चक्रवात के विषय में विस्तृत जानकारी : Cyclone Info in Hindi

Sansar LochanGeography, विश्व का भूगोल35 Comments

cyclone_hindi_चक्रवात

परिभाषा: चक्रवात निम्न वायुदाब के केंद्र होते हैं, जिनके चारों तरफ केन्द्र की ओर जाने वाली समवायुदाब रेखाएँ विस्तृत होती हैं. केंद्र से बाहर की ओर वायुदाब बढ़ता जाता है. फलतः परिधि से केंद्र की ओर हवाएँ चलने लगती है. चक्रवात (Cyclone) में हवाओं की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई के विपरीत तथा दक्षिण गोलार्द्ध में अनुकूल होती है. इनका आकर प्रायः अंडाकार या U अक्षर के समान होता है. आज हम चक्रवात के विषय में जानकारी आपसे साझा करेंगे और इसके कारण,  प्रकार और प्रभाव की भी चर्चा करेंगे. स्थिति के आधार पर चक्रवातों को दो वर्गों में विभक्त किया जाता है –

  1. उष्ण कटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones)
  2. शीतोष्ण चक्रवात (Temperate Cyclones)

1. उष्ण  कटिबंधीय चक्रवात

उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की अधिकतम बारंबारता पूर्वी चीन सागर में मिलती है और इसके बाद कैरिबियन, हिन्द महासागर और फिलीपिन्स उसी क्रम में आते हैं. उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के प्रमुख क्षेत्र निम्न्वित हैं –

a) उत्तरी अटलांटिक महासागर – वर्ड अंतरीप का क्षेत्र, कैरबियन सागर, मैक्सिको की खाड़ी, पश्चिमी द्वीप समूह.

b) प्रशांत महासागर – दक्षिणी चीन, जापान, फिलीपिन्स, कोरिया एवं वियतनाम के तटीय क्षेत्र, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको तथा मध्य अमेरिका का पश्चिमी तटीय क्षेत्र.

c) हिन्द महासागर – बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, मॉरिसस, मेडागास्कर एवं रियूनियन द्वीपों के क्षेत्र.

उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों को कैरबियन सागर में हरिकेन, पूर्वी चीन सागर में टायफून, फिलीपिंस में “बैगयू”, जापान में “टायसू”, ऑस्ट्रेलिया में “विलिबिलि” तथा हिन्द महासागर में “चक्रवात” और “साइक्लोन” के नाम से जाना जाता है.

उष्ण कटिबंधीय चक्रवात की विशेषताएँ

  1. इनका व्यास 80 से 300 किमी. होता है. कभी-कभी इनका व्यास 50 किमी. से भी कम होता है.
  2. इसकी औसत गति 28-32 किमी. प्रतिघंटा होती है, मगर हरिकेन और टायफून 120 किमी. प्रतिघंटा से भी अधिक गति से चलते हैं.
  3. इनकी गति स्थल की अपेक्षा सागरों पर अधिक तेज होती है.
  4. सामान्यतः व्यापारिक हवाओं के साथ पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते हैं.
  5. इसमें अनेक वाताग्र नहीं होते और न ही तापक्रम सम्बन्धी विभिन्नता पाई जाती है.
  6. कभी-कभी एक ही स्थान पर ठहरकर तीव्र वर्षा करते हैं.
  7. समदाब रेखाएँ अल्पसंख्यक और वृताकार होती है.
  8. केंद्र में न्यून वायुदाब होता है.
  9. इनका विस्तार भूमध्य रेखा के 33 1/2 उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों तक होता है.

निर्माण संबंधी दशाएँ

  1. एक विशाल गर्म सागर की उपस्थिति जिसके सतह का तापमान कम से कम 27°C हो.
  2. सागर के उष्ण जल की गहराई कम से कम 200 मी. होनी चाहिए.
  3. पृथ्वी का परिभ्रमण वेग उपर्युक्त स्थानों पर 0 से अधिक होनी चाहिए.
  4. उच्चतम आद्रता की प्राप्ति.
  5. उच्च वायुमंडलीय अपसरण घटातलीय अपसरण से अधिक होनी चाहिए.
  6. उध्वार्धर वायु प्रवाह (vertical wind flow) नहीं होनी चाहिए.
  7. निम्न स्तरीय एवं उष्ण स्तरीय विक्षोभ की उपस्थति.

