द्वितीय विश्वयुद्ध की विध्वंसता ने नेताओं को एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था की आवश्यकता का अनुभव कराया। 24 अक्टूबर 1945 को सेन फ्रांसिस्को सम्मेलन में 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर पर हस्ताक्षर किये और संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। वर्तमान में इसके 193 सदस्य हैं, इसका प्रधान कार्यालय न्यूयॉर्क में है। संयुक्त राष्ट्र विभिन्न वैश्विक मामलों के सम्बन्ध में निर्णय लेता है तथा विभिन्न राष्ट्रों को वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंच प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग
21 अगस्त 1944 को हुए डंबर्टन ऑक्स सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के संबंध में निर्णय लिए गए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार इसके प्रधान अंग निम्न प्रकार है-
महासभा (United Nations General Assembly – UNGA)
यह संयुक्त राष्ट्र संघ का सर्वाधिक वृहत एवं महत्त्वपूर्ण अंग है। सीनेटर वांडेनबर्ग ने इसे विश्व की लघु संसद कहा था। महासभा में संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्यों को प्रतिनिधित्व प्राप्त है और प्रत्येक राष्ट्र को एक मत देने का अधिकार है। सुरक्षा परिषद को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र संघ के अन्य अंगों पर महासभा का पर्याप्त अधिकार है।
सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council – UNSC)
संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्माताओं ने संयुक्त राष्ट्र की संपूर्ण शक्ति सुरक्षा परिषद में निहित कर दी। सुरक्षा परिषद को अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा का पहरेदार माना जाता है। सुरक्षा परिषद में पांच स्थाई (अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन) तथा 10 अस्थाई सदस्य होते हैं। अस्थाई सदस्यों का निर्वचन महासभा द्वारा दो तिहाई बहुमत से 2 वर्ष के लिए किया जाता है। स्थाई सदस्यों को वीटो का अधिकार प्राप्त है, इससे वे किसी भी वैश्विक मुद्दे को प्रभावित करने की शक्ति रखते हैं।
न्यास परिषद
इसकी स्थापना के पीछे उद्देश्य था की दशकों से औपनिवेशिक शासन के अधीन रहे राष्ट्रों को आत्म निर्णय का अधिकार मिले तथा उनके राजनीतिक दृष्टि से परिपक्व होने तक उन्हें अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण के अधीन रखा जाए। उपनिवेशवाद के उन्मूलन में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उपनिवेशवाद के उन्मूलन के साथ ही इसकी प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है।
सचिवालय (United Nations Secretariat)
यह संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रशासनिक संस्था है जिसमें महासचिव तथा अन्य कर्मचारी होते हैं। महासचिव संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है जिसकी नियुक्ति प्रत्येक 5 वर्षों के लिए महासभा द्वारा की जाती है। सचिवालय एक स्थाई संस्था है जो संयुक्त राष्ट्र संघ के नियमों को लागू करने का कार्य करती है।
आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC – UN Economic and Social Council)
यह इस धारणा पर आधारित है कि राजनीतिक स्थिरता के अतिरिक्त सामाजिक स्थिरता और आर्थिक संतोष भी अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की स्थापना के लिए जरूरी है। यह भी एक स्थायी संस्था है जिसमें 54 सदस्य होते हैं। इसके एक तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पद मुक्त होते रहते हैं, इस प्रकार प्रत्येक सदस्य की अवधि 3 वर्ष की होती है। इसने एक विश्वव्यापी कल्याणकारी परिषद के रूप में कार्य किया है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice)
यह संयुक्त राष्ट्र संघ प्रमुख न्यायिक संस्था है। संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न सदस्य किसी मामले को न्यायालय के समक्ष उपस्थित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्थाएं किसी कानूनी प्रश्न पर इससे परामर्श ले सकती है, व्यक्तिगत झगड़े इस अदालत में पेश नहीं किए जाते। इसकी स्थापना 3 अप्रैल 1946 को हुई तथा इसका कार्यालय हेग में स्थित है।
Click here for International Affairs Notes in Hindi for UPSC