हाल ही में वियना, ऑस्ट्रिया में वासेनार अरेंजमेंट (Wassenaar arrangement) की 26वीं वार्षिक बैठक में भारत को अध्यक्षता सौंपी गई और भारत आधिकारिक तौर पर 1 जनवरी, 2023 से इसकी अध्यक्षता ग्रहण करेगा.
वासेनार अरेंजमेंट के बारे में
- इस व्यवस्था में शामिल देश नियमित रूप से पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग (शांतिपूर्ण और सैन्य उपयोग) वाले सामानों एवं प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण पर जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं।
- वर्तमान में इसमें 42 सदस्य देश हैं, जिनमें अधिकतर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय संघ के राज्य शामिल हैं।
भारत एवं वासेनार व्यवस्था
- भारत दिसंबर 2017 में इस व्यवस्था का 42वाँ सदस्य देश बना था।
- भारत की वासेनार व्यवस्था की सदस्यता से भारतीय उद्योगों के साथ उच्च प्रौद्योगिकी करार संपन्न होने की और हमारे रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए उच्च तकनीक वाली मदें उपलब्ध होना सरल हो जायेगा।
- वासेनार व्यवस्था में भारत के शामिल होने से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और परमाणु अप्रसार उद्देश्यों की प्राप्ति में योगदान मिल सकेगा।
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