UPSC Prelims परीक्षा के लिए Polity (राज्यव्यवस्था) का Mock Test Series का दूसरा भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल 10 हैं.
सवालों के उत्तर व्याख्या सहित नीचे दिए गए हैं.
Mock Test for UPSC Prelims - Polity (राज्यव्यवस्था) Part 2
Question 1 |
- इस अधिनियम में आंग्ल-भारतीयों और यूरोपियों के लिए "पृथक निर्वाचक मंडलों" का प्रावधान किया गया.
- इस अधिनियम के तहत भारत में प्रत्यक्ष चुनाव का प्रावधान किया गया.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1 न ही 2 |
Question 2 |
- इसे केवल तब अधिरोपित किया जाता है जब राज्य केंद्र द्वारा दिए गये निर्देशों के अनुपालन में विफल रहा हो.
- राष्ट्रपति शासन को संसदीय अनुमोदन द्वारा अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1 न ही 2 |
Question 3 |
मूल अधिकार | |
राज्य के नीति निदेशक-तत्त्व | |
मूल कर्तव्य | |
न्यायिक समीक्षा की शक्ति |
Question 4 |
केवल राष्ट्रपति आपातकाल | |
केवल राष्ट्रपति शासन | |
केवल वित्तीय आपातकाल | |
राष्ट्रीय आपातकाल और राष्ट्र्पति शासन |
Question 5 |
- अखिल भारतीय संघ
- प्रान्तों में द्वैध शासन
- भारतीय रिज़र्व बैंक
केवल 1 | |
1 और 3 | |
2 और 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 6 |
- संविधान "भारत के महान्यायवादी" के लिए 5 वर्षों के नियत कार्यकाल का प्रावधान करता है.
- इसे निजी रूप से वकालत करने से रोका गया है.
- महान्यायवादी को वह सभी विशेषाधिकार दिए गये हैं जो सांसदों को मिलते हैं.
1, 2 और 3 | |
1 और 3 | |
केवल 3 | |
1 और 2 |
Question 7 |
- न्यायिक समानता को बढ़ावा देना और निर्धनों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना.
- ग्राम पंचायतों का गठन करना एवं उन्हें स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम बनाना.
- कार्य की उपयुक्त एवं मानवीय दशाओं के साथ-साथ मातृत्व सहायता के लिए प्रावधान करना.
1 और 2 | |
2 और 3 | |
1 और 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 8 |
- एस.के.धर आयोग
- फजल अली आयोग
- जे.वी.पी. समिति
1 और 3 | |
1 और 2 | |
2 और 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 9 |
- एकल संविधान
- स्वतंत्र न्यायपालिका
- एक नागरिकता
केवल 1 | |
1 और 3 | |
2 और 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 10 |
- इसका गठन कैबिनेट मिशन द्वारा तैयार की गई योजना के अंतर्गत किया गया था.
- इसके सदस्यों का चुनाव सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा किया गया.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 | |
न तो 1 न ही 2 |
व्याख्या (Explanation)
Q1. C
कथन 1 सही है. भारत सरकार अधिनियम, 1919 ने सिखों, भारतीय ईसाइयों, आंग्ल भारतीयों और यूरोपियों के लिए पृथक निर्वाचक मंडलों का प्रावधान किया. लॉर्ड मिन्टो के द्वारा भारतीय मुसलामानों को पृथक निर्वाचक मंडल की व्यवस्था भारत सरकार अधिनियम, 1909 के माध्यम से पहले ही प्रदान की जा चुकी थी. लॉर्ड मिन्टो को साम्प्रदायिक पृथक निर्वाचक मंडल के जनक के रूप में जाना जाता है.
कथन 2 सही है. भारत सरकार अधिनियम, 1919 के द्वारा देश में पहली बार द्विसदनात्मक व्यवस्था एवं प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली का भी प्रारम्भ हुआ.
Q2. D
कथन 1 सही नहीं है. अनुच्छेद 356 के अनुसार राष्ट्रपति शासन दो आधारों पर घोषित किया जा सकता है. इनमें से एक का उल्लेख स्वयं अनुच्छेद 356 में एवं दूसरे का अनुच्छेद 365 में किया गया है.
कथन 2 सही नहीं है. इसे प्रत्येक छह माह पर संसद के अनुमोदन से अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है.
Q3. A
विश्व के अधिकतर लोकतांत्रिक देशों की भांति भारत के संविधान में भी कुछ अधिकारों का उल्लेख किया गया है. जो अधिकार हमारे जीवन के लिए मूलभूत हैं उन्हें विशेष स्थिति प्रदान की गई है. इन अधिकारों को मूल अधिकार कहा जाता है. संविधान की प्रस्तावना में सभी नागरिकों के लिए समानता, स्वतंत्रता और न्याय सुनिश्चित करने का उल्लेख है. मूल अधिकार इसे प्रभावी बनाते हैं. इनका समावेश भारतीय संविधान की एक महत्त्वपूर्ण मूलभूत विशेषता है.
Q4. A
अनुच्छेद 352 के अंतर्गत आपात की उद्घोषणा – संविधान “आपात की उद्घोषणा” द्वारा राष्ट्रीय आपात को निरुपित करता है जो केवल युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू होता है.
