Sansar डेली करंट अफेयर्स, 30 September 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 30 September 2019


GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Development processes and the development industry the role of NGOs, SHGs, various groups and associations, donors, charities, institutional and other stakeholders.

Topic : National Service Scheme

संदर्भ

पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme) पुरस्कारों का वितरण किया.

राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) क्या है?

राष्ट्रीय सेवा योजना भारत सरकार द्वारा संपोषित एक सार्वजनिक सेवा कार्यक्रम है जिसका संचालन भारत सरकार का युवा मामले एवं खेलकूद मंत्रालय करता है.

यह योजना 1969 में महात्मा गांधी के जन्म के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में अनावृत की गई थी. इसके लिए डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा अनुशंसा की गई थी.

लक्ष्य

यह योजना शैक्षणिक संस्थानों में स्वेच्छा के आधार पर संचालित होती है. इसका लक्ष्य एक ओर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के बीच सम्पर्क को विकसित करना है तो दूसरी ओर शिक्षा-परिसर और समुदाय के बीच एक रचनात्मक सम्बन्ध स्थापित करना है.

उद्देश्य

  1. छात्रों को उस समुदाय से अवगत कराना जिसमें वे काम करते हैं.
  2. समुदाय के संदर्भ में अपने आप की समझ को पैदा करना.
  3. समुदाय की आवश्यकताओं और समस्याओं को जानना और अपने आप को इनके समाधान की प्रक्रिया से जोड़ना.
  4. अपने अंदर सामाजिक और नागरिक उत्तरदायित्व का विकास करना.
  5. व्यक्तिगत और सामुदायिक समस्याओं के व्यावहारिक समाधान तक पहुँचने के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करना.
  6. सामूहिक जीवन और उत्तरदायित्व-वहन के लिए अपेक्षित क्षमता विकसित करना.
  7. सामुदायिक प्रतिभागिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कौशल सीखना.
  8. नेतृत्व के गुण और प्रजातांत्रिक दृष्टिकोण अपनाना.
  9. आपातकालों और प्राकृतिक विपदाओं से लड़ने की क्षमता विकसित करना.
  10. राष्ट्रीय एकात्मता और सामाजिक समरसता का अभ्यास करना.

NSS की गतिविधियाँ

NSS के स्वयंसेवी समाज से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होते हैं. इसके लिए वे नियमित रूप से विशेष शिविरों का आयोजन करते हैं. इनके द्वारा संचालित गतिविधियों में ये गतिविधियाँ मुख्य रूप से शामिल होती हैं – साक्षरता एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषाहार, पर्यावरण संरक्षण, समाज सेवा कार्यक्रम, स्त्री सशक्तीकरण कार्यक्रम, आर्थिक विकास के कार्यक्रम, आपदा के समय बचाव और राहत के कार्य आदि.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : Global Internet Forum to Counter Terrorism (GIFCT)

संदर्भ

GIFCT के सदस्यों ने पिछले दिनों न्यूजीलैंड और फ्रांस के राष्ट्रपतियों के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बैठक की जिसमें क्राइस्टचर्च ऑल टू एक्शन के क्रियान्वयन के लिए उठाये गये क़दमों में हुई प्रगति की समीक्षा की गई.

GIFCT क्या है?

  • इसका पूरा नाम है – Global Internet Forum to Counter Terrorism.
  • यह एक आतंकवाद विरोधी मंच है जिसकी स्थापना जुलाई, 2017 में औपचारिक रूप से हुई थी.
  • इसका उद्देश्य सदस्य देशों के डिजिटल मंचों का आतंकवादियों के द्वारा दुरूपयोग रोकना है.
  • आरम्भ में GIFCT में ये चार कम्पनियाँ थीं – फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और यूट्यूब जो बारी-बारी से मंच की अध्यक्षता संभालती थीं.
  • ये कम्पनियाँ आपस में ज्ञान का आदान-प्रदान और तकनीकी सहयोग करने के अतिरिक्त शोधकार्य भी साझा करती थीं.

GIFCT के लक्ष्य

  • अनेक तकनीकी कम्पनियों को व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से इस प्रकार सक्षम बनाना कि वे आतंकवादियों और हिंसक अतिवादियों के द्वारा उनके डिजिटल मंचों का दुरूपयोग रोक सकें.
  • इन्टरनेट का आतंकवादियों द्वारा दुरूपयोग रोकने के लिए अनेक हितधारकों को GIFCT के मिशन में शामिल करना.
  • आतंकियों और हिंसक अतिवादियों के द्वारा संचालित कार्यकलाप और उसके क्रमागत विकास के विषय में जानकारी बढ़ाना और उनकी ऑनलाइन तथा ऑफलाइन गतिविधियों में हस्तक्षेप करना.

