्वामित्व को नियंत्रित करना भी आवश्यक है. ऐसा कई बार देखा जाता है कि मीडिया के कई मालिक अत्यंत सशक्त हो जाते हैं और समाचारों के एजेंडा को प्रभावित करने लगते हैं.
- असत्य समाचारों को कानूनी परिभाषा में लाया जाए तथा इसके लिए भारी दंडात्मक प्रावधान लाये जाएँ.
- असत्य समाचारों से उत्पन्न मामलों के विरुद्ध शिकायतों को दूर करने के लिए एक प्रणाली बनाई जाए तथा ऐसी शिकायतों को दूर करने के लिए पंचाट की व्यवस्था हो.
- लोगों में डिजिटल मीडिया का ज्ञान बढ़ाया जाए जिससे वे किसी असत्य समाचार की छानबीन स्वयं कर सकें और अपना मंतव्य दे सकें.
- ऐसे तकनीकी उपाय किये जाएँ जिससे किसी समाचार की विश्वसनीयता को जाँचा जा सके.
Beyond Fake News Project
British Broadcasting Corporation (BBC) ने एक नया अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य गलत सूचना देने और असत्य समाचार प्रसारित करने की रोकथाम करना है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Trans fats
संदर्भ
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में एक नया मीडिया अभियान का अनावरण किया है जिसका उद्देश्य लोगों को ट्रांस फैट के बारे में जानकारी देना और इस वसा को भारत में 2022 तक समाप्त कर देना है.
“Heart Attack Rewind” के बारे में
इस अभियान के अंतर्गत “Heart Attack Rewind” नामक एक 30 सेकंड की सार्वजनिक सेवा घोषणा की जायेगी जिसका प्रसारण 17 भाषाओं में चार सप्ताहों तक Youtube, Facebook, Hotstar और Voot पर किया जाएगा. इसके लिए सडकों पर होर्डिंग भी लगाए जाएँगे और दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के रेडियो स्टेशनों में से भी इनका प्रसारण होगा.
स्मरणीय है कि इसी प्रकार का एक अभियान जुलाई 11, 2018 से चलाया गया था, जिसका नाम “Eat Right” था. उस समय खाद्य तेल के उत्पादकों ने प्रतिज्ञा ली थी कि वे 2022 तक ट्रांस फैट की मात्रा को 2% तक घटा देंगे.
ट्रांस-फैटी एसिड क्या हैं?
- ट्रांस फैटी एसिड (TFAs) या ट्रांस वसा सबसे हानिकारक प्रकार के वसा होते हैं जो हमारे शरीर पर किसी भी अन्य आहार से अधिक प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.
- यह वसा मानव निर्मित वसा है. इसका कुछ ही भाग प्रकृति में निर्मित होता है.
- कृत्रिम TFAs तेल में हाइड्रोजन प्रविष्ट कराकर उत्पन्न किया जाता है.
- इस प्रक्रिया में तेल का स्वरूप शुद्ध घी या मक्खन जैसा हो जाता है.
- जहाँ तक प्राकृतिक TFAs का प्रश्न है यह माँस और पशु उत्पादों में सूक्ष्म मात्रा में मिलता है.
- हमारे भोजन में कृत्रिम ट्रांस-फैट के सबसे बड़े स्रोत हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेल/मार्गरीन हैं.
ट्रांस फैट के स्वास्थ्य खतरे
विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, ट्रांस फैट के रूप में ऊर्जा ग्रहण करने में 2% की वृद्धि हृदय रोग की संभावना में 23% की वृद्धि करती है. विदित हो कि प्रत्येक वर्ष 60,000 लोग ट्रांस फैट से उत्पन्न हृदय रोगों से कालकवलित हो जाते हैं. WHO द्वारा एक अन्य अनुमान के अनुसार :-
- इसके उपभोग से कम-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या LDL (जिसे “ख़राब” कोलेस्ट्रोल भी कहा जाता है) के स्तर में वृद्धि होती है. इसके फलस्वरूप हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही यह उच्च-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या HDL (जिसे “अच्छा” कोलेस्ट्रोल भी कहते हैं) के स्तर को कम करता है.
