आज इस पोस्ट में हम पानीपत की पहली, दूसरी और तीसरी लड़ाई (Panipat First, Second and Third War) की कहानी आपके सामने रखेंगे. इन युद्धों के क्या कारण थे, ये युद्ध किनके बीच हुआ और इन युद्धों के क्या परिणाम निकले, इन सब तथ्यों की चर्चा करेंगे. भारतीय इतिहास में ये तीनों युद्ध बहुत महत्त्वपूर्ण हैं. पेश है आपके सामने तीनों पानीपत युद्धों का संक्षिप्त विवरण. पेश है आपके सामने पानीपत के तीनों युद्धों का संक्षिप्त विवरण Hindi में.
पानीपत की प्रथम लड़ाई – First Panipat War
पानीपत में तीन भाग्यनिर्णायक लडाईयाँ यहाँ हुई, जिन्होंने भारतीय इतिहास की धारा ही मोड़ दी. पानीपत की पहली लड़ाई -Panipat War 1 21 अप्रैल, 1526 ई. को दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी और मुग़ल आक्रमणकारी बाबर के बीच हुई. इब्राहीम के पास एक लाख संख्या तक की फ़ौज थी. उधर बाबर के पास मात्र 12,000 फ़ौज तथा बड़ी संख्या में तोपें थीं. रणविद्या, सैन्य-सञ्चालन की श्रेष्ठता और विशेषकर तोपों के नए और प्रभावशाली प्रयोग के कारण बाबर ने इब्राहीम लोदी के ऊपर निर्णयात्मक विजय प्राप्त की. लोदी ने रणभूमि में ही प्राण त्याग दिया. पानीपत की पहली लड़ाई के फलस्वरूप दिल्ली और आगरा पर बाबर का दखल हो गया और उससे भारत में मुग़ल राजवंश का प्रचालन हुआ.
पानीपत की दूसरी लड़ाई – Second Panipat War
पानीपत की दूसरी लड़ाई -Panipat War 2 ( 5 नवम्बर, 1556 ई. को अफगान बादशाह आदिलशाह सूर के योग्य हिन्दू सेनापति और मंत्री हेमू और अकबर के बीच हुई, जिसने अपने पिता हुमायूँ से दिल्ली का तख़्त पाया था. हेमू के पास अकबर से कहीं अधिक बड़ी सेना थी. उसके पास 1500 हाथी भी थे. प्रारम्भ में मुग़ल सेना के मुकाबले में हेमू को सफलता प्राप्त हुई परन्तु संयोगवश एक तीर हेमू के आँख में घुस गया और यह घटना युद्ध में जीत रहे हेमू के हार का कारण बन गई. तीर लगने से हेमू अचेत होकर गिर पड़ा और उसकी सेना भाग खड़ी हुई. हेमू को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे किशोर अकबर के सामने ले जाया गया. अकबर ने उसका सर धड़ से अलग कर दिया. पानीपत की दूसरी लड़ाई के फलस्वरूप दिल्ली और आगरा अकबर के कब्जे में आ गए. इस लड़ाई के फलस्वरूप दिल्ली के तख़्त के लिए मुगलों और अफगानों के बीच चलनेवाला संघर्ष अंतिम रूप से मुगलों के पक्ष में निर्णीत हो गया और अगले तीन सौ वर्षों तक दिल्ली का तख़्त मुगलों के पास रहा.
पानीपत की तीसरी लड़ाई – Third Panipat War
पानीपत की तीसरी लड़ाई -Panipat War 3 ने भारत का भाग्य निर्णय कर दिया जो उस समय अधर में लटक रहा था. पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 ई. में हुआ. अफगान का रहने वाला अहमद अब्दाली वहाँ का नया-नया बादशाह बना था. अफगानिस्तान पर अधिकार जमाने के बाद उसने हिन्दुस्तान पर भी कई बार चढ़ाई की और दिल्ली के दरबार की निर्बलता और अमीरों के पारस्परिक वैमनस्य के कारण अहमद अब्दाली को किसी प्रकार की रुकावट का सामना नहीं करना पड़ा. पंजाब के सूबेदार की पराजय के बाद भयभीत दिल्ली-सम्राट ने पंजाब को अफगान के हवाले कर दिया. जीते हुए देश पर अपना सूबेदार नियुक्त कर अब्दाली अपने देश को लौट गया. उसकी अनुपस्थिति में मराठों ने पंजाब पर धावा बोलकर, अब्दाली के सूबेदार को बाहर कर दिया और लाहौर पर अधिकार जमा लिया. इस समाचार को सुनकर अब्दाली क्रोधित हो गया और बड़ी सेना ले कर मराठों को पराजित करने के लिए अफगानिस्तान से रवाना हुआ. मराठों ने भी एक बड़ी सेना एकत्र की, जिसका अध्यक्ष सदाशिवराव और सहायक अध्यक्ष पेशवा का बेटा विश्वासराव था. दोनों वीर अनेक मराठा सेनापतियों तथा पैदल-सेना, घोड़े, हाथी के साथ पूना से रवाना हुए. होल्कर, सिंधिया, गायकवाड़ और अन्य मराठा-सरदारों ने भी उनकी सहायता की. राजपूतों ने भी मदद भेजी और 30 हजार सिपाही लेकर भरतपुर (राजस्थान) का जाट-सरदार सूरजमल भी उनसे आ मिला. मराठा-दल में सरदारों की एक राय न होने के कारण, अब्दाली की सेना पर फ़ौरन आक्रमण न हो सका. पहले हमले में तो मराठों को विजय मिला पर विश्वासराव मारा गया. इसके बाद जो भयंकर युद्ध हुआ उसमें सदाशिवराव मारा गया. मराठों का साहस भंग हो गया. पानीपत की पराजय तथा पेशवा की मृत्यु से सारा महाराष्ट्र निराशा के अन्धकार में डूब गया और उत्तरी भारत से मराठों का प्रभुत्व उठ गया.
