सामान्य अध्ययन पेपर – 2
पंजाब ईशनिंदा कानून के अंतर्गत IPC की धारा 295A को संशोधित करना कहाँ तक न्यायोचित है? चर्चा करें . (250 शब्द)
- अपने उत्तर में अंडर-लाइन करना है = Green
- आपके उत्तर को दूसरों से अलग और यूनिक बनाएगा = Yellow
यह सवाल क्यों?
यह सवाल UPSC GS Paper 2 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है –
“सरकारी नीतियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय”
सवाल का मूलतत्त्व
पहले मामले को लिखिए. उसके बाद इसके पक्ष या विपक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए.
उत्तर :-
पंजाब मंत्रिमंडल ने हाल ही में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295A में संशोधन प्रस्तावित किया था. इस संशोधन के माध्यम से IPC में एक नई धारा 295AA को सम्मिलित किया जाएगा. इसके अंतर्गत चारों धार्मिक ग्रन्थों अर्थात् गुरु ग्रन्थ साहिब, भगवद्गीता, कुरान एवं बाइबिल को अपवित्र करने, क्षति पहुँचाने या अशिष्टता करने वाले व्यक्ति जो आजीवन कारावास का दंड निर्धारित किया गया है. इसका उद्देश्य सामाजिक सद्भाव एवं लोक व्यवस्था को बढ़ावा देना है.
पंजाब ईशनिंदा कानून की आलोचना
- आजीवन कारावास ईश निंदा जैसे अपराध की तुलना में अत्यधिक कठोर दंड है. इसके अतिरिक्त “किसी व्यक्ति द्वारा धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आशय से जानबूझकर किये गए और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को पहले से ही मौजूद IPC की धारा 295A के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इसके अंतर्गत जुर्माने के साथ या बिना जुर्माने के 3 वर्ष के दंड का प्रावधान किया गया है.
- ईशनिंदा या अशिष्टता एक अस्पष्ट शब्द है जो इस विधि को अत्यंत व्यापक और दुरूपयोग के प्रति इसे सुभेद्य बनाता है.
- यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करता है. इसके साथ भी इस बात का डर भी है कि कहीं हम आपराधिक कानून द्वारा शासित एक ऐसे समाज का निर्माण तो नहीं कर रहे हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों के मूल तत्त्व को समाप्त कर रहा है.
- यह अनुच्छेद ग्रन्थ की पवित्रता को अशुद्ध करता है क्योंकि धार्मिक ग्रन्थ अब केवल राज्य की शक्ति हेतु एक वस्तु बनकर रह जाएँगे. दूसरे शब्दों में एक दैदीप्यमान, शक्तिशाली और अतीन्द्रीय ग्रन्थ होने के बजाय वे अब केवल भारतीय दंड संहिता की एक धारा के रूप में रह जाएँगे.
- पंजाब का ईशनिंदा कानून (Sacrilege law) पाकिस्तान के ईशनिंदा (biasphemy) कानूनों के समान है जिसके कारण पाकिस्तान को धर्मतन्त्र एवं धार्मिक हिंसा को बढ़ावा मिला है. किसी भी राज्य द्वारा धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप धर्मनिरपेक्ष भारत की अवधारणा को असंगत बनाती है.
विश्लेषण
1957 में सर्वोच्च न्यायालय ने लोक व्यवस्था को क्षति पहुँचाने (जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(2) के अंतर्गत युक्तियुक्त निर्बंधनों के दायरे में शामिल है) के आशय से धर्म का अपमान करने वाले व्यक्ति को दंडित करने के लिए एक साधन के रूप में धारा 295A की संवैधानिक वैधता को बनाए रखा है. इस संदर्भ में धारा 295A से आगे जाना एक दोधारी तलवार सिद्ध हो सकता है. अतः संशोधन करने से पहले इस पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया जाना अनिवार्य है.
