UPSC Prelims परीक्षा के लिए कला एवं इतिहास (History+Culture) का Mock Test Series का तीसरा भाग दिया जा रहा है. भाषा हिंदी है और सवाल (MCQs) 10 हैं. ये questions Civil Seva Pariksha के समतुल्य हैं इसलिए यदि उत्तर गलत हो जाए तो निराश मत हों.
सवालों के उत्तर व्याख्या सहित नीचे दिए गए हैं. (Question Solve Karen Ya Na Karen Par Explanation Par Nazar Jarur Daudayen)
Mock Test for UPSC Prelims - History (इतिहास) Part 3
Question 1 |
- यह ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कम्युनिस्टों के बढ़ते प्रभाव से सम्बंधित था.
- शौकत उस्मानी और एस. ए. डांगे इस मामले में गिरफ्तार किये गये प्रमुख नेता थे.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 2 |
- मध्य एशिया में अस्थिरता
- दक्षिण भारतीयों राज्यों द्वारा वाणिज्य को बढ़ावा
- मानसून की बेहतर समझ
केवल 1 और 2 | |
केवल 2 और 3 | |
केवल 1 और 3 | |
1, 2 और 3 |
Question 3 |
- भारत का राष्ट्रीय पंचाग इस पंचाग पर आधारित है.
- कुषाणों पर अपनी विजय के प्रतीक के रूप में शक शासकों ने यह पंचाग आरम्भ किया था.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 4 |
- इसे जवाहरलाल नेहरु और सुभाष चन्द्र बोस द्वारा आरम्भ किया गया था.
- इसे गाँधीजी के असहयोग आन्दोलन वापस लेने के निर्णय विरोध में आरम्भ किया गया था.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 5 |
- अधोमुखी निस्यंदन सिद्धांत (downward infiltration theory)
- महिला शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण
- धर्मनिरपेक्ष शिक्षा
- शिक्षा में निजी उद्यमिता
केवल 1 और 2 | |
केवल 1 और 3 | |
केवल 2, 3 और 4 | |
1, 2, 3 और 4 |
Question 6 |
- यह दलित वर्गों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व से सम्बंधित मुद्दा हल करने के लिए गाँधीजी और डॉ. भीम राव अम्बेडकर के मध्य एक समझौता था.
- ब्रिटिश सरकार ने यह समझौता अस्वीकार कर दिया.
केवल 1 | |
केवल 2 | |
1 और 2 दोनों | |
न तो 1, न ही 2 |
Question 7 |
इससे भारत में तुर्की शासन की स्थापना हुई | |
शेरशाह सूरी ने आगरा पर अधिकार कर लिया | |
ब्रिटिश सेनाओं ने टीपू सुल्तान को हराया | |
इसके परिणामस्वरूप भारत में मुग़ल साम्राज्य की स्थापना हुई |
Question 8 |
मौर्य साम्राज्य के अंतर्गत भू-राजस्व कर को | |
गुप्त साम्राज्य के अंतर्गत जारी किये गये सोने के सिक्के को | |
चोल साम्राज्य के अंतर्गत भूमि प्रशासन की सबसे छोटी इकाई को | |
उपर्युक्त में से कोई नहीं |
Question 9 |
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- लोथल
3-1-2 | |
1-2-3 | |
3-2-1 | |
2-1-3 |
Question 10 |
- इसकी स्थापना गोपाल कृष्ण गोखले ने की थी.
- इसका उद्देश्य विभिन्न नस्ल और धर्म के भारतीयों को एकजुट कर उन्हें कल्याण कार्य हेतु प्रशिक्षित करना था.
- महात्मा गाँधी इस सोसाइटी के सदस्य थे.
