[Sansar Editorial] विमुक्त, घुमन्तू / अर्द्ध घुमन्तू जनजाति – Denotified, Notified, Semi-Nomadic Tribes

Sansar LochanSansar Editorial 20187 Comments

हाल ही में, राष्ट्रीय विमुक्त / घुमन्तू / अर्द्ध घुमन्तू जनजाति योग (NCDNT) ने अपनी रिपोर्ट “Voices of the Denotified, Nomadic and Semi-Nomadic Tribes” प्रस्तुत की थी. भारत सरकार द्वारा विमुक्त / घुमन्तू / अर्ध घुमन्तू जनजातियों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया गया है. इसे निम्नलिखित कार्यों के लिए अधिदेशित किया गया है –

  1. इन जनजातियों को अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किये जाने की प्रगति का मूल्यांकन करना.
  2. उनके सघन निवास क्षेत्रों की पहचान करना.
  3. उनके विकास की प्रगति की समीक्षा करने एवं उनके उत्थान के उचित उपाय सुझाना, तथा
  4. DNT / NT की पहचान करना और इनकी राज्य-वार लिस्ट बनाना.

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विमुक्त जनजातियाँ (denotified tribes) कौन-सी हैं?

  • वे लोग जिन्हें ब्रिटिश शासन के दौरान अपराधी जनजातियों के रूप में अधिसूचित किया गया था तथा स्वतंत्रता के बाद 1949-50 की अनंतशयनम अय्यंगर की रिपोर्ट के आधार पर 1952 में विअधिसूचित कर दिया गया, विमुक्त जनजातियों के रूप में जाने जाते रहे हैं. इसके साथ ही ऐसी कई घुमन्तू जनजातियाँ भी हैं जो इन DNT समुदायों का भाग थीं.
  • “ये समुदाय सर्वाधिक उत्पीड़ित थे” तथापि जातिगत आधार पर इन्हें सामाजिक अस्पृश्यता का सामना नहीं करना पड़ा.

इन जनजातियों के समक्ष समस्याएँ

  • इन समुदायों के लोग अभी भी रुढ़िवादी बने हुए हैं. इनमें से अधिकांश को भूतपूर्व-अपराधी जनजाति की संज्ञा दी गई है.
  • ये लोग अलगाव तथा आर्थिक कठिनाइयों का भी सामना करते हैं. इनके अधिकांश पारम्परिक व्यवसायों, जैसे – साँप का खेल, सड़क पर कलाबाजी करने तथा मदारी का खेल दिखाने आदि को अपराधिक गतिविधि के तौर पर अधिसूचित कर दिया गया है. इससे इनके लिए अपनी आजीविका अर्जित करना और भी कठिन हो गया है.
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत भी कई विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध – घुमन्तु जनजातियाँ हैं, किन्तु इन्हें कहीं भी वर्गीकृत नहीं किया गया है. साथ ही, विभिन्न सामाजिक-आर्थिक लाभों जैसे – शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास या ऐसी ही अन्य सुविधाओं तक इनकी पहुँच नहीं है.
  • इन समूहों की शिकायतों में भोजन, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, निम्न स्तरीय बुनियादी ढाँचा इत्यादि शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, इनमें से अनेक लोग जाति प्रमाण पत्र न प्राप्त होने, राशन कार्ड, मतदाता पहचान-पत्र, आधार कार्ड आदि न होने की भी शिकायत करते हैं.
  • विभिन्न राज्यों के बीच इन समुदायों की पहचान करने को लेकर कई विसंगतियाँ विद्यमान हैं. इन जनजातियों एवं इनकी शिकायतों का समाधान करने वाले प्राधिकरण के विषय में जागरुकता का अभाव है.
  • इन सभी समस्याओं के परिणामस्वरूप कई समुदाय जनसंख्या में गिरावट की समस्या से जूझ रहे हैं.

नीति आयोग ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social justice and Empowerment) द्वारा गठित एक पैनल के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें अनधिसूचित (Denotified – DNT), अर्ध-घुमन्तू (Semi-Nomadic – SNT) एवं घुमंतू (Nomadic Tribes – NT) जनजातियों के लिए एक स्थायी आयोग बनाने की अनुशंसा की थी.

  • इस पैनल का नाम भीकू रामजी आइडेट आयोग (Bhiku Ramji Idate Commission) है.
  • आयोग ने प्रस्तावित स्थायी आयोग के अध्यक्ष पद पर किसी लब्ध प्रतिष्ठ सामुदायिक नेता के चयन की अनुशंसा की है.
  • साथ ही कहा है कि इसमें सदस्य के रूप में एक वरिष्ठ केंद्र सरकार का नौकरशाह, एक मानवशास्त्री तथा एक समाजशास्त्री होना चाहिए.
  • इस आयोग ने यह भी अनुशंसा की है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के समान इन जनजातियों (DNT, SNT, NT) के लिए अलग तीसरी अनुसूची बनाई जाए जिससे कि प्रस्तावित आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हो सके.

