Sansar डेली करंट अफेयर्स, 30 March 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 30 March 2019


GS Paper  3 Source: The Hindu

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Topic : IUCN Red List of Threatened Species

संदर्भ

कावेरी नदी में पाई जाने वाली महसीर नामक कूबड़ मछली को अब IUCN की लाल सूची में जोड़ कर उसे अत्यंत संकटग्रस्त स्थिति (Critically Endangered Status) का दर्जा दिया गया है.

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  • महसीर मीठे जल में पाई जाने वाली एक बड़ी मछली है जिसे जल का बाघ भी कहा जाता है. यह केवल कावेरी नदी घाटी में केरल की पम्बार, काबिनी और भवानी नदियों में मिलती है.
  • संकटग्रस्त श्रेणी में पाँच अन्य प्रजातियाँ भी सम्मिलित हुई हैं. वे हैं – दो प्रकार के जंगली ओर्चिड, अरेबियन स्कैड नामक समुद्री मछली तथा पश्चिमी घाट के कुछ ही स्थानों में पाई जाने वाली जंगली कहवे की दो प्रजातियाँ.

IUCN की लाल सूची क्या है?

  • IUCN की लाल सूची संकटग्रस्त प्रजातियों की एक ऐसी सूची है जिसमें किसी भी पौधे अथवा प्राणी के वैश्विक संरक्षण की स्थिति दर्शाई जाती है.
  • यह सूची हजारों प्रजातियों के विलुप्त होने के संकट का मूल्यांकन कतिपय मानदंडों के आधार पर करती है. ये मानदंड अधिकांश प्रजातियों और विश्व के समस्त क्षेत्रों के लिए प्रासंगित होते हैं. इसका वैज्ञानिक आधार अत्यंत प्रबल होता है. अतः IUCN की लाल सूची को जैव विविधता की स्थिति से अवगत होने के लिए सर्वाधिक प्रमाणिक दस्तावेज माना जाता है.

लाल सूची की श्रेणियाँ

  • इसमें समस्त प्रजातियों की विलुप्ति से सम्बंधित 9 श्रेणियाँ होती हैं, जो NE (अमूल्यांकित) से लेकर EX (विलुप्त) तक होती हैं.
  • जिन प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है उन्हें अत्यंत सकंटग्रस्त (Critically Endangered), संकटग्रस्त (Endangered) और संकटापन्न (Vulnerable) श्रेणियाँ दी जाती हैं.

विलुप्ति के खतरे की जाँच के आधार

  1. प्रजाति विशेष की संख्या में गिरावट की दर
  2. भौगोलिक प्रसार क्षेत्र
  3. प्रजाति विशेष की संख्या पहले से भी कम है
  4. प्रजाति बहुत छोटी है अथवा एक सीमित क्षेत्र में ही रहती है
  5. क्या संख्यात्मक विश्लेषण यह इंगित करता है कि प्रजाति विशेष पर विलुप्ति का बड़ा खतरा है.

IUCN

  • आईयूसीएन की स्थापना अक्टूबर, 1948 में फ्रांस के फॉन्टेनबेलाऊ शहर में आयोजित हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रकृति के संरक्षण के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संघ ( International Union for the Protection of Nature or IUPN) के रूप में की गई थी.
  • 1956 में इस संघ का नाम IUPN से बदलकर IUCN कर दिया गया है अर्थात् अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature and Natural Resources)
  • आईयूसीएन दुनिया का पहला वैश्विक पर्यावरण संगठन है और आज के दिन में यह सबसे बड़ा वैश्विक संरक्षण नेटवर्क है.
  • इसका मुख्यालयस्विट्ज़रलैंड में जेनेवा के निकट Gland में है.
  • IUCN मानव का प्रकृति के साथ जो व्यवहार है उसका अध्ययन करता है और दोनों के बीच संतुलन को संरक्षित करता है.
  • यह जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ टिकाऊ विकास और खाद्य सुरक्षा जैसी चुनौतियों पर विचार करता है.

GS Paper  3 Source: Times of India

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Topic : Government sets up group to monitor terror sympathizers

संदर्भ

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आतंक का अनुश्रवन करने वाले समूह (terror monitoring group TMG) का गठन किया है जिसमें शासन की बहुत-सी शाखाओं के प्रतिनिधि होंगे. इस समूह का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में आतंक के लिए धन आपूर्ति तथा अन्य आतंकी गतिविधियों के विरुद्ध एक साथ और समेकित ढंग से कार्रवाई करना है.