केवल 1 और 2 | |
केवल 1 | |
केवल 2 और 3 | |
1, 2 और 3 |
History+Culture Mock Test Series 3 MCQ – व्याख्या (Explanation)
Q1. C – मेरठ षड्यंत्र केस
“मेरठ षड्यंत्र केस” भारतीय स्वाधीनता संग्राम का सर्वाधिक प्रसिद्ध मुकदमा है. ब्रिटिश सरकार भारत में कम्युनिस्टों के बढ़ते प्रभाव से चिंतित थी. इसलिए सरकार ने श्रमिक नेताओं, ट्रेड-यूनियन नेताओं और ब्रिटिश कम्युनिस्टों को लक्षित किया. मार्च 1929 में, भारत के विभिन्न भागों से गिरफ्तारियाँ की गईं. इन लोगों को भारतीय दडं संहिता की धारा 121 (A) के तहत अरोपी बनाया गया, जो ब्रिटिश भारत की राज सम्प्रभुता से सम्राट वंचित करने का षड्यंत्र था. यह ‘षड्यत्रं केस’ मेरठ के सत्र न्यायायलय में 1932 तक चला और दोषियों को भिन्न-भिन्न अवधियों का निर्वासन या कठोर कारावास की सजा सुनाई गयी.
अभियुक्तों का बचाव जवाहरलाल नेहरु, एम.सी.चागला और एम.ए. अंसारी जैसे प्रसिद्ध अधिवक्ताओं द्वारा किया गया था. गिरफ्तार लोगों में मुजफ्फर अहमद, एस.ए. डांगे, एस.वी. घाटे, गंगाधर अधिकारी, पी.सी. जोशी, शौकत उस्मानी सम्मिलित थे. अभियुक्तों में तीन ब्रिटिश नागरिक भी थे – फिलिप स्प्रैट, बेंजामिन फ्रांसिस और लेस्टर हचिन्सन.
इस मकुदमे ने वैश्विक स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया और इस संदर्भ में अल्बर्ट आइंस्टीन, एच.जी. वेल्स और राष्ट्रपति रूजवेल्ट से भी सहानुभूति पूर्ण टिप्पणियाँ मिलीं.
Q2. D – प्रारम्भिक मध्यकाल के दौरान भारत और चीन के मध्य समुद्री व्यापार
आठवीं सदी के बाद से ही भारत और चीन के मध्य समुद्री मार्ग (जो या तो अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह को पार करते हुए गुजरते थे या बंगाल की खाड़ी के आस-पास से सुमात्रा और वहाँ से दक्षिण चीन सागर तक जाते थे) पूर्व के स्थल मार्गों की तुलना में अधिक लोकप्रिय हो गये थे.
स्थलीय मार्गों के बजाय समुद्री मार्गों को अपनाने के लिए विभिन्न कारकों जैसे आर्थिक नीतियाँ, नौपरिवहन का विकास, मानसून की बेहतर समझ (मौसमी हवाएँ), जहाज निर्माण प्रौद्योगिकी और राजनीतिक स्थिरिता की सहभागीदारी थी, जिससे भारत और चीन के मध्य समुद्री व्यापार को बढ़ावा मिला. मध्य एशिया में अस्थिरता और आठवीं और नौवीं सदी में दक्षिण भारतीय राज्यों द्वारा वाणिज्य को प्रोत्साहन देने से भारत और चीन के मध्य समुद्री व्यापार में तीव्र वृद्धि करने में सहायता मिली.
Q3. A – शक पंचांग
भारत में चार प्रकार के पंचांगों का सार्वभौमिक रूप से अनुसरण किया जाता है :- विक्रम संवत (हिन्दू चन्द्र पंचांग), शक संवत (हिन्दू सौर पंचांग), हिजरी कैलंडर (इस्लामिक चन्द्र पंचांग) और ग्रेगोरियन कैलंडर (वैज्ञानिक सौर पंचांग)
विक्रम संवत : यह 57 ई.पू. से प्रारम्भ हुआ. राजा विक्रमादित्य ने शाक्य राजाओं पर अपनी विजय के प्रतीक के रूप में इसे प्रारम्भ किया. 57 ई.पू. शून्य वर्ष है. यह चन्द्र पंचांग है क्योंकि यह चन्द्रमा के गति पर आधारित है.
शक संवत : शक संवत पर आधारित राष्ट्रीय कैलंडर को ग्रेगोरियन कैलंडर के साथ 22 मार्च 1957 को अपनाया गया. इसमें प्रथम माह चैत्र और सामान्य वर्ष 365 दिनों का होता है. ऐसा माना जाता है कि शक संवत का शुभारम्भ सातवाहन वंश के राजा शालिवाहन द्वारा किया गया था. वासत्व में शक संवत शालिवाहन की प्रमुख सैन्य जीत के स्मरण को चिन्हित करता है. यह लोकप्रिय किम्वदन्तियों पर आधारित है परन्तु इसका शायाद ही कोई ऐतिहासिक तथ्य है. ऐतिहासिक मतैक्य यह है कि यह सामान्य युग के 78वें वर्ष से आरम्भ हुआ. यह एक चन्द्र-सौर पंचांग है. इसे 1957 में भारत सरकार द्वारा आधाकारिक कैलंडर के रूप में अपनाया गया.
