Watch Video – Why and How to read NCERT

Sansar LochanVideo

Discussing about why and how to read NCERT books for the Civil services competition. 

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NCERT किताब को क्यों पढ़ना चाहिए? और कैसे पढ़ना चाहिए. 

Video lecture in form of text :-

आज कुछ पेंडिंग कमेंट्स पढ़ रहा था अपने ब्लॉग पर तो मैंने सोचा कि क्यों न उन कमेंट्स के बेसिस पे आपके कुछ सवालों को यहाँ पर डिस्कस कर लूँ.ज्यादातर सवाल NCERT को लेकर थे कि NCERT को कैसे पढ़ा जाए? बहुत बेसिक सा सवाल है जो हर बच्चे के मन में होता है कि क्या NCERT पढना पर्याप्त है या क्या इसको पढ़ लेने के बाद EXTRA books पढ़ा भी जरुरी है?.पहले तो हम लोग DISCUSS करेंगे कि NCERT को कैसे पढ़ा जाए और आपको यह भी बताऊंगा कि NCERT आपके लिए पर्याप्त तभी हो सकता है यदि आप उसे smart तरीके से पढ़सको. OTHERWISE आपको और भी कई किताबों को पढ़ने की जरूरत पड़ सकती है. पर यदि हम NCERT को स्मार्ट वे में पढ़ेंगे तो शायद prelims के लिए बहुत हदतक NCERT आपके static subjects के लिए पर्याप्त है.तो आगे बढ़ते हैं और आपको यह बताते हैं कि आप जब भी कोई चैप्टर पढ़ रहे हो तोउसमें कई सारे टॉपिक्स आपको पढ़ने को मिल जाएँगे. यदि आप असहयोग आन्दोलन वाला चैप्टर ऊठाओगे तो उसमें चौरी चौरा काण्ड का जिक्रआएगा. हाल ही में मैंने एक वर्चुअल क्लास में बच्चों से पूछा कि यह काण्ड क्यों हुआ तो 30 में से ज्यादातर बच्चे कुछ नहीं बता सके और कुछ ने बताने की कोशिश भी की तो उनकाकांसेप्ट क्लियर नहीं था.एक लड़के ने कुछ सही कहा कि चौरी चौरा कांड 1922को गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई थी, जब असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस केसाथ भिड़ गया था।पर क्या आपको लगता है कि यह एक सटीक जवाब है? क्या उसके इस अन्सर से यह क्लियर हो रहा है कि ऐसी नौबत आई ही क्यों कि प्रदर्शनकारीपुलिस के साथ भिड़ गये? यही तोकांसेप्ट क्लियर करना है. आपको लगता है कि आपको पता है, पर वास्तव में आपको पता है ही नहीं.NCERt आपको हर चीज नहीं बताती है. हो सकता है कि किसी टॉपिक को लेकर बहुत कम डिटेलहो जो परीक्षा के लिए पर्याप्त नहीं हो. पर इस ताले को खोलना आपका काम है.आप ऐसा मान लो कि NCERT एक बंद तिजोरी है जिसकी चाभी आपके पास है. आपने पूरा NCERT पढ़ लिया पर एकसाधारण से सवाल का आप जवाब नहीं दे पाए.ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपने उस तरीके से उस किताब को नहीं पढ़ा जैसे पढ़नाचाहिए था. भले आपको अन्दर ही अन्दर लगता है कि आपको यह तो आता है….पर लगने और आनेमें बहुत बड़ा फर्क है.कल्पना कीजिए कि हम और आप किसी प्लेन से पैराशूट लेकर कूदने वाले हैं. मैंनेआपसे पूछा कि आपको पैराशूट खोलने आता है न तो आपने झट से जवाब दे दिया हाँ हाँ आताहै. जैसे ही आपने ऐसा कहा मैंने आपको पीछे से धक्का दे दिया. पर वास्तव में आपकोपैराशूट खोलने आता ही नहीं था. आपको तो बस लग रहा था कि मुझे आता है, खोल ही लूँगा.तो सोचिए आपका अंजाम क्या होगा.  मुझे भी लगता है कि मैं एयरप्लेन उड़ालूँगा. क्या होगा उसमें, क्लच ही होगा, गियर होगा, उड़ा दूंगा. पर ऐसे थोड़ी होता है?वैसे ही NCERT है. आपको किसी भी टॉपिक को पढ़ना है तो बगल में फ़ोन खोल के रखिए. आजकल तो फ़ोन सबके पास होता है. चौरी चौरा सर्च कीजिए, विकीपीडिया का लिंक खोलिए और पढ़िए. क्या दिक्कत है इसमें? दोस्तों को whatsapp करने से भी ज्यादा easy है येचौरी चौरा की घटना के दोदिन पहले 1922 को एक सेवानिवृत्त सिपाही भगवान अहीर के नेतृत्व में स्वय॑सेवकों ने पुलिस दमन, अनाज की बढ़ती हुई कीमतों और शराबखोरी केविरुद्ध प्रदर्शन करने के लिए स्थानीय बाजार में एक जुलूस निकाला था। चौरी चौराथाने की पुलिस ने भगवान अहीर की पिटाई कर दी और कई स्वयंसेवकों को गिरफ्तार करलिया।यही विद्रोह आगे बढ़ा,पुलिस ने लोगों पर गोलियां चलाई और अनियंत्रित भीड़ ने थाने को घेरकर उसमें आ लगा दीऔर इस हिंसा के बाद महात्मागांधी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन वापल ले लिया था. यह होता है एक सटीक आंसर.असहयोग आन्दोलन से जोड़कर आप अपने आंसर को तथ्य्ताम्क रूप से सही तो कर सकते हो परआगे-पीछे किसी टॉपिक का पता ही न हो तो पढना बेकार है.इसी तरह आपको हर चैप्टर, हर टॉपिक को लेकर RESEARCH करना पड़ेगा तबही जाकर NCERT का आप सही उपयोग कर पाओगे.

 

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