टिड्डियों का आक्रमण (locust attacks) – टिड्डे कैसे क्षति पहुँचाते हैं?

Sansar LochanBiodiversity

Locust attacks – EXPLAINED IN HINDI

पिछले कुछ सप्ताहों से पश्चिम और दक्षिण एशिया तथा पूर्व अफ्रीका के कई देशों में टिड्डियों का आक्रमण (locust attacks) देखा जा रहा है.

इनसे कौन-से देश प्रभावित हो रहे हैं?

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने टिड्डियों के प्रकोप के तीन हॉटस्पॉट का पता लगाया है जहाँ परिस्थिति अत्यंत ही खतरनाक बताई जा रही है, ये हैं – हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका, लाल सागर क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम एशिया.

Image source : Aljazeera

इन हॉटस्पॉट में स्थिति अभी क्या है?

  1. इन तीनों में हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका को दुष्प्रभावित क्षेत्र बताया जा रहा है जहाँ FAO के अनुसार, खाद्य सुरक्षा और रोजगार पर अभूतपूर्व खतरा मंडरा रहा है.
  2. यूथोपिया और सोमालिया से निकलर ये टिड्डी दल दक्षिण में केन्या और अफ्रीका 14 अन्य देशों तक चले गये हैं.
  3. लाल सागर क्षेत्र में इन टिड्डियों का प्रकोप सऊदी अरब, ओमान और यमन में देखा जा सकता है.
  4. दक्षिण-पश्चिम एशिया में इनसे ईरान, पाकिस्तान और भारत में क्षति की सूचना मिल रही है.
  5. पाकिस्तान और सोमालिया ने पिछले दिनों टिड्डियों के प्रकोप को देखते हुए आपातकाल घोषित कर दिया है.

टिड्डी क्या होते हैं?

टिड्डी छोटे श्रृंगों वाले ग्रासहोपर होते हैं जो उत्पाती भीड़ बनाकर लम्बी दूरी तक (1 दिन में 50 किलोमीटर तक) चले जाते हैं और इसी बीच उनकी संख्या तेजी से बढ़ती जाती है.

भारत में चार प्रकार के टिड्डे पाए जाते हैं –

  1. मरुभूमि टिड्डा (Schistocerca gregaria)
  2. प्रव्राजक टिड्डा (Locusta migratoria)
  3. बम्बई टिड्डा (Nomadacris succincta)
  4. पेड़ वाला टिड्डा (Anacridium)

टिड्डे कैसे क्षति पहुँचाते हैं?

ये हजारों के झुण्ड में आते हैं और पत्ते, फूल, फल, बीज, छाल और फुनगियाँ सभी खा जाते हैं और ये इतनी संख्या में पेड़ों पर बैठते हैं कि उनके भार से ही पेड़ नष्ट हो जाते हैं.

भारत और विश्व-भर में सबसे विध्वंसकारी कीट मरुभूमि टिड्डा होता है. इसका एक वर्ग किलोमीटर तक फैला छोटा झुण्ड एक दिन में उतना ही अनाज खा जाता है जितना 35,000 लोग खाते हैं.

टिड्डी नियंत्रण के उपाय

टिड्डियों को नष्ट करने के लिए मुख्य रूप से वाहनों के माध्यम से ओर्गेनोफोस्फेट (organophosphate) रसायन का छिड़काव किया जाता है. यह छिड़काव हाथ से चलने वाले स्प्रेयर से भी किया जाता है और कभी-कभी हेलीकॉप्टर से भी.

कभी-कभी कुछ ऐसे जीव और परजीवी भी हैं जो इन टिड्डियों को खाते हैं और वे उनका खात्मा नहीं कर पाते हैं क्योंकि टिड्डी दल एक स्थान से दूसरे स्थान तक तेजी से चले जाते हैं.

यहाँ तक कि कुछ लोग और चिड़ियाँ भी टिड्डी खाते हैं पर टिड्डी दल के विशाल आकार को देखते हुए ऐसा करने से कोई विशेष लाभ नहीं होता है.

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Tags : What are locusts, how they affect crops explained in Hindi? Affected countries. Concerns, effects, challenges and ways to address them.

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