हिजरी पंचांग : यह चन्द्र पंचांग है. इसका शून्य वर्ष 622 ई. सन है. इसे सर्वप्रथम सऊदी अरब द्वारा प्रारम्भ और अपनाया गया था. इसके प्रत्येक वर्ष में 12 महीने और 354 दिन होते हैं. पहले महीने को मुहर्रम और नौवें महीने को रमजान कहा जाता है.
Q4. A – इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया
कथन 1 सही है और कथन 2 सही नहीं है.
1928 की नेहरु रिपोर्ट ने भारतीयों द्वारा वांछित सरकार की प्रणाली के रूप में स्वशासी डोमिनियन की माँग के क्रम में भारत के लिए स्वतंत्र डोमिनियन के दर्जे की संस्तुति की थी. परन्तु युवा वर्ग ने रिपोर्ट में उल्लिखित स्वतंत्र डोमिनियन के दर्जे के विचार को प्रतिगामी कदम माना. सर्वदलीय सम्मेलन के घटनाक्रम में स्वतंत्र डोमिनियन के विचार की उनकी आलोचना को दृढ़ता मिली.
1928 में, जवाहरलाल नेहरु ने पूर्ण स्वाधीनता के लिए संघर्ष हेतु तथा समाज के आर्थिक ढाँचे में समाजवादी संशोधन के लिए सुभाष चन्द्र बोस के साथ मिलकर इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग का आरम्भ किया.
Q5. C – वुड डिस्पैच
1854 में चार्ल्स वुड ने भारत की शिक्षा व्यवस्था पर एक डिस्पैच तैयार किया. इसे भारत में अंग्रेजी शिक्षा “मैग्न कार्टा” माना जाता है. यह दस्तावेज भारत में शिक्षा के प्रसार से सम्बंधित प्रथम विस्तृत योजना थी.
- इसमें भारत सरकार से जन सामान्य की शिक्षा का उत्तरदायित्व वहन करने के लिए कहा गया. इस प्रकार इसके द्वारा कम से कम कागजों पर शिक्षा के अधोमुखी निस्यंदन सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया गया. इसलिए विकल्प 1 सही नहीं है.
- इसमें महिलाओं की शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा तथा शिक्षा प्रशिक्षण पर बल दिया गया. इसलिए विकल्प 2 सही है.
- इसमें कहा गया कि सरकारी संस्थानों में प्रदत्त शिक्षा धर्मनिरपेक्ष होनी चाहिए. इसलिए विकल्प 3 सही है.
- इसमें निजी उद्यमों (शिक्षा में निजी प्रयासों) को प्रोत्साहित करने के लिए सहायता-अनुदान प्रणाली की अनुसंशा की गई थी. इसलिए विकल्प 4 सही है.
Q6. A – पूना समझौता
सितम्बर, 1932 में पूना समझौते पर दलित वर्गों की ओर से बी.आर. अम्बेडकर द्वारा हस्ताक्षर किये गये. पूना समझौते से दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल का विचार त्याग दिया गया लेकिन दलित वार्गों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या को प्रांतीय विधायिकाओं में 71 से बढ़ाकर 147 एवं केन्द्रीय विधायिका में कुल सीटों की संख्या 18% कर दी गई थी. इसलिए कथन 1 सही है.
पूना समझौता को सरकार द्वारा कम्यूनल अवार्ड में संशोधन के रूप में स्वीकार किया गया था. इसलिए कथन 2 सही नहीं है.
Q7. A – तराइन का युद्ध
1175 में मुहम्मद गौरी ने मुल्तान पर अधिकार कर लिया तथा कालांतर में अपने अभियानों में उसने पूरे सिंध पर अधिकार कर लिया. 1186 में उसने पंजाब पर हमला किया तथा खुसरो मालिक से गद्दी छीनकर इसे अपने प्रभुत्व में ले लिया. पंजाब पर अधिकार से उसके साम्राज्य का विस्तार पूर्व में सतलज तक विस्तृत हो गया तथा वह चौहान राज्य पर आक्रमण को प्रेरित हुआ.