राज्यों में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के कारण लगाए जाने वाले आपात (अनुच्छेद 365) को लोकप्रिय रूप से “राष्ट्रपति शासन” के रूप में जाना जाता है. इसे “राज्य-आपात” और “संवैधानिक-आपात” के नाम से भी जाना जाता है किन्तु संविधान इस स्थित के लिए “आपात” शब्द का उपयोग नहीं करता है.
भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा उत्पन्न होने की स्थिति में अनुच्छेद 360 के अंतर्गत “वित्तीय आपात” की उद्घोषणा की जाती है.
Q5. B
भारत सरकार अधिनियम, 1935 की निम्नलिखित विशेषताएँ थीं :-
इसके द्वारा प्रान्तों और देशी रियासतों को इकाइयों के रूप में सम्मिलित कर एक अखिल भारतीय संघ की स्थापना का प्रावधान किया गया था. हालाँकि, यह संघ कभी अस्तितिव में नहीं आया क्योंकि देशी रियासतें इसमें सम्मिलित नहीं हुईं. इसलिए कथन 1 सही है.
इस अधिनियम ने प्रान्तों में द्वैध शासन को समाप्त किया एवं इसके स्थान पर प्रांतीय स्वायत्तता का आरम्भ किया. इसलिए कथन 2 सही नहीं है.
इसने केंद्र में द्वैध शासन के अंगीकरण का प्रावधान किया. परिणामस्वरूप, संघीय विषयों को आरक्षित विषयों एवं हस्तांतरित विषयों में विभाजित कर दिया गया. हालाँकि, अधिनियम का यह प्रावधान भी कभी लागू नहीं हो सका.
इसने देश की मुद्रा एवं साख को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना का प्रावधान किया. इसलिए, कथन 3 सही है.
इसने संघीय लोक सेवा आयोग की स्थापना के साथ ही दो या अधिक प्रान्तों के लिए प्रांतीय लोक सेवा आयोगों एवं संयुक्त लोक सेवा आयोगों की स्थापना का भी प्रावधान है.
इसने एक संघीय न्यायालय की स्थापना का प्रावधान भी किया. इस संघीय न्यायालय की स्थापना 1937 में हुई.
Q6. C
कथन 1 सही नहीं है. भारत के महान्यायवादी के पद का कार्यालय संविधान द्वारा नियत नहीं है. इसके अतिरिक्त, संविधान में उन्हें हटाने की प्रक्रिया और आधार भी उल्लिखित नहीं है. महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपने पद पर बने रहते हैं. इसका अर्थ है कि उन्हें राष्ट्रपति द्वारा कभी भी पद से हटाया जा सकता है. वह राष्ट्रपति से अपना त्याग-पत्र प्रस्तुत कर भी अपना पद छोड़ सकते हैं.
कथन 2 सही नहीं है. महान्यायवादी सरकार के लिए एक पूर्णकालिक वकील नहीं है. वे सरकारी कर्मचारियों की श्रेणी में नहीं आते हैं. उन्हें निजी रूप से वकालत करने से रोका नहीं जाता है. इसके बावजूद, किसी भी जटिलता एवं कर्तव्यों के टकराव को टालने के लिए महान्यायवादी पर निम्नलिखित सीमाएँ आरोपित की गई हैं :-
- उन्हें भारत सरकार के विरुद्ध कोई सलाह या टिपण्णी नहीं करना चाहिए.
- जिन मामलों में उन्हें भारत सरकार की ओर से प्रस्तुत होना है उन्हें उन पर कोई सलाह या टिपण्णी नहीं देनी चाहिए.
- उन्हें भारत सरकार की अनुमति के बिना किसी आपराधिक अभियोजन में संग्लन व्यक्तियों का बचाव नहीं करना चाहिए.
- उन्हें भारत सरकार की अनुमति के बिना किसी भी कम्पनी या निगम में निदेशक का पद ग्रहण नहीं करना चाहिए.
कथन 3 सही है. महान्यायवादी को संसद के दोनों सदनों में, उनकी संयुक्त बैठकों में एवं संसद की किसी ऐसी समिति में, जिसमें उन्हें सदस्य के रूप में नामित किया गया हो, बोलने एवं संसदीय कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है. हालाँकि उन्हें संसद में मतदान का अधिकार प्राप्त नहीं है. उन्हें वे सभी विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां प्राप्त होती हैं जो किसी संसद सदस्य को उपलब्ध होती हैं.