यह समूह प्रत्येक सप्ताह एकत्र होगा और नियमित रूप से अपने द्वारा की गई कार्रवाई के विषय में प्रतिवेदन जमा करेगा.

समूह की बनावट

TMG में ये अध्यक्ष और सदस्य होंगे – जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, CID (अध्यक्ष), जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक (सदस्य), जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त निदेशक, गुप्त सूचना ब्यूरो (सदस्य) एवं CBI, NIA, ED, CBDT और CBIC के प्रतिनिधिगण (सदस्य).

TMG के कार्य

  • राज्य में आतंक और आतंक के लिए धनराशि जुटाने के जितने भी पंजीकृत मामले होंगे उन पर समेकित कार्रवाई करते हुए उन्हें तार्किक परिणति तक पहुँचाना.
  • जो व्यक्ति और संगठनों के नेता आतंक को किसी भी रूप में समर्थन दे रहे हैं, उनको लक्षित करना और उनके विरुद्ध समेकित कार्रवाई करना.
  • आतंक और आतंक से सम्बद्ध गतिविधियों के लिए धनराशि जुटाने वालों के तन्त्र की जाँच करना और धनराशि के प्रवाह को रोकने के लिए समन्वित कार्रवाई करना.
  • जो सरकारी नौकर अथवा शिक्षक आतंकियों से सहानुभूति रखते हैं तथा राज्य में आतंकी गतिविधियों को गुप्त अथवा प्रत्यक्ष समर्थन देते हैं, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करना.

TMG का गठन आवश्यक क्यों हुआ?

  • NIA के एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान से काम करने वाले आतंकी दल जम्मू-कश्मीर में धर्मादा संगठनों के माध्यम से लाखों रुपये दान देते हैं और इस प्रकार आतंक के कार्य के लिए धनराशि मुहैया करते हैं.
  • ये गुट पाकिस्तानियों से धन उगाहते हैं और फिर उसको अपने गुप्त सहयोगियों के माध्यम से कश्मीर भेज देते हैं. ये दल समाज-सेवा के नाम पर हजारों लोग से दान में लाखों डॉलर जमा करते हैं.

GS Paper  3 Source: The Hindu

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Topic : Fiscal Council to enforce rules

संदर्भ

केंद्र और राज्यों के वित्तीय समेकन (fiscal consolidation) के लिए एक समान नियमों की आवश्यकता पर बल देते हुए 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह ने वित्तीय परिषद् जैसे एक ऐसे संस्थागत तंत्र की स्थापना का आह्वान किया है जिससे वित्तीय नियमों को लागू किया जा सके और केंद्र के वित्तीय समेकन पर नियंत्रण रखा जा सके.

वित्तीय परिषद् की आवश्यकता क्यों?

  • समग्र विभाज्य राजस्व में विभिन्न उपकरों और अधिभारों का अनुपात अन्संतुलित हो चला है. ऐसी कोई व्यवस्था होनी चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि धन के विभाजन की प्रक्रिया को चतुर वित्तीय पहलों (clever financial engineering) अथवा परम्पराओं का सहारा लेकर क्षति न पहुँचाई जाए.
  • वित्त आयोग एवं GST परिषद् के बीच भी समन्वय की आवश्यकता है. GST परिषद् को यह पता नहीं रहता कि वित्त आयोग क्या कर रहा है और वित्त आयोग को भी और भी कम जानकारी होती है कि GST परिषद् क्या कर रही है.
  • राज्य सरकार के लिए धारा 293(3) उधारी पर सांविधानिक नियंत्रण का प्रावधान करती है. किन्तु केंद्र के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है.
  • इसलिए आज यह आवश्यकता है कि वित्तीय परिषद् जैसा एक वैकल्पिक संस्थागत तन्त्र हो जो वित्तीय नियमों को लागू करे और केंद्र के वित्तीय समेकन पर नज़र रखे.