क्राइस्ट चर्च कॉल टू एक्शन क्या है?

  • यह अभियान पेरिस में सम्पन्नऑनलाइन अतिवाद शिखर सम्मेलन (Online Extremism Summit) के समय अनावृत किया गया था.
  • इस अभियान का अनावरण संयुक्त रूप से भारत, फ़्रांस, न्यूज़ीलैण्ड, कनाडा और कई अन्य देशों के द्वारा किया गया था. इस पहल को यूरोपीय संघ के अतिरिक्त 18 देशों के साथ-साथ ट्विटर, फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे मीडिया दिग्गजों द्वारा समर्थन मिला था.
  • इस पहल का उद्देश्य इन्टरनेट के दुरूपयोग को रोकना है.
  • इस अभियान में उन सामूहिक एवं स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं का विवरण है जिनका अनुपालन सरकारों और ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं को करना है जिससे कि ऑनलाइन आतंकवादी और हिंसक अतिवादी सामग्रियों पर रोक लगाया जा सके.
  • इस अभियान में निःशुल्क सर्वसुलभ और सुरक्षित इन्टरनेट पर बल दिया गया है जिससे कि सम्पर्कशीलता बढ़े और सामाजिक समावेशिता में वृद्धि हो तथा परिणामस्वरूप आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिले.

आवश्यकता

क्राइस्ट चर्च कॉल टू एक्शन अभियान का नाम न्यूजीलैंड के नगर क्राइस्ट चर्च पर रखा गया है जहाँ कुछ दिनों पहले दो मस्जिदों में गोलीबारी चली थी जिससे 50 लोग मृत्यु को प्राप्त हो गये थे और 20 से अधिक घायल हो गये थे.

इस घटना ने विश्व को हिला कर रख दिया था. सभी ने ऐसा अनुभव किया कि अब समय आ गया है कि ऑनलाइन आतंकवादी और अतिवादी सामग्री को समाप्त करने के लिए सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं तथा सोशल मीडिया कम्पनियों को आगे आना ही होगा.


GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : Draft National Resource Efficiency Policy

संदर्भ

बढ़ते हुए कारखाना उत्पादन, नगरीकरण और जनसंख्या के कारण भारत में वर्तमान संसाधनों का तेजी से ह्रास हो रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय संसाधन कार्यक्षमता नीति (Draft National Resource Efficiency Policy – NREP) का प्रारूप तैयार किया है जिसका प्रमुख उपयोग को इस प्रकार कार्यक्षम बनाना है कि पर्यावरण पर न्यूनतम दुष्प्रभाव पड़े.

इसके लिए लक्ष्य है कि रिसाइकिलिंग की दर को अगले पाँच वर्ष में 50% तक बढ़ा दिया जाए और कचरे का निष्पादन सुनिश्चित किया जाए.

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राष्ट्रीय संसाधन कार्यक्षमता नीति के मुख्य तथ्य