Q7. C
निम्नलिखित सिद्धांत संविधान समाजवाद की विचारधारा को प्रतिबिम्बित करते हैं-
1. लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय के माध्यम से सामाजिक व्यवस्था सुनिश्चित करना तथा आय, प्रतिष्ठा, सुविधाओं और अवसरों की असमानता समाप्त करना (अनुच्छेद 38)
2. इन्हें सुनिश्चित करना >> (अनुच्छेद 39)
- सभी नागरिकों के लिए आजीविका के पर्याप्त साधन का अधिकार
- सामूहिक हित के लिए समुदाय के भौतिक संसाधनों का न्यायसंगत वितरण
- धन और उत्पादन के साधनों के संकेन्द्रण की रोकथाम
- पुरुषों और महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन
- कर्मकारों के स्वास्थ्य व शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग से संरक्षण
- बालकों के स्वास्थ्य के विकास के अवसर
3. समान न्याय को बढ़ावा देना तथा गरीबों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराना (अनुच्छेद 39A)
4. काम एवं शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार तथा बेरोजगारी, वृद्धावस्था, बीमारी व विकलांगता की स्थिति में जन सहायता प्राप्त करने का अधिकार सुनिश्चित करना (अनुच्छेद 41)
5. न्यायसंगत व मानवोचित कार्यदशाएँ सुनिश्चित करने तथा मातृत्व सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान करना (अनुच्छेद 42)
6. 5. सभी कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी, शिष्ट जीवन स्तर तथा सामाजिक व सांस्कृतिक अवसर सुनश्चित कराना (अनुच्छेद 43)
7. उद्योगों के प्रबंधन में कर्मकारों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना (अनुच्छेद 43A)
8. लोगों के पोषण स्तर व जीवन स्तर ऊपर उठाने तथा लोक स्वास्थ्य में सुधार लाने के प्रयास करना (अनुच्छेद 47)
9. ग्राम पंचायतों का गठन करना एवं उन्हें स्वशासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम इत्यादि गाँधीवादी सिद्धांत हैं (अनुच्छेद 40).
Q8. D
एस.के.धर आयोग: स्वतंत्रता के बाद, विशष रूप से दक्षिण भारत में, भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की माँग की जा रही थी. तदनुसार, जून 1948 में भारत सरकार ने इसकी व्यवहार्यता की जाँच करने के लिए एस.के.धर की अध्यक्षता में एक भाषाई प्रांत आयोग नियुक्त किया. आयोग ने अपना प्रतिवेदन दिसम्बर 1948 में प्रस्तुत किया और भाषा के स्थान पर प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की अनुशंसा की.
जे.वी.पी. समिति: एस.के.धर आयोग की अनुसंशाओं ने अत्यधिक असंतोष को जन्म दिया. अतः इस मामले पर पुनः विचार के लिए दिसम्बर 1948 में कांग्रेस ने एक अन्य भाषाई प्रांत समिति की नियुक्ति की. इस समिति में जवाहरलाल नेहरु, वल्लभभाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैय्या सम्मिलित थे. लोकप्रिय रूप से इसे जे.वी.पी. समिति के रूप में जाना जाता था. इस समिति ने अप्रैल 1949 में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा औपचारिक रूप से राज्यों के पुनर्गठन के आधार के रूप में भाषा को अस्वीकार कर दिया.
फजल अली आयोग: 1953 में आंध्र प्रदेश राज्य के गठन के बाद भाषाई आधार पर राज्यों के गठन की माँग ने अन्य क्षेत्रों में उग्र रूप धारण कर लिया. इससे सरकार को एक बार फिर इस मुद्दे का परीक्षण करने के लिए फजल अली की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय राज्य पुनर्गठन आयोग की नियुक्ति करनी पड़ी.
Q9. B
भारतीय संविधान सरकार की संघीय प्रणाली की स्थापना करता है. इसमें संघ की सभी सामान्य विशेषताएँ समाहित हैं अर्थात् दो स्तर पर सरकारें, शक्तियों का विभाजन, लिखित संविधान, संविधान की सर्वोच्चता, स्वतंत्र न्यायपालिका और द्विसदनीय व्यवस्था.
हालाँकि, भारतीय संविधान में बड़ी संख्या में एकात्मक या गैर-संघीय विशेषताएँ भी सम्मिलित हैं. उदाहरणार्थ – मजबूत केंद्र, एकल संविधान, एकल नागरिकता, एकीकृत न्यायपालिका, केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति, अखिल भारतीय सेवाएँ आदि.
Q10. A
संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन प्लान द्वारा तैयार की गई योजना के अंतर्गत नवम्बर 1946 में किया गया था. इसलिए कथन 1 सही है.
संविधान सभा अंशतः निर्वाचित और अंशतः नामांकित निकाय थी. इसके अतिरिक्त, सदस्यों का चुनाव प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया गया था जबकि स्वयं प्रांतीय विधान सभाओं के सदस्य सीमित मताधिकार के आधार पर चुने गये थे. इसलिए कथन 2 सही नहीं हैं.
Click to here Play Part 1 >>> Polity Mock Test Series Part 1
Sansar Weekly Quiz >>Click me
9 Comments on “Mock Test Series for UPSC Prelims – Polity (राज्यव्यवस्था) Part 2”
Very excellent mcq of Upsc Polity.
Sir, please make topice wise mcq of all subjects of gs. It will be very excellent effort.
Thank you so much sir ,It’s great job sir
Very very good…..Hindi medium ki asha …Sansar lochan
Great job ……
Very good sir
Good material Sir
9/10
Sir ji its good material please continue
Sir ji, It’s awesome and great job… these are very helpful for all student…