सामान्य अध्ययन पेपर – 2
बिम्सटेक, इससे जुड़े देशों के लिए विदेश नीति प्राथमिकताओं को पूरा करने हेतु एक नैसर्गिक मंच है. इसको और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए क्या-क्या कदम उठाने चाहिएँ? (250 शब्द)
- अपने उत्तर में अंडर-लाइन करना है = Green
- आपके उत्तर को दूसरों से अलग और यूनिक बनाएगा = Yellow
यह सवाल क्यों?
यह सवाल UPSC GS Paper 2 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है –
“द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह….”
सवाल का मूलतत्त्व
पहले पैरा में बिम्सटेक की महत्त्वपूर्ण भूमिका 2-3 वाक्यों में लिखें. उसके बाद इसको सुदृढ़ बनाने के विषय में लिखें.
उत्तर :-
आप लिखें
—-बिम्सटेक की महत्त्वपूर्ण भूमिका के विषय में आप खुद लिखें. कमेंट में भी लिख सकते हैं.—-- बिम्सटेक को और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसकी सदस्यता को बढ़ाने की आवश्यकता है. बिम्सटेक को इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर जैसी तीन प्रमुख एशियाई शक्तियों तक अपनी सदस्यता का विस्तार करने पर विचार करना चाहिए.
- बिम्सटेक को बिम्सटेक क्रॉस बॉर्डर ई-कॉमर्स और डिजिटल कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना चाहिए. यह बिम्सटेक रेलवे समझौते पर वार्ता प्रारम्भ करने पर भी विचार कर सकता है.
- अधिक सामाजिक-सांस्कृतिक सम्पर्क इस क्षेत्र के लोगों में बिम्सटेक पर स्वामित्व के भाव को अधिक मजबूत बनाएगा.
- सीमा शुल्क, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, सूचना का आदान-प्रदान, विवाद समाधान आदि मामलों में सहयोग के लिए एक क्षेत्रीय व्यापार सुविधा समझौते की भी आवश्यकता है. साथ ही इसे अतिरिक्त प्रमाणीकरण की आवश्यकता के बिना माल के निर्यात को सुनिश्चित करने के लिए नियामकीय सामंजस्य का लक्ष्य भी रखना चाहिए.
- प्रौद्योगिकी उच्चता में देशों को ऊपर उठाने, प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण को प्रोत्साहित करने तथा नवाचार और रचनात्मक को प्रोत्साहित करने में सहायता के लिए IPR सहयोग को भी सुदृढ़ किया जाना चाहिए.
- बिम्सटेक देशों द्वारा एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाना चाहिए, जिसमें भारत के पूर्वोत्तर को बांग्लादेश, म्यांमार और थाईलैंड के साथ जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. यह पर्यटन और सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक सिद्ध हो सकता है.
- बिम्सटेक को जनशक्ति प्रशिक्षण, ज्ञान के आदान-प्रदान आदि क्षेत्रों में अन्य बहुपक्षीय संगठनों के साथ समझौता करने पर विचार करना चाहिए.
Reminder : Last Date of Sansar Assignment SMA Submission is 12/10/2018. You can download last assignment from this link >
“संसार मंथन” कॉलम का ध्येय है आपको सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सवालों के उत्तर किस प्रकार लिखे जाएँ, उससे अवगत कराना. इस कॉलम के सारे आर्टिकल को इस पेज में संकलित किया जा रहा है >> Sansar Manthan
9 Comments on “[संसार मंथन] मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास – Polity GS Paper 2/Part 9”
Exlent sir.
Very good
बहुत बहुत धन्यवाद गुरुवर 🙏
very important very important
Excellent as usual,,tnx sir tnxxxxxxx
Sir m kuch learn kr चुका hu ya कुछ mistake h iska pta mujhe chal jata hai isliye m toh कहूंगा every Aarticle osm 👌🙏🇮🇳
Please send me potential essay in hindi. Sir
Very informative
Excellent