  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अन्दर एक राष्ट्रीय संसाधन कार्यक्षमता प्राधिकरण (National Resource Efficiency Authority – NREA) का गठन किया जाएगा.
  • इस प्राधिकरण को सहयोग देने के लिए एक अन्तर-मंत्रालयी राष्ट्रीय संशोधन कार्यक्षमता बोर्ड (Inter-Ministerial National Resource Efficiency Board) बनाया जाएगा.
  • प्रारूप में प्रस्ताव है कि पुनः चक्रित सामग्रियों (recycled materials), लघु एवं मध्यम उद्यमों को दिए जाने वाले हरित ऋणों एवं कचरा निपटाने संयंत्रों के लिए दिए जाने वाले कम ब्याज वाले ऋणों के लिए कर का लाभ दिया जाएगा.
  • नई नीति में Material Recovery Facilities (MRF) स्थापित करने का प्रावधान है.
  • निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं को कहा जाएगा कि वे पुनः चक्रित अथवा नवीकरणीय सामग्रियों का अधिक से अधिक प्रयोग करें.
  • राष्ट्रीय नीति के पीछे मूलभूत विचार यह है कि देश की अर्थव्यवस्था को चक्रीय अर्थव्यवस्था (circular economy) के रूप में ढाला जाए जहाँ उपलब्ध संसाधनों का उपयोग अधिक सक्षमतापूर्वक होवे.
  • इसके लिए प्रारूप में 6R के सिद्धांत को अपनाने की बात कही गई है. यहाँ पर 6R का अभिप्राय है – Reduce (घटाना), Reuse (फिर से प्रयोग करना), Recycle (पुनः चक्रित करना), Redesign (नए सिरे से रूपांकित करना), Re-manufacture (दुबारा बनाना) और Refurbish (नया रूप देना).
  • नीति में ‘green public procurement’ पर बल दिया गया है. इसका अभिप्राय है कि ऐसे उत्पाद ख़रीदे जाएँ जिनसे पर्यावरण को कम क्षति पहुँचती हो, जैसे – पहले से उपयोग किये गये कच्चे माल और स्थानीय स्तर से प्राप्त माल.
  • प्रस्तावित नीति में देश को Zero Landfill दृष्टिकोण अपनाने को कहा गया है. इसका अर्थ यह हुआ कि बड़ी मात्रा में कचरा उत्पन्न करने वालों को सामग्रियों का आदर्शतम उपयोग करने के साथ-साथ कचरे का बेहतर प्रबंधन भी करना चाहिए.

राष्ट्रीय संसाधन कार्यक्षमता प्राधिकरण (NREA) के कार्य

  • विभिन्न प्रक्षेत्रों के द्वारा सामग्रियों के पुनः चक्रण, फिर से प्रयोग और कम से कम कचरा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कार्यक्षम रणनीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करना.
  • पुराने कच्चा माल को फिर से उपयोग करते समय गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मानक तैयार करना.
  • विभिन्न प्रक्षेत्रों और अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहे सामग्रियों के उपयोग, उत्पन्न हो रहे कचरे, पुनः चक्रित वस्तुओं और कचरा फेके जाने के बारे में डेटाबेस संधारित करना और कार्यान्वयन पर नजर रखना.

संसाधन कार्यक्षमता (Resource Efficiency) किसे कहते हैं?

थोड़ी से थोड़ी सामग्री से अधिक से अधिक बनाना ही संसाधन कार्यक्षमता कहलाता है. व्यवहार में इस नीति को अपनाने से पर्यावरण पर कम दुष्प्रभाव पड़ता है और समाज पर इसका बोझ कम होता है.

इसमें कचरे को संसाधन के रूप में ढाल दिया जाता है और अर्थव्यवस्था को चक्रीय रूप दिया जाता है. वस्तुतः संसाधन कार्यक्षमता और चक्रीय अर्थव्यवस्था दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. साथ ही ये सतत विकास के प्रधान सिद्धांत भी हैं.

भारत के समक्ष चुनौतियाँ

  • भारत में प्रति एकड़ 1,580 टन संसाधनों का दोहन होता है जबकि विश्व के लिए यह औसत 450 टन/एकड़ है. फिर भी भारत में उत्पादकता कम ही रहती है.
  • देश में पानी तेजी से घट रहा है और वायु की गुणवत्ता भी बिगड़ रही है जिस कारण मानव जीवन के समक्ष खतरा उत्पन्न हो गया है.
  • भारत में 147 मिलियन हेक्टेयर भूभाग में व्यापक मृदा क्षरण देखा जाता है.
  • कुछ सर्वाधिक आवश्यक सामग्रियों में से लगभग 100% के लिए भारत आयात पर निर्भर है, जैसे – कोबाल्ट, तांबा, लिथियम आदि जो उन्नत तकनीक से जुड़े उद्योगों के लिए आवश्यक हैं.
  • देश में प्रसंस्कृत होने वाले कच्चे तेल का 80% विदेश से आता है. कोकीन कोयला का 85% ही आयात पर निर्भर है.
  • अधात्विक खनिजों का खनन भी चुनौतियों से भरा हुआ है.
  • देश में रिसायकिलिंग की दर 20-25% है जबकि यूरोप के विकासशील देशों में यह प्रतिशत 70 है. 2030 तक भारत में भौतिक वस्तुओं की खपत दुगुनी हो जायेगी. उस समय रिसायकिलिंग की दशा और भी बुरी हो सकती है.