नए आयोग की आवश्यकता क्यों?

उल्लेखनीय है कि DNT, SNT, NT समुदाय स्वतंत्रता के बाद गठित कई आयोगों द्वारा सर्वाधिक वंचित समुदाय माने गये हैं. जनगणना में उनके लिए अलग से कोई प्रविष्टि नहीं होती है. पर 2008 में रेनके आयोग (Renke Commission) ने प्रतिवेदित किया था कि इन जनजातियों की जनसंख्या 10 से 12 करोड़ होगी.

रिपोर्ट की सिफारिशें

  • चूँकि इन जनजातियों/समुदायों से समन्धित जनगणना के मूल आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए किसी प्रतिष्ठित सामाजिक विज्ञान संस्थान के माध्यम से इनका सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण करवाए जाने की आवश्यकता है.
  • केंद्र को इसमें से DNT – SC, DNT-ST एवं DNT-OBC जैसी अलग श्रेणियाँ बना देनी चाहिए, जिनके लिए अलग से एक अप-कोटा निर्धारित हो. जहाँ अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों का उप-श्रेणीकरण जटिल सिद्ध हो सकता है, वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के भीतर यह कार्य तुरंत किया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र द्वारा पहले ही जस्टिस रोहिणी कुमार की अध्यक्षता में एक आयोग की स्थापना कर दी गई जो सदस्य समुदायों के विकास की स्थिति के अनुसार केंद्र की OBC सूची को उप-विभाजित करेगा.
  • एक स्थायी आयोग का गठन इस उद्देश्य से किया जा सकता है कि वह नियमित आधार पर स्वतंत्र रूप से इन समुदायों / जनजातियों का ध्यान रख सकते.
  • विमुक्त जनजातियों को “कलंकमुक्त करने” के उद्देश्य से पैनल ने अनुशंसा की है कि केंद्र 1952 के हैबिचुअल ऑफेंडर एक्ट को निरस्त कर दे.

हैबिचुअल ऑफेंडर एक्ट, 1952

इसमें अपराधी जनजातियों पर अपराधी होने का लांछन लगाने की बजाए उनकी निकृष्ट दशाओं को सुधारने के लिए उपयुक्त कदम उठाने की अनुशंसा की गई थी. इसके परिणामस्वरूप 1871 के अपराधी जनजातियाँ को निरस्त कर उसके स्थान पर 1952 में हैबिचुअल ऑफेंडर एक्ट लाया गया.

विदित हो कि घुमन्तू एक स्थान पर नहीं बसा करती हैं तथा यत्र-तत्र विचरण करती रहती हैं. जहाँ तक अर्ध घुमंतू जनजातियों का प्रश्न है, ये वे जनजातियाँ हैं जो भ्रमणशील तो हैं परन्तु वर्ष में एक बार एक अपनी बस्तियों में लौट आया करती हैं.

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7 Comments on “[Sansar Editorial] विमुक्त, घुमन्तू / अर्द्ध घुमन्तू जनजाति – Denotified, Notified, Semi-Nomadic Tribes”

  1. राजस्थान में नायक जाति विमुक्त जाति में शामिल है फिर भी पोर्टल पर नायक शब्द की जगह नाइक लिखा हुआ है जबकि नाइक नाम से कोई जाति है नहीं । अतः नाइक की जगह नायक करवाया जाये

  2. Sir chunav me hame yane NT ke liye aarakshan nahi hain kya. Jaise ST,SC, ke liye hota hain. Our hamesha ST/NT ek saath dekha gya hain padha gya hain colarship ke liye bhi? To phir ST chunav aarakshan hain to NT Q nahi sir (Lohar cast NT)

  3. nt dnt jati के अलग से आरक्षण होना चाहीये जिसे सभी सारे लाभ मिल शके ऐज्युकेशन मेडीकल स्थाई हो सभ को समान दँजा मिले यह जाती धंधा रोजगार के लीये ऐक गाँव से दूसरे गाँव घूमती रहती उसी वजे से शिक्षण नही ले पाती है ईन का सामूहीक वसाहत होनी चाहीये

    1. बिल्कुल आरक्षण मिलना ही चाहिए, अगर नही मिलता है तो फिर कोई फायदा नही है nt dnt में शामिल करने का

  4. Sir pls guide me i started preparation for uppsc exms?
    I can’t join any coching…pls guide me from where step by step i strt it!!
    Plssss

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