- इन्हें Type-2 मधुमेह का मुख्य कारण माना जाता है, जो इन्सुलिन प्रतिरोध से जुड़ा हुआ होता है.
TFAs की अनुमान्य सीमा
विश्व स्वास्थ्य की यह अनुशंसा है कि एक व्यक्ति जितनी ऊर्जा लेता है उसमें से मात्र 1% ही ट्रांसफैट होना चाहिए. इस संगठन का आह्वान है कि 2023 तक पूरे विश्व से TFAs हो जाना चाहिए. जहाँ तक FSSAI का प्रश्न है, उसने भोजन में TFAs की सीमा 2% तक रखी है और इसके पूर्ण उन्मूलन के लिए 2022 का वर्ष निर्धारित किया है.
GS Paper 2 Source: Down to Earth
Topic : Global Nutrition Report (GNR)
संदर्भ
हाल ही में 2018 का वैश्विक पोषण प्रतिवेदन (Global Nutrition Report – GNR) निर्गत किया गया.
इतिहास
2013 में सम्पन्न पहले Nutrition for Growth Initiative Summit (N4G) के पश्चात् वैश्विक पोषण रिपोर्ट की अभिकल्पना की गई थी. इसका उद्देश्य विभिन्न सरकारों के 100 हितधारकों, अनुदानदाताओं, सिविल सोसाइटी संगठनों, संयुक्त राष्ट्र तथा व्यवसाय जगत के द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं पर नज़र रखने के लिए एक प्रणाली निर्मित करना था.
प्रतिवेदन के मुख्य तथ्य
- निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पाँच वर्ष के नीचे के बच्चों में 45% मृत्यु का कारण कुपोषण होता है.
- शरीर के भारी होने और मोटापे से भी विश्व-भर में 40 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है तथा जीवन के 120 मिलियन स्वस्थ-वर्षों की हानि होती है. आज विश्व में 38.9% वयस्क आवश्यकता से अधिक भारी हैं.
- पाँच वर्ष से कम के बच्चों में 150.8 मिलियन कुंठित वृद्धि वाले हैं, 50.5 मिलियन अत्यंत दुबले-पतले हैं और 38.3 मिलियन आवश्यकता से अधिक भारी हैं. इसके अतिरिक्त 20 बिलियन बच्चे ऐसे जन्म लेते हैं जिनका भार सामान्य से कम होता है.
- कुपोषण के चलते विश्व की अर्थव्यवस्था में 3.5 ट्रिलियन डॉलर की प्रतिवर्ष हानि होती है जिसमें मोटापे का योगदान 500 बिलियन डॉलर है.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित देशों और उभरते हुए बाजार वाले देशों में पोषण का स्तर अलग-अलग है.
- रिपोर्ट में यह भी सूचित किया गया है कि बच्चे, किशोर और वयस्क आवश्यकता से अधिक परिष्कृत अनाज, चीनी वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ का सेवन कर रहे हैं. वे उतनी मात्रा में फल, तरकारी और पूरे अनाज नहीं ले रहे हैं जितना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है.
रिपोर्ट में भारत की स्थिति
- यद्यपि भारत में अलग-अलग राज्य में अलग-अलग स्थिति है परन्तु कुल मिलाकर विश्व में जितने कुंठित वृद्धि वाले बच्चे हैं उनमें 31% भारत में ही रहते हैं. भारत में कुंठित वृद्धि वाले बच्चों की संख्या 46.6 मिलियन है जो विश्व में सर्वाधिक है.
- कुंठित वृद्धि के मामले में भारत में जिले-जिले में भी अंतर है. देश के 604 जिलों में 239 जिलों में कुंठित वृद्धि का स्तर 40% से ऊपर है. रिपोर्ट के अनुसार यह असमानता कई कारणों से होती हैं, जैसे – लिंग-भेद, शिक्षा, आर्थिक दशा, स्वास्थ्य, साफ़-सफाई आदि.
- कुंठित वृद्धि के माले में भारत में गाँव और शहर में भी अंतर है. एक ओर जहाँ शहरों में कुंठित वृद्धि 19.2% है वहीं गाँवों में वह 26.8% है.
