जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क (UNFCCC) की 27वीं वार्षिक बैठक (कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (CoP) का आयोजन 6 से 18 नवंबर 2022 तक शर्म अल शेख, मिस्र में किया जायेगा।
Cop 27 तीन मुख्य उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा:
- उत्सर्जन में कमी,
- देशों को जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार करना और प्रतिक्रिया देने में मदद करना और
- विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का जवाब देने के लिए तकनीकी सहायता और धन प्रदान करना।
Source: Sansar Lochan official instagram
UNFCCC, कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (CoP) के बारे में
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क (UNFCCC) की वार्षिक बैठक को कॉन्फ्रेस ऑफ द पार्टीज (CoP) के नाम से जाना जाता है, प्रतिवर्ष CoP के माध्यम से सभी देश जलवायु परिवर्तन पर चर्चा एवं रणनीति पर निर्णय करते हैं। क्योटो प्रोटोकोल एवं पेरिस समझौते जैसे महत्वपूर्ण निर्णय इन्हीं बैठकों में अपनाये गये। पिछले CoP 26 को ग्लासगो (स्कॉटलैंड) में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर 2021 तक आयोजित किया गया था। भारत ने वर्ष 2002 में नई दिल्ली में CoP 8 की मेजबानी की थी।
- जलवायु परिवर्तन से संबंधित सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पास पहले से ही एक विशेष एजेंसी, ‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) है.
- वर्तमान में, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन में 198 सदस्य देश (197 देश और 1 क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन) हैं और ये प्रतिवर्ष कई बार बैठक करते हैं.
- इसका सचिवालय (headquarter) जर्मनी के बॉन में स्थित है. यह संयुक्त राष्ट्र की एक इकाई है जो जलवायु परिवर्तन के खतरे पर वैश्विक प्रतिक्रिया का समर्थन करती है.
अंतराष्ट्रीय पहलें
गोथेनबर्ग प्रोटोकॉल
इसका लक्ष्य अम्लीकरण, सुपोषण और भू-स्तरीय ओजोन को कम करना है और यह कन्वेंशन ऑन लॉन्ग-रेंज ट्रांस बाउंड्री एयर पॉल्यूशन का भाग है. इसका अन्य उद्देश्य मानव गतिविधियों के चलते होने वाले सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), अमोनिया (NH3), वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) और कणिकीय पदार्थों (PM) के उत्सर्जन को नियंत्रित और कम करना.
क्योटो प्रोटोकॉल
इसका उद्देश्य मीथेन (CH4), नाइट्रस ऑक्साइड (N2O), हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC), परफ्लोरोकार्बन (PFC), सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF6) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन कम करना है.
इंटरनेशनल नाइट्रोजन इनिशिएटिव (INI)
यह खाद्य उत्पादन में नाइट्रोजन की लाभकारी भूमिका को इष्टतम करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है. इसकी स्थापना 2003 में साइंटिफिक कमिटी ऑफ़ द एनवायरनमेंट (SCOPE) तथा इंटरनेशनल जीओस्फीयर-बायोस्फीयर प्रोग्राम (IGBP) की स्पोंसरशिप के अंतर्गत की गई थी.
जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु भारत के प्रयास
जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC): इसे वर्ष 2008 में शुभारंभ किया गया था. इस कार्य योजना में मुख्यतः 8 मिशन शामिल हैं-
- राष्ट्रीय सौर मिशन
- विकसित ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन
- सुस्थिर निवास पर राष्ट्रीय मिशन
- राष्ट्रीय जल मिशन
- सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन
- हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन
- सुस्थिर कृषि हेतु राष्ट्रीय मिशन
- जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन
- राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC):भारत के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के घोषित लक्ष्य को 2030 तक प्राप्त करना है.
- अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संधि (आईएसए):आईएसए भारत और फ्रांस द्वारा 30 नवम्बर, 2015 को पेरिस में प्रारम्भ किया गया प्रथम संधि आधारित अंतर्राष्ट्रीय अंतरसरकारी संगठन है जो 6 दिसंबर, 2017 को अस्तित्व में आया.
- वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ परियोजना:आईएसए के साथ ही भारत ने “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ (OSOWOG) परियोजना के अंतर्गत अक्षय ऊर्जा संसाधनों को आपस में जोड़ने के लिए वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की एक पहल शुरू की गयी है.
Tags: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC), COP 26, COP 27.
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One Comment on “UNFCCC, कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (CoP) के विषय में जानकारी”
Tnq so much aapki pdf mene read ki jo mujhe bahut pasand aayi sir me aapka course join karna chahta hu me mppsc ka student hu sir