NASA की SPITZER दूरबीन – स्पिट्जर टेलीस्कोप in Hindi

Richa KishoreScience Tech

Spitzer telescope

NASA की SPITZER नामक अन्तरिक्षीय दूरबीन जनवरी 30, 2020 को सेवानिवृत्त हो गई. पिछले 16 वर्षों से यह दूरबीन इन्फ्रारेड प्रकाश में कोसमोस के अन्वेषण में लगी हुई थी.

SPITZER क्या है?

SPITZER दूरबीन NASA के वृहद् वेधशाला कार्यक्रम “Great Observatory” प्रोग्राम की सबसे बाद में बनी दूरबीन है. अगस्त 25, 2003 में यह सौर परिक्रमा पथ में प्रक्षेपित की गई थी. इस दूरबीन का उद्देश्य ब्रह्मांड के अन्य सूर्यों के आस-पास के और सौरमंडल के निकटस्थ अन्य ग्रहों की खोज करना था.

इस प्रकार की जो विशेष दूरबीनें छोड़ी जा चुकी हैं उनमें 1990 और 2003 के बीच प्रक्षेपित हबल अन्तरिक्ष दूरबीन भी सम्मिलित है. विदित हो कि बड़ी वेधशालाओं का लक्ष्य ब्रह्मांड का अलग-अलग प्रकाश तरंग दैर्घ्य में अध्ययन करना था जिनका विवरण निम्नलिखित है –

  • हबल (अभी भी कार्यरत) – दृश्य प्रकाश
  • कोम्पटन गामा-रे वेधशाला (सेवानिवृत्त) – गामा किरणें
  • चन्द्र एक्स-रे वेधशाला (अभी भी कार्यरत) – एक्स-रे

SPITZER कैसे काम करता है?

  • SPITZER इन्फ्रा रेड पट्टी पर केन्द्रित है क्योंकि यह पट्टी सामान्यतः पिंडों से होने वाले ताप विकिरण का प्रतिनिधित्व करती है.
  • SPITZER में लगे उपकरण अत्यंत ही संवेदनशील हैं और इसलिए यह वैज्ञानिकों को उन ब्रह्मांडीय क्षेत्रों को देखने में सहायक हैं जो ऑप्टिकल दूरबीनों से छिपे रहते हैं, जैसे – धूल-धूसरित तारकपुंज, अन्तरिक्ष गंगाओं के केंद्र तथा नई-नई बन रही ग्रह प्रणालियाँ.
  • SPITZER की इन्फ्रारेड आँखों के माध्यम से अन्तरिक्षवेत्ता अन्तरिक्ष के अधिक शीतल पिंडों को देखने में समर्थ होते हैं, जैसे – मृत तारे (भूरे बौने/brown dwarfs), सौर मंडल से बाहर के ग्रह, विशालकाय कण-निर्मित बादल और वैसे जैव कण जिनमें अन्य ग्रहों में जीवन होने का रहस्य छुपा हुआ है.

SPITZER के बंद होने से इसका क्या होगा?

यह दूरबीन एक विशेष परिक्रमा पथ पर चल रहा है जो पृथ्वी से लगभग 158 मील पीछे है क्योंकि इसको बीच में आने वाली ऊष्मा से बचाना आवश्यक था. आज से 53 वर्षों के पश्चात् SPITZER हमारे ग्रह से आगे निकल जाएगा. किन्तु उस समय SPITZER उल्टी दिशा में चला जाएगा और अंततः अन्तरिक्ष की शून्यता में ओझल हो जाएगा.

मुख्य उपलब्धियाँ

  • स्पिज़र द्वारा की गई खोजें सौर मंडल के अतिरिक्त अन्य तारों के आस-पास के ग्रहों से सम्बंधित रहीं. नासा के अन्य बड़ी-बड़ी वेधशालाओं से सहयोग कर SPITZER ने वैज्ञानिकों को कई ब्रह्मांडीय घटनाओं से सम्बंधित अधिक पूर्ण परिदृश्य उपलब्ध कराया है.
  • पिछले 15 वर्षों में SPITZER ने खोज में 106,000 घंटे बिठाये.
  • इसने ब्रह्मांड के कुछ सबसे पुरानी आकाशगंगाओं का पता लगाया और शनि ग्रह के चारों ओर एक नई मुद्रा (ring) की जानकारी दी.
  • साथ ही इसने नवजात तारों और कृष्ण विवरों का अध्ययन करने के लिए उनके चारों ओर फैले धूल के आम्बंडर के आर-पार ताक-झाँक की.
  • सौर मंडल के बाहर इसने कई ग्रहों का पता लगाया जिनमें पृथ्वी के आकार के ऐसे सात ग्रह भी थे जो TRAPpist-1 नामक तारे के चारों ओर परिक्रमा करते हैं.
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