2. शीतोष्ण चक्रवात

शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात को गर्त चक्र अथवा निम्न दाब क्षेत्र भी कहा जाता है. इनकी उत्पत्ति दोनों गोलार्धों में 30°C – 65°C अक्षांशों के बीच होती है. इन अक्षांशों के बीच उष्ण वायु राशियाँ एवं शीतल ध्रुवीय वायुराशियाँ जब मिलती है तो ध्रुवीय तरंगों के कारण गर्त चक्रों की उत्त्पति होती. इन चक्रवातों की उत्पत्ति के सन्दर्भ में वर्कनीम द्वारा ध्रुवीय सिद्धांत का प्रतिपादन किया गया. इस सिद्धांत को तरंग सिद्धांत के नाम से भी जाना जाता है.

एशिया के उत्तर-पूर्वी तटीय भागों में उत्पन्न होकर उत्तर-पूर्व दिशा में भ्रमण करते हुए अल्युशियन व उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तटीय भागों पर प्रभाव डालते हैं. उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी तटीय भाग से उत्पन्न होकर ये चक्रवात पछुवा हवाओं के साथ पूर्व दिशा में यात्रा करते हैं, तथा पश्चिमी यूरोपीय देशों पर प्रभाव डालते हैं. शीत ऋतु में भूमध्य सागर पर शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात सक्रीय हो जाते हैं.इसका प्रभाव दक्षिणी स्पेन, द.फ़्रांस, इटली, बाल्कन प्रायद्वीप, टर्की, इराक, अफ़ग़ानिस्तान तथा उत्तर-पश्चिमी भारत पर होता है.

प्रमुख विशेषताएँ 

  1. इनमें दाब प्रवणता कम होती है, समदाब रेखाएँ V अकार की होती है.
  2. जल तथा स्थल दोनों विकसित होते हैं एवं हज़ारों किमी. क्षेत्र पर इनका विस्तार होता है.
  3. वायुवेग उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से कम होती है.
  4. अधिकतर शीत ऋतु में उत्पन्न होते हैं.
  5. तीव्र बौछारों के साथ रुक-रुक कर वर्षा होती है, जो कई दिनों तक चलती रहती है.
  6. शीत कटिबंधीय चक्रवातों के मार्ग को झंझा पथ  कहा जाता है.
  7. इसमें प्रायः दो वताग्र होते हैं एवं वायु की दिशा वताग्रों के अनुसार तेजी से बदल जाती है.

प्रति चक्रवात क्या होता है?

प्रतिचक्रवात या विरुद्ध चक्रवात वृताकार समदाब रेखाओं द्वारा घिरा हुआ वायु का ऐसा क्रम होता है जिसके केंद्र में वायुदाब उच्चतम होता है और बाहर की ओर घटता जाता है, जिस कारण हवाएँ केंद्र से परिधि की ओर चलती है. प्रति चक्रवात उपोष्ण कटिबंधीय उच्चदाब क्षेत्रों में अधिक उत्पन्न होते हैं मगर भूमध्य रेखीय भागों में इनका पूर्णतः अभाव होता है.

chakrwaat

चक्रवात

शीतोष्ण कटिबंधी चक्रवातों के विपरीत प्रति चक्रवातों में मौसम साफ़ होता है. प्रतिचक्रवातों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नवत हैं –