GS Paper 3 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : India Water Week-2019

संदर्भ

नई दिल्ली में 24 से लेकर 28 सितम्बर, 2019 तक छठा “भारत जल सप्ताह – 2019” मनाया गया. इसका आयोजन जलशक्ति मंत्रालय के अधीनस्थ जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प विभाग के द्वारा किया गया. इस बार इस सप्ताह की थीम थी – “जल सहयोग – 21वीं सदी की चुनौतियों का समाधान.”

भूमिका

  • भारत जल सप्ताह की अवधारणा और संगठन सबसे पहले 2012 में हुई थी.
  • यह एक ऐसा मंच है जिसमें जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प विभाग कई सेमिनारों, प्रदर्शनियों और बैठकों के माध्यम से सुप्रतिष्ठ हितधारकों के साथ चर्चा करता है और रणनीतियाँ गढ़ता है एवं साथ ही जल के संरक्षण, बचाव और आदर्शतम प्रयोग से सम्बंधित योजनाओं के कार्यान्यवन को सुनिश्चित करता है.

Prelims Vishesh

Nonylphenol (NP) :-

  • नोनीफेनॉल एक रसायन है जो डिटर्जेंट में पाया जाता है.
  • मानव और जल में रहने वाले जीवों के लिए यह हानिकारक है, अतः कई देशों में यह या तो प्रतिबंधित हो चुका है अथवा धीरे-धीरे प्रतिबंधित किया जा रहा है.
  • इस रसायन से मानव में जलन, खाँसी, स्वास अवरोध, गले में खराश, बेहोशी, चमड़े में जलन और फफोले तक हो जाते हैं.

West Bank :

  • पिछले दिनों इजराइल ने वेस्ट बैंक के कुछ भागों में बिजली इसलिए काट दी कि वहाँ बिजली बिल का बहुत बकाया हो गया है.
  • विदित हो कि वेस्ट बैंक चारों ओर जमीन से घिरा हुआ इजराइल के निकटस्थ वह भूभाग है जिस पर इजराइल ने 1967 के छह-दिवसीय युद्ध में कब्ज़ा कर लिया था.

Shodh Shuddh :

  • पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्लैगरिजम रोकने के लिए बने एक सॉफ्टवेर Plagiarism Detention Software (PDS) का अनावरण किया.
  • इस सॉफ्टवेर के जरिये देश में हो रहे शोधकार्य में मौलिकता और गुणवत्ता लाई जा सकती है क्योंकि यह सरलता से पकड़ लेता है कि शोधकर्ता ने कहाँ बौद्धिक चोरी का आश्रय लिया है.
  • इस सेवा का कार्यान्वयन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अधीनस्थ सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) कर रहा है.

Pusa Yashasvi :

  • पूसा यशस्वी गेहूँ का एक नया प्रकार है जिसका अनावरण पिछले दिनों भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने किया.
  • इसे HD-3226 भी कहा जाता है.
  • यह गेहूँ न केवल पहले से अधिक पैदावार देता है, अपितु इसमें प्रोटीन, ग्लूटन और जस्ता अधिक है.

Mochi Swabhimaan Initiative :

  • मोचियों को गुमटियाँ/छतरियाँ देकर उनके कार्य परिवेश को बेहतर बनाने के लिए और उनके कौशल को सम्मान देने के लिए चर्म प्रक्षेत्र कौशल परिषद् (Leather Sector Skill Council – LSSC) ने एक पहल की है जिसके लिए निधि CSR के जरिये जुटाई जायेगी.
  • LSSC 2012 में स्थापित एक लाभ-रहित संगठन है जो चर्म उद्योग से जुड़े कुशल कारीगरों की माँगों के प्रति समर्पित है.

#FridaysForFuture :

  • #FridaysForFuture एक आन्दोलन है जिसका आरम्भ अगस्त, 2018 में उस समय हुआ था जब स्वीडेन की संसद के सामने ग्रेटा थनबर्ग नामक 15 वर्षीय लड़की ने तीन सप्ताह तक लगातार (छुट्टियाँ छोड़कर) धरना दिया जिसमें जलवायु संकट के प्रति लापरवाही का विरोध किया गया.
  • अब यह छात्रों के एक अंतर्राष्ट्रीय आन्दोलन में बदल गया है जिसमें स्कूली छात्र क्लास से समय निकालकर वैश्विक तापमान वृद्धि और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए प्रदर्शन किया करते हैं.

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