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उत्तर भारत के हिन्दू राजकुमारों ने पृथ्वीराज चौहान के नेतृत्व में एक संघ का गठन किया. पृथ्वीराज इस अवसर पर सशक्त होकर उभरे तथा 1191 में दिल्ली के पास तराइन के युद्ध में उसने गौरी को पराजित कर दिया. मोहम्मद गौरी ने इस पराजय से बहुत अपमानित महसूस किया.
1192 में तराइन के द्वितीय युद्ध में मु. गौरी ने पृथ्वीराज की सेना को बुरी तरह से पराजित किया. पृथ्वीराज को बंदी बनाकर उनकी हत्या कर दी गई. तराइन का द्वितीय युद्ध एक निर्णायक युद्ध था. यह राजपूतों के लिए एक बड़ी आपदा थी. उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा को गंभीर झटका लगा एवं सम्पूर्ण चौहान साम्राज्य अब आक्रमणकारी के पैरों तले था. तराइन के द्वितीय युद्ध ने भारत में तुर्की शासन की स्थापना में योगदान दिया था. अतः विकल्प (a) सही है.
शेरशाह सूरी ने आगरा पर अधिकार 1540 में कन्नौज के युद्ध में हुमायूँ को पराजित करके किया था.
तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध में टीपू सुल्तान की हत्या कर दी गई थी. (1790-92).
भारत में मुग़ल साम्राज्य की नींव 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने इब्राहीम लोदी को पराजित करके रखी थी.
Q8. B – दीनार
गुप्त सम्राट अपने सोने के सिक्कों के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने चाँदी के सिक्के भी जारी किये. हालाँकि, तांबा या कांस्य या किसी अन्य मिश्र धातु के सिक्के दुर्लभ हैं. गुप्त युग में सोने के सिक्कों की प्रचुरता के कारण कुछ विद्वानों द्वारा इस घटना को “सोने की बारिश” की संज्ञा दी है. गुप्तकालीन सोने के सिक्के “दीनार (dinaras)” के रूप में जाने जाते हैं. गुप्त शासकों द्वारा जारी सोने के सिक्के कलात्मक उत्कृष्टता के असाधारण उदाहरण हैं. सिक्कों के अग्रभाग पर सत्तारूढ़ राजा के चित्र एवं पृष्ठभाग पर एक देवी की आकृति के साथ पौराणिक कथाएँ चित्रित होती थीं.
Q9. B – उत्तर से दक्षिण दिशा में हड़प्पा स्थल
Q10. A -सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी
कथन 1 सही है : सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी का गठन पुणे, महाराष्ट्र में 12 जून, 1905 को गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा किया गया था. इन्होंने इस संगठन की स्थापना हेतु दक्कन एजुकेशन सोसाइटी की सदस्यता को त्याग दिया था.
कथन 2 सही है : इसके उद्देश्यों में एक विभिन्न नस्ल और धर्म के भारतीयों को एकजुट कर कल्याण कार्यों में प्रशिक्षित करना था. यह एक धर्मनिरपेक्ष संगठन था.
कथन 3 सही नहीं है : गोखले चाहते थे कि गाँधीजी सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी से जुड़ें. हालाँकि यह संभव नहीं हो सका. गाँधीजी द्वारा साबरमती आश्रम की स्थापना की गई थी, जिसके लिए गोखले ने वित्तीय सहायता प्रदान की. गोखले ने पूरे भारत की उनकी एकवर्षीय यात्रा के लिए भी धन दिया ताकि वे देश की परिस्थितियों को समझ सकें.
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3 Comments on “Mock Test Series for UPSC Prelims – इतिहास (History+Culture) Part 3”
Sir question 3 ka analysis Sahi nhi h usme kuchh mistake hai
Sir ncert ki books Ko padhe Bina bhi IAS exam crack Kiya ja Sakta hai kya???? Plzz sir…..jarur batayiyega….🙏
bhaiya anonymous ji
galat hai to bata bhi diya karo ki kya galat hai, sirf galat hai kah dene se galat thodi ho jayega