Ockhi Cyclone के बारे में Full Information in Hindi

Sansar LochanCurrent Affairs

भारत में हर साल भारतीय तट विशेष रूप से पूर्वी तट, अनेक चक्रवात संबंधी तूफानों को झेलता है. इस साल, Ockhi नामक एक शक्तिशाली चक्रवात पूर्वी तट से भारत में आकर भारी तबाही का कारण बना. इस तूफ़ान ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को व्यापक रूप से नुकसान पहुँचाया है. Ockhi दक्षिणी तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश लाया और खंभात की खाड़ी पर कम दबाव क्षेत्र में परिवर्तित होने से पहले इसने महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में बहुत उत्पात मचाया. आज इस पोस्ट के जरिये हम चक्रवात की बुनियादी बातों पर चर्चा करेंगे (All information is given in Hindi).

Ockhi का शाब्दिक अर्थ बांग्ला में “आँख” होता है. Cyclones का नाम प्रायः सरल बोलचाल की भाषा में रखा जाता है और प्राकृतिक घटनाओं की एक-दूसरे से अलग पहचान रखने के लिए चक्रवातों को नाम दिया जाता है.

Ockhi किस तरह अन्य Cyclones से अलग है?

भारत में चक्रवात बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों के जरिये आते हैं. अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी में चार गुना अधिक चक्रवात आते हैं. लेकिन Ockhi का मामला कुछ अजीब है. Ockhi चक्रवात श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिमी तट के निकट पैदा हुआ और उसने तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप के द्वीपों के किनारे चलते-चलते एक बहुत ही अनोखा मार्ग बनाते हुए महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्र तटों के साथ उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ना शुरू कर दिया. दरअसल महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवात एक सामान्य घटना नहीं है. राजीव नायर (Secretary, Earth Sciences) के अनुसार, Ockhi cyclone ने एक अनूठा मार्ग बनाया है. 1891 के बाद  ऐसा तीसरी बार हुआ है.

दूसरी दिलचस्प बात यह है कि Ockhi भूमध्य रेखा के बहुत ही करीब पैदा हुआ (लगभग पाँच डिग्री equator के नीचे). आमतौर पर,पृथ्वी के घूर्णन और आकृति के कारण चक्रवात विषुवतीय क्षेत्र में उत्पन्न नहीं होते हैं.

बंगाल की खाड़ी में अरब सागर से अधिक चक्रवात क्यों आते हैं?

बंगाल की खाड़ी अधिक चक्रवात का अनुभव विभिन्न कारणों से करती है. बंगाल की खाड़ी का जल चक्रवातों के गठन के लिए अनुकूल है क्योंकि वह अरब सागर से अपेक्षाकृत गर्म है. यहाँ के कुछ चक्रवात प्रशांत महासागर से होते हुए भी आते हैं. समुद्र के आकार को भी चक्रवात के निर्माण में एक कारक माना जाता है. बंगाल की खाड़ी में, हर साल, कम से कम तीन चक्रवात बनते हैं. ये चक्रवात आमतौर पर ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु, या बांग्लादेश से प्रवेश करते हैं.

अरब सागर का जल अपेक्षाकृत ठंडा होता है. ठंडा पानी चक्रवातों के गठन और गहनता के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है. इसके अलावा, भारत का पूर्वी तट केवल बंगाल की खाड़ी से ही चक्रवात प्राप्त नहीं करता, बल्कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह के निकट स्थित अंडमान सागर से भी प्राप्त करता है. परन्तु प्रशांत महासागर के चक्रवात अरब सागर तक नहीं पहुँच पाते भारतीय प्रायद्वीप का विशाल स्थान (landmass) से टकरा जाने के कारण वे कमजोर पड़ जाते हैं.

इसलिए, अरब सागर में बंगाल की खाड़ी के तुलना में कम चक्रवात आते हैं.

Ockhi Cyclone को शक्तिशाली चक्रवात का Label क्यों दिया गया?

भारत मौसम विज्ञान विभाग (The India Meteorological Department – IMD) ने Ockhi को ‘बहुत गंभीर चक्रवात तूफान/Very severe cyclonic storm‘ के रूप में वर्णन किया है. IMD cyclones को ये label उनके द्वारा उत्पन्न अधिकतम हवा की गति के आधार पर देती है. Ockhi Cyclone की हवा की गति 155 से 165 किमी प्रति घंटे के बीच थी.

आईएमडी के द्वारा चक्रवात का वर्गीकरण

  • सुपर साइक्लोनिक तूफान (> 222 किमी / घंटा)
  • बहुत गंभीर चक्रवात तूफान (118-221 किमी / घंटा)
  • गंभीर चक्रवात तूफान (88-117 किमी / घंटा)
  • चक्रवाती तूफान (62-87 किमी / घं)
  • गहरा अवसाद (deep depression) (52-61 किमी / घं)
  • अवसाद (depression) (<51 किमी / घंटा)

सुपर साइक्लोनिक चक्रवात का सबसे मशहूर उदाहरण 1999 में ओडिशा के तट में अनुभव किया गया था. 260 किमी / घंटा की हवा की गति के साथ उस चक्रवात ने भारत में भारी तबाही मचाई थी. Phailin चक्रवात (2013) की speed 220 किमी प्रति घंटे थी

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