47 Comments on “तीनों पानीपत युद्धों का संक्षिप्त विवरण – War of Panipat in Hindi”
sare yudhh panipat me hi kyu hue?
Kyuki delhi jitane ke liye or ek vohi medan tha jisame yudhh ho sakata tha
पानीपत का तीनो युद्ध पानीपत में ही क्यों लड़ा गया था? इसके क्या कारण थे?
Iska karn yeh tha ki hme questions yad krne me mushkil na ho …
सराहनीय प्रयास गुरू जी,,,
Es ladai ka naam panipat kyu pada or kitne dino tak chala
Kyu ki 1st panipath war babar jo ki Uzbekistan se hota huaa kabul or kandhar ko jit kar Punjab ki taraf chala or Agra ke sasak ibrahim lodhi ko pta chala, to wo bhi aapne mantri or seniko k sath chal to or dono sasako ka aamna saamna haryana k panipath mai hua esliye ye panipath ka yudh kahlaya or babur ki jit hye
Kyunki yh panipat ki land pr hua isliy iska name panipat pda.
Es ladai ka name panipath isliye pada kyu ki ye ladai panipath namak ek chhote se gaw me hua tha.
Or ye ladai lagbhag 3 dino tak chali thi
North West was tha gate of outside invaders, And very near to the Delhi .
Kyu ki panipat naam is liye ki vo war hi panipat ke pass hua tha
Punjab ke subedar ko kisne parajit kiya
विश्वासराव का पिता कोन सा पेशवा था
नानासाहेब पेशवा
Tishari ladai kab hui thi
panipat me konsi sadi me do war huye ??????
16 we sadi ma
Yah teeno war panipat me hi Ku Hue kahi or bhi to ho skta tha
acha hai rakhi ji yad kerne me acha hoga panipath panipath panipath
Rakhi ji uske kuch factor rahe the jese. 1.jitne bhi attack huye bo sabhi khabar pass se aaye the
2.panipat ek fertile land tha to unki force k liye food or water ki availability easily ho jati thi
3.force ko senye help ki dristi se commodities ko easily pahuchaya ja skta tha.
4 pass cross krne k baad ye hi sabse big area hota tha punjab or delhi k between.
Kyoki bahi pr bdi jgah thi ldne ke liye
Helpful for me
क्योकी पानीपत एक गांव है। वहां पे लड़ाई हुई
पानीपत हरियाणा district में,,,इस लिये उसे पानीपत युद्ध कहते
Chacha panipat is a big city first of all and haryana is not a district it is a state
Good history
बहुत ही अच्छा कंटेट सर जी धन्यवाद
Humau kiska putr tha
sir you are doing good job. Thanks sir
Thanks sir knowlege milli
Panipat ke Yudh me kitne Maratha sainik mare Gye???
So interested
Thanks sir
Sir humayun kiska putra tha
बाबर. 1530 में बाबर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र हुमायूं राजगद्दी पर बैठा.
Ibrahim Lodi ke pass ak lakh se adhik sena tha phir bhi Babar jeet gaya
babar ka putr tha
बाबर का पुत्र हुमायूँ । हुमायूँ का पुत्र अकबर । अकबर का पुत्र जहाँगीर
आपके सहयोग से मुझे काफ़ी मदद मिली
जो चीज़े मुझे किताबो में नहीं मिली वो आपके द्वारा मिली उसके लिए आपका धन्यवाद्
Tnx sir apke es prayash se hme kafi help mili h
panipat hamare liye subh ki important place hai because my all old my person killed their
Maratha har gaye lekin abdali ki bahut badi hani huye .aur mauke par baki ke sabhi rajaone maratho ko madad nhi ki blki abdali ko madad ki, lekin iske bad marathao ne 20 Sal me phir se dilli jeetli
Ye panipat ki ladai hui Kis cheek ke upar thi I mean kyu hui koi topic bhi toh hoga
Itni bhaynkar or vinashkari ldaiya panipath me hi kyo ldi gyi
Panipat 3rd war kon se year me end hua
es ladai ka naam panipat kyu pda
पानीपत एक जगह का नाम है जो हरयाणा में है. वहीं लड़ाई हुई थी.
Mujy koisi kitab btao jis m sb kuch diya ho
Es ladai ka naam panipat kyu pda