भारत में सदियों से किसी-न-किसी रूप में दासता की प्रथा विद्यमान रही है, जिसके अंतर्गत हरिजनों, खेतिहर श्रमिकों और स्त्रियों पर अत्याचार किए जाते रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 23 और अनुच्छेद 24 द्वारा सभी नागरिकों को शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation Explained in Hindi) प्रदान किया गया है. मौलिक अधिकारों में से एक शोषण के विरुद्ध अधिकार में निम्नलिखित व्यवस्थाएँ की गई हैं :-
- मनुष्य के क्रय-विक्रय और बेगार पर रोग
- बाल श्रम अर्थात् बच्चों को कारखानों, खानों, आदि में नौकर रखने का निषेध
अनुच्छेद 23 और 24
Article 21 में व्यक्ति को जो अधिकार दिए गए हैं उनके लिए ये दोनों धाराएँ (Art.23 और Art.24) पूरक का काम करती हैं/यानी उससे जुड़ी हुई है. Art 21 में जीवन की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात की है. इसलिए अनुच्छेद 23 और 24 में इस स्वतंत्रता को बढ़ाते हुए निम्नलिखित बाते add की गयीं.
मनुष्य के क्रय-विक्रय और बेगार पर रोग
अनुच्छेद 23 (1) के अनुसार, “मनुष्यों के क्रय-विक्रय और बेगार (जबरदस्ती श्रम) पर रोक लगा दी गई है, जिसका उल्लंघन विधि के अनुसार दंडनीय अपराध है.” इस सम्बन्ध में की गई व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अपवाद यह है कि राज्य सार्वजनिक उद्देश्य से अनिवार्य श्रम की योजना लागू कर सकता है. लेकिन ऐसा करते समय राज्य नागरिकों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, वर्ण या सामजिक स्तर के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा.
बाल श्रम
अनुच्छेद 24 में कहा गया है कि 14 वर्ष में कम आयु वाले किसी बच्चे को कारखानों, खानों या अन्य किसी जोखिम भरे काम पर नियुक्त नहीं किया जा सकता.
शोषण के विरुद्ध अधिकार
वास्तव में शोषण के विरुद्ध अधिकार का उद्देश्य एक वास्तविक सामजिक लोकतंत्र की स्थापना करना है. शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation) को वास्तविकता का रूप देने के लिए ही जुलाई 1975 में घोषित किया गया कि “बंधक मजदूरी प्रथा, जहाँ भी कहीं हो, गैरकानूनी घोषित कर दी जाएगी.”
1997 में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को 6अह में बाल मजदूरी ख़त्म करने का निर्देश दिया था और “बाल पुनर्स्थापना कल्याण कोष” की भी स्थापनी की. इस प्रकार बाल मजदूरी समाप्त करने की दिशा में कुछ प्रयत्न किये गए हैं, लेकिन तथ्य यह है कि बाल मजदूरी की स्थिति अभी भी बनी हुई है. वस्तुतः बंधक मजदूरी हो या बाल मजदूरी; इन स्थितियों को जन्म देने वाले सामाजिक-आर्थिक कारणों को समाप्त किये बिना इन्हें समाप्त नहीं किया जा सकता.
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7 Comments on “शोषण के विरुद्ध अधिकार – Right Against Exploitation Art. 23 & 24”
TISh IS A VERY HELPFULL PDF
Thnx FOR THIS
Please tell on force working without salary for prolong period
What is constitutional provision for get rid of this curse
I AM VERY HAPPY IS CONSTITUTION DAY
क्या एक दिन विना बताये छूटटी करने पर ओवर टाईम कट जायेगा इसका कोई नियम श्रम कानून भै है?
Very good nice books and notic pdf
Indian court says poorer can’t touch court
Sahara india pariwar is not giving my invested money and telling that bring money from market to sell our compny lie. it has made me helpless and my whole family life is haleable.