  1. इनका आकर प्रायः गोलाकार होता है परन्तु कभी-कभी U आकर में भी मिलते हैं.
  2. केंद्र में वायुदाब अधिकतम होता है और केंद्र तथा परिधि के वायुदाबों के अंतर 10-20 मी. तथा कभी-कभी 35 मीटर होता है. दाब प्रवणता कम होती है.
  3. आकर में प्रतिचक्रवात, चक्रवातों के अपेक्षा काफी विस्तृत होते हैं. इनका व्यास चक्रवातों की अपेक्षा 75% अधिक बड़ी होती है.
  4. प्रतिचक्रवात 30-35 किमी. प्रतिघंटा की चाल से चक्रवातों के पीछे चलते हैं. इनका मार्ग व दिशा निश्चित नहीं होता है.
  5. प्रतिचक्रवात के केंद्र में उच्चदाब अधिक होने के कारण हवाएँ केंद्र से बाहर की ओर चलती है.
  6. उत्तरी गोलार्ध में इनकी दिशा घड़ी की सुई के अनुकूल (clockwise) एवं दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की सुई के प्रतिकूल (anti clockwise) होती है.
  7. प्रतिचक्रवात के केंद्र में हवाएँ ऊपर से नीचे उतरती है अतः केंद्र का मौसम साफ़ होता है और वर्षा की संभावना नहीं होती है.
  8. प्रतिचक्रवात का तापमान, मौसम वायुराशि के स्वभाव एवं आर्द्रता पर आधारित होता है. ग्रीष्म काल में उष्ण वायुराशि के बन्ने के कारण तापमान ऊँचा और जाड़े में ध्रुवीय हवाओं के कारण तापमान नीचा हो जाता है.
  9. इस चक्रवात में वातगर नहीं बनते हैं.
  10. चक्रवात के सामान प्रतिचक्रवातों के आगमन की सूचना चंद्रमा या सूर्य के चतुर्दिक प्रभामंडल द्वारा नहीं मिल पाती है. इसके विपरीत प्रतिचक्रवात के नजदीक आते ही आकाश से बादल छंटने लगते हैं, मौसम साफ़ होने लगता है तथा हवा मंद पड़ जाती है.
  11.  प्रतिचक्रवात (पूर्व दिशा में चलाने वाले) के अग्र भाग में हवा की दिशा पश्चिमी होती है तथा अपेक्षाकृत उनकी गति कुछ अधिक होती है. प्रति चक्रवात के पृष्ठ भाग में हवा की दिशा पूर्वी होती है तथा गति मंद होती है. यह वायु प्रणाली शीतल चक्रवातों में होती है. गर्म प्रतिचक्रवातों में वायु प्रणाली अविकसित होती है.

आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से चक्रवात (Cyclone) की परिभाषा, अर्थ, उत्पत्ति के कारण, प्रकार आदि विभिन्न जानकारियों को आपके समक्ष रखा. आशा है कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा. भूगोल से जुड़े सभी नोट्स इस लिंक पर जोड़े जा रहे हैं >> Geography Notes in Hindi

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35 Comments on “चक्रवात के विषय में विस्तृत जानकारी : Cyclone Info in Hindi”

  1. Mujhe is topic or kuch lines chahiye ki ye kaise aata h kyuki mujhe some line likhne hai holiday home work ke liye

  2. यदि अण्डमान में उष्ण कटिबंधीय chkrvat ka vikas hota he to kis bandargah ke adhikariyo ko sachet kiya Jana chahiye?
    please answer me sir ji

    1. sir ji, cyclone ke parts(type) kese bnate he or uske name bi jese ki TITLI ,katrina,alex etc kon decide karta he ….

  3. उत्तरी और दक्षणि गोलार्द्ध में चक्रवात कि दिशा विपरीत क्यों होती है ।

  4. Sir
    Tropical cyclone
    Eye of cycloe
    Eye wall
    Inner ring
    Outer ring
    Annual zone
    M y kuchh nhi btaya aap n
    Temeprate cyclonem
    Cold sector
    Warm front
    Warm sector
    Cold front
    Cold sector

  5. No vishkha asa nhi h …interview me ..vo sbb quality honi chahiye jo akk I.A.S me hoti h…vo sbb check ker late h 20 minutes me puri life …so be good ..

  6. अगर सर आप नोट बुक देते है तो सर आप उसका चार्जkay लेते है सारा नॉट बुक लेना हो तो kay चार्ज लगेगा sir

    1. अभी फिलहाल मैं कोई भी नोटबुक provide नहीं करता. यदि भविष्य में मेरा कोई ऐसा प्लान होगा तो पोस्ट के जरिये सब को सूचित करूँगा.

    1. RAS के लिए कुछ books आपको suggest करूँगा, उसे ले लें. अगले पोस्ट का इंतज़ार करें.

  7. Sir mera childhood aim h ias officer bnnne.ka ur me mehnat n bahut karti hu but muje a hi sunne mila h ki me chahe kitni mehnat q n krlu mera interview fail hi hoga qki usme demands chlti h peso k liye Kya ye bat shi h sir muje guide kijiye

  8. अलग अलग देश का मुद्रा का मूल्य अलग अलग क्यों होता है please batayesir

  9. Sir IAS ki coaching k liye kon si city thik rhegi plz sir tell me aur sir upsc exam me handwriting ka kya fark pdta h

  10. Sir mai b.SC 1st year me hu aur sir mai ncert 2 bar PD liya sir ab aage kya krna h please sir guied kren
    Thanks sir

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