- भारत उन देशों में शीर्षस्थ है जहाँ बच्चों का भार उनकी लम्बाई के हिसाब से कम है. यहाँ ऐसे बच्चे 25.5 मिलियन हैं.
- भारत उन देशों में से है जहाँ 1 मिलियन से अधिक बच्चे अधिक भार वाले हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : India’s 9-point agenda against fugitive economic offenders
संदर्भ
अर्जेंटीना में चल रहे G-20 शिखर सम्मेलन में भारत ने एक नौ-सूत्री कार्यक्रम प्रस्तुत किया है जिसका उद्देश्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाई करना है.
नौ-सूत्री कार्यक्रम
- G-20 देशों के बीच प्रबल एवं सक्रिय सहयोग अर्थात् कानूनी प्रक्रियाओं में आपस में सहयोग करना, जैसे – अपराधी की कमाई को जब्त करना, अपराधियों को जल्दी-जल्दी लौटाना और लूट के माल को कारगर ढंग से देश को वापस करना.
- G-20 देशों के द्वारा एक ऐसी प्रणाली तैयार करना जिससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों को किसी देश में प्रवेश करने से रोका जाए, पर उन्हें सुरक्षित अड्डे नहीं दिए जाएँ.
- संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी संधि (United Nations Convention Against Corruption – UNCAC) तथा संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध विरोधी संधि (United Nations Convention Against Transnational Organised Crime – UNOTC) के सिद्धांतों का कारगर क्रियान्वयन किया जाए.
- भगोड़े अपराधियों के बारे में समय पर और व्यापक ढंग से सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (Financial Action Task Force – FATF) का आह्वान किया जाना चाहिए.
- FATF को भगोड़े आर्थिक अपराधी की मानक परिभाषा तैयार करने का काम सौंपा जाना चाहिए.
- FATF को यह भी चाहिए कि वह ऐसे मामलों में अपराधी की पहचान, सम्बंधित देश को वापस लौटाने और न्यायिक प्रक्रियाओं के विषय में एक मानक प्रक्रिया तय करे जिसपर सभी G-20 देशों की सहमति हो.
- एक ऐसा समान मंच बनाए जाए जहाँ विभिन्न देश-वापसी के सफल मामलों से सम्बन्धित अपने-अपने उत्कृष्ट अनुभवों और प्रथाओं के बारे में एक-दूसरे को बताएँ और साथ ही यह सुझाव दें कि देश-वापसी एवं कानूनी सहायता से सम्बन्धित वर्तमान तंत्र में कहाँ-कहाँ खामियाँ हैं.
- G-20 मंच उन आर्थिक अपराधियों की सम्पत्तियों का पता लगाने के लिए पहल करने पर भी विचार करें जिन्होंने अपने देश में कर की चोरी की है.
भूमिका
यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि भारत में हाल ही में कुछ ऐसे मामले हुए हैं जहाँ कुछ अपराधियों ने आर्थिक अपराध किये हैं और देश छोड़ कर भाग गए हैं. भारत इनको पकड़कर देश में लाने के लिए प्रयत्नशील है. ऐसे अपराधियों में कुछ प्रमुख अपराधी हैं – विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी.
GS Paper 3 Source: Down to Earth
Topic : Polavaram multi-purpose project
संदर्भ
पोलावरम बहु-उद्देशीय परियोजना की स्थिति से सम्बंधित एक याचिका की सुनवाई के क्रम में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को आदेश दिया है कि परियोजना से प्रभावित ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों में जाकर जन-सुनवाई करे.
केंद्र सरकार ने भी अपने उत्तर में कहा है कि वह इस प्रकार की सुनवाई करने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त करने के लिए तैयार है.
पोलावरम परियोजना पर आपत्ति क्यों?
जब 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ तो पोलावरम परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा देते हुए उसकी रुपरेखा में परिवर्तन किया गया था. याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया था कि क्योंकि बाँध की रूपरेखा बदल दी गई है और इसमें नए-नए अवयव जोड़े गये हैं इसलिए इसको इसके लिए नई पर्यावरणीय अनुमति लेनी चाहिए.
पोलावरम परियोजना क्या है?
