मोटे अनाज के निर्यात का निर्धारित लक्ष्य कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने वर्ष 2026 तक 2000 करोड़ रूपये के मोटे अनाज के निर्यात का लक्ष्य रखा है।
मोटे अनाज से सम्बंधित प्रमुख तथ्य
- मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा एवं रागी जैसी खाद्यान्न फसलों को शामिल किया जाता है।
- इन फसलों को समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय एवं उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के शुष्क भागों में उत्पन्न किया जाता है।
- मोटे अनाजों में कैल्शियम, आयरन, जिंक, आयोडीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं, अतः इनका सेवन मधुमेह, हृदय रोगियों के लिए लाभदायक होता है।
- मोटे अनाज की फसलें जलवायु प्रतिरोधी फसल के रूप में किसानों के लिए सतत आय का स्रोत का कार्य करती हैं।
- विश्व में मोटे अनाज के उत्पादन में भारत का 20% हिस्सा है तथा मोटे अनाज के वैश्विक व्यापार में भारत 5वें स्थान पर है।
- वर्ष 2021-22 में 460 करोड़ रूपये के मूल्य का मोटा अनाज निर्यात किया गया था।
- वर्ष 2018 को मोटे अनाज का राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया था, एवं वर्ष 2023 को मोटे अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप मनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
APEDA क्या है?
- APEDA का पूरा नाम है – कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण / Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority.
- APEDA वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक ऐसा निकाय है जिसका काम निर्यात को बढ़ावा देना है.
- इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा APEDA अधिनियम, 1985 के तहत की गई है.
- पहले इस निकाय का नाम प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात प्रोत्साहन परिषद् (Processed Food Export Promotion Council – PFEPC) हुआ करता था.
- इस निकाय को यह उत्तरदायित्व सौंपा कि वह इन वस्तुओं के निर्यात पर विशेष ध्यान दें – फल, सब्जियाँ, माँस, मुर्गी, दूध उत्पाद, शहद, गुड़, चीनी, कोको, शराब और गैर-मादक पेय, अचार, पापड़, चटनी, अनाज, मूंगफली, अखरोट, फूल, ग्वार गम, जड़ी-बूटी और औषधीय पौधे.
- इसके अतिरिक्त APEDA को चीनी के आयात पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.
- इसे निर्यात उत्पादों के मानकों और विशिष्टताओं को निर्धारित करने और इनको डब्बाबंद करने और बाजार में लाने की भी जिम्मेवारी सौंपी गई है.
- नीति आयोग ने APEDA के द्वारा आर्गेनिक उत्पादों के लिए निर्धारित मानकों को लागू करने का निर्देश निर्गत किया है जिससे कि उनका विश्व के बाजार में अधिक से अधिक प्रवेश हो सके.
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण की प्रशासनिक बनावट
- अध्यक्ष – केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त
- निदेशक – APEDA द्वारा नियुक्त
- सचिव – केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त
- अन्य अधिकारी और कर्मचारी – APEDA द्वारा नियुक्त
कृषि उत्पादक संगठन (FARMER PRODUCER ORGANISATION – FPO) क्या है?
यह कृषि उत्पादकों का एक समूह है जिसके सदस्य इस संगठन में अंशधारकों (shareholders) के रूप में पंजीकृत होते हैं. यह समूह कृषि उत्पादक से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों को देखता है और सदस्य उत्पादकों के लाभ के लिए काम करता है.
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