आगे की राह

भारत का शासन तन्त्र जटिल है और इसके सामने विकास की अनेक चुनौतियाँ हैं. अतः देश को उचित वित्तीय प्रथाओं के लिए संस्थागत तंत्र की आवश्यकता है. यदि एक स्वतंत्र वित्तीय परिषद् का गठन होता है तो पूरे देश में वित्तीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व आएगा. और देशों के अनुभव से ज्ञात होता है कि वित्तीय परिषद् के होने से लोक वित्त पर होने वाले विचार-विमर्श की गुणवत्ता में सुधार होता  है और वित्तीय अनुशासन के अनुकूल जनमत का निर्माण होता है.


GS Paper  3 Source: PIB

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Topic : GI Certification for five varieties of Indian coffee

संदर्भ

भारत सरकार के वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्‍यापार संवर्धन विभाग ने हाल ही में भारतीय कॉफी की पांच किस्‍मों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) प्रदान किया है. ये किस्‍में निम्‍नलिखित हैं :

  • कूर्ग अराबिका कॉफी – यह मुख्‍यत: कर्नाटक के कोडागू जिले में उगायी जाती है.
  • वायानाड रोबस्‍टा कॉफी – यह मुख्‍यत: वायानाड जिले में उगायी जाती है जो केरल के पूर्वी हिस्‍से में अवस्थित है.
  • चिकमगलूर अराबिका कॉफी – यह विशेष रूप से चिकमगलूर जिले में उगायी जाती है. यह दक्‍कन के पठार में अवस्थित है जो कर्नाटक के मलनाड क्षेत्र से वास्‍ता रखता है.
  • अराकू वैली अराबिका कॉफी – इसे आंध्र प्रदेश के विशाखापत्‍तनम जिले और ओडिशा क्षेत्र की पहाडि़यों से प्राप्‍त कॉफी के रूप में वर्णित किया जाता है जो 900-1100 माउंट एमएसएल की ऊंचाई पर अवस्थित है. जनजातियों द्वारा तैयार की जाने वाली अराकू कॉफी के लिए जैव अवधारणा अपनायी जाती है जिसके तहत जैविक खाद एवं हरित खाद का व्‍यापक उपयोग किया जाता है और जैव कीटनाशक प्रबंधन से जुड़े तौर-तरीके अपनाये जाते हैं.
  • बाबाबुदनगिरीज अराबिका कॉफी – यह भारत में कॉफी के उद्गम स्‍थल में उगायी जाती है और यह क्षेत्र चिकमंगलूर जिले के मध्‍य क्षेत्र में अवस्थित है. इसे हाथ से चुना जाता है और प्राकृतिक किण्वन द्वारा संसाधित किया जाता है. इसमें चॉकलेट सहित विशिष्‍ट फ्लैवर होता है. कॉफी की यह किस्‍म सुहावना मौसम में तैयार होती है. यही कारण है कि इसमें विशेष स्‍वाद और खुशबू होती है.

पृष्ठभूमि

इससे पहले भारत की एक अनोखी विशिष्‍ट कॉफी ‘मानसूनी मालाबार रोबस्टा कॉफी’ को जीआई प्रमाणन दिया गया था. भारत में 3.66 लाख कॉफी किसानों द्वारा तकरीबन 4.54 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में कॉफी उगायी जाती है. इनमें से 98 प्रतिशत छोटे किसान हैं.

कॉफी की खेती मुख्‍यत: भारत के दक्षिणी राज्‍यों में की जाती है :-

  • कर्नाटक – 54 प्रतिशत
  • केरल – 19 प्रतिशत
  • तमिलनाडु – 8 प्रतिशत
  • कॉफी गैर-परंपरागत क्षेत्रों जैसे कि आंध्र प्रदेश एवं ओडिशा – 2 प्रतिशत
  • पूर्वोत्‍तर राज्‍यों – 8 प्रतिशत