- पोलावरम परियोजना एक बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजना है. यह बाँध गोदावरी नदी पर बनाया जा रहा है और यह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों में अवस्थित है.
- इस परियोजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले एवं पूर्वी गोदावरी जिले में गोदावरी नदी पर एक बाँध का निर्माण चल रहा है.
- इस बाँध के लिए बनाया गए विशाल जलाशय के कुछ अंश छतीसगढ़ और ओडिशा राज्यों में भी पड़ते हैं.
- इस प्रयोजना के अधीन सिंचाई, पनबिजली एवं पेय-जल की सुविधा आंध्र प्रदेश के पूर्वी-गोदावरी, पश्चिमी-गोदावरी एवं कृष्णा जिले के अतिरिक्त विशाखापत्तनम को मुहैया की जायेगी.
- इस परियोजना के चलते 222 गाँवों के 1 लाख 88 हजार लोग विस्थापित हो गये हैं. इनमें से 1,730 लोगों का पुनर्वास किया जा चुका है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Swachhta Pakhwada
संदर्भ
हाल ही में स्वच्छता पखवाड़ा (2018) के एक अंग के रूप में नगर विमानन मंत्रालय और इसके सभी संगठनों के द्वारा 15 दिन का एक स्वच्छता अभियान सफलतापूर्वक आयोजित किया गया.
स्वच्छता पखवाड़ा क्या है?
- यह पखवाड़ा अप्रैल 2016 से मनाया जा रहा है.
- इसका उद्देश्य केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को शामिल करते हुए स्वच्छता से जुड़े मामलों और प्रथाओं पर विशेष ध्यान खींचा जाना है.
- प्रत्येक वर्ष इसके लिए एक कैलंडर सभी मंत्रालयों को दिया जाता है जिससे वे पखवाड़े में अपनी-अपनी गतिविधियों से सम्बन्धित योजनाएँ बना सकें.
- स्वच्छता समीक्षा की प्रणाली के द्वारा स्वच्छता पखवाड़े में विभिन्न मंत्रालयों द्वारा की गई गतिविधियों पर नज़र रखी जाती है.
- इस ऑनलाइन प्रणाली में कार्ययोजनाओं के विवरण, छायाचित्र, विडियो आदि उपलब्ध रहते हैं.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA
[/vc_message][vc_column_text]
13 Comments on “Sansar डेली करंट अफेयर्स, 01 December 2018”
Sir 16 ko exam he plz November ka compilation dijiae
Sir Nov Ka complete pdf djye
Sir November ka compilation uplabadh karvaye…plz sir thoda zaldi se
Sir Hindi ke kathin shabd ko Kaiser samjhain
this is so good
Respected Sir, As an aspirant I am very thankful to you after finding such a crucial data regarding current affairs.
sir upsc pre 2019 ke liye aap test series kb se start kr rhe hai?
Sir Maine October Ka pdf order Kiya tha Abhi tk nhi aya
Please sir
Es website ko only upsc k liye rkhe….
Future me test series bhi rkhe…
Sir aap ager hindi medium ke liy etna acha plat form de rahe hai upsc ke liy…Kripa karke the hindu ke editorial vi important wale provide kare …Plz sir its a very humble request to u sir …Aap dekhna hindi medium. Se rank 1 vi aayega upsc me its a my trust ….Thank u sir ur effort……
फीडबैक के लिए शुक्रिया. विदित हो कि हम लोगों ने 50 एडिटोरियल को हाल ही में प्रकाशित किया है. चूँकि एडिटोरियल बनाने में एक्सपर्ट लोगों की आवश्यकता होती है इसलिए इसके लिए आपको पे करना होगा. फ्री के एडिटोरियल आप संसार एडिटोरियल में पा सकते हैं.
खरीदने से पहले (एडिटोरियल प्लस) एडिटोरियल आपके काम के हैं भी या नहीं, इसकी जानकारी के लिए आप फ्री में डेमो डाउनलोड कर सकते हैं. नीचे दोनों का लिंक दे दिया गया है >
Free Editorial
Paid Editorial
Thanks sir
Sir please provide us last previous language paper’s essay
awesome sansar…….