हाल ही में UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा मानव विकास सूचकांक (Human Development Index, HDI) 2022 की रिपोर्ट जारी की गई.
मानव विकास को मानव विकास सूचकांक (Human Development Index, HDI) के रूप में मापा जाता है. इसे मानव विकास की आधारभूत उपलब्धियों पर निर्धारित एक साधारण समिश्र सूचक (composite indicator) के रूप में मापा जाता है और विभिन्न देशों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच के क्षेत्र में की गई उन्नति के आधार पर उन्हें श्रेणी (rank) प्रदान करता है. यह श्रेणी 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है, जो एक देश, मानव विकास के महत्त्वपूर्ण सूचकों में अपने रिकॉर्ड से प्राप्त करता है.
मानव विकास सूचकांक UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा नापा जाता है. UNDP का headquarter न्यूयॉर्क में है. इसकी स्थापना 1965 को हुई थी. चलिए जानते हैं मानव विकास सूचकांक क्या होता है और इसको मापने के लिए किन पैमानों (measures) का प्रयोग किया जाता है? साथ ही साथ यह भी जानेंगे कि भारत का रैंक इस साल क्या रहा.
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के सूचक को निश्चित करने के लिए जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा को चुना गया है. जितनी उच्च जीवन-प्रत्याशा होगी, उतनी ही अधिक विकास का सूचकांक (HDI) होगा.
शिक्षा
यहाँ पर शिक्षा का अभिप्राय प्रौढ़ साक्षरता दर तथा सकल नामांकन अनुपात से है. इसका अर्थ यह है कि पढ़ और लिख सकने वाले वयस्कों की संख्या तथा विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या अधिक होने से सूचकांक (index) में वृद्धि होती है.
संसाधनों तक पहुँच
संसाधनों तक पहुँच को क्रय शक्ति/purchasing power (अमेरिकी डॉलर में) के सन्दर्भ में मापा जाता है.
सूचकांक निर्मित करने के लिए प्रत्येक सूचक के लिए सर्वप्रथम न्यूनतम तथा अधिकतम मान निश्चित कर लेते हैं:
जन्म के समय जीवन प्रत्याशा: 25 वर्ष और 85 वर्ष
सामान्य साक्षरता दर: 0 प्रतिशत और 100 प्रतिशत
प्रतिव्यक्ति वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (PPP)
$100 अमेरिकी डॉलर और $40, 000 अमेरिकी डॉलर. इनमें से प्रत्येक आयाम को 1/3 भारिता (weights) दी जाती है. मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) इन सभी आयामों को दिए गए weights का कुल योग होता है. स्कोर, 1 के जितना निकट होता है, मानव विकास का स्तर उतना ही अधिक होता है. इस प्रकार 0.983 का स्कोर अति उच्च स्तर का, जबकि 0.268 मानव विकास का अत्यंत निम्न स्तर माना जायेगा.
Source: The Hindu
मानव विकास सूचकांक 2022 से जुड़े मुख्य तथ्य
वैश्विक प्रदर्शन
- स्विट्ज़रलैंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. नोर्वे ने दूसरा स्थान लाया और आइसलैंड ने तीसरा.
- COVID-19 महामारी, रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और जलवायु संकट के कारण 90 प्रतिशत देशों में मानव विकास का स्कोर नीचे चला गया है.
- इस कमी ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में बाधा पहुँचाई है.
- मानव विकास सूचकांक की हालिया गिरावट में एक बड़ा योगदान जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट है, जो 2019 में 72.8 वर्ष से घटकर 2021 में 71.4 वर्ष हो गया है।
भारत का प्रदर्शन
- मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) 2021 में भारत 191 देशों में से 132वें स्थान पर है (पिछले वर्ष से दो स्थान की गिरावट दर्ज की गई)।
- यह तीन दशकों में पहली बार लगातार दो वर्षों में अपने स्कोर में गिरावट को दर्शाता है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2020 में, भारत 0.642 के एचडीआई मूल्य के साथ 130वें स्थान पर था।
- COVID-19 के प्रकोप से पहले, 2018 में भारत का HDI मान 0.645 था।
- एचडीआई स्कोर में यह गिरावट वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप है जो दर्शाता है कि देश COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद से मानव विकास में पिछड़ गए हैं।
- 2021 में भारत में एचडीआई में गिरावट को जन्म के समय जीवन प्रत्याशा में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो 70.7 वर्ष से घटकर 67.2 वर्ष हो गया है।
- भारत में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष है, और स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष 6.7 वर्ष है।
- GNI प्रति व्यक्ति स्तर $6,590 है।
- COVID-19 महामारी ने लैंगिक असमानता को भी बढ़ा दिया है, जिसमें वैश्विक स्तर पर 6.7% की वृद्धि हुई है।
भारत के पड़ोसी देशों का प्रदर्शन
- श्रीलंका = 73
- चीन = 79
- भूटान = 127
- बांग्लादेश = 129
- म्यांमार = 147
- नेपाल = 143
- पाकिस्तान = 161
- अफगानिस्तान = 170
- मालदीव = 90
उपलब्धियाँ और कमियाँ (Achievements and Shortfalls)
मानव विकास सूचकांक (HDI) मानव विकास में उपलब्धियों एवं कमियों को मापता है.
उपलब्धियाँ (Achievements):
उपलब्धियाँ मानव विकास के प्रमुख क्षत्रों में की नई उन्नति की सूचक हैं. ये सर्वाधिक विश्वनीय माप नहीं है, क्योंकि ये वितरण (distribution) के सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं देती.
कमियाँ (Shortfalls):
मानव गरीबी सूचकांक, मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) से सम्बंधित है और मानव विकास में कमियों को मापता है. इनमें कई पक्षों को सम्मिलित किया जाता है, जैसे – 40 वर्ष कम आयु तक जीवित न रह पाने की संभाव्यता (feasibility), प्रौढ़ निरक्षरता दर (adult illiteracy rate), स्वच्छ जल तक पहुँच न रखने वाले लोगों की संख्या और अल्प्भार वाले छोटे बच्चों की संख्या (number of underweight children) आदि. मानव विकास सूचकांक इन पैमानों (measures) द्वारा संयुक्त अवलोकन कर के किसी देश में मानव विकास की स्थिति का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है.
मानव विकास सूचकांक – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
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14 Comments on “मानव विकास सूचकांक 2022 | Information about HDI in Hindi”
Thank you sir
Hdi kisane vikasit kiya hain
Hdi measurment kb se start hua hai
2018 ki report kya h sir
Sir 2018 ki report
Ab kon sa rank h 2017 me
LATEST ME 131 WA
HDI notes is good. Related economic notes like life expectancy illiterary rate and ppp also want to know.
hy kusum msg me [email protected]
Sir 2016 ki HDI report kab tak aa jaygi….?
Humana develoment me indla ka kaun sa rank hai.
13o rank
0.609 ke saath 130 wa
HDI REPORT, 2016
INDIA -131 RANK (0.624)