भारत पूरी दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जहां कॉफी की समूची खेती छाया वाले माहौल में की जाती है, इसे हाथ से चुना जाता है और फिर धूप में सुखाया जाता है. दुनिया में कॉफी की कुछ सर्वोत्‍तम किस्‍में भारत में ही उगायी जाती हैं, इन्‍हें पश्चिमी एवं पूर्वी घाटों के जनजातीय किसानों द्वारा उगाया जाता है, जो विश्‍व में जैव विविधता वाले दो प्रमुख स्‍थल (हॉट स्‍पॉट) हैं. भारतीय कॉफी विश्‍व बाजार में अत्‍यंत ऊंची कीमतों पर बेची जाती है. यूरोप में तो इसकी बिक्री प्रीमियम कॉफी के रूप में होती है. जीआई प्रमाणन से जो विशिष्‍ट मान्‍यता एवं संरक्षण मिलता है उससे भारत के कॉफी उत्‍पादक विशिष्‍ट क्षेत्रों में उगायी जाने वाली कॉफी की अनूठी खूबियों को बनाये रखने में आवश्‍यक खर्च करने के लिए प्रोत्‍साहित होंगे. यही नहीं, इससे विश्‍व भर में भारतीय कॉफी की मौजूदगी भी बढ़ जायेगी और इसके साथ ही देश के कॉफी उत्‍पादकों को अपनी प्रीमियम कॉफी की अधिकतम कीमत प्राप्‍त करने में भी मदद मिलेगी.


GS Paper  3 Source: The Hindu

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Topic : Interest Rate Derivatives

संदर्भ

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अनिवासी भारतीयों को रुपया ब्याज दर डेरीवेटिव के बाजार में सम्मिलित होने की अनुमति दे दी है. यह निर्णय रूपया ब्याज दर अदला-बदली बाजार (interest rate swap market – IRS) को संभालने के उद्देश्य से किया गया है. भारतीय रिज़र्व बैंक के इस निर्णय से अनिवासी भारतीय अब मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों और इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंचों एवं ओवर द काउंटर (OTC) बाजारों से रूपया ब्याज दर डेरीवेटिवों की लेन-देन कर सकेंगे.

ब्याज दर डेरीवेटिव क्या है?

यह एक वित्तीय दस्तावेज है जिसका एक विशेष मूल्य होता है. यह मूल्य ब्याज की दरों के उतार-चढ़ाव के आधार पर चढ़ता-घटता रहता है. इन डेरिवेटिवों का प्रयोग संस्थागत निवेशक, बैंक, कंपनियाँ और व्यक्ति बहुधा हेज के रूप में करते हैं और इस प्रकार अपने आप को बाजार में ब्याज दर में होने वाले उतार-चढ़ाव से सुरक्षित करते हैं.

ब्याज दर अदला-बदली क्या है?

ब्याज दर स्वैप एक अग्रिम संविदा है जिसमें भविष्य में होने वाले ब्याज के भुगतान को विशिष्ट मूल राशि पर आधारित एक अन्यब्याज से अदला-बदली की जाती है. अधिकतर लोग निश्चित ब्याज दर की अदला-बदली परिवर्तनशील दर से करते हैं या इसका उल्टा भी करते हैं. इन दोनों का उद्देश्य एक ही होता है और वह है ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से होने वाले अभाव को घटना या बढ़ाना है.


Prelims Vishesh

Skytrax World Airport Awards 2019 :-

  • स्काईट्रैक्स विश्व वायुपत्तन पुरस्कार विश्व के 100 सर्वोत्तम हवाई अड्डों में से सर्वोत्तम को दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार इंग्लैंड में स्थित स्काईट्रैक्स नामक एक परामर्शदाता प्रतिष्ठान देता है.
  • इस बार सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे को लगातार सातवीं बार सर्वोत्तम माना गया है.
  • नई दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को 59वाँ रैंक मिला.

World’s highest polling station :

  • हिमाचल प्रदेश के एक छोटे गाँव ताशीगांग विश्व का सबसे ऊँचा मतदान केंद्र माना गया है.
  • यह मतदान केंद्र 15,256 फुट ऊँचाई पर है और यह मंडी लोकसभा क्षेत्र के अन्दर आता है.
  • मंडी लोकसभा क्षेत्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा चुनाव क्षेत्र है.

Punjab & Haryana HC bars stating of caste in proceedings :

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने यह निर्देश दिया है कि न्यायालय में चल रहे वादों में आरोपित अथवा पीड़ित की जाति का उल्लेख नहीं किया जाए.

What is Hikikomori?

  • कई बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति समाज से अपने-आप को काट लेता है और महीनों अपने घर के अन्दर सिमटे रहते हैं. इस मानसिक अवस्था को Hikikomori कहते हैं.
  • जापान में ऐसे लोगों की संख्या 5 लाख से कम नहीं है. पहले यह रोग जवानों को होता था, पर अब बूढ़े लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं.

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